The Kerala Story : क्रू मेंबर को धमकी, कहा- घर से अकेले मत निकलना, ये कहानी दिखाकर अच्छा नहीं किया

The Kashmir Files हो, Tashkant Files हो या अब The Kerala Story आखिर क्यों हो रहा है विरोध? समय आ गया है, जब इस गंभीर मुद्दे पर जयचन्दी  हिन्दुओं (सच्चाई जानने वाले मुसलमानों की संख्या बहुत ही कम है) को छोड़ समस्त हिन्दू समाज, भारत सरकार, न्यायालय, पुलिस और इतिहासकारों को एक छत के नीचे बैठ उन इतिहासकारों और नेताओं के विरुद्ध सख्त से सख्त निर्णय लेने होंगे, जिन्होंने मुल्लावाद के आगे घुटने टेक देश के वास्तविक इतिहास को धूमिल कर मुग़ल आक्रांताओं के खूनी और हिन्दू महिलाओं के यौन-शोषण से भरे इतिहास पर चादर डाल उनको महान बता दिया। शर्म आनी ऐसे इतिहासकारों और नेताओं और इनको संरक्षण देने वाली पार्टियों को। यदि ऐसा नहीं होता -भारत का गौरवशाली हिन्दू इतिहास पढ़ाया जाता- ऐसी स्थिति ही नहीं आती और न ही ऐसी फिल्में बनती। न कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग बनता और न ही कोई 'सिर से तन जुदा' करने वाला गैंग। 
इस्लामी धर्मांतरण की साजिशों को चर्चा में लाने वाली फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) से जुड़े एक क्रू मेंबर को धमकी दी गई है। धमकी सोमवार (8 मई 2023) को एक अनजान नंबर से मैसेज कर भेजी गई। धमकी देने वाले ने कहा है कि फिल्म में ये कहानी दिखाकर अच्छा नहीं किया गया है। मुंबई पुलिस ने क्रू मेंबर को सुरक्षा मुहैया कराई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 मई को द केरल स्टोरी के एक क्रू मेंबर को एक अनजान नंबर से मैसेज आया। मैसेज करने वाले व्यक्ति ने धमकाते हुए लिखा,  “अकेले घर से बाहर मत निकलना। तुमने फिल्म में ये कहानी दिखाकर अच्छा नहीं किया।” फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने इसकी शिकायत मुंबई पुलिस से की है। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते क्रू मेंबर को सुरक्षा मुहैया करवाई। हालाँकि शिकायत कॉपी न मिलने के चलते अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है।

फिल्म से जुड़े किस व्यक्ति को धमकी मिली है, यह स्पष्ट नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि धमकी फिल्म डायरेक्टर सुदीप्तो सेन को ही दी गई है।

प्रशंसकों को भी मिली हैं धमकियाँ

इससे पहले ‘द केरल स्टोरी’ के प्रशंसकों को भी जान से मारने की धमकियाँ मिल चुकी है। पुणे में इस फिल्म को देखने के लिए लोगों को फ्री राइड देने का एलान करने वाले ऑटो ड्राइवर साधु मगर को भी जान से मारने की धमकियाँ मिल रहीं हैं। साधु ने पुलिस में देश-विदेश के कुछ अनजान नंबरों की शिकायत देते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
इसके अलावा राजस्थान के जोधपुर में VHP से जुड़े राजू सरगरा पर भी इसलिए हमला किया गया, क्योंकि वे लोगों से ‘द केरल स्टोरी’ देखने की अपील कर रहे थे। आरोप है कि कट्टरपंथियों ने राजू सरगरा के व्हाट्सएप स्टेटस को देखने के बाद उन पर हमला किया था। स्टेटस में उन्होंने फिल्म का पोस्टर लगाते हुए उसकी तारीफ की थी। राजू को सिर तन से जुदा की धमकियाँ भी मिली हैं।
अवलोकन करें:-
The Kerala Story

हमारा हिंदू धर्म बहुत शानदार है दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है जो पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है। हमने इस दुनिया को कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर और अजंता और एलोरा के विशाल शिव मंदिर दिए जो आज की टेक्नोलॉजी भी नहीं बना सकती है।
हजारों साल पहले की सभ्यता यानी सिंधु घाटी की सभ्यता हड़प्पा मोहनजोदड़ो की सभ्यता तक्षशिला जिस पर इन सब चीजों पर आज पाकिस्तान गर्व करता है वह हमारे पूर्वजों पूर्वजों की देन है।
पाकिस्तान के एक विद्वान हसन निगार ने जब एक चैनल पर कहा कि हमारे पूर्वजों की ऐसी क्या विरासत है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं, तब समूचे हाल में सन्नाटा पसर गया और उन्होंने कहा कि आज जो पूरे दुनिया के पाकिस्तानी दूतावास में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की बड़ी सी पेंटिंग तस्वीर लगी होती है और नीचे लिखा होता है पाकिस्तान एक 10000 साल पुरानी सभ्यता कितने शर्म की बात है कि वह हमारी सभ्यता नहीं बल्कि हिंदुओं की सभ्यता है... हम हिंदुओं की विरासत पर ही गर्व कर सकते हैं क्योंकि हमने इस दुनिया को कुछ दिया ही नहीं।
हम हिन्दुओ ने 15000 साल पहले गटर सिस्टम कैनाल सिस्टम, ईट बनाने की कला, नगर संयोजन टाउन प्लैनिंग इत्यादि सीख ली थी जबकि मक्का और मदीना जैसे शहरों में यह सारी सुख सुविधाएं पेट्रोल की खोज होने यानी क्रूड की खोज होने के बाद 19वी सदी में  बनी।
इजिप्ट के पिरामिड भी हमने बनाएं क्योंकि एकमात्र हिंदू धर्म है जो पुनर्जन्म पर विश्वास करता है और पिरामिड को आज की टेक्नोलॉजी भी नहीं बना सकती... जॉर्डन में पूरे पहाड़ों को काटकर हमने एक नगर बनाया जिसे आज पेट्रा कहते हैं जो आज जार्डन की कमाई का सबसे बड़ा आधार है उसमें कई हिंदू देवी देवताओं के मंदिर हैं।
हमारे धर्म में जो कालखंड और ग्रहों की गणनाएं हैं उसे जानकर आप चौक जाएंगे आज जब सैटेलाइट और जीपीएस टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत हो चुकी है फिर भी आज के लाखों साल पहले हम किस तरह से ग्रहों की चाल की गणना कर लेते थे।
जेनेटिक्स की खोज तो 19 वी सदी में हुई गुणसूत्र यानी क्रोमोसोम्स डीएनए और आरएनए की खोज  हुई 20 वीं सदी में हुई लेकिन उसके पहले हमारे धर्म ग्रंथों में सेपरेशन आफ जींस के बारे में विस्तार से बताया गया है और समस्त हिंदू समुदाय को सात ऋषियो  के नाम पर सात गोत्र में बांट दिया गया है और कहा गया है कि सगोत्रीय विवाह मत करो क्योंकि जींस का सेपरेट होना जरूरी है और आज यही कारण है की जींस लिंकेज बीमारी यानी जींस से रिलेटेड बीमारियां हिंदुओं में नहीं पाई जाती।
और आप अपने शहर के किसी सरकारी बड़े हॉस्पिटल में जाइएगा और वहां देखिएगा की जींस से रिलेटेड बीमारियां जैसे हीमोफीलिया थैलीसिमिया, बार-बार अबॉर्शन, सिस्टिक फाइब्रोसिस, डाउन सिंड्रोम, हीमोफीलिया और मंगोलिज्म  एल्बिनिज्म आदि से कौन पीड़ित है।
अब पाकिस्तान में भी मांग उठने लगी कि नजदीकी रिश्तेदारों से यानी कजिन विवाह पर रोक लगाई जाए क्योंकि पाकिस्तान का पूरा मेडिकल सिस्टम इन बीमारियों से थक चुका है।
यदि कोई हिंदू लड़की या लड़का भी अपने किसी नजदीकी रिश्तेदार से विवाह करता है तब उसके आने वाले बच्चों में भी इन तमाम बीमारियों के होने की संभावना बेहद बढ़ जाती है।

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