अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा देश राममय हो चुका है। हिन्दुओं में काफी उत्साह है। लेकिन इस उत्साह के माहौल में राम विरोधी अपने बयानों और करतूतों से रंग में भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से भगवान राम के खिलाफ विवादित बयान देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भगवान श्रीराम के नाम से एलर्जी है, वहीं उनके सांसद भी उनके नक्शे कदम पर चलकर भगवान राम का अपमान कर रहे हैं। टीएमसी की सांसद शताब्दी रॉय ने भगवान राम को बीपीएल बताकर हिन्दू विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है।
एक और आसुरी शक्ति सक्रिय .??
— विश्वजीत (@bkMisral0707) January 14, 2024
TMC सांसद शताब्दी राय का भगवान राम पर घृणित बयान-
गरीबी रेखा से नीचे होंगे राम, तभी उन्हें बीपीएल योजना के तहत घर दे रही भाजपा..! pic.twitter.com/Jfom99c1Vk
टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ये लोग बोल रहे हैं कि राम को घर दे रहे हैं। राम को घर दे रहे हैं। ये सुनकर मैं हैरान हो गई। तुम इतने बड़े हो गए हो कि राम को घर दे रहे हो? ऐसा लग रहा है जैसे राम बीपीएल हैं। रॉय ने लव-कुश का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे बीपीएल कार्डधारकों को घर दे रहे हैं, वैसे ही राम को भी घर दे रहे हैं। राम के दोनों बेटों लव-कुश को भी घर मिल जाएगा, तो काम पूरा हो जाएगा।
सांसद शताब्दी रॉय के इस अमर्यादित बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। बीजेपी नेताओं ने शताब्दी रॉय पर निशाना साधा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सेक्युलरिज्म का मतलब केवल राम विरोध है और टीएमसी राम के अपमान में माहिर है। वहीं बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि प्रभु श्रीराम पर शताब्दी रॉय का बयान हिन्दू आस्था और गहरी जड़ों वाली मान्यताओं के बारे में ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली टीएमसी की मानसिकता को साबित करता है। यह दुनिया के हर हिंदू के लिए अपमानजनक है।
Satabdi Roy's statement on Prabhu Shri Ram itself proves @MamataOfficial led @AITCofficial's mindset about Hindu faith and deep-rooted beliefs. This is disgraceful and insulting for every Hindu of the world...#Shame #shameontmc #shameonmamata #shameful pic.twitter.com/ekPr48B2Zy
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) January 13, 2024
गौरतलब है कि शताब्दी रॉय फिल्म अभिनेत्री, डायरेक्टर और सांसद हैं। वह आगरपारा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर साल 2009 से लगातार सांसद चुनी जा रही हैं। साल 1986 में आई बंगाली फिल्म अटांका से उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने बंगाली सिनेमा में खूब सारा काम किया है। साल 1990 से लेकर 2001 के बीच का समय उनकी सफलता का समय है। वह आपन आमर आपन और अभिष्कार जैसी फिल्मों के जरिये बंगाली आवाम में खूब लोकप्रिय हुई थीं।
पश्चिम बंगाल में साधुओं की मॉब लिंचिंग
पश्चिम बंगाल में पालघर जैसी घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में टीएमसी के गुंडों का आतंक है। राजनीतिक संरक्षण मिलने से उनके हौसले काफी बुलंद है। उनकी गुंडागर्दी से राज्य में ना ईडी के अधिकारी सुरक्षित है और ना ही साधु-संत। कुछ दिन पहले टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंची ईडी की टीम पर टीएमसी के गुंडों ने हमला कर दिया। इसके बाद गुरुवार (11 जनवरी, 2024) की शाम पुरुलिया जिले में टीएमसी के गुंडों ने यूपी के तीन साधुओं को बच्चा चोर बताकर उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की और उसे पलट दिया। यहां तक कि साधुओं को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा।
पुरुलिया पुलिस के मुताबिक उत्तर प्रदेश के तीन साधु किराए की एक बलेरो से मकर संक्राति के दिन दिन गंगा स्नान करने के लिए गंगासागर जा रहे थे। इस दौरान गौरांगडीह के पास 200 से 300 की भीड़ ने साधुओं को अपहरणकर्ता समझकर उनकी गाड़ी को घेर लिया। साधुओं को गाड़ी से उतार कर बेरहमी से पीटा गया। उनकी जाटाएं खींची गईं। उनके कपड़े फाड़ दिए गए। उन्हें निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा गया। गुंडों ने उन्हें पुलिस के हवाले भी नहीं किया। लगातार उन पर हमले करते रहे।
साधु हाथ जोड़कर लोगों से रहम की भीख मांगते रहें। लेकिन टीएमसी के गुंडों को उन पर दया नहीं आई। निहत्थे साधुओं को पीटते रहे। पिटाई की वजह से साधु बेहोश हो गए। पुलिस के पहुंचने पर भी भीड़ रूकने के लिए तैयार नहीं थी। काफी मशक्कत के बाद साधुओं को बचाकर थाने लाया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें टीएमसी के गुंडों की बर्बरता देखी जा सकती है। इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हिंदू विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की आस्था पर प्रहार जारी हैं। ममता राज में हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। बंगाल में हिन्दुओं को न तो मंदिरों में पूजा करने की आजादी है और न ही सार्वजनिक रूप से जय श्री राम बोलने की। पश्चिम बंगाल में एक पंचायत ग्राम कमेटी ने तुगलकी फरमान जारी कर घरों में श्राद्ध या शादी से पहले अनुमति लेनी जरूरी कर दी।
श्राद्ध हो या शादी पहले लेनी होगी समिति की अनुमति
पूर्वी मेदिनीपुर जिले के महिषादल ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस नियंत्रित चकदबारीबेरा ग्राम कमेटी ने 12-सूत्री फरमान जारी कर कहा कि शादी या श्राद्ध तक किसी भी कार्यक्रम करने से पहले ग्राम पंचायत कमेटी की मंजूरी लेनी होगी। इसका पालन नहीं करने पर जुर्माने की बात कही गई। इस ग्राम कमेटी पर 2019 से ही तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। कमेटी की ओर से जारी इस 12 सूत्री फरमान के लिफलेट घर-घर जाकर बांटे गए। वैसे लिफलेट में कहीं भी सभापति या सचिव के नाम का नहीं है। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार बीजेपी की तरफ से इसकी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व संबंधित सरकारी विभागों के पदाधिकारियों से शिकायत की गई है।
राम नाम मास्क बांटने पर बीजेपी नेता गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के हुगली में जय श्रीराम मास्क बांटना ममता बनर्जी की पुलिस को रास नहीं आया। पुलिस मास्क बांटने वाले बीजेपी नेताओं को पकड़कर ले गई। हुगली के सेरामपुर में बीजेपी नेता अमनिश अय्यर लोगों को ‘जय श्रीराम’ लिखा मास्क बांट रहे थे। इसी दौरान पुलिस वहां पहुंची और बीजेपी नेता को गिरफ्तार करके ले गई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने विरोध जताते हुए जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए। बीजेपी ने मास्क बांटने पर पार्टी नेता को गिरफ्तार करने को पूर्ण तानाशाही करार दिया है।
भगवा टीशर्ट पहनने और जय श्रीराम बोलने से रोका
इसके पहले 7 फरवरी, 2021 को भगवा टीशर्ट पहनने और जय श्रीराम बोलने वालों को धमकाया गया। कोलकाता के इको पार्क में पुलिस के एक अधिकारी ने लोगों से साफ कहा कि आप लोग यहां जय श्री राम का नारा नहीं लगा सकते हैं।
मुर्शिदाबाद में काली मां की मूर्ति जला डाला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक को लेकर इतनी अंधी हो चुकी है कि राज्य में हिन्दू विरोधी हरकतों पर कुछ भी एक्शन नहीं लेती हैं। कभी मंदिर में पूजा करने पर पिटाई की जाती है तो कभी हिन्दुओं के घर और मंदिर जला दिए जाते हैं। कभी रामनवमी और दुर्गापूजा पर तो कभी सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी जाती है। इससे राज्य को मुसलमानों का हौसला बुलंद है और जब भी मौका मिलता है हिंदुओं को प्रताड़ित करते रहते हैं। हाल ही में 1 सितंबर, 2020 को मुर्शिदाबाद के एक मंदिर में काली मां की मूर्ति जला दिया गया। बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके के एक मंदिर पर हमला कर मां काली की मूर्ति जला दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दीदी की राजनीति का जिहादी स्वरूप अब हिंदू धर्म और संस्कृति को नष्ट करने पर तुला हुआ है।
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