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साभार: Economic Times & Rediff |
पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि राहुल गाँधी राम मंदिर निर्माण को रोकना चाहते थे। इसके लिए वह सरकार बनने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट देंगे। आचार्य प्रमोद ने आरोप लगाया है कि उनके दिमाग में यह निर्णय पलटने का प्लान है।
यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस इस बात को साबित कर रही है कि कोर्ट जो भी फैसला देगी राहुल से पूछ कर देगी, यानि राहुल के आगे सभी बौने रहेंगे। दूसरे, कांग्रेस अध्यक्ष खड़के पहले ही कह चुके हैं कि मोदी सरकार के वापस आने पर सनातन मजबूत होगा।ये सब बातें साबित कर रही है कि कांग्रेस और INDI गठबंधन कट्टरपंथी मुसलमानों की गोदी में बैठ चूका है। INDI गठबंधन का जो घटक वही बोल रहा है जो इनके आका(कट्टरपंथी) बुलवा रहे हैं।
वैसे हैरान होने की कोई बात नहीं, यूपीए के कार्यकाल में इन्हीं राम विरोधियों ने कोर्ट में राम को काल्पनिक बताया, रामसेतू को मिथ्या और वकीलों की भीड़ लगाई गयी थी। खुदाई में मिले मंदिर के अवशेषों को छुपाकर केवल एक खम्बा दिखाया गया था। जबकि तत्कालीन पुरातत्व विभाग के निदेशक के के मोहम्मद जिनके संरक्षण में खुदाई हुई थी, ने सेवानिर्वित होने के बाद अपनी पुस्तक में स्पष्ट लिखा कि "मंदिर कभी का बन गया होता, अगर कांग्रेस और वामपंथियों ने मंदिर के इतने सारे अवशेषों को छुपाकर केवल एक ही खम्बा नहीं होता'।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बातचीत में यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस में 32 वर्ष रहा हूँ। जब राम मंदिर का निर्णय आया तो राहुल गाँधी ने अपने नजदीकी लोगों की बैठक में अमेरिका के अपने एक सलाहकार के कहने पर कहा था कि सरकार बनने पर राम मंदिर का फैसला पलट दिया जाएगा। इसके लिए सुपरपावर कमीशन बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस तरह शाहबानो निर्णय को राजीव गाँधी सरकार ने बदला था तो फिर राम मंदिर का निर्णय क्यों नहीं बदला जा सकता।”
#WATCH | Sambal, Uttar Pradesh: Former Congress leader Acharya Pramod Krishnam says, "I have spent more than 32 years in the Congress and when the Ram Mandir decision came, Rahul Gandhi in a meeting with his close aides said that after the Congress govt is formed, they will form… pic.twitter.com/Qpgs91XPZT
— ANI (@ANI) May 6, 2024
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गाँधी कई बार हिंदुत्व, हिन्दू धर्म की शक्ति बदलने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता जानते हैं कि कांग्रेस सरकार बनने पर राम मंदिर का फैसला बदला जाना था। यह सब अमेरिका में रहने वाले लोगों की सलाह पर होता है। उन्होंने राहुल गाँधी से इस बात की प्रतिक्रिया लेने की बात भी कही है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि यह बात यदि गलत है तो मुझ पर मुकदमा कर दिया जाए, मैं इसे सिद्ध कर दूँगा।
Acharya Pramod's big mandir charge on Rahul Gandhi: "Rahul vowed to quash SC mandir verdict" #AcharyaPramod #ITVideo #Congress #RaGa pic.twitter.com/Z4d189AdgX
— IndiaToday (@IndiaToday) May 6, 2024
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह भी कहा है कि उन्हें राम मंदिर जाने के कारण पार्टी से निकाल दिया गया। उन्होंने हाल ही में पार्टी छोड़ने वाले प्रवक्ताओं का भी नाम लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी सनातन की बात करेगा वह कांग्रेस में नहीं रह सकता। उन्होंने कहा है कि आगे और भी लोग पार्टी छोड़ेंगे।
उन्होंने राहुल गाँधी को अपना बयान गलत सिद्ध करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि राहुल गाँधी भाजपा और नरेन्द्र मोदी के विरोधी इसलिए हैं क्योंकि वह सनातन की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गाँधी की दुश्मनी राम से है और अयोध्या तथा हिंदुत्व से है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की संस्कृति के विरुद्ध है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक रहे हैं। उन्होंने 2019 में लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। उनके कुछ दिनों पहले कांग्रेस से मतभेद हो गए थे। इसके बाद उन्होंने यह बड़ा आरोप राहुल गाँधी पर लगाया है। राम मंदिर निर्माण के सम्बन्ध में नवम्बर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया था जिसके बाद इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
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