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हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र मीम बनाने वाला एंजियो फर्नांडिस हुआ गिरफ्तार,

एंजियो फर्नांडिस
अयोध्या में अगस्त 5 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास करने के बाद से राममंदिर विरोधियों द्वारा विवादित बयानबाज़ी होने पर स्मरण हो रही थी रामलीला मंचन। जिस तरह ऋषि विश्वामित्र द्वारा राम-लक्ष्मण को राक्षसों से रक्षा के लिए ले जाने से लंका विजयी करने तक अनेकों राक्षसों से युद्ध करना पड़ा था और उस युद्ध में एक से बढ़कर एक राक्षस निकल कर आ रहे थे, लेकिन राम विचलित नहीं हुए बल्कि वध पर वध कर आगे बढ़ते गए, ठीक उसी भांति हिन्दू विरोध करने वाले साम्प्रदायिक भी अपने बिलों से बाहर आ रहे हैं। 
हिन्दुओं पर और उनके देवी-देवतों पर अभद्र टिप्पणी करने पर कोई गंगा-जमुनी तहजीब का राग अलापने वाला, #intolerance, #not in my name, #mob lynching, #freedom of expression आदि कोई गैंगस्टर नहीं बोल रहा। ये सेकुलरिज्म के नाम पर जनता से छलकपट करने वाला कोई नेता भी नहीं बोल रहा, मानों वो हिन्दू नहीं। अपनी कुर्सी की खातिर जो पार्टी एवं नेता अपने देवी-देवताओं का अपमान चुपचाप सहे, क्या वह पार्टी हिन्दू वोट के हक़दार हैं? और मुफ्त की रेवड़ियां खाने के चक्कर में जो हिन्दू इन्हे वोट दे, वह वर्तमान समय में किसी जयचन्द से कम नहीं। क्यों नहीं इनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आने की बजाए इनका सामाजिक बहिष्कार किया जाए।       
सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं के ऊपर अभद्र टिप्पणी करके समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गोवा की वास्को पुलिस ने 20 साल के एंजियो फर्नांडिस को गिरफ्तार किया है।
वास्को के पुलिस अधिकारी नीलेश राणे ने शिकायतों का हवाला देते हुए बताया कि फर्नांडीस ने सोशल मीडिया पर मुस्लिम और हिंदू देवाताओं की विभिन्न अपमानजनक तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिससे कई लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची थी।
उन्होंने बताया कि वह इस मामले में आगे की जाँच कर रहे हैं और ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि कहीं एंजियों के साथ इन सबमें कोई अन्य व्यक्ति शामिल तो नहीं था।



यह गिरफ्तारी दो दिन पहले हुई थी और शिकायतकर्ताओं ने माँग उठाई थी कि एंजियो के ख़िलाफ़ सख्त से सख्त कार्रवाई हो, ताकि दोबारा कोई ऐसी हरकत न कर सके। इससे पहले गोवा के हिंदवी स्वराज संगठन के अध्यक्ष ने इस फर्नांडीस के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। फिर मुस्लिम लोगों ने भी एंजियों के खिलाफ़ केस दर्ज करवाया था।
जानकारी के मुताबिक, एंजियो फर्नांडिस फेसबुक पर अपने असली नाम के साथ और इंस्टाग्राम पर zb.dark आईडी से अकॉउंट संचालित कर रहा था। इन्हीं प्लेटफॉर्म पर वह देवी-देवताओं का अपमान करते हुए तस्वीरें पोस्ट करता था। नीचे वाली तस्वीर में हम देख सकते हैं उसने मुख्यत: हिंदुओं के भगवानों का मजाक बनाया।
फर्नांडिस द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर की गई कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही हैं। यूजर्स उसकी हरकत पर ध्यान आकर्षित करवाने के लिए इन्हें आगे बढ़ा रहे हैं। इन्ही में से एक तस्वीर में हम देख सकते हैं कि भगवान गणेश से गज-मुख से जुड़ी कहानी की तुलना ISIS की बर्बरता से करता है।
इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उस फोटो पर तंज कसता है जिसमें माता लक्ष्मी भगवान के चरणों के पास बैठी नजर आती हैं। एक अन्य फोटो में वह हिंदुओं की देवी का चित्रण ‘Fucking virus’ लिख कर करता है और उस तस्वीर में दर्शाता है कि वह कोरोना के कारण अपने कई हाथों को धुल रही हैं।
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भगवान् राम और सीता को गाली देने वाली हीर खान अल्लाह के सिवा किसी से न डरने का दावा करने वाली, पुलिस और होम गार्ड से ही...
इसी प्रकार साई बाबा की तस्वीर पर भी, “fu*k it SHY BABA” लिखता है और ‘गणपति बप्पा’ की तस्वीर के नीचे एक लड़की की अर्धनग्न तस्वीर लगाता है, साथ ही ‘गणपति मोरया’ की जगह मीम के नाम पर अभद्रता पेश करता है।

हिन्दुओं में विवाद पैदा करते फर्जी साधु-संत

शंकराचार्य होते हुए पादरियों से आशीर्वाद लेना ही
उनकी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है 
द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त को अशुभ बताया है। स्वरुपानंद सरस्वती की तरह कई साधु संत ऐसे हैं जो सनातन के नाम पर बड़े-बड़े पद पर हैं, लेकिन वे हिंदू धर्म में ही विवाद पैदा करते रहे हैं। आइए ऐसे साधुओं के बारे में जानते हैं, जो धर्म की आड़ में सियासत का खेल खेलते हैं। 
स्वरूपानंद सरस्वती
1. तमाम साधु-संतों ने विचार करके राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जिस पांच अगस्त को शुभ घड़ी बताया उसे स्वरूपानंद सरस्वती ने अशुभ बता दिया। बाद में जब साधु संतों ने शास्त्रार्थ की चुनौती दी तो वे भाग खड़े हुए।
2. कांग्रेस की भाषा बोलने स्वरूपानंद सरस्वती वही शंकराचार्य हैं जो मिशनरियों से जाकर आशीर्वाद लेते हैं।
3. स्वरूपानंद सरस्वती एक संत की तरह नहीं, बल्कि कांग्रेस नेता की तरह बर्ताव करते हैं।
4. स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती इससे पहले अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं।
5. शंकाराचार्य साईं भक्तों को राम का नाम नहीं लेने की बात करके भी विवाद में आ चुके हैं। उन्होंने कहा था कि साईं भक्तों को भगवान राम की पूजा, गंगा में स्नान और हर-हर महादेव का जाप नहीं करना चाहिए।  


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
1. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विवादित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं।
2. स्वामी स्वरूपानंद की तरह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी 5 अगस्त को अशुभ बता चुके हैं।
3. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद चाहते हैं कि मंदिर निर्माण का काम उनके जिम्मे किया जाए।
4. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी कांग्रेसी कार्यकर्ता की तरह पेश आते हैं और वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम का विरोध कर चुके हैं।
5. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आरोप लगाते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर निर्माण का कोई इरादा नहीं है।

आचार्य प्रमोद कृष्णम
1. उत्तर प्रदेश के संभल जिले के कल्कि धाम के महंत आचार्य प्रमोद कृष्णम लखनऊ से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
2. चुनाव के समय प्रमोद कृष्णम धर्म विशेष के कार्यक्रमों में नारे लगाते हुए कहता था कि ‘नहीं है जो मुहम्मद का, हमारा हो नहीं सकता’।
3. चिलमबाज पीठाधीश्वर के नाम से मशहूर आचार्य प्रमोद कृष्णम आजकल प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति में प्रमोट करने का काम कर रहे हैं।
4. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 2018 में प्रमोद कृष्णम को फर्जी संतों की सूची में डाल दिया था।
5. प्रमोद कृष्णम ने एक विवादित बयान में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से की थी।

महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंड पुरी
1. विश्व हिंदू परिषद ने जिस धर्म संसद की शुरुआत की, महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े महामंडलेश्वर स्वामी मार्तंड पुरी ने उसका ही बहिष्कार कर दिया।
2. संघ परिवार जो पूरी तरह से हिंदुओं के लिए समर्पित है, स्वामी मार्तंड पुरी उसके काम से ही नाराजगी जाहिर करते रहते हैं।
3. स्वामी मार्तंड पुरी ने विश्व हिंदू परिषद पर अनर्गल आरोप लगाकर कहा कि यह बीजेपी के लिए काम करती है। सवाल यह उठता है कि बीजेपी कोई हिंदुओं की दुश्मन पार्टी है क्या?
4. स्वामी मार्तंड पुरी का मूल नाम माधवकांत मिश्र है और राष्ट्रीय सहारा सहित कई अखबारों में संपादन का कार्य कर चुके हैं। कात्यायनी चैनल लॉन्च के समय विवादों में आए थे।
5. इनके कारण कई पत्रकारों को चैनल से बाहर होना पड़ा था।

कंप्यूटर बाबा
1. इंदौर के दिगंबर अखाड़े से ताल्लुक रखने वाले कंप्यूटर बाबा हमेशा सत्ता के करीब रहना चाहते हैं।
2. कांग्रेस के करीबी कंप्यूटर बाबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया।
3. फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हुए एयर स्ट्राइक पर कांग्रेस की तरह सवाल खड़े किए।
4. लोकसभा चुनाव के दौरान कंप्यूटर बाबा ने दिग्विजय सिंह के लिए हठयोग और हवन किया था।
5. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में लगे कंप्यूटर बाबा ने एलान किया था कि अगर चुनाव में नरेन्द्र मोदी जीते तो समाधि ले लूंगा।

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अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले श्रीराम मंदिर भूमिपूजन का दूरदर्शन पर लाइव टेलीकास्ट होगा। वामपंथी दल सीपीआई (CPI) न....