मोकामा हिंसा मामले में देर रात अनंत सिंह गिरफ्तार, पटना पुलिस एक्शन में आई: EC ने अधिकारियों का किया तबादला, कई सस्पेंड

                                  जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह गिरफ्तार ( फोटो साभार-it)
बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल और बिहार ऐसे राज्य हैं जिनमे माफिया और दबंगों का बोलबाला रहा है। उत्तर प्रदेश में तो योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से स्थिति काफी हद तक काबू में आ गयी है। लेकिन बंगाल और बिहार में जब तक योगी की तरह राज्य सरकारें सख्त नहीं होंगी दबंगों का बोलबाला ख़त्म नहीं होगा। बंगाल में पहले वामपथियों के संरक्षण में दबंग फलफूल रहे थे और अब ममता बनर्जी की छत्रसाया में। 

बिहार में इतने सालों से नितीश कुमार मुख्यमंत्री हैं क्यों नहीं दबंगों पर योगी की तरह कार्यवाही की? फिर कहा जाता है कि नितीश के सुशासन में बिहार विकास कर रहा है। लेकिन कोई पार्टी ऐसी नहीं जिसने दबंगों को चल रहे विधानसभा चुनाव में टिकट न दिया हो। जब अपने आपको ईमानदार का प्रमाण लिए फिर पार्टी ही अपराधियों को टिकट देगी अपराध ख़त्म नहीं हो सकता। फिर चुनाव आयोग अपराधियों(चाहे जमानत पर हो) के नामांकन क्यों स्वीकार करती है? जेलों में बंद अपराधी चुनाव लड़ते हैं, क्यों?      

बिहार के मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह को शनिवार (1 नवंबर 2025) देर रात गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पूछताछ के लिए पटना लाया गया है।

पटना पुलिस ने मोकामा से जदयू उम्मीदवार और पूर्व विधायक अनंत सिंह को जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की गुरुवार को हुई हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में पुलिस शनिवार रात करीब 11.10 बजे बाढ़ पहुँची। यहाँ के कारगिल बाजार में अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे।

पुलिस की टीम ने उनसे बातचीत की और देर रात हिरासत में लेकर बाढ़ उनके घर पहुँची। पूछताछ के बाद अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और देर रात ही पटना लाया गया।

जनसुराज समर्थक दुलारचंद की हत्या को लेकर दायर एफआईआर में अनंत सिंह का भी नाम है। वह पुलिस की जाँच के घेरे में हैं।

पुलिस ने मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि ये लोग दुलारचंद यादव की हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद थे। तीनों को जल्द ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।

पटना के पास मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान फेफड़े में चोट और कई पसलियों में फ्रैक्चर के कारण दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। गुरुवार को जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय उन पर हमला करने का आरोप लगा था।

पटना के डीएम त्यागराजन देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी दी। इस दौरान पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा, “पुलिस ने दुलार चंद यादव की हत्या के सिलसिले में तीन लोगों – अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ़्तार किया है।”

 उन्होंने आगे कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और शुरुआती जाँच से पता चलता है कि यह हत्या का मामला है।”

एसएसपी ने आगे कहा कि शुरुआती जाँच में दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प का पता चला है, जिसके बाद यादव का शव बरामद किया गया। दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई और जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना के समय अनंत सिंह अपने साथियों के साथ मौके पर मौजूद थे। अनंत सिंह और उनकी पत्नी नीलम देवी पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का भी आरोप है।

अनंत सिंह का नाम एफआईआर में दर्ज

पुलिस ने घटना से संबंधित 3 एफआईआर दर्ज की थी और दो लोगों को गिरफ्तार किया था। दुलारचंद यादव के पोते द्वारा दर्ज कराई गई एक एफआईआर में अनंत सिंह समेत 5 लोगों के नाम हैं। दूसरी एफआईआर अनंत सिंह गुट द्वारा दर्ज की गई थी, जबकि तीसरी एफआईआर पुलिस ने अपनी जाँच के आधार पर दर्ज की थी।

सिंह ने आरोप लगाया था कि यह हमला पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने कराया है। वह आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी के पति हैं।

सिंह ने दावा किया, “हम लोगों से मिल रहे थे और वोट माँग रहे थे, तभी एक अन्य उम्मीदवार के समर्थकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। मैंने अपने समर्थकों से कहा कि वे जवाब न दें और आगे बढ़ गए। सूरजभान के लोगों ने हमारे वाहनों पर हमला किया। दुलार चंद ने सबसे पहले हाथ उठाया। यह पूरा खेल सूरजभान सिंह द्वारा खेला जा रहा है।”

चुनाव आयोग ने लिया एक्शन

चुनाव आयोग ने मोकामा में यादव की हत्या से जुड़ी हिंसा को कड़ा रुख अपनाते हुए इस मामले में बाढ़ के SDO चंदन कुमार को हटा दिया है। इनकी जगह पर 2022 बैच के IAS अधिकारी आशीष कुमार को भेजा गया है। इसी तरह बाढ़ के SDPO-1 राकेश कुमार को भी हटा दिया है। इनकी जगह CID के डीएसपी आनंद कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा बाढ़-2 के अनुमंडल पुलिस अधिकारी अभिषेक सिंह को भी निलंबित करने का निर्देश दिया है।

शनिवार(नवम्बर 1) को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बताया, “आयोग ने निर्देश दिया है कि पटना के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विक्रम सिहाग का भी तबादला किया जा सकता है। इसलिए, उनके स्थान पर किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति के लिए अधिकारियों का एक पैनल तत्काल भेजा जाए।”

अधिकारियों को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए।

बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

No comments: