'मुसलमान अगर गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो'

Image result for नरेंद्र मोदी संसद मेंआर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस दौरान मोदी ने शाह बानो मामले का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कांग्रेस के एक नेता के विवादित बयान को संसद में दोहराया
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने कहा था कि मुसलमानों के उत्थान की ज़िम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है, अगर वो गटर नें रहकर जीना चाहते हैं तो रहें
हालांकि नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान यह नहीं बताया कि यह बयान किस कांग्रेसी नेता का है जब कांग्रेस की तरफ़ से पूछा गया कि उनके किस नेता ने यह बात कही है तो मोदी ने उन्हें यूट्यूब लिंक भेज देने की बात कही
संसद में मोदी के इस बात का ज़िक्र करने के बाद यह बयान देने वाले कांग्रेसी नेता आरिफ़ मोहम्मद ख़ान सुर्ख़ियों में आ गए राजीव गांधी सरकार के वक़्त मंत्री रहे आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है
समाचार एजेंसी एएनआई से आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा, ''छह-सात साल पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मुझसे पूछा गया कि क्या मुझ पर इस्तीफ़ा (शाह बानो मामले के बाद) वापस लेने के लिए किसी तरह का दबाव बनाया गया था मैंने उन्हें बताया कि इस्तीफ़ा देने के बाद मैं अपने घर से चला गया था''
आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा, ''इसके बाद मैंने बताया था कि अगले दिन संसद में मेरी मुलाक़ात अरूण सिंह से हुई वो लगातार मुझे बोल रहे थे कि मैंने जो किया वो सैद्धांतिक तौर पर सही है लेकिन इससे पार्टी के लिए बहुत ज़्यादा मुश्किलें बढ़ जाएंगी तब नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा था, 'तुम बहुत ज़िद्दी हो. अब तो शाह बानो ने भी अपना स्टैंड बदल लिया है''
देखिए वीडियो :-
https://www.facebook.com/KapilMishraAAP/videos/2351010758299676/
ट्विटर पोस्ट @ANI: Former Union Min, Arif M Khan on PM Modi's speech in Lok Sabha  6-7 yrs ago, during a TV interview, I was asked whether any pressure was brought upon me to take back my resignation(in connection with Shah Bano case). I told them after resigning, I disappeared from my house.
सदन में मोदी ने आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के बयान का ज़िक्र किया था इस पर उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने मेरे इंटरव्यू का उल्लेख कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कब तक समाज का एक तबक़ा सत्तारूढ़ दलों को उसे धोखा देने का अधिकार देता रहेगा। यह बिलकुल साफ़ संदेश है''
ट्विटर पोस्ट @ANI: Former Union Min,Arif M Khan I further said, next morning at Parliament, I met Arun Singh who repeatedly told me I was correct morally but this would cause a lot of inconvenience to the Party. Mr Narishma Rao told me"tum bahut ziddi ho. Shah Bano ne bhi apna stand badal liya hai"
प्रधानमंत्री मोदी ने आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के जिस इंटरव्यू का ज़िक्र किया उसमें उन्होंने दावा किया था कि, ''नरसिम्हा राव जी ने ख़ुद मुझसे कहा है कि मुसलमान हमारे वोटर हैं, हम इन्हें क्यों नाराज़ करें हम इनके सामाजिक सुधारक नहीं हैं कांग्रेस पार्टी समाज सुधार का काम नहीं कर रही है हमारा रोल समाज सुधारक का नहीं है हम राजनीति के बिज़नेस में हैं और अगर ये गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो''
कई मीडिया वेबसाइटों में आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के उस पुराने इंटरव्यू से जुड़े हिस्सों को बताया गया हैउस इंटरव्यू में आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने यह भी कहा था कि शाह बानो मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बदलने के लिए राजीव गांधी पर दबाव डाला गया था
इस पूरे मामले के बाद बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान और आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के उस पुराने इंटरव्यू के एक छोटे से हिस्से को जोड़कर ट्वीट किया है
संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि वो इतने साल सत्ता में रही लेकिन उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का मौक़ा गवां दिया
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यदि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाह बानो के पक्ष में दिए निर्णय को संसद में नहीं पलटा होता, उपरोक्त 70 वर्षीय वृद्धा इस उम्र में तलाक का दर्द नहीं झेलना पड़ता।  
सच्चाई यही है कि कांग्रेस ने कभी मुसलमान तो क्या देश की अन्य जातियों एवं धर्म का भला नहीं चाहा। कांग्रेस ने हमेशा, विशेषकर मुस्लिम समाज को, मात्र एक वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। ठीक वही स्थिति अन्य पार्टियों की भी है। अक्सर अपने लेखों में लिखता रहा हूँ कि कोई पार्टी मुस्लिम तो क्या समाज हितैषी नहीं। आज तीन तलाक का कांग्रेस क्यों विरोध कर रही है? इस विरोध को हर मुसलमान को ठंठे दिमाग से सोंचना होगा। 
आज अयोध्या, काशी और मथुरा विवादित क्यों हैं? उसकी भी जिम्मेदार कांग्रेस ही है। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने शाह बानो के पक्ष में आए निर्णय को संसद के माध्यम से बदला था, तब हिन्दुओं के विरोध को रोकने के लिए रामजन्मभूमि के ताले खुलवाए गए थे, और जब कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा कुरान के विरुद्ध दायर एक पीआईएल का निर्णय कुरान के विरुद्ध आते देख, उस निर्णय को बदलने के एवज में राममन्दिर का शिलान्यास करवा दिया। जब जगह विवादित थी, फिर किस आधार पर शिलान्यास करवाया गया था? 
ज्ञात हो, कांग्रेस के समर्थन से बनी अल्प कालीन चन्द्रशेखर सरकार ने अयोध्या मुद्दा हल करने जा रही थी, कांग्रेस ने सूचना मिलते ही तुरन्त समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी थी, यानि कांग्रेस ने न हिन्दू हित में और न ही मुस्लिम हित में काम किया। विपरीत इसके इन दोनों फिरकों को लड़वा राज करती रही। 
भारत के वास्तविक इतिहास को धूमिल कर मुग़ल आतताइयों का गुणगान किया जाता रहा। इस्लामिक आतंकवादियों को संरक्षण देने की खातिर बेकसूर हिन्दुओं और इनके साधु, संत और साध्वी को हिन्दू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद के नाम पर जेलों में डाल हिन्दू धर्म को कलंकित किया। 
फिर राहुल, प्रियंका का दादा और सोनिया गाँधी का ससुर फिरोज गाँधी के पारसी मुस्लिम था, ये लोग कभी अपने दादा/ससुर की मज़ार पर तो जाते नहीं और हिन्दुओं को भ्रमित करने मन्दिरों में जाते हैं। अपने-आपको हिन्दू बताते हैं।          

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