ज़हर उगल कर माफ़ी मांगने वाले मौलानाओं की वजह से कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार नहीं बल्कि देश में साम्प्रदायिक दंगे होते हैं। और जब कोई कपिल मिश्रा या अनुराग बोलता है, इनके समर्थक victim card खेलते हुए सारा दोष कपिल और अनुराग पर डाल मज़लूम, गरीब और नादान साबित करने की कोशिश करते हैं। सरकार को ऐसे मौलानाओं पर माफ़ी मांगने के बावजूद सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, क्योकि माफ़ी से पहले ज़हर तो फैला चुके होते हैं। साभार- JK मीडिया
जम्मू कश्मीर के राजौरी के एक मौलवी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह खुदा की कसम खाते हुए हिंदुओं के मिट जाने का ऐलान करता है। मौलवी फारूक कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files)’ नाम की फिल्म को बैन करने की माँग करता है। इस वीडियो के वायरल होने और उसके खिलाफ कार्रवाई की माँग होने पर उसने प्रतिक्रिया है। मौलवी का कहना है कि वह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार के खिलाफ बोला है।
कानूनी कार्रवाई को देखते हुए एक अन्य वीडियो में सफाई देते हुए मौलवी फारूक ने कहा, “आज से दो रोज पहले जुमे की खुतबे (धार्मिक भाषण) में ये कश्मीर फाइल्स के नाम से एक मूवी बनाई गई है, जिसमें हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों के ऊपर जुल्म दिखाया गया है, उस सिलसिले में हमने मौजूदा हुकूमत से एक मुतालबा (अनुरोध) किया था कि इस तरह की फिल्में समाज में इंतसार का सबब होती हैं।”
Rajouri के मौलवी ने पहले #TheKashmirFiles पर ऊँगली नफरत और फिर मांगी माफ़ी pic.twitter.com/lGTQvU9a8i
— Ashish Kohli ॐ🇮🇳 (@dograjournalist) March 27, 2022
Aise konsi mafi hoti hai Bhai.... action hona chahiye ispar..
— Akshay Kumar🇮🇳 (@AkshayK10156459) March 27, 2022
Aise hi log brainwash krte hai youth ka or terrorism phalete hai.
800 saal hume hakumat ki aur inko abi 70 saal hi hue hai ...
Ya kesi Aman weli baat thi
Aise to koibi ulta sida bolkr mafi Maan lega
भाईजान जिस कश्मीरी पंडितों का आप जिक्र कर रहे है कि वो j&k की शान है, ये तो बताओ कि वो कश्मीर के अपने घरों में क्यों नही है और उनकी वापसी के लिए 50 लाख कश्मीरी जनता ने क्या प्रयास किया है #jkmedia #zeenews #ArvindKejriwal #aajtak
— Jugal Kishore (@Jugals1984) March 27, 2022
उन्होंने कहा, “उसमें (खुतबे में) हमने मौजूदा हुकूमत से मुतालबा किया था कि वो ऐसी ‘फिलम’ पर पाबंदी लगाए। हमारा न किसी मजहब को, ना किसी तबके को टारगेट करना है, बल्कि मैं तो ये कहता हूँ कि कश्मीरी पंडित हमारे जम्मू-कश्मीर की शान हैं, आन हैं, बान हैं और उनके बगैर जम्मू-कश्मीर अधूरा है। मेरे बयान को शायद किसी के समझने में, क्योंकि मेरी तकरीर में किसी जात से कोई मतलब नहीं है। मेरा हुकूमत से इस बात का मुतालबा था।”
मौलवी कश्मीरी पंडितों को भाई बताते हुए माफी के दौरान भी फिल्म को एकतरफा करार दिया और कहा, “इसमें एक रूख दिखाया गया है। कश्मीरी पंडित हमारी भाई हैं, इसलिए उनके खिलाफ वाली कोई बात नहीं है।”
उन्होंने कहा कि अगर उनका जुमला कि किसी के समझ में ना आया हो तो वे एक ‘वसी उल कल्बी’ (बड़े दिल का) आदमी हैं, इसलिए माफी माँग रहे हैं। मौलवी कहा कि वे अमन का ही पैगाम देते हैं। उन्होंने किसी मजहब या जाति के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार से सवाल किया था।
जुमे की तकरीर में क्या था मौलाना ने
राजौरी के मौलवी साहब का कहना हैः
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 26, 2022
“यह फ़िल्म बंद होनी चाहिए… हमनें ८०० साल तुम पे हुकूमत की तुम ७० साल की हुकूमत में हमारा निशान मिटाना चाहते हो…”
दोस्तों, बिलकुल इसी तरह कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं का नाम ओ निशान मिटा दिया गया था। pic.twitter.com/Xm2SZJuxU9
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