सुन्नी वक्फ बोर्ड ने राजीव धवन को अयोध्या केस से हटाया

अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत मुस्लिम पक्ष की ओर से जिरह करने वाले सीनियर वकील राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है. राजीव धवन ने खुद फेसबुक पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी है.
राजीव धवन ने फेसबुक पर लिखा-'जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं, लेकिन जो वजह दी गई है वह गलत है. कहा जा रहा है कि मुझे केस से इसलिए हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं है. ये बिल्कुल गलत है.'
अयोध्या केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल
सोमवार को अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहली पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई. मुस्लिम पक्षकार एम सिद्दीकी ने 217 पन्नों की पुनर्विचार याचिका दाखिल की. एम सिद्दीकी की तरफ से मांग की गई कि संविधान पीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए, जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन को राम मंदिर के पक्ष दिया था. याचिका में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट नहीं बनाने की भी अपील की गई है. याचिका में कहा गया कि इस मामले में पूर्ण न्याय तभी होता जब मस्जिद का पुनर्निर्माण होगा.

अयोध्या पर 9 नवंबर को आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई  की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला विराजमान के हक में फैसला दिया है. सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह मस्जिद के लिए सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को अयोध्‍या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन मुहैया कराए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर के लिए 3 महीने में एक्शन रिपोर्ट बनाकर निर्माण कार्य शुरू करने का आदेश दिया है.

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