दिल्ली : AAP सरकार के पटाखा प्रतिबंध की लोगों ने उड़ा दी धज्जियाँ

                       केजरीवाल सरकार के बैन के बावजूद लोगों ने धड़ाधड़ शेयर की पटाखा फोड़ने की तस्‍वीरें
देश भर में दिवाली का जश्न जारी है और हिंदुओं के इस प्रमुख त्‍योहार में पटाखा फोड़ने की परंपरा रही है। हालाँकि, गत कई वर्षों से पटाखों पर बैन है ओर इस संबंध में कई याचि‍काएं कोर्ट में यह कहकर खारिज की जाती रहीं हैं क‍ि इससे प्रदूषण में बढ़ोतरी होगी। जबकि दिवाली से पहले ही प्रदुषण लगभग 300 तक पहुँच चूका था। प्रदुषण हो या कोरोना केजरीवाल कुछ करने की बजाए भाजपा या उपराज्यपाल पर ही दोषारोपण करते रहे हैं। केजरीवाल भाषण के अलावा कुछ काम करने में पूर्णरूप से असमर्थ होने के कारण ही अपने पास एक भी मंत्रालय नहीं रखा, क्यों? वैसे हमारा मीडिया भी कुछ कम नहीं। दिवाली पर आतिशबाज़ी से बड़े प्रदुषण पर चीख-पुकार करने वाला मीडिया बकरा ईद पर कहाँ था? जब बकरे अथवा भैसे के गंद को न उठाए जाने के कारण घरों में बैठना मुश्किल हो रहा था। लेक‍िन, आम जनमानस ने सरकार और कोर्ट का फैसला पूरी तरह मान ल‍िया, ऐसा होता तो बिल्‍कुल भी नहीं दिख रहा। सोशल मीडिया यूजर्स अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली  सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए दिल्ली में पटाखे जलाने के वीडियो और तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं।

जिस तरह देर रात तक दिल्ली में आतिशबाज़ी हुई है, ऐसा नहीं कि इसमें भाजपाई ही थे, हर तरफ होती आतिशबाज़ी से साफ़ दिख रहा है, इसमें सभी शामिल थे। जबकि सोशल मीडिया पर केजरीवाल समर्थक सारा दोष भाजपा पर डाल अपना बचाव करते हुए बच्चों को आगे करने पर आपत्ति भी कर रहे हैं। लेकिन बच्चों और महिलाओं को आगे कर सियासत करने का रास्ता दिखाने वाली भी आम आदमी पार्टी है। CAA विरोध हो या किसान आंदोलन, दुनियां ने देखा। CAA धरने में तो कड़कती ठंठ में दूध पीते बच्चों तक को लेकर ड्रामा किया गया था। 

ट्विटर पर यूजर्स ने हैशटैग #DhuaHuaKejriwal का इस्तेमाल किया और तस्वीरें और वीडियो शेयर किए। शेयर किए गए विजुअल दिल्ली के लग रहे हैं, लेक‍िन ऑपइंडिया समय की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका। एक यूजर श्रवण बिश्नोई ने लिखा, “कथित तौर पर दिल्ली आज धमाल मचा रही थी…हर हर महादेव।”

एक अन्य यूजर गौरव ने लिखा, “औरंगजेब के बेटे को अपना साहस दिखाने के लिए दिल्ली का धन्यवाद ।” इसके साथ ही गौरव ने आकाश में आतिशबाजी का एक वीडियो साझा किया।

ट्विटर यूजर मयंक सिंह ने लिखा, ”#CrackerBan my foot अरविंद केजरीवाल, एक दिन दिवाली सेलेब्रेशन के बदले पराली और दिल्ली वाहन प्रदूषण पर अपना ज्ञान दें।” मयंक ने #DhuaHuaKejriwal हैशटैग के साथ पटाखे फोड़ते हुए एक वीडियो ट्वीट किया।

एक यूजर अनुश्री ने पटाखा फोड़ते हुए वीडियो शेयर क‍िया और लिखा, “हैप्‍पी दिवाली। अरविंद केजरीवाल और दोस्तों को समर्पित!”

भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी ट्विटर पर केजरीवाल पर तंज कसते हुए लिखा, “अरविंद केजरीवाल कह रहे थे कि फुलझड़ियाँ जलाने पर हिंदुओं के बच्चों को 6 महीने के लिए जेल भेज दिया जाएगा, बच्चों ने धज्जियाँ उड़ा दी केजरीवाल की।”

दिल्ली सरकार ने खराब वायु गुणवत्ता का हवाला देते हुए राज्य में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 19 अक्टूबर को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों का निर्माण, भंडारण और बिक्री एक दंडनीय अपराध है। उन्होंने आगे कहा कि इन गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 5,000 रुपये का जुर्माना और छह महीने की जेल की सजा हो सकती है। यहां तक कि दिवाली पर पटाखे खरीदने और फोड़ने पर 200 रुपये का जुर्माना और छह महीने की जेल हो सकती है।

जहां तक पटाखों से वायु प्रदूषित होने की थ्‍योरी है, दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता के लिए केवल एक दिन पटाखा फोड़े जाने को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता। पड़ोसी राज्यों, विशेषकर पंजाब में पराली जलाने की वजह से यह समस्‍या विकराल रूप लेती है। अक्टूबर के मध्य में होने वाली कटाई के बाद पराली जलाने से वायू प्रदूषक कण राष्ट्रीय राजधानी की ओर आ जाते हैं जिससे दिवाली के आसपास वायु की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रदूषित हो जाती है।

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