ब्रिटेन के सांसदों जॉन मैक्डोनल, किम जॉनसन, बेल रिबेइरो-एडी और पॉला बेकर शामिल हैं। इन सभी ने मिल कर UNHRC के प्रमुख मिशेल बाचेलेत से कहा है कि वे हाथरस मामले में एक अन्तरराष्ट्रीय जाँच बिठाएँ और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद ‘महिलाओं, खासकर दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहें कि वो मुख्यमंत्री योगी को तुरंत बर्खास्त करें।
इन संस्थाओं ने UNHRC को लिखे पत्र में कहा है कि हाथरस मामले को एक अलग अपराध की तरह नहीं देखना चाहिए, बाकि इसे ‘दलितों और महिलाओं पर हो रहे क्रमबद्ध हमलों’ के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें भारतीय मीडिया के ही गिरोह विशेष के नैरेटिव को हवा देते हुए दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जबरदस्ती पीड़िता के शव को रात में ही जला दिया, जबकि परिवार इसके विरुद्ध था।
क्या मैं बेटी नही हूँ #Rajasthan #RajasthanHorror pic.twitter.com/WGodPHOV30
— Anamika Jain Amber (@anamikamber) October 4, 2020
साथ ही लिखा गया है कि हाथरस मामले के 24 घंटे के भीतर ही राज्य में बलात्कार के 3 बड़े मामले आए। हालाँकि, इसमें बलरामपुर वाली घटना की चर्चा नहीं है, जहाँ शाहिद और साहिल नामक दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। भदोही में एक 14 साल की लड़की के बलात्कार के बाद हत्या और आजमगढ़ में 8 साल के मासूम के बलात्कार की घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त करने की माँग की गई है।
The letter asks the UN to urge Modi to dismiss #YogiAdityanath and to set up an international inquiry into the #Hathras atrocity and the epidemic of rapes and crimes against Dalit women in UP #HathrasProtest
— SouthAsia Solidarity (@SAsiaSolidarity) October 3, 2020
इस पत्र को लिखने की पहल अमृत विल्सन ने की, जो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हैं और लंदन में रहते हैं। वे ‘साउथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप (SASG)’ से जुड़े हुए हैं। इस काम में उनका साथ दिया है ‘कास्ट वाच यूके’ ने। अमृत विल्सन खुद को ब्रिटेन और दक्षिण एशिया में जाति व लैंगिक भेदभाव का विशेषज्ञ मानते हैं और ‘एक्टिविस्ट’ भी कहते हैं। इस वर्ष फ़रवरी में वो कोलकाता भी आए थे। SASC लगातार ट्विटर पर इसे लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने में लगा है।
उन्होंने TOI से कहा कि हाथरस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जिस तरह से ‘हाथरस में इस भयावहता को अंजाम दिया है’, उससे दुनिया भर के दलित और महिला एक्टिविस्ट्स आक्रोशित हैं। उन्होंने शनिवार (अक्टूबर 3, 2020) को कहा कि सीएम योगी को तो सत्ता से बेदखल होना ही चाहिए लेकिन अंततः मोदी सरकार ही है, जिसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
जब पूछा गया कि रेप तो अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि 2016 के बाद से सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएँ उत्तर प्रदेश में हुई हैं, जो 16% हैं। उन्होंने योगी सरकार को ‘हिन्दू सुप्रीमेसिस्ट गवर्नमेंट’ करार देते हुए कहा कि उनके द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण मुस्लिम और दलित डर कर रहते हैं। लंदन की आर्किटेक्ट सोफ़िया करीम ने भी इस पर हस्ताक्षर किया है, जो भारत की सरकार को फासिस्ट कहती हैं।
अवलोकन करें:-
हाथरस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, “दोषियों को सजा देना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है।” सीएम ने कहा, “लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस किसी भी हद तक जा सकती है और सरकार सजा देने के कानूनी तरीकों में भी बदलाव कर सकती है।” उन्होंने कहा कि एक तरफ, हमें दोषियों के साथ सख्त रहना पड़ता है तो दूसरी तरफ, हमें पीड़ितों के साथ नरमी बरतनी चाहिए।
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