जिहाद पर गीता ज्ञान देने वाले शिवराज पाटिल कब तक सनातन धर्म को बदनाम करते रहेंगे?

शिवराज पाटिल को भगवत गीता का यह भी ज्ञान होना चाहिए था, "विनाश काले, विपरीत बुद्धि", लेकिन इनको तो तुष्टिकरण करते, सनातन धर्म को बदनाम करना है। पाटिल को इतना भी ज्ञान नहीं, कि सनातन धर्म को ख़त्म करने वाले मुग़लों का हिन्दुस्तान से बाहर कोई नाम लेवा भी नहीं, उसी तरफ ये कांग्रेस को भी धकेल रहे हैं। पाटिल को इतना मालूम होना चाहिए था कि अगर भगवान श्रीकृष्ण ने भागवत गीता में जिहाद सिखाया होता, हिन्दुओं को इतने वर्षों तक अयोध्या, और अब काशी, मथुरा और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ते।  

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना सनातन धर्म की गहराई में जा रहे हैं,उतनी ही तेजी से कांग्रेस अपने पतन की ओर अग्रसर है। ये वही कांग्रेस है, जो इस्लामिक आतंकवाद को संरक्षण देने 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' के नाम पर बेकसूर साधु/संत और साध्वियों को जेलों में डाल रही थी, आज वही कांग्रेस अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय दलों पर आश्रित होने को मजबूर हो गयी है। CAA से लेकर सिर तन से जुदा और अब हिजाब को लेकर जो हिन्दुओं को डराने का प्रयास कर रहे हैं, वास्तव में ये लोग अपने ही मजहब को बदनाम कर रहे हैं। वह दिन भी अधिक दूर नहीं, जब इन्ही के मजहब के लोग इनके और इनके नेताओं के विरुद्ध खड़े होंगे।  

दूसरे, कांग्रेस ने वामपंथियों के साथ चोली-दामन बन भारत के गौरवशाली इतिहास को धूमिल मुग़ल आतताइयों का गुणगान किया, वही आज इन सबके लिए दुखदायी हो रहा है। क्योकि जिस तरह से आज वास्तविक इतिहास सामने आना शुरू हो चूका है, उसने छद्दम धर्म-निरपेक्षों/सेक्युलरिस्ट्स और तुष्टिकरण करने वालों को दिन में तारे दिखाने शुरू कर दिए हैं।  
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाल यूपीए सरकार में शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) गृ​ह मंत्री हुआ करते थे। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों (26/11 Mumbai Attack) के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उससे पहले जब उसी साल दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट (Delhi Serial Bomb blast 2008) हुए थे तो वे बार-बार अपने कपड़े बदलने को लेकर विवादों में आ गए थे। अब उन्हीं पाटिल ने जिहाद पर ‘गीता ज्ञान’ दिया है। उनका कहना है कि गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से जो कहा वह ‘जिहाद’ ही था। 

जब इस बयान पर विवाद मचा तो पाटिल ने पत्रकारों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिहाद का संदेश देने की बात मीडिया कह रही, मैं नहीं कह रहा। इस दौरान पत्रकारों को चुप रहने के लिए कहते हुए भी वे दिखाई पड़े। न्यूज एजेंसी एएनआई का यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

वैसे कांग्रेस नेताओं के लिए हिंदू धर्म को अपमानित करना नया नहीं है। भगवा आतंकवाद की थ्योरी भी कांग्रेस ने उसी तरह गढ़ी थी, जैसे पाटिल ने 20 अक्‍टूबर 2022 को जिहाद को गीता से जोड़ा। उन्‍होंने यह बताने की कोशिश की कि जिहाद का कॉन्‍सेप्‍ट गीता का भी हिस्सा है और श्रीकृष्‍ण ने अर्जुन को इसका पाठ पढ़ाया था।

पाटिल ने कांग्रेस नेता मोहसिना किदवई (Mohsina Kidwai) की किताब के विमोचन के मौके पर यह व‍िवादास्‍पद बयान द‍िया। उन्‍होंने कहा, “इस्लाम में जिहाद के बारे में बहुत चर्चा हुई है। भारतीय संसद में हमारा काम जिहाद के बारे में नहीं, बल्कि आदर्शों के बारे में है। जिहाद तभी पैदा होता है जब स्वच्‍छ दिमाग से किए गए सभी प्रयास विफल हो जाते हैं।”

पूर्व गृह मंत्री ने आगे कहा, “ऐसा कहा जाता है कि जब सभी प्रयास विफल हो जाते हैं, तो एक-दूसरे के खिलाफ शक्‍ति का उपयोग कर सकते है।” पाटिल दरअसल शक्ति और जिहाद की अवधारणा के बीच झूठी समानता का चित्रण कर रहे थे। जिहाद इस्लामवादियों द्वारा दुनिया भर में गैर-मुसलमानों को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने दावा किया, “यह (जिहाद) केवल कुरान में नहीं है, बल्कि महाभारत, गीता में भी है। श्रीकृष्ण भी अर्जुन से जिहाद के बारे में बात करते हैं और यह चीज केवल कुरान या गीता में ही नहीं, बल्कि ईसाई धर्म में भी है।” पाटिल ने कहा, “अपनी पूरी कोशिश करने के बावजूद, अगर कोई आपके पास हथियार लेकर आता है, तो आप वहाँ से भाग के नहीं जा सकते। उसको आप जिहाद भी नहीं कह सकते हैं और आप इसे गलत भी नहीं कह सकते।”

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बाद में उन्‍होंने हालाँकि बल प्रयोग को सहीं नहीं बताते हुए खुद को ठीक करने का प्रयास किया और कहा, “हाँ, किसी को कुछ समझाने के लिए बल प्रयोग नहीं करना चाहिए। यही मोहसिना जी ने अपनी किताब में लिखा है।”

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