खालिस्तानियों ने कनाडा पर किया हमला
बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से होंगे। अगर समय रहते कनाडा की सरकार और विपक्ष ने इन उपद्रवी खालिस्तानियों के विरुद्ध जल्द कोई सख्त उठाकर इन्हें अपनी जमीन से नहीं खदेड़ा संपन्न कनाडा को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। खालिस्तान और आतंकवाद ऐसे अंतरराष्ट्रीय गंभीर मुद्दे हैं, अगर इनको समर्थन देने वालों देशों ने इनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की निश्चितरूप से वो देश अपनी बर्बादी को अपनी आँखों से देख रहे हैं। भारत में खालिस्तान पनपा केवल पंजाब में, पंजाब कितना बर्बाद हुआ ये तो भारत सरकार ने पंजाब को पुनः खुशहाली प्रदान करा दी, लेकिन यहाँ तो खालिस्तान पूरे कनाडा पर हावी हो रहे हैं। पाकिस्तान, फिलिस्तीन, गाज़ा, इराक और ईरान जीवित उदाहरण है। इजराइल की किसी मुस्लिम या मुस्लिम देश से नहीं बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई है। लेकिन आतंकवाद समर्थक इसे मुस्लिम विरोधी बताकर इजराइल को बदनाम कर रहे हैं।
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ द्वारा हमला किया गया। इस दौरान, मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडे बरसाए गए और महिलाओं व बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। हमला तब हुआ जब सारे श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे थे।
Very disturbing images! #Khalistanis have attacked devotees at #HinduSabhaTemple , Brampton. This is unacceptable! @PeelPolice @patrickbrownont @JustinTrudeau @fordnation - Take action and protect Canadians pic.twitter.com/FN18xY2rBT
— HinduForumCanada #HFC (@canada_hindu) November 3, 2024
घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में खालिस्तानी समर्थक लाठी-डंडे लेकर हिंदू श्रद्धालुओं को मारते और उन्हें दौड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी वीडियो में पुलिस इलाके को घेरकर स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।
Khalistan supporters have attacked devotees at Hindu sabha temple in Brampton, #Canada.
— Nikhil Choudhary (@NikhilCh_) November 3, 2024
Khalistan supporters are protesting against Indian Consulate officials who attended the mandir for a document attestation camp organized by the mandir organization. pic.twitter.com/mHbwYE1wWr
हमले के बाद पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने को कहा है और कहा है कि हिंसा और अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की जाँच करेंगे और दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए आवश्यक कदम उठाएँगे।
A red line has been crossed by Canadian Khalistani extremists today.
— Chandra Arya (@AryaCanada) November 3, 2024
The attack by Khalistanis on the Hindu-Canadian devotees inside the premises of the Hindu Sabha temple in Brampton shows how deep and brazen has Khalistani violent extremism has become in Canada.
I begin to feel… pic.twitter.com/vPDdk9oble
इसके अलावा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हर कनाडाई नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और ऐसी हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कनाडा के एमपी चंद्र आर्या ने भी कहा कि खालिस्तानियों द्वारा आज सीमा पार कर दी गई। उनके द्वारा हिंदू-कनाडाई लोगों पर हिंदू सभा में हमला दिखाता है कि ये लोग कितने कट्टरपंथी होते जा रहे हैं।
वहीं ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों के हमले की कड़ी निंदा कनाडा संसद में विपक्ष के नेता पियरे पोलीएवर ने भी की। उन्होंने इस घटना को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। उन्होंने कहा कि सभी कनाडाई नागरिकों के लिए शांति से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार जरूरी है।
कनाडा पुलिस ने खालिस्तानियों को करने दिया हमला: भारतीय उच्चायोग नाराज, गुरुद्वारा परिषद ने भी की निंदा
कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदुओं पर हुए हमले के बाद हर जगह खालिस्तानियों की निंदा हो रही है। कनाडाई सरकार के नेताओं ने जहाँ इस घटना के विरोध में खालिस्तानियों पर निशाना साधा है तो ओटावा में भारतीय उच्चायोग और ओंटारियो में सिख और गुरुद्वारा परिषद ने भी इस घटना पर प्रेस रिलीज करके अपनी चिंता जाहिर की है।
भारतीय उच्चायोग ने तो इस तरह के हमलों को बेहद निराशाजनक बताया। साथ ही कहा कि हिंदू सभा मंदिर के सहयोग से उन्होंने कांसुलर कैंप आयोजित किया था लेकिन वहाँ व्यवधान डाला गया। उच्चायोग ने कहा कि भारत विरोधी तत्वों ने जो भी किया वह उसे लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि आगे से कोई भी कार्यक्रम स्थानीय अधिकारियों की सुरक्षा के आधार पर आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए भी पुलिस सुरक्षा माँगी गई थी।
वहीं OSGC ने जहाँ अपनी रिलीज में स्थानीय नागरिकों से इस मामले की गहन जाँच करने की माँग की। उन्होंने कहा कि प्रार्थना के स्थल को पवित्र रहने दिया जाना चाहिए। वहाँ हिंसा और अराजकता नहीं होती नहीं है। जो भी ब्रैम्पटन में हुआ वो बहुत परेशान करने वाला है। हमें एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment