दलित श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाले आफताब के मजहब पर क्यों डाला जा रहा पर्दा?

दिल्ली में श्रद्धा के कातिल आफताब के मुस्लिम की बजाए पारसी होने की अफवाह फैलाई जा रही (चित्र साभार: इंस्टाग्राम)
दिल्ली पुलिस ने शनिवार (12 नवंबर, 2022) को श्रद्धा नाम की दलित लड़की की हत्या और लाश के 35 टुकड़े करने के आरोप में आफ़ताब को गिरफ्तार किया है। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। इस खबर के वायरल होते ही सोशल मीडिया के एक खास वर्ग ने आफताब के मज़हब को छिपाने की कोशिश शुरू कर दी। उस समूह ने यह अफवाह उड़ानी शुरू कर दी कि श्रद्धा का कातिल आफताब मुस्लिम नहीं बल्कि पारसी है।

देश की समस्त हिन्दू लड़कियों को मोहब्बत करने पहले अपनी सहेलियों, माता-पिता अथवा भाई से जरूर चर्चा करनी चाहिए। हालांकि पहले भी अनेक हिन्दू लड़कियों ने मुस्लिम धर्म और मुस्लिम लड़कियों ने हिन्दू धर्म में शादी की है, बहुत खुशहाली में जीवनलीला का आनंद लिया। लेकिन वह बिता हुआ कल है, वर्तमान में जिस अमीर खान को अपना हीरो मानती हो, उसका क्या कहना है कि "मेरी पत्नी हिन्दू होगी, लेकिन हिन्दू", इस बात की गहराई में जाने की जरुरत है। इस पर लेख भी प्रकाशित कर चूका हूँ। (नीचे दिए लिंक पर क्लिक करिए) आज के माहौल में और कल में बहुत अंतर आ गया है। हिन्दू महिला जगत को अपमानित करने का जो काम मुगलों ने वही काम आज love jehad के नाम पर किया जा रहा है। इतिहास कभी लिखा नहीं जाता, दोहराया जाता है। इन ठरकी जेहादियों के लिए हर महिला को रंग कुमारी और किरण देवी बनना होगा, जिन्होंने अकबर जैसे बादशाह को पैरों में सिर रगड़ने कर भीख मांगने को मजबूर कर दिया था। (नीचे दिए लिंक पर क्लिक करिये)

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दूसरे, दलित जाति के नाम पर सियासत की दुकान चलाने वाले क्यों खामोश हैं? लड़का हिन्दू है या मुसलमान इतनी दरिंदगी करने वाला न हिन्दू है न मुसलमान, किसी भी सूरत में बचाव करना अति शर्मनाक होगा। दिल्ली पुलिस का साथ देना चाहिए। आपने देख रहे हैं कोई mob lynching और मोमबत्ती गैंग सब खामोश हैं, उनको डर है कहीं वोटबैंक न खिसक जाए। अगर स्थिति विपरीत होती, देखिए क्या पिकनिक बन रही होती।   

इस नैरेटिव को भी सेट किया जाने लगा कि आफ़ताब को इस्लाम मजहब से जुड़ा बता कर मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जो लोग इस अति गंभीर मसले को मुसलमान और पारसी के जाल में फंसा कर भटकाने की बात कर रहे हैं, नहीं भूलना चाहिए कि फिरोज खान जहांगीर एक पारसी मुसलमान थे, इंदिरा गाँधी से निकाह होने पर मैमुना बेगम बनाया गया था, लेकिन कब मैमुना इंदिरा बन गयी। फिरोज खान को दफनाया जाता है, लेकिन इंदिरा गाँधी को सनातनी रिवाज के अनुसार अग्नि के सुपुर्द किया जाता है। 

भ्रम फैलाने की कोशिश

‘मियाँ ज़ालिक (@XunizXan)’ नाम के हैंडल ने भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला को Quote करते हुए लिखा, “वो तेरी बिरादरी का है।” बता दें कि शहजाद पारसी समुदाय से ही आते हैं।
लगभग इसी प्रकार का कमेंट सईद मोहम्मद ने भी @Syed5056 नाम के हैंडल से किया है। उन्होंने लिखा, “लड़के का नाम आफ़ताब पूनावाला है जो पारसी है न कि मुस्लिम। इसे कुछ लोग हिन्दू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है।”
एक अन्य यूजर मोहम्मद मीराज ने भी आफ़ताब के पारसी होने का दावा किया है।

आफ़ताब ने ही खुद को बताया था मुस्लिम

अक्सर ये देखने को मिलता है कि मुस्लिम समुदाय के लोग आरोपित के अपने मज़हब और पीड़ित के हिन्दू होने के मौकों पर मामले को उलझाने का प्रयास करते हैं। जबकि, सच्चाई इस से थोड़ा अलग होती है। आफ़ताब की ही साल 2014 में की गई एक पोस्ट में उसने खुद के मुस्लिम होने की बात कबूली है। आफताब का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल ‘@thehungrychokro’ नाम से है। 
इंस्टाग्राम पर ‘@zloymom’ नाम के हैंडल ने साल 2014 में आफताब का मज़हब पूछा था। उस पोस्ट के जवाब में भी आफताब ने खुद को मुस्लिम बताया था।
                                                 चित्र साभार- आफताब के इंस्टाग्राम कमेंट
ऊपर दिए तमाम सबूतों से जाहिर है कि श्रद्धा का कातिल आफताब इस्लाम मजहब का है। इसके अतिरिक्त मृतका के पिता द्वारा पुलिस में दर्ज FIR में भी आरोपित को मुस्लिम मज़हब का बताया गया है।
साल 2019 में मुंबई के कॉल सेंटर में एक साथ काम करने के दौरान आफ़ताब और श्रद्धा लिव इन रिलेशन में रहना शुरू कर दिए थे। बाद में श्रद्धा ने आफताब पर शादी का दबाव बनाया। हालंकि इसके लिए मृतका के परिजन तैयार नहीं थे। बाद में सबको छोड़ कर श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रहने चली आई। यहाँ आफताब ने 18 मई 2022 को श्रद्धा का गला दबा कर मार डाला और लाश के 35 टुकड़े कर के 18 दिनों में ठिकाने लगा दिया। नवम्बर 2022 में श्रद्धा के पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

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