दलित बच्ची किसी तरह वापस अपने घर पहुँची उत्तर प्रदेश में एक माह के भीतर द केरल स्टोरी की तरह का एक दूसरा मामला सामने आया है। प्रयागराज की एक नाबालिग दलित लड़की का धर्मांतरण करवा के उसे जिहाद में झोंका गया। यह काम एक मुस्लिम महिला ने किया, जिसने लड़की का ब्रेन वॉश किया। बच्ची किसी तरह बच के अपने घर पहुँची।
क्या है मामला?
प्रयागराज की रहने वाली एक दलित नाबालिग बीते दिनों गायब हो गई थी। उसकी माँ पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँची थी। महिला ने बताया था कि उसकी बेटी को दरकशा बानो नाम की एक महिला ने ब्रेनवॉश किया है। मामले में पुलिस ने आगे जाँच की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
पता चला कि दरकशा बानो दलित नाबालिग लड़की को इस्लाम अपनाने के लिए ब्रेनवॉश किया और हिन्दू धर्म के प्रति जहर भरती रही। दरकशा बानो ने दलित लड़की को पैसों का लालच दिया और झाँसे में लेकर केरल चली गई।
दरकशा बानो ने दलित बच्ची को केरल ले जाकर उसका इस्लाम में धर्मांतरण करवा भी दिया। इसके बाद दरकशा ने उसे जिहाद में झोंकने का प्रयास किया। दलित बच्ची को आतंकवादी बनाने की साजिश थी। बताया गया कि दरकशा की सहायता मोहम्मद कैफ नाम के एक युवक ने की। पीड़िता किसी तरह बच कर केरल से निकली और प्रयागराज पहुँची।
पुलिस ने दरकशा बानो और कैफ को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया है कि दरकशा बानो पहले भी कई नाबालिगों को जिहादी नेटवर्क में शामिल करवा चुकी है। मामले में अब जाँच चल रही है। जाँच के लिए तीन टीमें लगाई गई हैं।
आगरा में गायब हुईं थी दो लड़कियाँ
आगरा के परिवार ने भी हाल ही में अपनी दो बेटियों के इस्लामी धर्मांतरण गैंग में फंसने की शिकायत दर्ज करवाई थी। पीड़ित परिवार ने बताया था कि उनकी बड़ी बेटी 2021 में गायब हो गई थी। पीड़ित परिवार ने बताया था कि यह बेटी आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इंस्टिट्यूट से पढ़ी हुई है। इस लड़की की दोस्ती एक मुस्लिम लड़की से थी।
पीड़ित परिवार ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी की दोस्ती सायमा नाम की एक लड़की से थी जो कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर के उधमपुर की रहने वाली थी। इस सायमा उर्फ़ खुशबू ने हिन्दू लड़की का ‘ब्रेनवॉश’ किया था। गायब हो चुकी बड़ी लड़की के पिता ने बताया कि इसी के चलते वह 2021 में गायब हुई थी।
गायब हुई लड़की के पिता ने बताया था कि उनकी बड़ी बेटी सायमा के चलते दूसरे मजहब के प्रभाव में थी।
दूसरी का भी किया ब्रेनवॉश
पीड़ित परिवार ने यह भी बताया था कि उनकी बड़ी बेटी इस कदर प्रभावमें आ गई कि उसने घर आने के बाद अपनी छोटी बहन का ही ब्रेनवॉश करना चालू कर दिया और इसमें सफल भी रही। इसके बाद 25 मार्च, 2025 को दोनों लडकियाँ आगरा स्थित घर से गायब हो गईं थी।
उनका कोई भी पता नहीं लगा। वह किसके साथ गईं और कहाँ गईं, इस संबंध में एक भी जानकारी परिवार के पास नहीं आई है। थक हार कर यह परिवार पुलिस के पास पहुँचा। पुलिस ने दोनों लड़कियों के बालिग़ होने को लेकर कार्रवाई करने में शुरुआत में ढिलाई बरती। हालाँकि, इस मामले में 4 मई, 2025 को FIR दर्ज हो गई।
ऑपइंडिया के पास इस मामले में दर्ज FIR कॉपी मौजूद है। FIR में पीड़ित पिता ने बताया था कि सायमा ही उनकी दोनों बेटियों को ले गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सायमा उनकी लड़कियों की शादी करवाने के लिए ले गई है।
मामले में FIR दर्ज होने के बाद जाँच चालू की गई थी। पुलिस की शुरूआती जाँच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस को पता चला था कि यह मामला फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ जैसा है। पुलिस ने बताया कि यह दोनों बहने अब इस्लामी धर्मांतरण गिरोह का हिस्सा बन गईं हैं।
पुलिस ने इस मामले में यह भी पता किया कि इस केस के तार जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-NCR से भी जुड़े हैं। पुलिस आगे और भी जानकारियाँ निकाल रही हैं। इसके अलावा मामले को आगरा की सायबर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है।
DRDO अब अग्नि-5 मिसाइल का नया वैरिएंट बना रहा है (फोटो साभार: X/@Kunal_Biswas707) Operation Sindoor से भारत ने दुनिया को दिखाने के बाद हर दिन एक से बढ़कर एक नया हथियार बनाने की होड़ में लग अमेरिका जैसे देशों के लिए ही चुनौती नहीं बन रहा है, बल्कि चीन और पाकिस्तान की नींद हराम कर दी। पाकिस्तान तो बौखलाहट में फिर जहर उगल रहा है। जबकि अपने हवाई अड्डे तक ठीक नहीं करवा पाया। अब पाकिस्तान चीन के उकसावे पर जहर उगल रहा है या अमेरिका के कहने पर। लेकिन मौत पाकिस्तान के सिर मंडराने लगी है। दुनिया देख रही है कि अब भारत 2014 से पहले वाला भारत नहीं रहा।
ईरान और इजरायल के युद्ध में बड़े-बड़े हथियार, बम और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। युद्ध के बीच जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु हथियार फोर्डो पर हमला किया, तो उस वक्त बंकर बस्टर GBU-57/A को तैनात किया गया था। इसने ईरान के परमाणु हथियार बनाने के अड्डे को सतह तक तबाह कर दिया था।
ऐसे में अब भारत भी अपने मिसाइल सिस्टम को मजबूत करने में लगा है। इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अब एग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल को अब नए रूप में विकसित करने जा रहा है। फिलहाल इस अग्नि-5 मिसाइल को 5000 किलोमीटर की रेंज तक फेंका जा सकता है। अब नए वैरिएंट में 7500 किलोग्राम बंकर बस्टर की क्षमता होगी।
इससे भारत अपने दुश्मन चीन और पाकिस्तान के ठिकानों को आसानी से निशाना बना लेगा। जमीन की कितने भी भीतर दुश्मन घुसा हो, यह मिसाइल तबाह करने में सफल होगी।
जमीन के 100 मीटर अंदर घुसकर मचाएगा तबाही
डीआरडीओ अब अग्नि-5 के नए वैरिएंट में बढ़ी क्षमता को विकसित कर रहा है। यह जमीन के 80 से 100 मीटर भीतर घुसकर तबाही मचाएगा। इस मिसाइल को विकसित करने से भारत अमेरिका की उपलब्धियों से भी आगे बढ़ जाएगा। अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए बंकर बस्टर बम GBU-57/A का इस्तेमाल किया था। यह बम की विश्व में सबसे बड़ा बंकर बस्टर बम कहलाता है।
भारत भी अब स्वदेशी की राह पर चल रहा है। जहाँ अमेरिका की तरह डिलीवरी के लिए बड़े और महंगे एयरक्राफ्ट पर निर्भर रहने के बजाय भारत अपने बंकर बस्टर को मिसाइल डिलीवरी के लिए डिजाइन कर रहा है।
मैक 8 से मैक 20 की स्पीड में बनाई जा रही मिसाइल
फिलहाल अग्नि-5 के दो वैरिएंट बनाए जा रहे हैं। एक में जमीन के ऊपर के ठिकानों को तबाह करने की क्षमता होगी। वहीं, दूसरी एक गहरी पैठ वाली मिसाइल होगी, जो जमीन की गहराई में बने ठिकानों में घुस सकेगा। इसका डिजाइन GBU-57 की तरह बनाया गया है, लेकिन इसकी कीमत कम होगी।
हर मिसाइल का वजन आठ टन तक हो सकता है। यह अब तक विश्व में सबसे अधिक वजन वाली मिसाइल मानी जाएगी। हालाँकि, अग्नि-5 के नए वैरिएंट में 2500 किलोमीटर की कम रेंज होगी, बावजूद इसके उसका सटीक निशाना पुराने वाले से ज्यादा विनाशकारी होगा।
इन मिसाइलकी गति मैक 8 से मैक 20 के बीच होगी, जो इन्हें हाइपरसोनिक हथियारों की श्रेणी में रखता है। ये अमेरिकी बंकर-बस्टर वेपन की स्पीड के बराबर ही होंगे, लेकिन इनकी पेलोड कैरी करने की क्षमता काफी अधिक होगी।
तुर्की में लेमन पत्रिका के कार्टून को लेकर बवाल ( फोटो साभार-turkiyetoday.com/ ) 2015 में फ्रांस गैर-मुस्लिम देश में व्यंग्य पत्रिका ‘चार्ली हेब्दो’ द्वारा विवादित कार्टून प्रकाशित होने खूब दंगे हुए, दंगों का अखाडा भारत कैसे पीछे रहता। लेकिन अब इतने सालों बाद कार्टून का जिन्न मुस्लिम देश तुर्की में निकल आया है। देखना यह है कि अब कितने दंगाई निकल कर आते हैं?
तुर्की की साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका लेमन इन दिनों सुर्खियों में है। वजह है इसमें छपा कार्टून। दरअसल कार्टून में ‘मुहम्मद’ और ‘मूसा’ नाम के दो व्यक्तियों को आसमान में हाथ मिलाते दिखाया गया है और नीचे जमीन जल रही है। मुस्लिम कट्टरपंथियों का आरोप है कि ये पैगंबर मुहम्मद और पैगंबर मूसा हैं।
इसके बाद मुस्लिम बहुल देश की भावनाएँ भड़क गई और देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन होने लगे। इस मामले में पुलिस ने तीन कार्टूनिस्टों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें कार्टूनिस्ट डोगन पेहलवान और पत्रिका के प्रबंध संपादक और प्रमुख संपादक शामिल हैं।
तुर्की के कानून मंत्री यिलमाज तुनक ने जून 30 को कहा कि तुर्की के अधिकारियों ने पत्रिका लेमन के खिलाफ़ आपराधिक जाँच शुरू कर दी है। तुनक ने अपने बयान में कहा कि इस्तांबुल के पुलिस कार्यालय ने तुर्की दंड संहिता की धारा 216 के तहत जाँच शुरू की है, जो “सार्वजनिक रूप से मजहबी मूल्यों का अपमान करने” से संबंधित है।
क्या है मामला?
पत्रिका के 26 जून के अंक में छपे कार्टून में इज़राइल और ईरान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष का संदर्भ दिया गया था और इसमें पैगंबर मुहम्मद और पैगंबर मूसा को बमबारी से तबाह हुए शहर के ऊपर हाथ मिलाते हुए दिखाया गया था। कार्टून में नीचे जमीन पर जलता शहर और मिसाइलें दिखाई गई हैं।
पत्रिका का कहना है कि इस कार्टून का मकसद इजरायली हमले के दौरान ईरान में मारे गए एक मुस्लिम व्यक्ति की पीड़ा उजागर करना है। उसका नाम कार्टून में ‘मुहम्मद’ रख दिया गया है।
पत्रिका के प्रमुख संपादक तुन्के अकगुन ने एएफपी से बात करते हुए कहा है, “इस कार्टून में दिये गए नाम मुहम्मद का पैगंबर मुहम्मद से कोई लेना देना नहीं है। मुहम्मद नाम से करोड़ों लोग दुनियाभर में रहते हैं। ” पत्रिका ने कहा कि कार्टून का उद्देश्य धार्मिक मूल्यों का मजाक उड़ाना नहीं था।
इस्तांबुल में लेमन के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन
कार्टून को तुर्की में धार्मिक भावनाओं का अपमान माना गया और कट्टरपंथी संगठन सड़कों पर उतर आए। इस्तांबुल के इस्तिकलाल स्ट्रीट पर लेमन की इमारत के सामने कई प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। कुछ लोग लेमन के कार्यालय में घुसने की कोशिश करते देखे गए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लेमन पत्रिका ने पैगंबर मुहम्मद का खुलेआम अपमान किया है। इस अपमान को कभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता।
ऐसा ही एक मामला 2015 में फ्रांस में सामने आया था। उस वक्त भी मामला पैगंबर मुहम्मद के कार्टून का ही था। जब व्यंग्य पत्रिका ‘चार्ली हेब्दो’ के कार्यालय में घुस कर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने फायरिंग की थी। इसमें संपादक समेत 12 लोगों की मौत हो गयी थी।
दलित बच्ची का धर्मांतरण करवाने वाली दरकशा (बाएँ) और कैफ (दाएँ) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है (फोटो साभार: Dainik Bhaskar & AI) प्रयागराज की एक 15 साल की दलित लड़की को एक मुस्लिम महिला केरल लेकर गई। यहाँ उसका इस्लाम में धर्मांतरण करवाया गया। उसको जिहादी ट्रेनिंग देने का भी प्रयास हुआ। लड़की किसी तरह बच कर वापस पहुँची। पुलिस की जाँच में सामने आया कि मुस्लिम महिला के गैंग में और भी लोग शामिल हैं और उसका काम दलित एवं गरीब बच्चों को आतंकी नेटवर्क में शामिल करवाना है। अब इस मामले में मुस्लिम महिला और उसका साथी गिरफ्तार हो गए हैं।
प्रयागराज की दलित बच्ची को फँसाया
पूरा मामला प्रयागराज के फूलपुर थाने से जुड़ा हुआ है। यहाँ लिलहट गाँव में एक दलित विधवा महिला और उसकी बेटी रहती है। बेटी की आयु मात्र 15 वर्ष है। उसके पड़ोस में ही दरकशा नाम की मुस्लिम लड़की रहती है। दरकशा बानो कथित तौर पर इस हिन्दू बच्ची की सहेली है।
दरकशा हिन्दू बच्ची के साथ रहती है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दरकशा हिन्दू बच्ची को इस्लाम के बारे में ब्रेनवॉश किया करती थी। वह हिन्दू धर्म के प्रति जहर भी भरती थी। 8 मई, 2025 को दरकशा बानो रात 10 बजे हिन्दू बच्ची को एक शादी से लेकर फूलपुर की एक मस्जिद के पास गई।
दरकशा बानो का मददगार मोहम्मद कैफ यहाँ बाइक लेकर खड़ा था। दरकशा ने हिन्दू बच्ची को इस दौरान पाने जाल में फँसा लिया था। कैफ ने इन दोनों को प्रयागराज जंक्शन छोड़ा। रास्ते में कैफ ने हिन्दू बच्ची से छेड़छाड़ भी की। दरकशा प्रयागराज से बाद हिन्दू बच्ची को प्रयागराज से लेकर दिल्ली चली गई।
दरकशा की मंजिल लेकिन दिल्ली नहीं थी। यहाँ से वह हिन्दू बच्ची को लकर केरल के त्रिशूर चली गई। यहाँ हिन्दू बच्ची के साथ प्रताड़नाओं का दौर चालू हो गया। उसका धर्मांतरण करवाया गया। उसे आतंकी ट्रेनिंग की बात भी हुई। बच्ची किसी तरह बच के पुलिस के पास पहुँची, जहाँ से प्रयागराज सूचना परिवार के पास पहुँची। बच्ची वापस इसके बाद आ सकी।
हिन्दू पीड़िता बोली- दाढ़ी वाले जिहाद की बात करते थे
हिन्दू बच्ची ने बरामद होने के बाद बताया कि त्रिशूर में उसे एक ऐसे घर में ले जाया गया था जहाँ और भी कई नाबालिग लड़कियाँ मौजूद थीं। हिन्दू बच्ची ने यह भी बताया कि इसी घर में कई ‘बड़ी दाढ़ी वाले’ मौजूद थे। इन लोगों ने बच्ची पर इस्लाम में धर्मांतरण करने का दबाव बनाया।
बच्ची के अनुसार, ‘बड़ी दाढ़ी वालों’ ने उसको जिहादी ट्रेनिंग देने की बातें भी की। इस दौरान दरकशा वहाँ से गायब हो गई। डरी सहमी बच्ची किसी तरह यहाँ से भाग निकली। यहाँ वाल रेलवे स्टेशन पहुँची जहाँ पुलिस ने उससे जानकारी ली। इसके बाद बच्ची का प्रयागराज लौटना संभव हो पाया।
UPपुलिस बोली- केरल मॉड्यूल से जुड़ी है दरकशा
इस मामले में 28 जून, 2025 को प्रयागराज के फूलपुर थाने में FIR दर्ज करवाई गई है। FIR की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। पुलिस से पीड़िता की माँ ने पूरी घटना बताई है, इसके साथ ही कहा है कि उसे अब फोन पर धमकियाँ मिल रही हैं। FIR में पुलिस ने दरकशा, मोहम्मद कैफ, मोहम्मद ताज समेत 4 लोगों को आरोपित बनाया गया है।
इनके खिलाफ BNS की कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा आरोपितों पर SC/ST एक्ट की धाराएँ लगाई गई हैं। पुलिस ने मामले दरकशा और कैफ को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को जाँच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य पता चले हैं।
प्रयागराज के DCP कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया है कि बानो एक संगठित गिरोह का हिस्सा है जो गरीब और दलित लड़कियों को बहला-फुसलाकर, उनका ब्रेनवॉश करके और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करके आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल करता है।
उन्होंने शक जताया है कि दरकशा बानो केरल के एक मॉड्यूल से जुड़ी हुई है। अब इसकी जाँच 3 टीमें कर रही हैं।
सुभाष चन्द्र जब से भारत में जाति आधारित पार्टियों की बाढ़ आयी है दंगों की भी बाढ़ आयी हुई है। क्या इन जाति आधारित पार्टियों के अध्यक्षों को सफेदपोशी गुंडा कहा जाए तो कोई अतिशियोक्ति नहीं? चुनाव आयोग भी इस ऐसी पार्टियों की हरकतों पर चुप्पी साधे हुए है। काश!(TNSheshan) टी एन शेषन(भूतपूर्व चुनाव आयुक्त) वर्तमान में चुनाव आयुक्त होते। क्योकि जो निर्णय लेने में शेषन सक्षम थे उतनी शक्ति किसी भी आयुक्त में दिखाई नहीं देती। उनकी सख्ती से हर पार्टी के पाजामे गीले हो जाते थे। शिवसेना तत्कालीन अध्यक्ष बालासाहेब ठाकरे ने जब राष्ट्रपति पद को उन्हें उम्मीदवार बनाया किसी ने समर्थन नहीं किया था। चुनावों में गलत एफेडेविट दिए जा रहे हैं चुनाव आयोग विषय सामने आने पर चुप रहता है। इन गंभीर मुद्दों पर केन्द्र सरकार और चुनाव आयोग को गंभीरता से लेने की जरुरत है। मुफ्त रेवड़ियों के लालच में वोट देने वाली जनता भी किसी दोषी से कम नहीं।
पुलिस के अनुसार जून 29 को प्रयागराज में दंगे भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद के अपने कार्यकर्ताओं को उकसाने की वजह से हुए। चंद्रशेखर के इशारे पर उसके लड़कों ने तांडव कर अनेक संपत्तियों को आग लगा दी, गाड़ियां फूंक दी और जगह जगह तोड़फोड़ की। आधा दर्जन से अधिक बसों, पुलिस की चार गाड़ियों समेत अन्य चार वाहनों पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
लेखक चर्चित YouTuber
बाजार के दुकानदारों से मारपीट की, राहगीरों से भी हाथापाई की गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पथराव शुरू कर दिया गया, कई थानों की पुलिस के साथ ही पीएसी के जवान पहुंचे, लेकिन भीम आर्मी के कार्यकर्ता रह-रह कर पत्थरबाजी करते रहे।
दरअसल इसौटा गांव के रहने वाले कथित दलित देवीशंकर की 13 अप्रैल को आग से झुलसकर मौत हो गई थी लेकिन आरोप लगाया गया कि उसे upper caste के लोगों ने जलाकर मार डाला गया। तहसील प्रशासन ने मृतक के स्वजनों को जमीन का पट्टा, सरकार से आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन इधर कुछ दिन पहले भीम आर्मी के स्थानीय नेताओं ने कहा कि मृतक के स्वजनों को कोई सहायता नहीं दी गई है।
कल चंद्रशेखर रावन देवीशंकर के परिजनों से मिलने जाना चाहता था लेकिन सर्किट हाउस में ही उसे नज़रबंद कर दिया गया जिससे कानून व्यवस्था न बिगड़े लेकिन उसके चेले चपाटों ने तो तांडव मचा दिया और अब सुना है योगी की पुलिस ने धरपकड़ शुरू कर 40 को गिरफ्तार कर लिया है जिन पर NSA लगा दिया है। और इन दंगाइयों के आका चंद्रशेखर ने भी उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया है।
अब आलम यह है कि जिन लड़कों को हिंसा की आग में झोंक दिया उनके फ़ोन भी नहीं उठा रहा चंद्रशेखर यानी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया।
लेकिन ये कहानी कुछ और भी हो सकती है। इंदौर की रहने वाली पढाई के लिए जो स्विट्ज़रलैंड गई थी, डॉ रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसने कहा कि स्विट्ज़रलैंड में पढाई के दौरान वो चंद्रशेखर के संपर्क में आई और 3 साल उसके साथ रेलशनशिप में रही, चंद्रशेखर अपने को कुंवारा बताता था और मुझसे शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाता रहा।(नीचे दिए लिंक में पढ़ा जा सकता है) ऐसा वो अन्य लड़कियों के साथ भी करता था जबकि वो विक्टिम नंबर 3 थी। उसने राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज की है और पिछले सोमवार 23 जून को आयोग ने केस दर्ज कर लिया है। क्या यह दंगा उस आरोप से ध्यान भटकाने के लिए है?
डॉ रोहिणी घावरी ने यह भी कहा कि एक 12 साल के बेटी को चंद्रशेखर ट्रेन से अपने घर ले आया और शोषण किया और फिर अपने भाई से शादी करा दी लेकिन वह बाद में भाग गई। वो मुझे भी क्राइम पार्टनर बनाना चाहता था लेकिन वह उसके झांसे में नहीं आई।
इसके अलावा भी एक खबर के अनुसार सहारनपुर की हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा ने भी चंद्रशेखर पर यौन शोषण और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हुए हैं जिनकी जांच चल रही है।
कल प्रयागराज में बलवा कहीं डॉ रोहिणी घावरी के मामले से ध्यान भटकाने के लिए तो नहीं किया गया, वैसे तो चंद्रशेखर का विवादों से नाता बहुत पुराना है लेकिन डॉ रोहिणी का मामला गंभीर मोड़ ले सकता है। अगर लोक सभा इसका संज्ञान लेकर गंभीरता से कार्यवाही करे?
कई दलों की आदत बन चुकी है कि अपनी सोच के अनुसार राजनीति के लिए अपने कार्यकर्ताओं को दंगों में उलझा देते है और जब पुलिस उन्हें अंदर कर देती है तो ये नेता भाग लेते हैं। उधर अखिलेश के यादवों और ब्राह्मणों में झगड़े में दंगे हो गए और अनेक लोग गिरफ्तार हो गए जो खुद ही भुगतेंगे पर कोई उन्हें बचाने नहीं आएगा। किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दंगे करने से पहले 50 बार सोच लेना चाहिए। आजकल CCTV से पहचान हो जाती है जहां भी लगे हो और फिर संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी सरकार करने के लिए ऐसी तैसी कर देती है।
तेलंगाना में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के फायर ब्रांड नेता और विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। टी राजा सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी नेता रामचंदर राव को तेलंगाना भाजपा प्रमुख नियुक्त किए जाने की संभावना की मीडिया रिपोर्टों के बाद, भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने सदमे और निराशा का हवाला देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
तेलंगाना में राजा सिंह जैसा कद्दावर नेता बीजेपी में नहीं। तेलंगाना में मुस्लिम कट्टरपंथी और कांग्रेस को सबसे बड़ा डर योगी आदित्यनाथ के बाद टी राजा सिंह का है। विधानसभा चुनाव होने से कुछ महीने पहले हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने वालों को ईंट का जवाब पत्थर से देने पर "सिर तन से जुदा" गैंग पीछे पड़ गया था। जो कदम अकेले राजा सिंह ने उठाया अगर नूपुर के समय केन्द्र सरकार ने उठाया होता और विवादित टिप्पणी करने वाले जज पर कार्यवाही पर कार्यवाही की होती किसी कन्हैया की जान नहीं जाती। जबकि नवभारतके एंकर सुशांत सिन्हा ने सारे मुल्ला, मौलवी और इमामों को खुली चुनौती दी थी कि बताएं कि नूपुर ने क्या गलत कहा? क्या जो नूपुर ने जो कहा तुम्हारी इस्लामिक किताबों में नहीं लिखा? लेकिन नूपुर शर्मा वाली गलती बीजेपी ने कर राजा को पार्टी से निकाल दिया, लेकिन चुनाव आने पर पार्टी में वापस जरूर ले लिया। पार्टी ने यह नहीं सोंचा पार्टी की इस दोगली नीति से चुनावों में पार्टी को कम से कम 20/22 सीटों का नुकसान हुआ।
तेलंगाना के भाजपा विधायक टाइगर राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने पार्टी को इस संबंध में एक पत्र भेज कर अपना फैसला बताया है। राजा सिंह ने यह फैसला भाजपा के तेलंगाना में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद लिया है।
राजा सिंह ने यह पत्र एक्स (पहले ट्विटर) पर भी साझा किया है। उन्होंने कहा है कि राम चन्द्र राव की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति का फैसला उनके और लाखों कार्यकर्ताओं के लिए चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर शांत नहीं रह सकते हैं।
The silence of many should not be mistaken for agreement.
I speak not just for myself, but for countless karyakartas and voters who stood with us with faith, and who today feel let down.
राजा सिंह ने कहा है कि कुछ लोगों ने पार्टी हाईकमान को धोखे में रखा है। राजा सिंह ने कहा है कि वह इस्तीफे के बाद भी हिन्दुओं के हित के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा है कि वह लगातार हिंदुत्व की विचारधारा को बढ़ाते रहेंगे। राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा देने को कठिन निर्णय बताया है।
राजा सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा?
राजा सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, "मैं यह पत्र भारी मन से और गहरी चिंता के साथ लिख रहा हूं। रामचंदर राव को तेलंगाना भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की खबर से न सिर्फ मैं, बल्कि लाखों कार्यकर्ता, नेता और पार्टी के समर्पित मतदाता भी सदमे में हैं। ऐसे समय में जब भाजपा राज्य में पहली बार सरकार बनाने की दहलीज पर है, इस प्रकार का निर्णय पार्टी की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।"
प्रतीकात्मक फोटो साभार: AI/Grokओमान से मोहम्मद इस्लाम ने भारत में हिंदू युवती को बेचने की साजिश रची। राजस्थान की 18 साल की युवती को सोशल मीडिया पर प्रेम-जाल में फँसाया। फिर ब्रेनवॉश कर ओमान आने की प्लानिंग बनाई। तीन महीने पहले युवती का पासपोर्ट भी बनवा दिया। युवती को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी पहुँचा दिया। लेकिन समय पर पुलिस ने युवती को रोक लिया।
मामला राजस्थान के चुरू जिले का है। यहाँ तारानगर थाने में युवती के परिजन ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी अचानक घर से गायब हो गई है। साथ में एक लाख रुपए नगद और सोने-चाँदी के आभूषण भी लेकर गई है। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी मदद से युवती को ट्रेस किया। युवती की लोकेशन दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर मिली।
यहाँ युवती ओमान जाने वाली फ्लाइट पर चेक-इन कर चुकी थी। फिर चुरू पुलिस ने दिल्ली पुलिस, एयरपोर्ट सुरक्षा, भारतीय दूतावास से संपर्क किया। समय रहते ही युवती को फ्लाइट में चढ़ने से रोक लिया गया।
मोहम्मद इस्लाम ने ब्रेनवॉश किया
रविवार (29 जून 2025) को पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया। चुरू एसपी जय यादव ने बताया कि युवती की ओमान के मस्कट में रहने वाले मोहम्मद इस्लाम से सोशल मीडिया पर दोस्ती थी। इस्लाम ने ही युवती का ब्रेनवॉश कर प्रेम-जाल में फँसाया। यहाँ तक की ओमान जाने के लिए भी हामी भरवा ली।
युवती इस कदर ब्रेनवॉश हो चुकी थी कि परिजनों से छिपकर तीन महीने पहले पासपोर्ट भी बनवा लिया। फिर अपने ही घर से सोना-चाँदी और एक लाख रुपए नगर चोरी कर ओमान जाने के लिए तैयार भी हो गई। एसपी ने बताया कि इस्लाम ने युवती के ओमान पहुँचने तक की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। युवती के लिए घर से एयरपोर्ट तक कैब भी बुक की।
फ्लाइट में बैठने वाली थी युवती, तभी पकड़ा
एसपी जय यादव ने बताया कि युवती दिल्ली एयरपोर्ट में इमिग्रेशन करवा चुकी थी। चुरू पुलिस टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट एसीपी को ई-मेल भेजा। इसके बाद एयरपोर्ट एसएचओ से संपर्क हुआ। युवती फ्लाइट में बैठने वाली कतार में लगी हुई थी। उसी समय दिल्ली पुलिस ने युवती को हिरासत में ले लिया। युवती को वापस लाने के लिए चुरू पुलिस भी दिल्ली पहुँची और उसको सुरक्षित परिजन को सौंप दिया गया।
ओमान पहुँचती तो बेच दी जाती: एसपी
एसपी ने बताया कि मोहम्मद इस्लाम पिछले कई समय से युवती को सोशल मीडिया पर बरगला रहा है। साथ ही ओमान आने के लिए ब्रेनवॉश किया, जिसके लिए युवती जा चुकी थी। अगर युवती फ्लाइट में बैठ जाती तो ओमान पहुँच जाती। जहाँ युवती को बेच दिया जा सकता था। या फिर मानव तस्करी में लिप्त करा दिया जाता।
लखनऊ में अवैध हथियार फैक्ट्री चलाता पकड़ा गया हकीम सलाऊद्दीन गजवा-ए-हिंद की साजिश रच रहा था (साभार: Dainik Bhaskar)भारत में CAA विरोध में बने शाहीन बागों में गजवा-ए-हिन्द बनाने की खतरनाक और जहरीली सोंच सामने आने के बाद भी मोदी सरकार की गुप्तचर एजेंसियां क्या करती रही? उन दिनों लिखा ब्लॉग(नीचे दिए लिंक को देखिए) को डेढ़ लाख से अधिक आदरणीय पाठक पढ़ चुके हैं। लेकिन secularism के जहर को हिन्दू ही नहीं देशप्रेमी दूसरे वर्ग भी बर्दाश्त करते रहते हैं। कई बार सोशल मीडिया में इस बात पर चर्चा होती रहती है कि जब तक दंगाइयों और जेहादी पत्थरबाजों और पेट्रोल बम फेंकने वाले और उनके समर्थकों की मिलने वाली हर सरकारी सुविधा नहीं छीनी जाएगी, भारत को गजवा-ए-हिंद बनने से कोई नहीं रोक सकता। बार एसोसिएशन, सरकार और अदालतों को दंगाइयों और जेहादियों की पैरवी करने वाले वकीलों पर भी कार्यवाही करनी चाहिए। Secularism पर छाती पीटने वाले बताएं कि किस मुस्लिम मुल्क में Secularism है? जनता को भी जयचन्दों और मीर ज़ाफरों से सतर्क रहने की जरुरत है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक थाना है- मलिहाबाद। इस थाने से करीब 100 मीटर दूर ही 68 साल की हकीम सलाऊद्दीन उर्फ लाला का घर है। 27 जून 2025 को इस घर पर पड़े छापे से पहले तक इस घर की पहचान एक हकीम के निवास के तौर पर थी। लेकिन वहाँ जिस तरह हथियारों का जखीरा मिला। वह किसी गंभीर खतरे के संकेत देता है। जेहादी इतना कुछ कर रहा था गुप्तचर एजेंसियां क्या कर रही थीं? पाकिस्तान में आतंकियों के कहाँ-कहाँ अड्डे हैं यह पता लगा सकती है लेकिन अपने ही देश में कहाँ-कहाँ उनके sleeper cell क्या खेल खेल रहे हैं इसकी जानकारी क्यों नहीं?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर/एक्स पर एक पोस्ट में बताया है, “अवैध शस्त्र बनाने वाले 01 अभियुक्त को लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से 14 निर्मित अवैध शस्त्र, अर्धनिर्मित शस्त्र, शस्त्र बनाने के उपकरण व प्रतिबंधित पशु (हिरन) की खाल बरामद की गई है।”
Enforcing an ‘arm's-length’ from illegal arms -
अवैध शस्त्र बनाने वाले 01 अभियुक्त को @lkopolice द्वारा गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से 14 निर्मित अवैध शस्त्र, अर्धनिर्मित शस्त्र, शस्त्र बनाने के उपकरण व प्रतिबंधित पशु (हिरन) की खाल बरामद की गई है। #WellDoneCops… pic.twitter.com/lkOcs956JA
पुलिस के इस पोस्ट से भी ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक सामान्य सा मामला है। लेकिन जब आप इस्लामी कट्टरपंथियों की गजवा-ए-हिंद की साजिशों और हकीम सलाउद्दीन के घर पर छापेमारी के बाद सामने आए तथ्यों को जोड़ते हैं तो यह देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश का इशारा करती है।
कहा जा रहा है कि छापेमारी में पुलिस को हकीम के घर से 1 राइफल, 3 पिस्टल, 3 तमंचे, 9 एयर गन और 140 कारतूस सहित कई अन्य औजार मिले। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस के हाथ एक लाल पर्ची लगी है, जिसमें उर्दू और फारसी में कुछ नंबर लिखे हुए हैं। हकीम सलाऊद्दीन की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है और वहाँ कई लोगों से उसकी बातचीत होती रहती है।
हकीम सलाऊद्दीन के लैपटॉप में एक दुबई का नंबर मिला है। इस नंबर पर वह रोज बात करता था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि वह कश्मीर तक हथियारों की सप्लाई करता था।
दिलचस्प है कि कुछ साल पहले सलाऊद्दीन का एक्सीडेंट में पैर टूट गया था, जिसे एक हकीम ने सही किया। इसके बाद वह खुद ‘हकीम’ बन गया और इसी पहचान के साथ जिंदगी गुजारने लगा। जाँच से यह बात सामने आई है कि सलाऊद्दीन सिर्फ पहचान ओढ़ने में ही शामिल नहीं है। उसने हथियार बनाने के लिए कारीगर ‘किराएदार’ बनाकर अपने मकान में बसा रखे थे।
‘केवल अवैध हथियार फैक्ट्री’ नहीं चला रहा था सलाऊद्दीन ?
जिस तरीके से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भनक लगे दिए बिना सलाऊद्दीन हथियारों का निर्माण कर रहा था, उससे साफ है कि यह केवल अवैध हथियार फैक्ट्री चलाने का ही मामला नहीं है। इस फैक्ट्री का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब देश के अलग-अलग हिस्सों से पाकिस्तान के लिए काम करने वाले कई इस्लामी कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी हुई है।
लखनऊ के मलिहाबाद के हकीम के घर से मिला असलहे और कारतूस का ढेर, पुलिस ने किया गिरफ्तार (फोटो साभार: दैनिक जागरण)
इनमें से एक वाराणसी से पकड़ा गया मोहम्मद तुफैल भी है। गिरफ्तारी के बाद उसके फोन में 600 पाकिस्तानी नंबर मिले थे। वह बाबरी मस्जिद का बदला लेने के लिए मुस्लिमों को उकसा रहा था। वह भारत में सरिया लागू के एजेंडे पर काम कर रहा था। इसी तरह मुरादाबाद से पकड़ा गया शहजाद पाकिस्तान के इशारे पर भारत में बड़े इस्लामी आतंकी हमले की साजिश रच रहा था।
2047 तक भारत को इस्लामी मुल्क बनाने की साजिश
गजवा-ए-हिंद यानी भारत को इस्लामी मुल्क बनाने को लेकर इस्लामी कट्टरपंथी लंबे समय से साजिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक गंभीर साजिश का खुलासा साल 2022 में उस समय हुआ जब प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ट्रेनिंग सेंटर पर बिहार के फुलवाड़ी शरीफ में छापेमारी हुई थी। इस दौरान 8 पन्नों का एक दस्तावेज बरामद किया गया। इसका नाम ‘इंडिया विजन 2047’ था। इसमें भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के पूरे रोडमैप का जिक्र किया गया।
इस दस्तावेज में भारतीय सेना से लेकर कोर्ट तक में इस्लामी घुसपैठ का खाका खींचा गया था। ‘कायर हिंदुओं’ की हत्या के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियारों का प्रशिक्षण देना भी शामिल था। क्या हकीम सलाऊद्दीन जैसे मुस्लिम PFI की उसी साजिश के तहत हथियारों की आपूर्ति बनाए रखने को लेकर ही तो नहीं अपने घरों को हथियारों की फैक्ट्री के रूप में बदल चुके हैं?
कितने ‘हकीम’ घरों में चला रहे हथियार फैक्ट्री?
लखनऊ की अवैध हथियार फैक्ट्री और उसे चलाने वाला हकीम सलाऊद्दीन देश विरोधी/हिंदू विरोधी कितनी बड़ी साजिश का हिस्सा है यह जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी सामने आता जाएगा। लेकिन न तो फुलवाड़ी शरीफ में छापे से पहले हमें यह पता था कि देश के विरुद्ध PFI कितनी बड़ी साजिश पर काम कर रहा है और न ही 27 जून 2025 से पहले यह पता था कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में थाने से कुछ कदम की दूरी पर ही इतने बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों का निर्माण हो रहा है।
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जाँच का यह दायरा केवल एक हकीम सलाऊद्दीन या एक अवैध हथियार फैक्ट्री के उद्भेदन तक ही सीमित न रह जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमें ये नहीं पता चलेगा कि हकीम सलाऊद्दीन केवल एक अवैध हथियार फैक्ट्री ही नहीं चला रहा था। वह उस इस्लामी साजिश का हिस्सा है जो भारत की सरकारों और हिंदुओं के विरुद्ध एक समानांतर तंत्र खड़ा करने में जुटा है। जो यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि सशस्त्र बगावत की स्थिति में उसे हथियारों की कोई कमी न हो। ध्यान रहे कि इस तंत्र के लिए हर हिंदू ‘काफिर’ है। गजवा-ए-हिंद वो ख्वाब है जिसका हदीस में जिक्र है। जिसके लिए दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा था कि इस जंग में जो भी शहीद होगा वो ‘गाजी’ कहलाएगा।