मुसलमान ही मुसलमान का हक़ डकार रहा : AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की हेराफेरी ED ने बताई: दिल्ली दंगा ‘पीड़ितों’ के नाम पर फंड, वक्फ बोर्ड के नाम पर ‘बैंक अकाउंट’, दूसरी बीवी की जानकारी छिपाई…

मुस्लिमों के रहनुमा बन रहे मुस्लिम नेताओं और इनके इशारे पर नाचने वाले मौलाना, मौलवी और इमाम किस तरह अपनी तिजोरियां भरने के चक्कर में हिन्दू-मुसलमान कर देश का माहौल ख़राब करते है उसे आम मुसलमान नहीं समझ रहा। और दोष हिन्दुओं के सिर मढ़ दिया जाता है। जब तक आम मुसलमान इन लोगों के चुंगल से बाहर नहीं शक से दायरे में रहेगा। गुजरात में दंगा पीड़ितों के नाम पर चंदा इकट्ठा करने वाली तीस्ता स्तेवाल ने उन्ही पैसे से महंगे पर्स आदि पर खर्च कर दंगा पीड़ितों की निगाह में अच्छी बनी रही, ठीक उसी तरह दिल्ली दंगों के नाम पर चंदा जमा करने वाला आम आदमी विधायक अमानतुल्लाह खान ऐश कर रहा है, फिर भी मुसलमान इसे अपना हमदर्द समझ रहा है।     
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (30 अक्टूबर 2024) को ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक एवं दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अमानतुल्लाह खान और उनकी पत्नी मरियम के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। यह मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए हेरफेर करने संबंधित है। अमानतुल्ला खान ने दिल्ली दंगा ‘पीड़ितों’ के लिए धन जुटाने के लिए एक ‘अनधिकृत’ बैंक खाता खोला था।

इसमें आए धन में से कुछ राशि निकालकर अमानतुल्लाह खान दी गई थी। इसके अलावा, 50 वर्षीय AAP विधायक अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति, डीडब्ल्यूबी की संपत्तियों के किरायेदारी के आवंटन में पद का दुरुपयोग, आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने सहित कई आरोप हैं।

ED ने मंगलवार (29 अक्टूबर 2024) को दिल्ली में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA Act) की एक विशेष अदालत के समक्ष अमानतुल्लाह खान और उनकी दूसरी पत्नी मरियम सिद्दीकी के खिलाफ पूरक अभियोजन शिकायत दायर की। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2016-21 के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अमानतुल्लाह के कार्यकाल के दौरान की अनियमितताओं से संबंधित है।

एजेंसी ने कहा, “दिल्ली दंगा पीड़ितों के नाम पर धन जुटाने के लिए खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड राहत समिति के नाम से एक अनधिकृत बैंक खाता खोला और जनता से प्राप्त कुछ धन को खान के निर्देशों के तहत नकद में निकाल लिया गया और उसे सौंप दिया गया।” उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड से मंजूरी लिए बिना ही ‘दिल्ली वक्फ बोर्ड राहत समिति’ का गठन किया।

प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा कि एजेंसी ने अमानतुल्लाह पर अपने चुनावी हलफनामे में आश्रितों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी। एजेंसी के अनुसार, “मरियम सिद्दीकी की शादी अमानतुल्लाह खान से हुई थी और वह अमानतुल्लाह खान की पूरी तरह से आश्रित हैं। यह बताना चाहिए था कि उनके पास आय का कोई ज्ञात स्रोत नहीं है और उन्होंने कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है।”

जाँच में यह भी पाया गया है कि अमानतुल्लाह खान ने साल 2020 में अपनी दूसरी बीवी मरियम सिद्दीकी के नाम पर 19 लाख रुपए की अचल संपत्ति खरीदी थी। उन्होंने इस संपत्ति का भुगतान आंशिक रूप से नकद और आंशिक रूप से अपने करीबी सहयोगी जीशान हैदर से ली गई राशि से किया गया था। जिस संपत्ति को उन्होंने खरीदा वह यह संपत्ति जावेद इमाम सिद्दीकी की थी।

एजेंसी का दावा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में विधायक के रूप में गलत तरीके से कमाए गए अमानतुल्लाह के पैसों का सारा प्रबंधन हैदर और दाऊद नासिर कर रहे थे। इसका इस्तेमाल उन्होंने कौसर इमाम सिद्दीकी के माध्यम से ओखला क्षेत्र में 275-276, टीटीआई तिकोना पार्क में एक संपत्ति खरीदने के लिए नकद भुगतान करने के लिए किया।

ED ने दावा किया है कि कौसर इमाम सिद्दीकी द्वारा हस्तलिखित सफेद डायरी को जब्त करने के बाद उससे पता चला है कि तिकोना पार्क में इस संपत्ति की खरीद के लिए अमानतुल्लाह के करीबी सहयोगियों द्वारा 27 करोड़ रुपए का नकद भुगतान किया गया था। ईडी ने कहा कि विक्रेता जावेद इमाम सिद्दीकी और उनकी बीवी के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में संदिग्ध नकदी जमा मिली है।

इस मामले में अमानतुल्लाह खान, हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ये सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। इस मामले में अमानतुल्लाह खान को छोड़कर सभी आरोपितों के खिलाफ पहली चार्जशीट ED ने इस साल जनवरी में ही दाखिल कर दी थी।

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामले है दर्ज हैं। एक वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) का मामला और दूसरी दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई द्वारा दर्ज कथित आय से अधिक संपत्ति का मामला है। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच ED कर रही है।

दिल्ली का हिंदू विरोधी दंगा फरवरी 2020 में हुआ था। हालाँकि, इसकी तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी। इसमें हिंदुओं को निशाना बनाया था। हालाँकि, दिल्ली की सरकार ने मुस्लिमों के लिए कई तरह राहत कार्य उपलब्ध कराए थे। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मुस्लिमों के लिए 800 महिलाओं और 700 पुरुषों वाला बिस्तर एक शिविर स्थापित किया था।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अमानतुल्लाह खान ने जिन मुस्लिमों के घर एवं दुकान बर्बाद हुए थे, उन्हें बनवाने एवं उनकी मरम्मत के लिए 50 लाख रुपए आवंटित किए थे। मार्च 2020 में अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि जिन मुस्लिमों के घरों-दुकानों को नुकसान पहुँचा है, उनकी मरम्मत कराने में दिल्ली वक्फ बोर्ड मदद करेगा। इसके लिए कंस्ट्रक्शन समिति का भी गठन किया था।

इसी दौरान वक्फ बोर्ड ने कथित तौर पर क्षतिग्रस्त हुई 19 मस्जिदों की मरम्मत का काम भी शुरू किया था। अमानतुल्लाह खान ने कहा था, “मरम्मत का काम अशोक नगर की जामा मस्जिद से शुरू हुआ है। इसके लिए वक्फ बोर्ड ने 5 लाख रुपये की अग्रिम राशि जारी कर दी है।” बोर्ड ने  मुस्तफाबाद में भी मुस्लिमों के लिए एक राहत शिविर भी स्थापित किया था।

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