पश्चिम बंगाल : ममता राज या गुंडाराज! कानून-व्यवस्था की हालत हुई बद से बदतर, अब ED टीम पर हमला

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। राज्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के गुंडों का आतंक है। टीएमसी के गुंडे खुलेआम लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अब ताजा मामले में 5 जनवरी 2023 को उत्तर 24 परगना जिला के संदेशकली गांव में प्रवर्तन निदेशालय (ED) टीम पर हमला किया गया। ईडी की टीम राशन घोटाले में बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या और टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए पहुंची थी। शाहजहां शेख के घर ईडी टीम के पहुंचते ही उनके समर्थक वहां जमा हो गए। सैकड़ों की भीड़ ने ईडी टीम पर हमला कर दिया और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इस हमले में दो अधिकारी घायल भी हुए हैं। शेख शाहजहां उत्तर 24 परगना जिला परिषद के मत्स्य एवं पशु संसाधन अधिकारी होने के साथ-साथ संदेशखाली 1 के ब्लॉक अध्यक्ष भी हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ईडी टीम पर हमले की निंदा करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि यह हमला दिखाता है कि रोहिंग्या राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ क्या कर रहे हैं।

 टीएमसी विधायक ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर किया हमला

ममता बनर्जी सरकार में टीएमसी विधायकों और उसके गुंडों का आतंक है। टीएमसी के गुंडे खुलेआम लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहे हैं। 05 अगस्त, 2022 को टीएमसी के चुंचुड़ा के विधायक असित मजूमदार ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। उन्होंने बीजेपी का प्रचार कर रहे कार्यकर्ताओं को खुद लाठी लेकर दौड़ाया और उनपर लाठियों से प्रहार किया। एक विधायक होकर असित मजूमदार खुलेआम गुंडागर्दी करते रहे, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था।
विधानसभा में जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं, बीजेपी विधायकों पर हमला
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तानाशाही बढ़ती ही जा रही है। राज्य में कानून-व्यवस्था का हाल यह है कि आम लोगों की बात तो छोड़िए चुनाव से चुनकर आए प्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं हैं। बीरभूम में दस लोग जिंदा जला दिए गए। बीरभूम नरसंहार के मामले को 28 मार्च, 2022 को जब बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में उठाने की कोशिश की तो उनके साथ हाथापाई की गई और कपड़े तक फाड़ दिए गए। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने स्पीकर से पूछा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम नरसंहार को लेकर सरकारी मदद की घोषणा विधानसभा से बाहर क्यों कर रही हैं? जबकि नियम यह है कि सत्र जारी रहने पर सरकारी फैसलों की जानकारी पहले सदन को देनी होती है। इसके साथ ही बीजेपी विधायक बीरभूम नरसंहार को लेकर परिचर्चा और ममता बनर्जी से बयान की मांग कर रहे थे। इस पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के विधायकों ने विरोध करते हुए बीजेपी विधायकों के साथ हाथापाई शुरू कर दी।  
टीएमसी के गुंडों ने 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला
21 मार्च, 2022 को बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला गया। बारशल ग्राम पंचायत के उप-प्रधान और टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद टीएमसी के समर्थकों की हिंसक भीड़ ने 10 से 12 घरों में आग लगा कर बाहर से ताला लगा दिया, जिससे लोग जिंदा जलकर मर गए। टीएमसी के गुंडे इतने जालिम हो गए हैं कि उन्होंने जलते हुए लोगों को बचाने की कोशिश को भी नाकाम कर दिया। फायर ब्रिगेड के एक कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कम से कम 10 घरों को आग से बर्बाद पाया। उन्होंने कहा, ‘हमें कुछ स्थानीय लोगों ने आग बुझाने से भी रोका। अब तक हमें एक घर से 7 शव मिल चुके हैं। वह इतनी बुरी तरह से जले हैं कि यह भी नहीं पहचान हो पाई कि मरने वाले पुरुष थे, महिला थे या फिर नाबालिग हैं।’

निकाय चुनाव में टीएमसी के गुंडों द्वारा हिंसा व धांधली

पूरे देश के लोगों ने फरवरी 2022 में पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की गु़ंडागर्दी व आतंक को देखा। निकाय चुनावों में हिंसा और बूथ लूट को कवर करने के दौरान विभिन्न मीडिया हाउस के कम से कम नौ पत्रकारों को पीटा गया। कोन्नगर के वार्ड 10 के बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा भट्टाचार्य पर हमला किया गया। बीजेपी का आरोप है कि उम्मीदवार को सड़क पर पीटा गया, जिससे उनके पैर में गंभीर चोट आई है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। 
जाधवपुर में 40 से अधिक घर जला दिए गए
बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह आगजनी, पत्थरबाजी, बलात्कार और हत्या की घटनाएं हुई, उनकी हकीकत जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जाधवपुर में 40 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं और दलितों के घर जला दिए गए। जब कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ द्वारा गठित एक टीम इन घटनाओं की जांच करने गई तो इस टीम को भी नहीं बख्शा गया। टीएमसी के गुंडों ने जांच टीम को चारों तरफ से घेर लिया, धमकाया और पत्थरबाजी का भी प्रयास किया। यहां तक कि सीआईएसएफ के जवानों पर भी हमला किया।
जून 2021 में बेखौफ टीएमसी के गुंडों ने पूर्वी मिदनापुर के पताशपुर में बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेखा मैती पर निर्मम तरीके से हमला किया था। मैती गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीजेपी कार्यकर्ता देवदत्त माजी ने रेखा मैती की हमले के बाद की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “ईस्ट मिदनापुर के पताशपुर में ये रेखा मैती हैं। टीएमसी की हिंसा की पीड़िता। 2018 से इन्हें नरक भोगना पड़ रहा है। उस समय ये 6 माह गर्भवती थीं, तब इन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया था कि इनका मिसकैरिज हो गया था। अब ये और इनका परिवार फिर से बीजेपी का साथ देने का खामियाजा भुगत रहा है। मैं इनके परिवार की मदद करने की कोशिश में लगा हूं।”       अवलोकन करें:- 

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