दिल्ली में गिरफ्तार ISIS आतंकी अबू मुहरिब पहले भी हुआ था अरेस्ट, ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले ‘काफिर’ जज को मारने की दी थी धमकी: सिर्फ 4 माह में मिल गई थी जमानत

                             दिल्ली में ISIS के 2 आतंकी गिरफ्तार (साभार: OPIndia English)
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार (24 अक्टूबर 2025) की सुबह एक आतंकवादी साजिश को नाकाम कर दिया गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के एक आतंकवादी मॉड्यूल को तोड़ दिया। इस ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक का नाम मोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब है, जो दिल्ली का रहने वाला है। दूसरा अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद है, जो मध्य प्रदेश का रहने वाला था। मुहरिब की उम्र 19 साल तो अबू मोहम्मद की उम्र 20 साल है

इससे पहले, ऑपइंडिया ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खुलासा किया था कि ISIS के एक आतंकवादी मोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब को उत्तर प्रदेश ATS ने पहले भी गिरफ्तार किया था।

वो 2024 से जमानत पर बाहर था। उसे उत्तर प्रदेश ATS ने UAPA के तहत गिरफ्तार किया था। दिल्ली स्पेशल सेल ने कहा, “भोपाल से एक संदिग्ध को पहले UP ATS ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था; 2024 में जमानत मिलने के बाद उसने आतंकवादी गतिविधियां फिर शुरू कर दीं, मुख्य रूप से ऑनलाइन भर्ती और प्रोपगैंडा फैलाने के जरिए। निगरानी से पता चला कि मॉड्यूल ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने के लिए सामग्री जुटानी शुरू कर दी थी।”

दिल्ली स्पेशल सेल ने बताया कि मोहम्मद को सख्त UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कोर्ट ने 2024 में उसे जमानत दे दी थी। 

जमानत पर बाहर आने के बाद उसने अपनी आतंकवादी गतिविधियाँ फिर शुरू कर दीं और ISIS से जुड़ाव बढ़ा लिया। उसने सोशल मीडिया के जरिए इस्लामिक प्रोपगैंडा सामग्री फैलानी शुरू की और ISIS के लिए आतंकवादियों की भर्ती शुरू करती। उसने आतंकी हमलों के लिए IED बनाने की सामग्री भी जुटानी शुरू कर दी थी।

ऑपइंडिया ने अब वो केस ढूँढ निकाला है जिसमें अदनान को UP ATS ने गिरफ्तार किया था और बाद में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्पेशल NIA कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।

ISIS आतंकवादी ने ज्ञानवापी केस में ‘काफिर’ जज को मारने की दी थी धमकी

दिल्ली स्पेशल सेल ने अब जिस ISIS आतंकी मोहम्मद अदनान को गिरफ्तार किया है, उसने ज्ञानवापी केस से जुड़े एक जज को धमकी दी थी। उसने इंस्टाग्राम पर लिखा, “THE KAFIRS BLOOD IS HALAL FOR YOU THOSE WHO FIGHT AGAINST YOUR DEEN.” तस्वीर में जज की आंखों के ऊपर लाल रंग में ‘KAFIR’ लिखा हुआ था।
FIR के मुताबिक, मोहम्मद अदनान ने अतिरिक्त जिला जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) बरेली, रवि कुमार दीवाकर की फोटो शेयर की थी, जिन्होंने 2022 में विवादित ज्ञानवापी ढाँचे के वीडियोग्राफिक सर्वे का आदेश दिया था।
UP ATS की FIR में लिखा है, “उनके विचारधारा से जुड़े लोग ज्ञानवापी केस सुन रहे जज को मारने के लिए प्रेरित हो रहे हैं और ये पोस्ट दूसरी धर्मों वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा रही है और वर्गों के बीच दुश्मनी व नफरत फैलाने के लिए राष्ट्रविरोधी गतिविधियाँ की जा रही हैं।”

जमानत देते वक्त कोर्ट ने क्या कहा था?

स्पेशल NIA जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 26 सितंबर 2024 को मोहम्मद अदनान को जमानत दी। उन्होंने जमानत देने के दो मुख्य कारण बताए। पहला ये कि अदनान पर लगा अपराध 7 साल से कम सजा वाला था। वो जून 2024 से जेल में था, इसलिए उसे जमानत का हक था।
दूसरा कारण ये था कि उसका कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था।
अदनान पर IPC की धारा 153A, 115 और 506 के साथ UAPA की धारा 13 लगी थी। उस केस में जमानत मिलने के बाद उसने कथित तौर पर चरमपंथी गतिविधियाँ फिर शुरू कर दीं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम और दूसरी प्लेटफॉर्म्स पर चैनल बनाकर चरमपंथी सामग्री पोस्ट की और समान विचार वाले लोगों की भर्ती की। उसने सीरिया में बैठे हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी से संपर्क होने की बात भी कबूल की।

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