चाकूधारी को मारने के बाद तैनात पुलिस (बाएँ) और RNC में मौजूद ट्रम्प (दाएँ) (चित्र साभार; The Jerusalam Post & The Sun US)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर पेंसिलवेनिया में हुए हमले के पहले उनकी हत्या की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी सामने आई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि ईरान डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या के लिए हमला करवा सकता है। इस कारण से उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रम्प की हत्या की साजिश की यह सूचना जून महीने में प्राप्त हुई थी। इसके बाद उनके आसपास अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी। बताया गया कि यह सूचना एक मानव स्रोत के जरिए आई थी क्योंकि बीते कुछ दिनों में लगातार ईरान में ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा चल रही है।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के शासनकाल में इराक के भीतर बड़े ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी पर ड्रोन हमला हुआ था। इसमें सुलेमानी की मौत हो गई थी। यह हमला अमेरिका ने ही किया था। इसके बाद से लगातार ट्रम्प की जान को लेकर ईरान से खतरा है।
व्हाईट हाउस ने इस संबध में कहा है कि वह लगातार ट्रम्प के जीवन पर ईरानी खतरों का जायजा लेते रहते हैं। व्हाईट हाउस ने कहा कि यह खतरे ईरान की सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की इच्छा के कारण पैदा होते हैं।
ईरान ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार और द्वेषपूर्ण बताया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के एक प्रवक्ता ने इसी के साथ ट्रम्प को एक अपराधी बताया है। ईरान ने इस मामले पर कहा, “ईरान के दृष्टिकोण से, ट्रम्प एक अपराधी हैं, जिन पर जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए उन्हने उसे कानून की अदालत में दंडित किया जाना चाहिए। ईरान ने उन्हें कटघरे में लाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है।”
ट्रम्प पर हमला करने वाले हमलावर का अभी कोई ईरान कनेक्शन सामने नहीं आया है। यह खतरा अलग से ही मालूम हुआ है। गौरतलब है कि 13 जुलाई, 2024 को रैली को संबोधित करते समय ट्रम्प पर एक 20 वर्षीय हमलावर ने गोलियाँ बरसा दी थीं। उसको मौके पर ही मार गिराया गया था।