बेंगलुरु दंगा : कर्नाटक सरकार ने दिए न्यायिक जाँच का आदेश

बेंगलुरु दंगा न्यायिक जाँच
कर्नाटक गृहमंत्री बसवराज बोम्मई
बेंगलुरु की सड़कों पर उग्र मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ पत्थर चलाते हुए और जम कर तोड़-फोड़ करती हुई नज़र आई। अब कर्नाटक की राज्य सरकार और प्रशासन दंगाइयों पर कार्रवाई करने की पूरी तैयारी कर चुका है। राज्य सरकार ने इस मामले में न्यायिक जाँच के आदेश जारी कर दिए हैं।
न्यायिक जाँच का फैसला कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुराप्पा, गृहमंत्री बसवराज बोम्मई और पुलिस अधिकारियों की बैठक में लिया गया था। इस जाँच की अगुवाई मजिस्ट्रेट करेंगे। बेंगलुरु के पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाक़ों में हुए इन दंगों में 3 लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही कई लोग घायल भी हुए हैं।  
कर्नाटक के गृहमंत्री बोम्मई ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “बेंगलुरु में हुई दंगों की न्यायिक जाँच होगी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तमाम नीति-निर्देशों को मद्देनज़र रखते हुए पूरे घटनाक्रम की जाँच मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी। इस जाँच के बाद षड्यंत्र रचने वाले असल आरोपित सामने आएँगे।”
मंगलवार की शाम कांग्रेस विधायक अखंडा श्रीनिवास मूर्थी के आवास पर हज़ारों मुस्लिमों की भीड़ इकट्ठा हुई। कुछ ही देर में भीड़ ने पूरे घर को तबाह कर दिया। इसके बाद डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाने पर भी जम कर तोड़ फोड़ की। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में कुल 3 लोगों की जान गई थी और 6 लोग घायल हुए थे। दंगे की घटनाओं में 60 पुलिसकर्मी घायल हुए थे जिसमें से 15 नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती हैं। 
बेंगलुरु दंगा प्लानिंग
बेंगलुरु में हुए दंगों का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। इस वीडियो में केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से आत्मरक्षा के लिए गोली चलने की इजाज़त मांग रहे थे। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि इस्लामियों की अनियंत्रित भीड़ पुलिस वालों पर टूट पड़ती है। हालात इतने भयावह हो जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति माँगी।
जिस पर अधिकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि वह भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जो ज़रूरी समझें वह करें। वीडियो में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा “आपको जो सही लगे वह करिए! इस समय आपको कोई और नहीं बचा सकता है। आपको अपनी सुरक्षा खुद से ही करनी होगी।” टीवी 9 द्वारा प्रसारित इस वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे कट्टरंथी मुसलमानों की भीड़ ने पूरे बेंगलुरु शहर को आग में झोंक दिया।
इसके अलावा कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार (अगस्त 12, 2020) को कहा था कि राज्य सरकार बेंगलुरु हिंसा की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। बोम्मई ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और वाहनों को नुकसान की भरपाई क्षति पहुँचाने वाले दंगाइयों को करना होगा। 
अब आरिफ साहब के इस पुराने वीडियो को गंभीरता से सुनिए, 
सूत्रों के अनुसार, चर्चा यह भी हो रही है कि केवल क्षति भरपाई नहीं, बल्कि दंगे में मारे गए लोगों के परिवारों का भी खर्चा इन दंगाइयों से करवाने की बात पर भी चर्चा हो सकती है, किसी महीने न देने पर ब्याज सहित भुगतान करवाने का प्रावधान हो। अपने परिवार से पहले उस पीड़ित परिवार को खर्चा देना होगा। ताकि भविष्य में कोई दंगा करने से पहले आत्म मंथन करे। अगर क्षति के साथ इस बात पर सहमति बनती है, तो यह कदम देश में साम्प्रदायिक दंगे रोकने में सहायक होगा। 
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साभार : News18 पूर्वी बेंगलुरु में पुल्केशी नगर के कांग्रेस विधायक अखं...
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मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा, “मैं संपत्ति की वसूली को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा करना चाहता हूँ कि सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई उन व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए जिन्होंने नुकसान पहुँचाया है। हम तुरंत कार्रवाई करने जा रहे हैं। हम व्यक्तियों की पहचान कर रहे हैं और नुकसान का आकलन कर रहे हैं। इसके बाद दंगाइयों द्वारा नुकसान की वसूली की जाएगी।”
हजारों मुसलमानों की भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया, डीसीपी सहित पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी गई। विधायक विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर में तोडफ़ोड़ और उनकी गाड़ियों को आग लगा दी,आसपास के इलाकों में दंगे शुरू हो गए, पुलिस मूकदर्शक और खुद को बचाती दिखी। फिर भी 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं एवं इसमें कितने पुलिसकर्मी, हिन्दु मरे, कितने घरों को आग लगाई, कितने लूटे इनके आँकड़े कल तक मिल सकेगें।
यहाँ विधायक तथाकथित दलित है (दृष्टि में मात्र हिन्दु है) परन्तु देखिए यहाँ एक भी दलित चिंतक इन जेहादियों के इस दंगा फसाद पर नहीं बोलेगा। अब सोचना यह है कि भारत, सनातन संस्कृति - सभ्यता - धरोहर और खुद हिन्दु क्या इन जेहादियों के बीच जिंदा रह सकता है?
वे कमलेश तिवारी की हत्या कर देते हैं हम क्या कर पाते हैं ? वे राम, कृष्ण , ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सीता, सरस्वती सबको गाली दे जाते हैं और हम मूकदर्शक रहते हैं। हम तो इस अपमान के खिलाफ दो शब्द लिखने में भी काँप जाते हैं। इधर खुलेआम  एक बेशर्म प्रधानमंत्री घोषणा कर गया कि भारत के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
"वे जितने आक्रामक हैं, हमें मिटाने को हम उतने ही निश्चिंत हैं, भाईचारा निभाने को।" 
क्योंकि हमें भरोसा है - पुलिस पर, सरकार पर, न्यापालिका पर, मीडिया पर बेशक ये सब हमें कश्मीर, पंजाब, बंगाल, केरल, मेवात आदि आदि में बचा न सकें हों।

पर अधिकांशतः हिंदुओं को ये बातें राजनैतिक, साम्प्रदायिक और महत्वहीन लगती हैं।

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