जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा तस्वीर (बाएँ), नीतू रोहरा उर्फ नसरीन तस्वीर (दाएँ), (फोटो साभार : Aajtak)
लव जेहाद कोई अचानक नहीं सामने आया। सबसे पहले 90 के दशक में केरल में सामने आया था, लेकिन तब से लेकर वर्तमान मोदी सरकार से पहले किसी भी सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते कोई कार्यवाही नहीं की। हालाँकि केरल में बीजेपी सरकार अभी भी नहीं। अब तो कोई इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर आदि लव जेहाद में हिन्दू लड़कियों को फंसा रहे हैं। उस समय के समाचारों को देखने पर देखेंगे कि निखट्टू हैंडसम लड़के हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसा आगे भेज दिया करते थे। क्योकि उनकी नौकरी चाकरी तो थी यही उनका व्यापार था। कोई भी पार्टी मुस्लिम वोटबैंक को नाराज न करने के चक्कर कोई कार्यवाही नहीं करती थी।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जय शंकर पिछली सरकारों के पीड़ित है। 2014 में सत्ता परिवर्तन होने से हिन्दुओं में चेतना आनी शुरू हुई है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले तक बीजेपी भी खुलकर बोलने से डरती थी। केरल तो लव जिहाद और संघ स्वयंसेवकों की हत्या का खुला दरबार था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कितने जुल्म हुए क्या बीजेपी ने कुछ किया। कांग्रेस और मुलायमसिंह यादव की समाजवादी सरकार के हर जुल्म-ओ-सितम का अकेले सामना किया कि एक बार तो भरी संसद में उत्तर प्रदेश में उन पर हुए अत्याचारों पर एक बच्चे की तरह रो भी पड़े थे।
मुसलमान को हर किसी को देखो गरीब और मजलूम कहता रहता है, लेकिन मुस्लिम क्षेत्रों में किसी हिन्दू मकान को खरीदने वाले ये ही लोग होते हैं। स्वतंत्र पत्रकारिता करते इस गंभीर समस्या पर लिखा था परन्तु किसी सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते इस अति गंभीर मसले पर कभी ध्यान नहीं दिया। केन्द्र और राज्य सरकारों को मुस्लिम क्षेत्रों में बिक चुके मकानों की भी जाँच करवानी चाहिए। जब कोई हिन्दू मकान खरीदता है उससे आयकर आदि के विवरण मांगे जाते हैं। अब एक नया ट्रेंड चला हुआ है कि बिल्डर को आगे किया हुआ है। और बिल्डर जब हिन्दू का मकान खरीद फ्लैट बनाता है फ्लैट बनने से पहले ही खरीदार निकल आते हैं। जिस दिन सरकार ने अति गंभीरता से इसकी जाँच की लव जिहाद की तरह यह रैकेट भी सामने आएगा।उत्तर प्रदेश में एक बड़े अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश ATS ने इस मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बलरामपुर के उटरौला कस्बे से गिरफ्तार किया है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले में नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह बलरामपुर के उटरौला में लंबे समय से सक्रिय था। जाँच एजेंसियों के मुताबिक, इस नेटवर्क को विदेशों से 100+ करोड़ रूपए की फंडिंग मिली है।
#WATCH | Lucknow, UP | ADGP (Law and Order), Amitabh Yash says, "STF had received information that in Uttaraula town of Balrampur district, Changur Baba aka Jamaluddin Baba who project himself as Haji Pir Jalaluddin and run a vast network of conversion. During the investigation,… pic.twitter.com/kG8fvRFQPk
— ANI (@ANI) July 5, 2025
छांगुर बाबा और उसका नेटवर्क
जमालुद्दीन खुद को हाजी पीर जलालुद्दीन बताता था। वह अपने एजेंटों के जरिए हिंदू लड़कियों को धर्मांतरण के लिए उकसाता था। जानकारी के अनुसार, इस काम के लिए लड़कियों की जाति के हिसाब से फीस तय थी।
ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपए और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपए मिलते थे।
विदेशी फंडिंग और संपत्तियाँ
ADGP(लॉ एंड ऑर्डर) ने बताया कि छांगुर बाबा ने 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। जाँच में पता चला है कि बलरामपुर में उसने कई संपत्तियाँ खरीदी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फंडिंग से जमालुद्दीन बाबा ने लग्जरी गाड़ियाँ, बंगले और शोरूम की खरीदारी की है।
गिरोह के पास 40+ बैंक खाते हैं। इनमें 100 करोड़ रूपए से अधिक का लेन-देन हुआ है। यह पैसा कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। खासकर खाड़ी देशों से फंडिंग आने की बात सामने आई है।
ब्रेनवॉश कर करवाया इस्लाम कबूल
जमालुद्दीन बाबा का नेटवर्क गरीब और असहाय लोगों को निशाना बनाता था। उन्हें पैसों और विदेश में नौकरी का लालच दिया जाता था। अगर कोई बात नहीं मानता तो उसे मुकदमे में फँसाने की धमकी दी जाती थी।
इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने और ब्रेनवॉश करने के लिए जमालुद्दीन बाबा ने ‘शिजर-ए-तैय्यबा‘ नाम से किताब भी छपवाई थी। वह खुद को पीर बाबा या हजरत बाबा नाम से बुलवाना पसंद करता था।
मुंबई के एक सिंधी परिवार का ब्रेनवाश कर इस्लाम कबूल करवाया गया था। परिवार में नवीन घनश्याम रोहरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी का नाम बदलकर जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रख दिए गया था।
लखनऊ की एक गुंजा गुप्ता हिंदू लड़की को एक मुस्लिम लड़के ने ‘अमित’ बनकर प्रेमजाल में फँसाया। फिर छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर उसका ब्रेनवॉश किया और उसे अलीना अंसारी बना दिया गया था।


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