राजस्थान : मणिपुर की बजाए हमें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए : मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा

                                        अशोक गहलोत ने मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बर्खास्त किया
मोदी विरोधियों ने जिस षड़यंत्र के चलते मणिपुर मुद्दा उछाला, लेकिन तीर उल्टा विपक्ष की ओर चला गया। कांग्रेस पार्टी मणिपुर की घटना को लेकर भाजपा पर हमलावर है। मणिपुर में 3 महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न कर के जुलूस निकाला गया और उनका गैंगरेप किया गया। घटना के ढाई महीने बाद वीडियो वायरल हुआ। संसद के मॉनसून सत्र का पहले दिन इसकी ही भेंट चढ़ गया। कांग्रेस  पार्टी राजस्थान के विधानसभा में भी इस पर चर्चा करना चाहती थी, लेकिन उनके अपने ही मंत्री ने कुछ ऐसा कहा, जिससे राजस्थान सरकार की कलई खुल गई।

उन्होंने विधानसभा में कहा, “सच्चाई ये है कि महिलाओं की सुरक्षा में हम असफल रहे। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की बजाए हमें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए।” उनके इस बयान पर भाजपा विधायकों ने मेज थपथपाई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संविधान के अनुच्छेद-162(2) हवाला देते हुए कहा कि ये सरकार सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। फिर उन्होंने समझाया कि संविधान कहता है कि अगर एक मंत्री बोल रहा है तो समझिए पूरी सरकार बोल रही है।

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री महोदय ने सरकार की कलई खोल दी है। उन्होंने कहा, “मैं मंत्री महोदय को तो बधाई दूँगा ..., लेकिन ये शर्मनाक बात है मर्दों के प्रदेश वाले मंत्री जी।” बता दें कि मार्च 2022 में राजस्थान के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में बलात्कार की घटनाओं पर चर्चा के दौरान हँसते हुए कहा था कि राजस्थान ‘मर्दों का प्रदेश’ है।कॉन्ग्रेस के कई मंत्री-विधायक भी इस दौरान हँसे थे और किसी ने उन्हें टोका तक नहीं था।

राजस्थान में बढ़ा महिला अपराध

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को पद से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर अपनी ही सरकार को आईना दिखाया था। विधानसभा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया। साथ ही मणिपुर के वायरल वीडियो पर राजनीति कर रही कांग्रेस को झटका लगा था। अब खबर आ रही है कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा को पद से हटा दिया गया है, अब वो राजस्थान सरकार में मंत्री नहीं रहे।

राजस्थान: मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा बर्खास्त किए गए

राज्यपाल कलराज मिश्रा ने मुख्यमंत्री की सिफारिश को मंजूर करते हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा की बर्खास्तगी पर मंजूरी की मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन से सिफारिश की थी कि मंत्री को त्वरित रूप से उनके पद से बर्खास्त किया जाए। याद दिला दें कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा उन 6 बसपा विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने सितंबर 2019 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वो झुंझनू के उदयपुरवाटी से दूसरी बार विधायक बने हैं।
पिछले 1 साल में कई मौकों पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा का बयान पार्टी लाइन से अलग गया था। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी मिलने के बाद ये कदम उठाया है। इसीलिए, उनके बयान के कुछ देर बाद ही उनकी बर्खास्तगी की फ़ाइल को राजभवन भेज दिया गया। 21 जुलाई, 2023 को उनका बयान आया और उसी दिन रात तक बर्खास्तगी का आदेश भी।
अवलोकन करें:-

मणिपुर में 3 महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न कर के जुलूस निकाला गया और उनका गैंगरेप किया गया। घटना के ढाई महीने बाद वीडियो वायरल हुआ। संसद के मॉनसून सत्र का पहले दिन इसकी ही भेंट चढ़ गया। कांग्रेस पार्टी राजस्थान के विधानसभा में भी इस पर चर्चा करना चाहती थी, लेकिन उनके अपने ही मंत्री ने कुछ ऐसा कहा, जिससे राजस्थान सरकार की कलई खुल गई। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक मणिपुर काण्ड पर भाजपा विरोधी तख्तियाँ लहरा रहे थे।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में कहा था, “सच्चाई ये है कि महिलाओं की सुरक्षा में हम असफल रहे। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की बजाए हमें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए।” उनके इस बयान पर भाजपा विधायकों ने मेज थपथपाई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संविधान के अनुच्छेद-162(2) हवाला देते हुए कहा कि ये सरकार सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। फिर उन्होंने समझाया कि संविधान कहता है कि अगर एक मंत्री बोल रहा है तो समझिए पूरी सरकार बोल रही है।

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