ISI के लिए जासूसी कर रहे वकील रिजवान को नूंह पुलिस ने दबोचा, पाकिस्तान भेजी थी संवेदनशील जानकारी: गुरुग्राम में कर रहा था वकालत की प्रैक्टिस

                             जासूसी के आरोप में वकील रिजवान गिरफ्तार (साभार: हिंदुस्तान)
दिल्ली ब्लास्ट के बाद से जैसे-जैसे छानबीन हो रही है शायद ही कोई दिन जाता हो कि कोई न कोई गद्दार पुलिस और गुप्तचर एजेंसियों के हत्ते लग जाता है। ये तो मात्र ऊंट के मुंह जीरे के समान है। पाकिस्तान कोई ऐसे ही मार खाने के बाद भी आए दिन आंख दिखाता रहता है, क्योकि उसको मालूम है कि बिना तनखाह के भारत में उसके फौजी तैनात है। पुलिस और जाँच एजेंसियों को पाकिस्तानपरस्त नेताओं की भी गहन निगरानी करनी होगी। जैसे 1965 इंडो-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने की थी। एक बात जो गंभीरता से सोंचने और समझने की है वो है जितना भारत में कांग्रेस और विपक्ष कमजोर हो रहा है पाकिस्तान भी उतना ही कमजोर हो रहा है। हाथ में कटोरा आ गया। जिससे शक होता है कि ये ही विपक्ष अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की आर्थिक सहायता कर रहा हो। हाथ में कटोरा आने का मतलब साफ है कि कमाई बंद हो गयी। शक गलत भी हो सकता है। 

फिर मदनी जैसे सिरफिरे कट्टरपंथी कहते हैं कि मुसलमानों को जानबझ कर निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल, जब शोभा यात्राओं और मन्दिरों पर हो रही पत्थरबाज़ी की आड़ में हो रहे प्रयोग पर पुलिस और इंटेलिजेंस को इनकी गहनता से जाँच कर हरकत में आना चाहिए था। कौन ऐसी हरकतों के लिए धन लुटा रहा है? कौन पत्थर सप्लाई कर रहा है? हर कोई यह कहकर टालता रहा कि हिन्दुओं ने यात्रा में भड़काऊ नारेबाजी की। माना हिन्दुओं ने भड़काऊ नारेबाजी की, लेकिन किसी ने यह नहीं पूछा कि एकदम इतना पत्थर कहाँ से आ गया? इसका मतलब साफ था कि यह पूर्व नियोजित षड़यंत्र था जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया। खैर, देर आए दुरुस्त आए।          

हरियाणा की नूंह पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में गुरुग्राम की कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील रिजवान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रिजवान को दो दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाँच में संदिग्ध गतिविधियों और कुछ डिजिटल सबूत सामने आने के बाद उसके खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।

वकील के एक साथी को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आशंका है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है और इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो सकता है।

बुधवार (26 नवंबर 2025) की सुबह पुलिस और केंद्रीय जाँच एजेंसी की टीम नूंह के गाँव खरखड़ी पहुँची और मौके से रिजवान को पकड़ा। अधिकारियों का कहना है कि रिजवान पर संवेदनशील और गोपनीय सूचनाएँ ISI तक पहुँचाने का संदेह है।

यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र के राजाका गाँव के अरमान और कांगरका गाँव के तारीफ को मई महीने में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के दौरान पाकिस्तानी मुद्रा और कई संदिग्ध सामान बरामद हुए थे। 

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