उत्तर प्रदेश : ‘भारत को खंडित करके ‘उर्दूस्तान’ बनाओ, लाल किले पर PM मोदी को नहीं फहराने देंगे झंडा’; FIR दर्ज

Modi unfurls national flag at Red Fort - Window To News
लाल किले पर झंडा फहराते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (प्रतीकात्मक) 
अगस्त 5 को अयोध्या में शिलान्यास होने के बाद से जो उपद्रवियों द्वारा कुछ नेताओं और पार्टियों के इशारे पर देश में अराजकता फैलाकर सौहार्द ख़राब करने का प्रयास कर रहे हैं, इसका इतिहास जानने के लिए ज्यादा दूर नहीं केवल 1947 में हुए बंटवारे के समय पाकिस्तान जाते मुसलमानों द्वारा लगाए जा रहे नारों "हंस के लिया पाकिस्तान, लड़के लेंगे हिन्दुस्तान" को स्मरण करना होगा। और उन नारों को स्मरण कर इनका समर्थन कर रहे नेताओं और पार्टियों की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनका भारत प्रेम एक ढोकला है, अन्यथा भारत विरोधी गतिविधियों पर शुरू से ही सख्ती दिखाई होती आज यह स्थिति नहीं होती, जिन परिस्थितियों से भारत झूझना पड़ रहा है। 
CAA विरोध के नाम पर आर्थिक जिहाद की माँग
 विरोधी मुसलमानों को स्वामी रामदेव, रिलायंस,अम्बानी और अडानी के उत्पादों के बहिष्कार करने के लिए बोल सकते हैं, लेकिन आज तक किसी में चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं हुई, जहाँ पर अब नए कुरान लिखे जाने की कवायद शुरू होने के अलावा इस्लाम पर इतनी पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं, जिसका समय-समय पर अपने ब्लॉग में उल्लेख भी करता रहा हूँ। यदि इसका एक प्रतिशत भी भारत में हो रहा होता, CAA से कहीं अधिक चीख-पुकार हो रही होने के साथ-साथ सारे मानवाधिकार वाले भी शोर मचा रहे होते। लेकिन चीन में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर सब खामोश हैं, क्यों? इस बात को विश्व भी जनता है कि मुसलमान जितना सुरक्षित भारत में है, कहीं और नहीं।
कुछ दिनों पहले तक कई खबरें आये दिन आती थी जिसमे मुस्लिम कट्टरपंथी कहते थे की हम वन्दे मातरम नहीं कहेंगे, और कई घटनाओं में तो जन गन मन का भी विरोध किया गया, पर इन दिनों देश भर में यही तत्व तिरंगा लेकर चल रहे है और राष्ट्रगान गा रहे है
असल में ये एक सोची समझी चाल है और इस बात को खुद मुस्लिम पत्रकार अरफा खानुम ने स्वीकार किया है, जहाँ सभी धर्म के लोग होते है वहां पर सेकुलरिज्म, देशभक्ति की बात करो, पर जहाँ पर सभी मुसलमान हो वहां पर इस्लामिक हुकूमत की बात करो
अरफा खानुम का विडियो सामने आया है जिसमे वो मुसलमानों की भीड़ के आगे बोल रही है और बता रही है की कुछ समय के लिए हमे भारत के प्रति वफादारी दिखानी है, हमे तिरंगा लहराना है, राष्ट्रगान भी गाना है पर ये चीज सिर्फ तब तक जब तक हम इस्लामिक सोसाइटी यानि भारत में इस्लाम की हुकूमत न ले आये। (विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे लिंक को क्लिक करिये)
गोधरा पर सियापा करने वाले ये नेता और पार्टियां तुष्टिकरण के आगे देश को विभाजित करने वाली ताकतों का तन,मन और धन से साथ देने में संकोच तक नहीं कर रहे। देखिए प्रमाण : इन नेताओं की मानसिकता उस समय भी जगजाहिर हो गयी थी, जब ये जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश को तोड़ने वाले "टुकड़े-टुकड़े गैंग" का समर्थन करने पहुँच गए थे। 
दूसरे जब नागरिकता संशोधक कानून के विरोध में हिन्दुत्व विरोधी, देश का इस्लामीकरण करने(देखिए नीचे दिया लिंक), मोदी और योगी की कब्र खोदने के नारे लगाए जा रहे थे, किसी ने इन आपत्तिजनक नारों का विरोध नहीं किया। क्यों? जबकि ये अराजकता और हिन्दू विरोधी हरकतें करने वाले हिन्दुओं के सामने कुछ और उनके पीछे अपने असली मकसद पर चर्चा करते थे। और न ही कोई #not in my name, #award vapasi, #intolerence और गंगा-जमुना तहजीब आदि का ढोंग करने वाला कोई गैंगस्टर तक एक शब्द नहीं बोला। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि ये गैंगस्टर देश विरोधियों के बिकाऊ गुलाम हैं और ये लोग अपनी तिजोरी भरने के लिए किसी हद तक जा सकते हैं। इनकी बला से कितने बेगुनाहों की जानें जाती हैं। सरकार को चाहिए ऐसे तत्वों पर केवल कार्यवाही ही नहीं, इनके परिवार में सभी(बच्चों से लेकर परिवार के वरिष्ठ तक) के बैंक खाते और व्यवसाय की जाँच करनी चाहिए।      
शिलान्यास के बाद से गुलाम मानसिकता वाले उपद्रव करने में लगे हुए हैं, जिन्हे मीडिया भी इतना महत्व नहीं दिया जा रहा। अब उत्तर प्रदेश लखनऊ में शनिवार (अगस्त 8, 2020) की दोपहर तब अचानक से हड़कंप मच गया, जब पत्रकारों को विदेशी नम्बरों से फोन कॉल्स आने लगे। 12 बजे के बाद करीब 3 बजे तक ये सिलसिला चला। फोन कॉल्स का लोकेशन यूनाइटेड स्टेट्स और एटलांटा बता रहा था। साथ ही ये फोन कॉल्स पर ‘यूसुफ अली’ का नाम दिखा रहा था। इन फोन कॉल्स में अयोध्या के राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर धमकियाँ दी जा रही थीं।
साथ ही मुसलमानों को भी भड़काया जा रहा है। अपील की जा रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध किया जाए और राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर मुसलमानों को भी भड़काया जा रहा है। लोगों को किए गए फोन कॉल्स में कहा गया कि भारत के मुसलमान मिल कर अब एक अलग देश ‘उर्दूस्तान’ की माँग करें, जो भारत को खंडित कर के बनाया जाएगा। पत्रकारों ने तुरंत इस बात की शिकायत कराई।



Image may contain: 1 person, beard, text that says 'शांति दूत" के महान विचार सुनिए-- अमप्रकाश भारत आसानी से इस्लामिक देश बनाया जा सकता को से संतानें पैदा करनी संतानें भले ही भूखी- रहें लेकिन वोट तो दे ही सर्कैगी।अपने वोटों से हम अपने MLA, MP, cm, PM चुनेंगे| फिर 50% जनसंख्या होने पर लोकतंत्र समाप्त कर शरिया कानून लागू कर दिया जाएगा| इसके बाद हम गैरमजहबी लोगों को खदेड़ कर उनकी संपत्ति और औरतों पर अधिकार कर लेंगे और अमीर हो जाएंगे जैसा कि कश्मीर में हुआ| लेकिन यह सब बड़े गोपनीय तौर पर करना है| उन्हें सबकुछ स्वाभाविक लगना Dr Zakir Naik'
लखनऊ स्थित हजरतगंज पुलिस स्टेशन में इसे लेकर मामला दर्ज किया गया है। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि पत्रकारों के अलावा कई अन्य लोगों को भी फोन कॉल्स से वॉइस मैसेज प्राप्त हुए, जिसमें 15 अगस्त को होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोहों को लेकर धमकाया जा रहा है और साथ ही देश की एकता को खंडित किए जाने वाली बातें की जा रही हैं। इस मामले में FIR दर्ज हो गई है।
पांडेय ने आश्वासन दिया कि इस मामले में पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। यूएपीए और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। हालाँकि, कई पत्रकारों ने इंटरनेशनल नम्बर देख कर कॉल नहीं उठाया था। लेकिन, लखनऊ में यूपी इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट से जितने भी पत्रकार जुड़े हुए हैं, उन सभी को फोन कॉल्स आए। उत्तर प्रदेश में सैकड़ों पत्रकारों को ये कॉल्स आए।
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कहा गया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर के राम मंदिर बनाया जा रहा है, इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर झंडा नहीं फहराने दिया जाएगा। साथ ही उदाहरण देते हुए भड़काया गया कि जिस तरह से सिख एक अलग खालिस्तान की माँग कर रहे हैं, उसी तरह से मुसलमानों को भारत से कट कर एक अलग देश उर्दूस्तान के लिए प्रयास करना चाहिए। इसमें खालिस्तान का भी समर्थन किया गया।

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