तिहाड़ जेल की यात्रा तो हर हाल में शुरू होनी थी, यह केजरीवाल को पता था लेकिन पिछले 10 दिन से जिस बात के लिए मुंह बंद किए बैठा था, वह अचानक जेल जाने से पहले कह दी। शायद 28 मार्च को कोर्ट में यही खुलासा करने के लिए सुनीता केजरीवाल कह रही थी जो उस दिन न करके आज किया जब कल 31 मार्च को रामलीला ग्राउंड से सुनीता को “लांच” कर दिया।
जिस विजय नायर के लिए केजरीवाल ने शराब घोटाले में लिप्त और मुख्य कर्ताधर्ताओं से कहा था कि “विजय नायर मेरा आदमी है, इस पर भरोसा करना” वह नायर भला कैसे हो सकता है कि केजरीवाल को कुछ रिपोर्ट न करता हो, Officially न करता हो, Informally तो करता ही रहा होगा और आज केजरीवाल ने पल्ला झाड़ लिया ये कह कर कि विजय नायर आतिशी मारलेना और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था मुझे नहीं।
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दूसरे, अपने electronic devices के पासवर्ड न बताने का भी बहुत बड़ा कारण है, संभव है इन divices में केजरीवाल परिवार के घोटाले छुपे हो सकते हैं। बेटे के जिम घोटाले की बीच में चर्चा तो चली थी, लेकिन पता नहीं किस कारण से वह वह घोटाला दब गया या फिर दबवा दिया गया।
केजरीवाल कुछ भी कहता रहे, सरकार का मुखिया होने के नाते हर काम की जिम्मेदारी उसी की मानी जाएगी और के कविता इसके बारे में खुलकर बता भी चुकी है।
आतिशी केजरीवाल के जेल जाने के समय से पापड़ बेल रही थी कि कब केजरीवाल Resign करे और कब मैं मुख्यमंत्री बन कर “शीश महल” से राज करूं लेकिन केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जुगाड़ लगा रहा था और इसलिए ही त्यागपत्र नहीं दे रहा कि जैसे ही सुनीता गद्दीनशीन हो, “शीश महल” पर कब्ज़ा बरक़रार रहे।
केजरीवाल के दिमाग में आतिशी और सौरभ ही कुछ हद तक दो ऐसे मंत्री हैं जो मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सुनीता को चुनौती दे सकते हैं, बाकी तो जेल में हैं और इसलिए केजरीवाल ने इन दोनों का नाम लेकर कोर्ट में उन्हें फंसा दिया। अब इन दोनों को ED का निमंत्रण आना तय ही समझो।
आज प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास भगवान को कह रहे होंगे कि अच्छा हुआ कज्जू ने हमें पार्टी से निकाल दिया, वरना हम भी तिहाड़ जाने की पंक्ति में खड़े होते।
केजरीवाल की “malafide intention” को यदि आतिशी और सौरभ और पार्टी में तीसमारखाँ समझने वाले अब भी नहीं समझते तो उनसे बड़ा मूर्ख कोई हो नहीं सकता, हालांकि आतिशी ने कुछ खुलासा करने की बात कही है। हो सकता है वह केजरीवाल के खिलाफ कुछ न कहे बस इतना दावा करे कि विजय नायर मुझे रिपोर्ट करता था और वह रिपोटिंग केजरीवाल तक भेजने के लिए होती थी, मैं तो केजरीवाल और नायर बीच एक माध्यम थी और ऐसा ही सौरभ के साथ था।
इसके अलावा उसे और सौरभ को जो भी कहना है वो ED के सामने खुलकर कह सकते हैं क्योंकि ED के सामने दिया हुआ बयान एक गवाही होता है।
प्रथम दृष्टया तो लग रहा है कि केजरीवाल की लंका में आग लगने वाली है। कम से कम 25 लोग ऐसे हैं जिनमें कई तो पार्टी के संस्थापक थे, जिन्हे केजरीवाल ने पार्टी से निपटा दिया। उनमे अब आतिशी और सौरभ का भी नाम जुड़ने वाला है। केजरीवाल कहता था कांग्रेस ने इतने घोटाले किए लेकिन हर मामले में मनमोहन सिंह को आगे कर दिया और माल पीछे वाले खा गए।
केजरीवाल ने भी यही किया कि सब घोटाले करके आगे अपने मंत्रियों को कर दिया खुद कहीं साइन नहीं किए और माल भी कमा गया पता नहीं कितना। कांग्रेस के बहुत लोगों पर मुक़दमे चले हैं मगर फिर भी बचे हुए हैं लेकिन केजरीवाल जल्दबाजी में मूर्खता कर गया जो मंत्रियों समेत लपेटे में आ गया।
सीढ़ियों से आदमी बिल्डिंग की 10 मंजिल चढ़ने में समय लगाता है लेकिन यदि मंजिल पर पहुंच कर रपट जाए तो पृथ्वी पर आने में कुछ ही समय लगता है। केजरीवाल को यह समझ नहीं आया और भ्रष्टाचार से कमाने की लालसा ने उसे ऊपर तो पहुंचा दिया लेकिन उसे पता नहीं था कि उससे भी जल्दी नीचे आ जाएगा।
एक बात विचित्र है - सिसोदिया केजरीवाल के मंत्रिमंडल में No 2 पर था लेकिन है जेल No 1 में और केजरीवाल No 1 leader है परंतु रहेगा जेल No 2 में।
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