
एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) की तरफ से ‘एंबिशंस बियॉन्ड ग्रोथ’ शीर्षक से जारी की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि 2019 में पाकिस्तान की जीडीपी की वृद्धि दर इस क्षेत्र में सबसे कम 4.2% रहने का अनुमान है। जबकि इसी वर्ष बांग्लादेश की जीडीपी 7.3%, भारत की 7.5%, मालदीव और नेपाल की 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
पाकिस्तान में पर्यावरणीय पतन खतरनाक स्तर तक पहुँच चुका है, जो कि विकास की उपलब्धियों के लिए खतरा बन रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी कहा था कि पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में सुस्त होकर 3.9% रहेगी। एडीबी ने ‘व्यापक आर्थिक चुनौतियों’ का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018 में 5.2% से गिरकर 2019 में 3.9% पर आने का अनुमान है।
एशियाई विकास परिदृश्य 2019 के अनुसार, कृत्रि क्षेत्र में सुधार के बावजूद 2018 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ी है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की विस्तारवादी राजकोषीय नीति ने बजट और चालू खाते के घाटे को व्यापक रूप से बढ़ाया और विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान किया है। एडीबी ने कहा कि जब तक वृहद आर्थिक असंतुलन को कम नहीं किया जाता है, तब तक वृद्धि के लिए परिदृश्य धीमा बना रहेगा, ऊँची मुद्रास्फीति रहेगी, मुद्रा पर दबाव बना रहेगा।
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