उत्तर प्रदेश : बरेली में साजिश के तहत भड़काई गई हिंसा : पत्थरों का ढेर, पेट्रोल वाली बोतलें और 5 दिनों की प्लानिंग

                                                   बरेली में हिंसा (फोटो साभार: दैनिक जागरण)
उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद 26 सितंबर 2025 को ‘I Love Muhammad’ को लेकर प्रदर्शन के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंसा और पथराव किया है। इस हिंसा पर अब लगातार पुलिस अधिकारियों की और से बड़े खुलासे किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह हिंसा प्लान बनाकर की गई थी।

सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि अक्सर मुस्लिम कट्टरपंथी और इनके समर्थक दंगाइयों को बचाने "बाहरी लोगों" द्वारा दंगा करने का बचाव करने वालों को बेनकाब करने tear gas के दो राउंड के बाद तीसरा राउंड जब तक blind firing का नहीं होगा दंगों पर अंकुश नहीं पाया जा सकता। दूसरे, blind firing में जख्मी होने वाले सभी स्थानीय ही मिलेंगे बाहरी नहीं। उसके बाद कोई किसी बच्चे या महिला को पत्थरबाज़ी करने आगे नहीं करेगा। 

सोशल मीडिया पर ज्योतिषों द्वारा यह भी चर्चा चल रही जो योग बन रहे हैं वह आंदोलन और दंगा जीवियों के लिए बहुत ही दर्दनाक होने वाला है। मानवाधिकार का शोर भी खूब मचेगा लेकिन सभी औंधे मुंह गिरेंगे।

     

कैसे शुरू हुई हिंसा ?

26 सितंबर 2025 को दोपहर 2 बजे आला हजरत मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद कुछ लोग ‘I Love Muhammad’  लिखे पोस्टर लेकर बाहर आए। इसके बाद नौमहला मस्जिद में 3 बजे तक नमाज हुई। नमाज के बाद भीड़ इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़ने लगी। पुलिस ने रोका तो पथराव शुरू हो गया।

धीरे-धीरे यह विवाद शहर के कई इलाकों में फैल गया, जिसमें नौमहला मस्जिद, शहर कोतवाली, नॉवेल्टी चौराहा, आजमनगर, जिला अस्पताल रोड, श्यामगंज मार्केट, बिहारीपुर शामिल है। इन इलाकों के साथ-साथ पूरे बरेली शहर के बाजार बंद करा दिए गए। माहौल इतना बिगड़ा कि शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हो गए।

प्लान बनाकर कट्टरपंथियों ने किया बवाल

घटना के बाद करीब 10 हजार पुलिसकर्मी, PAC और पैरामिलिट्री फोर्स बरेली में तैनात की गई। शहर के अलग-अलग हिस्सों में बैरिकेडिंग कर दी गई। माहौल बिगड़ने के बाद पुलिस ने हिंसा रोकने के लिए लाठीचार्ज और आँसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।

DIG अजय कुमार साहनी ने बताया, “बाहर से भी कुछ लोग आए थे। अभी फोटो-वीडियो के आधार पर देखा जा रहा है कि कौन लोग थे और कहाँ से आए थे। निश्चित रूप से इसमें FIR दर्ज होगी। इसके पीछे जो भी जिम्मेदार लोग हैं, सबके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं थी।”

उन्होंने कहा, “सबको पहले ही बता दिया गया था कि यहाँ किसी तरह की धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। 90 प्रतिशत लोगों ने इस बात को समझा और नमाज पढ़कर घर लौट गए। लेकिन, बाद में कुछ शरारती तत्व प्लान बनाकर आए और उन्होंने बवाल किया।”

DIG ने आगे कहा, “फायरिंग की घटनाओं में छर्रे लगे हैं। कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं। यह साफ है कि पहले से साजिश की गई थी। तभी अचानक इतने लोग सामने आए और पूरी तैयारी के साथ आए। ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है। मीडिया कर्मियों और प्रेस के लोगों को भी चोटें आई हैं। पथराव सबने देखा और वीडियो फुटेज की कवरेज भी की।”

इस हिंसा में 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। वहीं कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, गिरफ्तारी की संख्या एकत्र की जा रही है। कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं, कुछ जगह फायरिंग के भी प्रमाण मिले हैं।

पुलिस को मिलीं खाली बोतलों से आ रही थी पेट्रोल की बदबू

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यहाँ तक भी दावा किया गया है कि बरेली में हिंसा की प्लानिंग पिछले करीब 5 दिनों से चल रही थी। साथ ही, इस प्रदर्शन के आयोजक के खिलाफ NSA लगाने की भी कार्रवाई पुलिस शुरू करने जा रही है। वहीं, पुलिस ने इस भीड़ को इकट्ठा करने वाले मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है।

वहीं, पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से पत्थरों का ढेर, कारतूस का खोखा, जिंदा कारतूस, एक तमंचा, लाठी-डंडा और खाली बोतल मिली हैं। इन खाली बोतलों से पेट्रोल की बदबू आ रही थी।

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