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तुर्की दौरे की योजना पर लगाया ब्रेक |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के दौरे पर तुर्की जाने वाले थे लेकिन वहाँ के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के ख़िलाफ़ दिए गए बयान को भारत ने गंभीरता से लिया है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। यहाँ तक कि एफएटीएफ (फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स) की पेरिस में आयोजित बैठक में भी तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया। इससे पहले तुर्की, चीन और मलेशिया के समर्थन के कारण ही पाकिस्तान एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होने से बच गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर 27-28 को सऊदी में एक बड़े निवेश समिट में भाग लेने जा रहे हैं। वो वहीं से तुर्की जाने वाले थे। हालाँकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस दौरे को अभी तक अंतिम रूप दिया ही नहीं गया था, इसीलिए दौरा कैंसल करने वाली बात उठती ही नहीं। पीएम मोदी इससे पहले 2015 जी-20 समिट में भाग लेने तुर्की गए थे। तुर्की के राष्ट्रपति भी जुलाई 2018 में भारत दौरे पर आए थे। लेकिन, तुर्की के राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में ‘भारत द्वारा मानवाधिकार हनन’ की बातें कर के दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी।
Narendra Modi will not go ahead with a planned visit to Ankara this year to show displeasure over the Turkish President’s comments on India revoking autonomy of Kashmir, reports say https://t.co/1jrcUgmxLd— Bloomberg (@business) October 20, 2019
We are deeply concerned at the unilateral military offensive by Turkey in north-east #Syria. Turkey’s actions can undermine stability in the region and the fight against terrorism. Its action also has the potential for causing humanitarian and civilian distress.— Raveesh Kumar (@MEAIndia) October 10, 2019
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी तुर्की की आलोचना की थी। तुर्की की राष्ट्रपति को भेजे गए एक अजीबोगरीब पत्र में उन्होंने धमकी दी थी कि अगर वो एक डील पर सहमत न हुए तो तुर्की की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया जाएगा। भारत ने भी तुर्की को लताड़ लगाते हुए सलाह दी थी कि जम्मू कश्मीर पर बिना परिस्थितियों को समझे किसी देश के पूर्णरूपेण आंतरिक मुद्दे पर नकारात्मक टिप्पणी करना सही नहीं है। हालाँकि, तुर्की ने कुर्द पर बमबारी का सिलसिला अभी रोका नहीं है और वहाँ के राष्ट्रपति को कई हत्याओं का जिम्मेदार माना जा रहा है।
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