आर.बी.एल.निगम
जिस प्रकार पानी बिन मछली तड़पती है, ठीक वही स्थिति नागरिकता कानून बनने के बाद मोदी विरोधियों की होने के कारण धरने एवं प्रदर्शन से देश में अराजकता फैला रहे हैं।
सच्चाई यह है कि इस कानून बनने के बाद से मोदी ने इनके बैंक को तिरसनस कर दिया है। इन्हीं लोगों के दम पर नगर निगम से लेकर संसद तक पहुँचते थे। यही कारण है कि जिस पाकिस्तान ने विश्व में अलग-थलग कर दिया, उसी के चरणों में जाकर माथा टेक रहे हैं, जो इन नेताओं और उनकी पार्टियों के बहुत ही शर्म की बात है। दूसरे, ये लोग चाहते हैं कि भारतीय धरती बेगुनाहों के खून से लाल हो। ताकि बेगुनाहों की लाशों पर मालपुए खाने के साथ-साथ अपनी तिजोरियां भरते रहे।
लखनऊ में धारा 144 लागू होने के बाद भी घंटाघर के पास सीएए के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन मामले में पुलिस ने मंगलवार (जनवरी 21, 2019) को 3 मामले दर्ज किए। इनमें उर्दू शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज हुआ। जानकारी के अनुसार पुलिस ने सुमैया राना और फौज़िया राना के साथ 100 से ज्यादा महिलाओं को धारा 144 का उल्लंघन करने, लोगों को भड़काने जैसे आरोपों में हिरासत में लिया। जिसके बाद मुनव्वर राना ने मीडिया के सामने आकर सरकार को चेतावनी दी और कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का रवैया बेहद गलत है।
मुनव्वर राना ने कहा, “एक तरफ तो सरकार तीन तलाक के मामले में कहती है कि ये हमारी बेटियाँ हैं। दूसरी ओर जब वे अपना हक माँग रही हैं, प्रदर्शन कर रही हैं तो कभी उन्हें कंबल नहीं दिया जाता, खाने को छीन लिया जाता है। बच्चे दूध से बिलख रहे हैं।” मुनव्वर राना ने कहा, “मैं सरकार को चेतावनी देते हुए अपना एक शेर फिर से कहता हूँ कि एक आँसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आँखों का समंदर होना।”
मुनव्वर राणा वही व्यक्ति है जिसने #award vapsi गैंग अपना अवार्ड वापस किया था, लेकिन ईमानदार इतने थे, कि पुरस्कार के साथ मिली राशि नहीं, धन अपनी जेब के रख लिया और अवार्ड वापस कर जनता को भ्रमित किया। क्या ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित कहा जा सकता है?
पुलिस ने इस मामले के संबंध में जिन लोगों खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं। उनमें से 24 लोग नामजद व 140 अज्ञात हैं। एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि धारा 144 के चलते प्रदर्शन पूरी तरह असंवैधानिक है। घंटाघर के सामने पिछले चार दिनों से महिलाएँ अपने बच्चों के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
मंगलवार (जनवरी 21, 2020) को ठाकुरगंज थाने में दर्ज हुई पहले एफआईआर में दारोगा सेठ पाल सिंह ने मोईनउद्दीन, रसूक अहमद, शबी फातिमा, साफिया, हफीजा और 138 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 283 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। साथ ही इस एफआईआर में 20 वाहनों का भी जिक्र हैं। जिनके कारण घंटाघर के आसपास जाम लगा।
अवलोकन करें:-
इस मामले में दूसरी एफआईआर ठाकुरगंज थाने में तैनात दारोगा कैलाश नारायण त्रिवेदी ने लईस हसन और नसरीन जावेद के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 505 1बी के तहत दर्ज करवाई है। वहीं , तीसरी एफआईआर में थाने में तैनात महिला सिपाही ज्योति कुमारी ने शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैय्या राना, फौजिया राना, रुखसाना, शबी फातिमा और 10 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 352 के तहत ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
जिस प्रकार पानी बिन मछली तड़पती है, ठीक वही स्थिति नागरिकता कानून बनने के बाद मोदी विरोधियों की होने के कारण धरने एवं प्रदर्शन से देश में अराजकता फैला रहे हैं।
सच्चाई यह है कि इस कानून बनने के बाद से मोदी ने इनके बैंक को तिरसनस कर दिया है। इन्हीं लोगों के दम पर नगर निगम से लेकर संसद तक पहुँचते थे। यही कारण है कि जिस पाकिस्तान ने विश्व में अलग-थलग कर दिया, उसी के चरणों में जाकर माथा टेक रहे हैं, जो इन नेताओं और उनकी पार्टियों के बहुत ही शर्म की बात है। दूसरे, ये लोग चाहते हैं कि भारतीय धरती बेगुनाहों के खून से लाल हो। ताकि बेगुनाहों की लाशों पर मालपुए खाने के साथ-साथ अपनी तिजोरियां भरते रहे।


मुनव्वर राणा वही व्यक्ति है जिसने #award vapsi गैंग अपना अवार्ड वापस किया था, लेकिन ईमानदार इतने थे, कि पुरस्कार के साथ मिली राशि नहीं, धन अपनी जेब के रख लिया और अवार्ड वापस कर जनता को भ्रमित किया। क्या ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित कहा जा सकता है?
पुलिस ने इस मामले के संबंध में जिन लोगों खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं। उनमें से 24 लोग नामजद व 140 अज्ञात हैं। एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि धारा 144 के चलते प्रदर्शन पूरी तरह असंवैधानिक है। घंटाघर के सामने पिछले चार दिनों से महिलाएँ अपने बच्चों के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
इस मामले में मुनव्वर राना ने दी ये तीखी प्रतिक्रिया...#MunawwarRana #CAA #UttarPradeshhttps://t.co/4h9NSI0pgy— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) January 21, 2020
मंगलवार (जनवरी 21, 2020) को ठाकुरगंज थाने में दर्ज हुई पहले एफआईआर में दारोगा सेठ पाल सिंह ने मोईनउद्दीन, रसूक अहमद, शबी फातिमा, साफिया, हफीजा और 138 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 283 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। साथ ही इस एफआईआर में 20 वाहनों का भी जिक्र हैं। जिनके कारण घंटाघर के आसपास जाम लगा।
अवलोकन करें:-
इस मामले में दूसरी एफआईआर ठाकुरगंज थाने में तैनात दारोगा कैलाश नारायण त्रिवेदी ने लईस हसन और नसरीन जावेद के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 505 1बी के तहत दर्ज करवाई है। वहीं , तीसरी एफआईआर में थाने में तैनात महिला सिपाही ज्योति कुमारी ने शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैय्या राना, फौजिया राना, रुखसाना, शबी फातिमा और 10 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 352 के तहत ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
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