रोती महिला पुलिसकर्मी, धधकती आग, जलता थाना, टूटी गाड़ियाँ…अवैध अतिक्रमण हटाने पर उग्र हुई कट्टर इस्लामी भीड़; जिन नेताओं और अधिकारीयों के कार्यकाल में हुए अवैध निर्माण उन पर कार्यवाही कब?

उत्तराखंड हो या अन्य राज्य आखिर ये अवैध निर्माण अथवा अतिक्रमण कैसे और क्यों होते हैं? जब सरकार ने घर अथवा दुकान में मरम्मत, छत पलटवाने, प्लास्टर आदि करने की छूट दी हुई है, फिर भी पुलिस एवं नगर निगम भवन विभाग के लोग रूपए वसूलने पहुँच जाते हैं, नहीं देने पर मिस्त्री और मकान स्वामी को धमकाने लगते हैं, यह कटु सच्चाई है, जिससे कोई इंकार नहीं कर सकता। स्पष्ट है पुलिस और अधिकारियों की मिली भगत से अवैध निर्माण और अतिक्रमण होते हैं, उन पर कार्यवाही कब और क्यों नहीं होती। कुछ दिन पहले दिल्ली में आज़ाद पुर फ्लाईओवर पर कबर बना दी गयी, उसको हटाने की कार्यवाही होने पर जो कुछ हुआ रिकॉर्ड पर है। सरकार को इस बात को अच्छी तरह समझना होगा अवैध निर्माण हो या अतिक्रमण मुफ्त नहीं होता, जनता को रिश्वत देने पड़ती है। 

दूसरे, सरकार द्वारा पारिवारिक घरों को बिना नक़्शे में बदलाव किये, मरम्मत आदि करवाने की छूट देने के बावजूद पुलिस/भवन अधिकारी वसूली करने से नहीं चूकते। रूपए वसूलने के लिए कोई न कोई कमी बता वसूली की जाती है और जब स्वामी रिश्वत देता है, उसी आड़ में अवैध निर्माण और अतिक्रमण होते है। जब तक सरकार जड़ को नहीं पकड़ेगी, तब तक ये धंधे चलते रहेंगे और उपद्रवी अपना काम कर बेगुनाह सुरक्षाकर्मी और अधिकारिओं को निशाना बनाते रहेंगे। कुछ वर्ष पूर्व घरेलू मरम्मतों पर कोई हस्तक्षेप नहीं करता था, लेकिन जब से वसूली का धंधा शुरू हुआ है तभी से अवैध निर्माण और अतिक्रमण शुरू हुए है। 

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बवाल हो गया है, जहाँ कट्टर इस्लामी भीड़ ने पुलिस पर धावा बोल दिया। थाना घेर लिया गया, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और जम कर पत्थरबाजी की गई। कारण – वहाँ स्थित एक अवैध मस्जिद व मदरसे पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। मामला बनभूलपुरा क्षेत्र का है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले पर बड़ी बैठक की है, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है। हल्द्वानी सरकारी जमीन, रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के कारण भी चर्चा में आया था।

उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। ये अभियान कई दिनों से सरकारी जमीनों पर हो चुके अवैध कब्जों के खिलाफ चल रहा था, जिसमें अवैध मकानों और अवैध धार्मिक स्थलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। इसी क्रम में गुरुवार (8 फरवरी 2024) को बनफूलपुरा थाना इलाके के ‘मालिक के बगीचे’ में पहुँची और अवैध रूप से बनी मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलाया। इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और पुलिस वालों पर हमला बोल दिया। इस हमले में कई पुलिसवाले घायल भी हो गए। इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है।

सीएम की मीटिंग के बाद लगा कर्फ्यू, देखते ही गोली मारने के आदेश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के हालात पर चर्चा के लिए हाई लेवर मीटिंग बुलाई। बैठक में शासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इसी के साथ नैनीताल जिला प्रशासन ने दंगा प्रभावित क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है।

अवैध मस्जिद और मदरसे पर चला बुलडोजर को घेर लिया थाना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामिक भीड़ ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाने को चारों ओर से घेर लिया और जमकर पथराव किया। इस भीड़ में पुरुषों के साथ महिलाएँ भी शामिल रही। कट्टरपंथियों की भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। यही नहीं, ट्रांसफॉर्मर को आग के हवाले करके उन्होंने बिजली आपूर्ति भी रोक दी है। इस बवाल में पुलिस प्रशासन के साथ ही पत्रकार भी फंस गए। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी, तो गैस के गोले भी दागने पड़े। हल्द्वानी के हिंसाग्रस्त इलाके में कई थानों की पुलिस फोर्स पहुँची है।

जिस मदरसे और मस्जिद को लेकर कट्टर मुस्लिम भीड़ सड़क पर उतरी है, वो मलिका बगीचा में स्थित है। उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता और IG नीलेश भरने ने जानकारी दी है कि कई जिलों की पुलिस फ़ोर्स और पैरामिलिट्री को भी हल्द्वानी में लगाया गया है। साथ ही शुक्रवार (9 फरवरी, 2024) को सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई न्यायालय के आदेश के बाद हो रही थी।

पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारी घायल हुए हैं। कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीएम धामी ने आश्वासन दिया है कि तोड़फोड़ व हिंसा करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। महिला पुलिसकर्मियों तक को नहीं छोड़ा, उनमें से कई घायल होकर अस्पताल पहुँच गईं। मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक के अलावा ख़ुफ़िया विभाग को भी मुख्यमंत्री ने तलब किया। अवैध मदरसा और नमाज स्थल को सील कर दिया गया था। 3 एकड़ जमीन प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ली थी।

नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय का कहना है कि पत्थरबाजों को चिह्नित किया जा रहा है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। घायलों में SDM भी शामिल हैं। DCP अभिनव कुमार ने बताया कि अराजक तत्वों ने गोलीबारी भी की है। इलाके में 4000 से अधिक मकान अवैध अतिक्रमण कर के बनाए गए हैं। घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 20 से अधिक बताई जा रही है। JCB का शीशा तोड़ डाला गया। ट्रैक्टर पलट दिया गया। टायर जला कर रास्ता बंद कर दिया गया। थाने में आग लगा दी गई।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया अवैध मदरसे से एवं नमाज वाले जगह पूरी तरह अवैध है। जिसके पास एक तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने कब्जा पूर्व में ले लिया था, लेकिन अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था और अब इसे ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और लोग घायल हैं। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

कुमाऊँ मंडल के नैनीताल जनपद में स्थित हल्द्वानी में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा रहेगा।

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