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बिहार : साथियों ने हाथ-पाँव पकड़ा, काज़िम अंसारी ने ताबतोड़ घोंपा चाकू… धराया VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता का हत्यारा

             पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (बीच में) के पिता जीतन सहनी (दाएँ) का हत्यारा निकला काज़िम अंसारी (बाएँ)
बिहार के पशपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री रहे मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या दरभंगा के सुपौल बाजार स्थित जीरात मोहल्ले स्थित उनके आवास पर कर दी गई थी। अब इस मामले में हत्यारे काज़िम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। 70 वर्षीय जीतन सहनी का उनके घर में ही शव मिला था और सामान अस्त-व्यस्त थे। काज़िम अंसारी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने 2022 में 1 लाख रुपए और फिर 2023 में 50,000 रुपए सूद पर लिया था।

इस तरह काज़िम अंसारी ने 70 वर्षीय जीतन सहनी से सूद पर डेढ़ लाख रुपए उधार ले रखे थे। इन्हीं पैसों को लेकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। पैसों के अभाव में काज़िम अंसारी की दुकान बंद हो गई थी, बेरोजगार होने के बाद उसने 4% मासिक ब्याज पर अपनी जमीन गिरवी रखी हुई थी। वो पैसा नहीं चुका पा रहा था। 12 जुलाई को वो अपने साथी मोहम्मद सितारे उर्फ़ छेदी के साथ जीतन सहनी के पास गया था। उधर के हिसाब की बात करते हुए वो ब्याज की रकम कम करने और जमीन वापस लेने की बातें कर रहे थे।

इस दौरान दोनों में झगड़ा हो गया। मौके पर मौजूद मोहम्मद छेदी और VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी के चचेरे भाई प्रमोद ने इसकी पुष्टि की है। फिर काज़िम अंसारी ने अपने साथियों के साथ मिल कर अपने लोन का कागज़ात जबरन छीनने की साजिश रची, इसके लिए घटना की रात उसने 10-11 बजे के बीच रेकी भी की थी जो CCTV में कैद है। रात के करीब डेढ़ बजे ये लोग पीछे के दरवाजे से घर में घुसे। इन्होंने जीतन सहनी को जगा कर अपने लोग के कागज़ात वापस माँगे।

‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, जीतन सहनी ने इन्हें गाली देना शुरू कर दिया। काज़िम अंसारी ने उन पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया, जबकि उसके साथियों ने जीतन सहनी का हाथ-पाँव पकड़ रखा था। इन्होंने घर में रखी अलमारी को भी पानी में फेंक दिया, क्योंकि इन्हें न चाभी मिली न इनके कागज़ात। इन्होंने सोचा कि इससे ये उधार चुकाने से बच जाएँगे। वारदात के समय उसने जो कपड़े पहने थे, उन्हें भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। उस पर फारेंसिक जाँच में खून मिला है। इधर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी सांत्वना देने के लिए मुकेश सहनी के आवास पर पहुँचे।

बिहार : ‘बिस्तर पर आ जाओ, SHO बना दूँगा’: DSP फैज़ अहमद खान

बिहार पुलिस का DSP फैज़ (साभार- X/@times_keshav)
बिहार के कैमूर जिले में अपनी अधीनस्थ महिला सब-इंस्पेक्टर का यौन शोषण करने वाला डिप्टी एसपी सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबित DSP का नाम फैज़ अहमद खान है जिस पर महिला दरोगा को अपने साथ सोने का ऑफर देने का आरोप है। इसके बदले आरोपित ने पीड़िता को SHO बनाने का लालच दिया था। निलंबन की यह कार्रवाई सोमवार (18 दिसंबर, 2023) को हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सस्पेंड हुआ DSP फैज़ अहमद खान कैमूर के मोहनिया में SDPO के पद पर तैनात था। कैमूर जिले में ही तैनात एक महिला सब-इंस्पेक्टर ने सीनियर अधिकारियों को फैज़ अहमद के खिलाफ शिकायत दी थी। इस शिकायत में बताया गया था कि फैज़ अहमद खान लगातार उनको व्हाट्सएप्प पर अश्लील मैसेज भेजता था। इन संदेशों में वह पीड़िता को अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने पर SHO के पद पर प्रमोशन का लालच दिया करता था। थोड़े समय बाद पीड़िता सब-इंस्पेक्टर का ट्रांसफर हो गया।

आरोप है कि ट्रांसफर के बावजूद आरोपित DSP महिला दरोगा को परेशान करता रहा और अनैतिक संबंधों का दबाव बनाता रहा। पीड़िता ने अपने आरोपों के साथ DSP के खिलाफ सबूत भी पेश किए थे। पीड़िता दरोगा की शिकायत पर कैमूर जिले के पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा ने जाँच कमेटी गठित की। 3 सदस्यों की इस कमेटी में महिला SDM और महिला थाना प्रभारी शामिल थीं। इस कमेटी ने दोनों पक्षों का बयान लिया और सबूतों की जाँच की। अंतिम जाँच रिपोर्ट में आरोपों को सही पाया गया।

IG शाहाबाद की इसी रिपोर्ट पर आखिरकार DSP फैज़ अहमद खान को सोमवार को सस्पेंड कर दिया। बिहार सरकार के गृह मंत्रालय ने इस बावत नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। आखिरकार कैमूर के SP ने यह जाँच रिपोर्ट शाहबाज़ रेंज के IG नवीन चंद्र झा को भेजी। IG शाहाबाद ने शासन से DSP फैज़ अहमद खान को सस्पेंड कर के कहीं और ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश की। बताते चलें कि इससे पहले इसी साल सितंबर माह में कैमूर के ही भभुआ जिले में इंस्पेक्टर राजकुमार पर एक महिला सिपाही ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इन आरोपों के चलते इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था।

बिहार : क्या होटल के बाहर सरकारी बदमाशों ने फाड़ डाले बागेश्वर बाबा के पोस्टर? क्या मुस्लिम अधिवेशन के पोस्टर फाड़ने पर फुटेज के बावजूद पुलिस खाली हाथ रहती?

पटना में फिर फाड़े गए बाबा बागेश्वर के पोस्टर 
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार की राजधानी पटना के करीब नौबतपुर में हनुमंत कथा सुना रहे हैं। इस बीच एक बार फिर उनका पोस्टर फाड़ने की घटना सामने आई। धीरेंद्र शास्त्री जिस होटल में रुके हुए हैं, उसके पास में ही यह पोस्टर लगा हुआ था। इस घटना पर आयोजकों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

दरअसल, बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पटना के पनाश होटल में रुके हुए हैं। इस होटल के पास लगे एक पोस्टर को अज्ञात लोगों द्वारा फाड़ दिया गया। हालाँकि इसके बाद पोस्टर की मरम्मत कर उसे सही कर दिया गया। लेकिन इस घटना से आयोजकों और बाबा बागेश्वर के भक्तों के बीच आक्रोश व्याप्त हो गया है। वे आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। इस मामले में आयोजकों ने पुलिस से शिकायत भी की है। हालाँकि अब तक कोई कार्रवाई सामने नहीं आई।

पोस्टर फाडे जाने से हिन्दुओं के मन में सरकार के विरुद्ध हिन्दू विरोधी छवि मुखरित होनी शुरू हो गयी है। उनका मानना है कि अगर किसी मुस्लिम अधिवेशन के पोस्टर फाड़े जाने पर cctv फुटेज होने के बाद भी उत्पादितों को नहीं पकड़ती? इसे सरकार की विफलता कही जाए या हिन्दू विरोध? 

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पटना पहुँचने से पहले भी कई जगहों पर उनके पोस्टर फाड़े गए थे। रात के अंधेरे में पोस्टर फाड़ने वालों की हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई थी। हालाँकि, फुटेज हाथ लगने के बाद भी पुलिस अब तक आरोपितों तक नहीं पहुँच पाई है।

बिहार सरकार के मंत्रियों ने किया था बाबा की कथा का विरोध

धीरेंद्र शास्त्री की कथा की जानकारी सामने आने के बाद राजद नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने एयरपोर्ट पर ही धीरेंद्र शास्त्री का घेराव करने की धमकी दी थी। यही नहीं, उन्होंने अपने धर्म निरपेक्ष सेवक संघ (DSS) के सदस्यों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इन तस्वीरों को भी बागेश्वर सरकार के विरोध में तैयारियों के रूप में देखा जा रहा था।
यही नहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर यादव ने तो उन्हें जेल में डालने की बात कह दी थी। उन्होंने कहा था, “बाबा बागेश्वर अगर गंदे काम करने आएँगे तो बिहार इजाजत नहीं देगा, अगर नफरत फैलाने आए हो तो आडवाणी भी जेल गए थे, और लोग भी जाएँगे। बागेश्वर बाबा हो या कोई बाबा हों, उनके पास कोई तिलस्म या चमत्कार नहीं है।”
धीरेंद्र शास्त्री 13 मई 2023 से 17 मई 2023 तक 5 दिवसीय हनुमंत चरित्र सुनाएँगे। 5 दिवसीय कार्यक्रम में हर दिन शाम को 4 बजे से लेकर 7 बजे तक कथा का आयोजन होगा। 15 मई को धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार लगाएँगे। इसमें बिना टोकन और नंबर के भक्तों की अर्जी सुनी जाएगी।

बिहार : आधी रात घर में घुस किसानों पर पुलिस की बर्बरता

बक्सर में आक्रोशित किसानों का प्रदर्शन, पुलिस ने पीटा (फोटो साभार: ANI)
बिहार के बक्सर में पुलिस की बर्बरता के बाद शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान उग्र हो उठे हैं। पुलिस की प्रताड़ना से नाराज किसान सड़क पर उतर आए। किसानों ने बसों व पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। जानकारी मिली है कि कई किसानों को हिरासत में लिया गया है। चौसा में पावर प्लांट के लिए ली गई भूमि के मुआवजे को लेकर किसान काफी समय से धरना दे रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर तथाकथित किसानों द्वारा महीनों सड़क जाम कर जनता को परेशान किया, 26 जनवरी को लाल किले पर उपद्रव करने पर दिल्ली पुलिस और केंद्र में मोदी सरकार ने बहुत ही संयम से काम लिया था, 

क्यों भड़के किसान?

मुआवजे को लेकर कई दिनों से किसान धरना दे रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने आधी रात को धरना दे रहे किसानों के घरों में घुसकर उनके साथ मारपीट की। दावा है कि पुलिस रात 12:00 बजे के करीब किसानों के घरों में दाखिल हुई और सोते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया। जो भी सामने दिखा, उस पर जमकर लाठियाँ तोड़ी गईं। किसानों का दावा है कि उन्होंने पुलिस की बर्बरता अपने स्मार्टफोन में रिकॉर्ड कर ली है। बेरहमी से लाठियाँ बरसाते बिहार पुलिस के जवानों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं।

लाठी चर्ज पर पुलिस का पक्ष

आधी रात को किसानों के घर में घुसकर लाठीचार्ज पर पुलिस का कहना है कि पावर प्लांट कंपनी एसजेवीएन ने कुछ किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस रात्रि में उन्हें पकड़ने गई थी। पुलिस का कहना है कि पहले किसानों ने हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। किसानों को परिवार (महिलाओं-बच्चों) के सामने ही पीटा गया।

ताज़ा हालात क्या हैं?

पुलिस की पिटाई के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए। नाराज किसानों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है। आक्रोशित किसानों ने पावर प्लांट में भी बवाल काटा। किसानों ने पावर प्लांट में जमकर तोड़-फोड़ की और आग लगा दिया। खबर है कि किसानों ने पुलिस पर भी हमला किया है। हमले में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। साथ ही जानकारी मिली है कि पुलिस ने कुछ किसानों को हिरासत में लिया है। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा जा रहा है और जल्द ही हालात काबू में कर लिए जाएँगे।

क्या है मामला ?

दरअसल, चौसा में वर्ष 2010-11 से पहले ही बनारपुर गाँव में पावर प्लांट बनाने के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया था। किसानों को 2010-11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया गया। कंपनी ने वर्ष 2022 में जमीन अधिग्रहित करने का काम शुरू किया। किसान अब वर्तमान दर से जमीन का मुआवजा माँग रहे हैं। किसानों का आरोप है कि पावर प्लांट बनाने वाली कम्पनी एसजेवीएन पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जमीन हथिया रही है। इसे लेकर किसान तकरीबन 2 महीनों से धरना दे रहे हैं।

बिहार : डॉ इकबाल अंसारी के घर में चल रहा था हथियारों का कारोबार: तस्करों ने खोला राज

                                                                                                                      साभार- न्यूज़ अंग बिहार
बिहार पुलिस ने भागलपुर जिले से अवैध हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 2 तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों से हुई पूछताछ के दौरान एक मस्जिद के बगल वाले घर से बंदूकों को बनाने वाली फैक्ट्री भी मिली है। इस घर के मकान मलिक का नाम डॉक्टर मोहम्मद इकबाल अंसारी और फैक्ट्री चलाने वाले का नाम मोहम्मद फैज़ल है। स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने यह कार्रवाई शुक्रवार (23 दिसंबर 2022) को की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छापेमारी भागलपुर के नाथनगर थानाक्षेत्र में हुई है। पहले की कार्रवाई में पुलिस ने 1 दर्जन अवैध हथियारों के साथ 2 तस्करों को गिरफ्तार किया था। दोनों तस्कर हथियारों के साथ ट्रेन पकड़ने जा रहे थे। इनमें से एक नवगछिया का संजय कुमार और दूसरा मुंगेर का गुड्डू शर्मा है। दोनों ने पूछताछ में बड़ी मस्जिद के पास चम्पा नगर मोहल्ले में हकीम शाह लेन में एक घर में बनी फैक्ट्री से उन हथियारों को खरीदने की जानकारी दी।

पुलिस ने बताए गए मकान पर छापा मारा तो वहाँ मिनी गन बनाने की फैक्ट्री मिली। मौके पर पुलिस को मकान मालिक का बेटा मीकाईल मिला जिसे हिरासत में ले लिया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। इस बीच फैज़ल को पुलिस कार्रवाई की भनक लग गई थी और वो फरार हो गया। उसकी तलाश में छापेमारी चल रही है। बताया जा रहा है कि फैज़ल लगभग 2 साल से इस फैक्ट्री को किराए के मकान में चला रहा था।

पुलिस को बरामद हुए हथियारों की तस्करी का नेटवर्क बंगाल और झारखंड से जुड़े होने का शक है। पुलिस के मुताबिक उन्हें हथियारों की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। हर पिस्टल 9500 रुपए का रेट तय हुआ था। फैज़ल को 50 हजार रुपए पेशगी के तौर पर मिले थे। बाकी पैसे हथियार बिकने के बाद मिलने की बात हुई थी। पुलिस ने फैज़ल के घर पर भी दबिश दी लेकिन वो वहाँ नहीं मिला। बताया जा रहा है कि फैज़ल ने पहले अपने घर से भी अवैध हथियारों की सप्लाई की है।