राहुल गाँधी के झूठ का उजागर
साभार सोशल मीडिया |
कांग्रेस समर्थकों और कुछ कथित पत्रकारों ने इसे सच बताकर खूब प्रचारित किया। लेकिन जब इस वायरल स्क्रीनशॉट दावे की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही निकली। दरअसल यह कहानी 2023 के वाराणसी नगर निगम चुनाव की है और 48 बेटों वाली बात एक धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, न कि कोई गड़बड़ी।
फैक्ट चेक: क्या रामकमल दास के 48 बेटे हैं?
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वोटर लिस्ट के स्क्रीनशॉट में वाराणसी के वार्ड नंबर 51 की मतदाता सूची दिखाई गई है। इसमें एक ही पते पर रहने वाले कई मतदाताओं के पिता का नाम रामकमल दास लिखा गया है। इन सभी मतदाताओं की उम्र अलग-अलग है, जिससे यह दावा किया गया कि एक ही व्यक्ति के इतने सारे बेटे कैसे हो सकते हैं।
ये वाराणसी है…
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) August 12, 2025
50 बच्चों के पिता का नाम राजकमल दास..
सबसे छोटा बेटा राघ्वेन्द्र 28 साल का..
सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास 72 साल का.. pic.twitter.com/6488ZBwIQr
यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह लिस्ट 2023 के वाराणसी नगर निगम चुनाव की है, जिसमें 48 वोटरों के पिता के रूप में राम जानकी मठ के महंत स्वामी रामकमल दास वेदांती का नाम दर्ज है। ये सभी उनके बच्चे नहीं, बल्कि शिष्य हैं।
ये वाराणसी है, जहां 50 लोगों के पिता का नाम राजकमल दास है!
— Arshit Yadav (@imArshit) August 12, 2025
सबसे छोटा बेटा 28 का और सबसे बड़ा 72 का - ये कोई चमत्कार नहीं, वोटर लिस्ट में धांधली का खुला सबूत है।
चुनाव आयोग कब जागेगा?
लोकतंत्र मज़ाक बनता जा रहा है। #VoterFraud #VoteChori#votechoriexposed #RahulGandhi pic.twitter.com/7NgCCmNbvV
जब से बिहार में चुनाव आयोग ने SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन शुरू करने का ऐलान किया है, तभी से विपक्ष बौखला रहा है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इससे वोटिंग लिस्ट में गड़बड़ियाँ हो रही हैं। 7 अगस्त 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वोटर लिस्ट से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है।
इसी गर्मा-गर्मी में 2 साल पुरानी एक वायरल तस्वीर सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि एक ही व्यक्ति के 48 बेटे हैं। इस फोटो को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें की जा रही हैं।
असली सच्चाई क्या है?
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर खोज की। हमें कई बड़े मीडिया प्लेटफॉर्म की खबरें भी मिलीं, जिनमें दैनिक जागरण, अमर उजाला और ईटीवी भारत शामिल है। इनमें सबसे पहले मई 2023 की एक रिपोर्ट पर ध्यान गया।
वायरल तस्वीर वाराणसी की वोटर लिस्ट की है। यह लिस्ट वार्ड नंबर 51 भेलूपुर की नगर निगम चुनाव के दौरान बनी थी। इसमें एक नाम है– रामकमल दास। उन्हें 48 लोगों का पिता बताया गया है।
अब जानिए असल बात। रामकमल दास एक साधु महात्मा हैं। वह शादीशुदा नहीं हैं। वह वाराणसी के राम जानकी मठ के महंत हैं। उनके साथ जो 48 लोग रहते हैं, वे उनके बेटे नहीं बल्कि शिष्य हैं। मठ में गुरु-शिष्य परंपरा चलती है। यहाँ शिष्य अपने गुरु को पिता जैसा मानते हैं।
जब ये शिष्य वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाते हैं तो पिता के नाम की जगह गुरु का नाम लिखते हैं। इसलिए सभी ने रामकमल दास का नाम पिता के तौर पर दिया। यह कोई धोखा या फर्जीवाड़ा नहीं है।
मठ के प्रबंधक ने भी यही बात बताई। उन्होंने कहा कि ये सभी शिष्य मठ में ही रहते हैं। कुछ तो आजीवन वहीं रहते हैं। उनकी पढ़ाई के कागजों में भी पिता के नाम पर गुरु का नाम होता है। पहले लिस्ट में 150 और नाम भी थे, लेकिन बाद में कुछ हटाए गए। अब कुल 48 शिष्यों का नाम लिस्ट में है।
हमने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिस्ट भी चेक की। B, 24/19 नाम के घर में 51 वोटर्स हैं। इनमें 48 ने रामकमल दास को पिता बताया है। यह जानकारी आपको भाग-5, संख्या-725 पर मिलेगी। कई की उम्र एक जैसी है- जैसे 13 लोग 37 साल के हैं। बाकी की उम्र भी 39, 40 या 42 साल है।
रामकमल दास किसी के जैविक पिता नहीं हैं। जो नाम उनके नीचे लिखे हैं, वे शिष्य हैं, बेटे नहीं। यह परंपरा के तहत हुआ है। और यह सब कानूनी और सही तरीके से हुआ है। सोशल मीडिया पर जो बातें फैलाई गईं, वो अधूरी और भ्रामक हैं।
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