उत्तराखंड : पुलिस वालों को जिंदा जला रहे थे कट्टरपंथी मुस्लिम दंगाई, पत्थरबाजों, पेट्रोल बम फेंकने वालों-नाबालिग, पुरुष या महिला-पर blind firing कानून कब?

हमले की आपबीती सुनाते पुलिसकर्मी (चित्र साभार: @MrSinha_ & @scribe9104/X)
उत्तराखंड के हल्द्वानी में हर तरफ तनाव फैला है। इंटरनेट बंद है। कर्फ्यू लागू है और देखते ही गोली मारने के आदेश डीएम की तरफ से दिए गए हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि हल्द्वानी का बनभूलपुरा थाना इलाके में अवैध अतिक्रमण हटाने पहुँची पुलिस-प्रशासन पर इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला बोल दिया। इस हमले में पत्थरबाजी के साथ ही पेट्रोल-बम भी चलाए गए। दर्जनों गाड़ियों को आग लगा दिया गया। पुलिस थाने को घेर लिया गया और पुलिस वालों को निशाना बनाया गया। अभी तक मिल रही जानकारियों के मुताबिक, इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी है, तो करीब 300 लोग घायल हो चुके हैं, जिसमें अधिकाँश पुलिस कर्मी और अधिकारी हैं।

हल्द्वानी में नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हमला कर दिया। दंगाई मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों को घेर कर जलाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने दंगाइयों के हमले की करतूत कैमरे पर आकर बताई है। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हुई हैं।

हल्द्वानी हिंसा में घायल एक महिला पुलिसकर्मी ने मीडिया को बताया, “वहाँ से हम बच कर आए। एक घर के अंदर घुस गए हम, जिसमें आग लगाने की उन्होंने कोशिश की। पथराव किया। हम मुश्किल से वहाँ से जान बचा कर आए। हमारी फ़ोर्स काफी देर बाद आई, तब हम निकल कर आए। हर गलियों से, हर जगह से भी पथराव हो रहा था। उन लोगों ने गलियाँ घेर ली थीं। हमलोग 15-20 लोग एक घर के भीतर दबे पड़े थे। जिन्होंने हमें शरण दी, उसको भी गालियाँ दी गईं। उसका घर तोड़ा गया, जब हम वापस आ रहे थे तब शीशे, बोतलें और ईंट फेंकी।”

सरकार को जितनी जल्दी हो पत्थरबाजों और पेट्रोल बम फेंकने पर अश्रु गैस की बजाए सीधे blind firing करने वालों, वह चाहे नाबालिग हो, महिला हो या पुरुष, पर कानून बनाना चाहिए, अन्यथा ऐसी अप्रिय घटनाएं बढ़ती जाएँगी और सुरक्षाकर्मी एवं अन्य बेकसूर अकाल मृत्यु का ग्रास बनते रहेंगे। इस उपद्रवियों की समस्त सरकारी सुविधाएं जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, BPL कार्ड आदि समाप्त कर देनी चाहिए। इन सबके बैंक खातों की जाँच होनी चाहिए, क्योकि बिना लालच के कोई अपनी जान जोखिम में नहीं डालेगा। 

बताया गया है कि इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। कट्टरपंथी मुस्लिमों के हमले में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। हल्द्वानी में अभी कर्फ्यू लगाया गया है।

हल्द्वानी में हुए इस हमले से बच कर आए एक अन्य पुलिसकर्मी ने बताया है कि इन दंगाइयों ने गलियों से आकर पथराव किया। पुलिसकर्मी ने बताया है कि उनके वापस आते वक्त उन पर गोलियाँ बरसाई गईं। मुस्लिम दंगाइयों ने कट्टों से उन पर गोलियाँ चलाई। उन्होंने नगर निगम का ट्रैक्टर, एक गश्ती वाहन और कई मोटरसाइकिल जला दी।

एक अन्य वीडियो में एक पुलिसकर्मी अपने घाव को दिखाते हुए बताता है कि कैसे वह दंगाइयों से बच कर आया। एक सिख पुलिसकर्मी भी इन दंगों में घायल हुआ है।

हमले के बाद घायल हुए पुलिसकर्मियों का वीडियो भी आया है। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल दिख रहे हैं। पुलिसवालों का इलाज चल रहा है। वीडियो में दिखता है कि किसी पुलिसकर्मी के सर पर चोट लगी तो किसी के हाथ पर चोट आई है।

हल्द्वानी में इन्टरनेट सुविधाओं को भी बंद कर दिया गया है। हल्द्वानी में स्कूल कॉलेज भी बंद हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से शान्ति बनाए रखने की अपील की है। 

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