उत्तर प्रदेश : रामगोपाल मिश्रा की हत्या में पहली गिरफ्तारी मोहम्मद दानिश की, नेपाल भागते हुए UP पुलिस ने दबोचा; इन दंगाइयों का एक ही ईलाज सारी सरकारी सुविधाएं छीनी ही नहीं जाए ब्लैकलिस्ट भी किया जाए

दंगा कर भागने या छुपने वालों पर जब तक सख्ती नहीं की जाएगी, तब तक ये जेहादी सुधरने वाले नहीं। ये ज्यादा नहीं कुछ ही रुपयों के लालच में कट्टरपंथियों के जाल में फंस साम्प्रदायिक दंगे करते हैं। और निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को इसे गंभीरता से जब तक नहीं लेंगी, ये डरपोक जेहादी खून की होली खेलते रहेंगे। जहाँ तक 'गरीब, मजलूम, भटके हुए आदि कहकर victim card खेलना कोई नया नहीं है। यह उतना ही पुराना है जितना जितना पुराना इस्लाम। जिसे समझने के अली सिमा द्वारा लिखित Understanding Mohammad And Muslim को पढ़ना होगा। जो लगता है अनवर शेख द्वारा लिखित 7/8 पुस्तकों का निचोड़ ही नहीं बल्कि हर हादसे को आज हो रही गुंडागर्दी से जोड़ा गया है। इन्हें तालीम ही ऐसी है। 
जब तक मुसलमानों को एक भारतीय नागरिक की तरह नहीं समझा जायेगा, ये जेहादी और इनके संरक्षण नहीं सुधरने वाले। और इस काम में विपक्ष ही नहीं बीजेपी भी बराबर की शामिल है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जवाब दें किस कारण इनकी वोट लेने के लिए खजाना खोला गया? क्या मंदिरों और मठों के लिए खजाना खोला? आखिर क्यों सरकारी धन को लुटाया जा रहा है? क्या महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एक भी हिन्दू वोट का हक़दार है? जो भी हिन्दू हालातों को देखते हुए शिंदे या इसकी शिवसेना को वोट देता है, फिर जेहादियों द्वारा किया जा रहे हमलों पर रोने का हक़ नहीं।       

दूसरे, सरकारों से लेकर सारी अदालतें और हिन्दू पक्ष के वकील जिम्मेदार हैं किसी ने भी पत्थरबाजों और पत्थर सप्लाई करने वालों पर सख्ती से पेश नहीं आती, जो जेहादियों और कट्टरपंथियों को ऑक्सीजन का काम करता है। जिस दिन अदालतों ने इन जेहादियों से वकीलों से यह सवाल कर दिया कि जिस तरह हिन्दुओं त्योहारों और शोभा यात्राओं पर मुस्लिम इलाकों में पत्थराव किया जाता है अगर हिन्दुओं ने तुम्हारे त्योहारों पर ऐसी भाषा में पलट वार किया उस स्थिति में क्या होगा? क्या 'सिर तन से जुदा' करने वालों पर कोई सख्त कार्यवाही हुई? सिर्फ जेल में बंद करना हल नहीं। किसके कहने पर और कितने रूपए लेकर इस जेहादी काम को अंजाम दिया किसी ने नहीं पूछा, क्यों?               
उत्तर प्रदेश के बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की हत्या मामले में पहली गिरफ्तारी हो गई है। आरोपित की पहचान राजा उर्फ मोहम्मद दानिश उर्फ जहीर/सहीर खान के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि जहीर नेपाल जाने की फिराक में था, लेकिन उसे माहसी खंड में राजी क्रॉसिंग पर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब जहीर से इस मामले में पूछताछ कर रही है। वहीं सरफराज समेत 5 अन्य आरोपितों की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है।

बहराइच हिंसा मामले में अब तक 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं इसमें 6 नामजद और 1304 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। वहीं राम गोपाल की हत्या मामले में 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। ​मोहम्मद दानिश उर्फ ​​साहिर/जहीर खान इन्हीं आरोपितों में से एक था। उसके अलावा अब्दुल हामिद, सरफराज, फहीम भी इस मामले में आरोपित हैं।

13 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा मामले में अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुई है। इसके अलावा प्रशासन ने इस मामले पर एक्शन लेते हुए महसी सीओ रूपेंद्र गौड़ा को निलंबित कर दिया है। उनकी जगह रामपुर में तैनात रहे रवि खोखर को सीओ महसी पद पर नियुक्त किया गया है।

आरोप है कि रूपेंद्र गौड़ ने यात्रा में शामिल लोगों पर लाठियाँ चलवाई थीं जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई और हिंसा की घटना देखने को मिली। फिलहाल डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि अब बहराइच में पूरी तरह से शांति है। डीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बहराइच की स्थिति देखने के बाद डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रूपेंद्र गौड़ा के अलावा माना जा रहा है कि अभी उन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होगी जिन्होंने घटना वाले दिन स्थानीय स्तर पर लापरवाही की थी।

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