‘बाबरी हमारी, मुगल हमारे बाप-दादा’: सिवान में बोला पढ़ा-लिखा मुसलमान, राम मंदिर का निर्माण गलत; राममन्दिर का विरोध करने वाले हिन्दुओं को डूब मरना चाहिए

                                                                  बिहार के मुगलपुत्र
बिहार के सिवान में ऑपइंडिया की यात्रा दौरान अनुराग मिश्रा ने कॉलेज पढ़े मुस्लिम युवकों से बात की। एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने कहा, “राम मंदिर तोड़कर बनाया गया, बाबरी मस्जिद हमारी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था ना?” दूसरा MA पास युवक बोला, “मुगल हमारे पूर्वज हैं, औरंगजेब ने हिंदू मंदिर तोड़े तो क्या गलत किया? वो इस्लाम फैला रहे थे।”

शहाबुद्दीन को लेकर सब एक स्वर में बोले, “साहेब गरीब मुसलमानों के मसीहा थे, ऊँची जाति वालों से लड़ते थे।”

राम मंदिर पर गुस्सा साफ था। एक टीचर ने कहा, “हिंदू हमेशा मुसलमानों को दबाते हैं, राम मंदिर इसका सबूत है।” लोग मुगलों को गौरवशाली योद्धा बताते हैं और राम मंदिर को अन्याय।

मुस्लिम कट्टरपंथियों की इस बात को सुन अयोध्या में रामजन्मभूमि मन्दिर का विरोध करने वाले सारे हिन्दुओं को शर्म आनी चाहिए। जो अपने पुरुषोत्तम श्रीराम मंदिर का विरोध कर रहे थे। वही स्थिति काशी, मथुरा और अन्य धार्मिक स्थलों की हैं। इन सनातन विरोधी हिन्दुओं को मुसलमानों से सीखना चाहिए कि किस तरह कब्जाए स्थान को अपना हक़ जमाया जाता है। और तुम बेशर्म अपने धार्मिक स्थलों का विरोध करते हो। क्या तुम्हारे पूर्वजों ने यही संस्कार दिए। उनकी आत्माएं भी तुम्हे कोसती होंगी कि हमारी संतानें सनातन विरोधी हो गयी हैं।  

ग्राउंड रिपोर्ट में साफ है – सिवान के पढ़े-लिखे मुस्लिम अभी भी बाबरी को अपनी जमीन और मुगलों को अपना इतिहास मानते हैं।


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