उत्तर प्रदेश : चुनाव आयोग का अखिलेश से सवाल : ‘कहाँ से काट दिए यादव-मुस्लिमों के 20 हजार वोट?’

                                  साभार: द इकोनॉमिक टाइम्स

मोदी-योगी विरोधियों को आरोप लगाने के लिए ठोस सबूत रखने चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद हुए चुनावों में भाजपा समर्थित मौहल्ले के मौहल्ले वोटर लिस्ट से गायब थे। Organiser Weekly के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित मेरी रपट शीर्षक "Lakhs of BJP voters deleted from voter list" का किसी ने न खंडन किया था और न ही चुनाव आयोग ने साप्ताहिक को कोई नोटिस दिया था। जबकि उस समय कांग्रेस के लिए सहानुभूति थी, ऐसे समय में राजीव गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए इस काम को अंजाम दिया। यह भाजपा विरोधियों के साथ-साथ चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप था। लेकिन उसके बाद हुए चुनाव में सबकुछ ठीकठाक हो गया, कैसे?  

भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 27 अक्टूबर 2022 को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में, निर्वाचन आयोग ने अखिलेश यादव से उत्तर प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट की मतदाता सूची से 20 हजार यादव और मुस्लिम वोटों को हटाने के आरोपों को लेकर सबूत पेश करने के लिए कहा है। सबूत पेश करने के लिए अखिलेश यादव को 10 नवंबर तक का समय दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गत 29 सितंबर को लखनऊ में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया था। जहाँ, अखिलेश यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को भाजपा के इशारे पर काम करने वाला करार दिया था।

अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें चुनाव आयोग पर सबसे अधिक भरोसा था लेकिन चुनाव आयोग ने बीजेपी और उसके पन्ना प्रमुखों के इशारे पर लगभग हर विधानसभा सीट पर यादवों और मुसलमानों के कम से कम 20,000 वोट काट दिए। उन्होंने कहा था कि वह पहले भी कह चुके हैं और अब फिर कह रहे हैं अगर जाँच होती है तो पता चलेगा कि उनके 20 000 वोट खारिज कर दिए गए और कई लोगों के नाम हटा दिए गए। कुछ लोगों को एक बूथ से दूसरे बूथ पर ट्रांसफर कर दिया गया।

अखिलेश ने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश में जो सरकार बनी है, वह जनता की बनाई हुई नहीं है। यह सरकार आपसे छीनी गई है। सरकार समाजवादियों की बन गई थी लेकिन पूरी की पूरी मशीनरी लगाकर आपकी सरकार छीनी गई। इलेक्शन कमीशन ने बीजेपी के इशारे पर सपा के वोटरों के वोटर लिस्ट से नाम काट दिए।

इस मामले में अब संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर विधानसभावार मतदाताओं के नाम हटाने और इस संबंध में समाजवादी पार्टी की ओर से जिला व राज्य चुनाव प्राधिकरण को की गई शिकायतों का ब्योरा देने को कहा है।

इस नोटिस में चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से 20,000 मतदाताओं को हटाने के संबंध में समाजवादी पार्टी की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। साथ ही, तमाम जिलों और उत्तर प्रदेश राज्य के चुनाव अधिकारियों ने भी उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं दी है।

इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वोटर लिस्ट से अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति समुदायों के लगभग 10,000 मतदाताओं को हटाने के संबंध में केवल एक शिकायत प्राप्त हुई थी। यह शिकायत अलीगंज विधानसभा क्षेत्र के सपा उम्मीदवार द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी से गई थी। जिसकी जाँच के बाद शिकायत आधारहीन, निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत पाई गई थी।

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