IAS-IPS, डाॅक्टर… कुछ भी बने मुस्लिम औरत पर रहे हिजाब में ही: खुले बाल को बताया ‘शैतान की रस्सी’, मेकअप लगाने से भी मना किया: सांसद बदरुद्दीन अजमल

असम के मुस्लिम नेता और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम महिलाओं के पहनावे को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अच्छे पेशों वाली महिलाओं को हिजाब पहनना चाहिए वरना उन्हें कोई मुस्लिम के तौर पर नहीं पहचानेगा। उनके इस बयान पर विवाद हो गया है।
पिछले वर्ष मार्च 16, 2023 को शीर्षक "महिला द्वारा खुले बाल रखना शोक और अशुद्धि की प्रतीक",(देखिए नीचे दिए लिंक को) जिसमे हिन्दू संस्कृति में महिलाओं द्वारा केश(बाल) का खुले रखने के दुष्प्रभाव पर रौशनी डालने का प्रयास किया, लेकिन उसी बात को बदरुद्दीन द्वारा इस्लामिक तरीके से बताया। यानि कहने का तात्पर्य यह कि हिन्दू संस्कृति जिस बात को सत(सत्य) युग से निर्देश दिए जा रहे है।   

AIUDF सुप्रीमो बदरुद्दीन ने यह बयान असम के करीमगंज में एक जनसभा में दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे पेशे में लगी महिलाएँ जैसे कि IAS, IPS और डॉक्टरों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे उनकी मुस्लिम पहचान का पता लगेगा।

उन्होंने कहा, “अगर मुस्लिम महिलाएँ अपने बाल नहीं ढकेंगी या हिजाब नहीं पहनेंगी तो उन्हें मुस्लिम के तौर पर कैसे पहचाना जाएगा?”

उन्होंने बताया कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं के लिए एक विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि खुले बाल शैतान की रस्सी होते हैं और महिलाओं का मेकअप लगाना शैतानों वाला काम है।

बदरुद्दीन अजमल ने कहा, “मैं जब बाहर जाता हूँ तो देखता हूँ कि मुस्लिम लडकियाँ हिजाब पहने हुए होती हैं और सर नीचे की तरफ करके आँखे झुका कर चलती हैं। असम में मुस्लिम लड़कियाँ ऐसा नहीं करती, सर के बाल छुपा के रखना इस्लाम में है।”

अजमल ने करीमगंज में एक मस्जिद और कब्रिस्तान का शिलान्यास करने के दौरान यह विवादित बयान दिया। इससे पहले उन्होंने एक बयान में कहा था, “ज्यादातर मुसलमान आपराधिक प्रवृति के पृष्ठभूमि के क्यों हैं? डकैती, बलात्कार, लूट जैसे अपराधों में मुसलमान नंबर वन क्यों हैं? हम जेल जाने में नंबर वन क्यों हैं? क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं।”

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महिला द्वारा खुले बाल रखना शोक और अशुद्धि की प्रतीक

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इस मामले में इंडिया टुडे से बातचीत में बदरुद्दीन अजमल ने बाद में अपनी सफाई पेश की थी। उन्होंने कहा था, “मैंने दुनिया भर के मुसलमानों में शिक्षा की कमी देखी है। मुझे बहुत दुख है कि मुस्लिम पढ़ाई नहीं करते, उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाते। यहाँ तक कि मैट्रिक की परीक्षा तक पास नहीं कर पाते। इसीलिए वो अपराध की दुनिया में निकल जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं चाहता हूँ कि मुस्लिम बच्चे ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करें और अच्छे रास्ते पर चलें।”

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