महाराष्ट्र के पुणे स्थित रंजनगाँव में अवैध रूप से रह रहे 21 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, त्रिपुरा पुलिस ने 3 रोहिंग्या मुस्लिम और 2 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुणे पुलिस ने 10 अवैध घुसपैठियों को कोर्ट में पेश किया, जहाँ अदालत ने उन्हें 24 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इनके पास से पैन-वोटर कार्ड सहित कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं।
इनके पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज किन अधिकारियों ने किन नेताओं के कहने पर बनाए? जब तक इन लोगों पर भी कार्यवाही नहीं होगी गैंग का पता नहीं चलेगा। इनसे सारी जानकारी लेकर इन्हे जेल में रखने की बजाए देश से बाहर किया जाना चाहिए।
पुणे ग्रामीण एसपी पंकज देशमुख ने कहा, “कल रंजनगाँव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में हमने एक अपराध दर्ज किया। पूछताछ के बाद हमें पता चला कि वे रंजनगाँव इलाके में अवैध रूप से रह रहे थे। इसलिए हमने एक अपराध दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कोर्ट ले जाया गया है। कोर्ट ने 24 अक्टूबर तक 10 ऐसे आरोपियों की पुलिस हिरासत मंजूर की है।”
उन्होंने कहा, “हम पता लगा रहे हैं कि वे कितने समय से भारत में हैं। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि वे 6 महीने से लेकर 10 साल से ये देश में रहे हैं। हम पता लगा रहे हैं कि इस देश में रहने का उनका मकसद क्या है। उनमें से कई लोग श्रम गतिविधि में लिप्त हैं और उन्हें मजदूरी कर रहे हैं। इसलिए, उनकी वास्तविक स्थिति पर टिप्पणी करना अभी बहुत प्रारंभिक है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने उनके पास से मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा, कई लोगों के पास से अवैध रूप से रह रहे लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है। हम इस पहलू की भी जाँच कर रहे हैं कि क्या कोई संगठित रैकेट या एजेंट है, जो बांग्लादेशी नागरिकों को हमारे देश में लाकर स्थापित कर रहा है।”
Pune, Maharashtra: 10 Bangladeshi nationals, living illegally in Ranjangaon area, arrested by Police. Court sent them to Police custody till 24th October.
— ANI (@ANI) October 23, 2024
(Pic: Pune Rural Police) https://t.co/2Ts1Biuc0F pic.twitter.com/27Cejkaj9i
कहा जा रहा है कि आरोपितों में 15 पुरुष, 4 महिलाएँ और 2 ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं। इन आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336(2), 336(3), 338, 340(2) और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1920 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की आगे की जाँच जारी है।
दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर पुणे पुलिस ने रजनगाँव में सोमवार (21 अक्टूबर 2024) को सर्च ऑपरेशन चलाया था और इन्हें गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने कहा, “उनमें से नौ के पास फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड थे और उनमें से एक के पास वोटर आईडी कार्ड भी था। बांग्लादेशी नागरिक के पास वोटर आईडी कार्ड था, उसने इसे गुजरात से हासिल किया था।”
एसपी ने कहा कि ये सभी या तो पैदल चलकर सीमा पार करते हुए पश्चिम बंगाल में यहाँ आए या फिर नावों से समुद्री मार्ग से अवैध रूप से यहाँ पहुँचे। उन्होंने कहा, “इनमें से कुछ के बच्चे भी हैं, जिनकी उम्र तीन साल से पाँच साल के बीच है। भारत में घुसने के बाद ये गुजरात और मुंबई चले गए। कुछ दिन पहले ये पुणे आए हैं।” उन्होंने कहा कि जाँच चल रही है और 2-3 दिन में यह बात स्पष्ट हो जाएगी।
जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, उनके नाम हैं- अजमुल शरत खान उर्फ हासिफ खान (50) मोहम्मद अकबर अजीज अकबर सरदार (32) शफीकुल अलीमिया शेख (20) हुसैन मुखिद शेख (30) तारिकुल अतियार शेख (38) मोहम्मद उमर फारूक बाबू उर्फ बाबू बुख्तियार शेख (32) शाहीन शाहजान शेख ( 44) मोहम्मद हुसैन शेख (32) रऊफ अकबर दफादार (35) इब्राहिम काजोल शेख (35) फरीद अब्बास शेख (48) मोहम्मद सद्दाम अब्दुल सखावती (35) मोहम्मद अब्दुल हबीब रहमान सरदार (32) आलिमिया तोहकील शेख (60) मोहम्मद इसराइल फकीर (35) फ़िरोज़ा मुताक़ीन शेख़ (20) लिपिया हसमुख मुल्ला (32) सलमा मलिक रोशन मलिक (23) हिना मुल्ला जुल्फिकार मुल्ला (40) सोनदीप उर्फ काजोल बासुदीप विशेष (30) येनूर शाहदता मुल्ला (25)।
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