काली और दुर्गा तो न#% होती हैं… हिंदू देवियों पर भद्दा कमेंट करने वाली हबीबा खातून की गिरफ्तार होते ही हेकड़ी निकली बोली- अब से नहीं फैलाऊँगी नफरत

                                           कछार पुलिस ने किया हीबा खातून को गिरफ्तार
मुस्लिम कट्टरपंथियों में फिर से सनातन के खिलाफ बोलने का कीड़ा काटने लगा है। इन सिरफिरों को नहीं मालूम कि सनातन विरोधियों का नामलेवा तक नहीं रहता। इस कटु सच्चाई का इतिहास साक्षी है। ये गाज़ी जिन्हे मुग़ल बादशाह कहकर भारत की जनता को गुमराह किया गया है देख लो भारत से बाहर इनका कोई नामलेवा नहीं। यहाँ कुर्सी के भूखे नेताओं और उनकी पार्टियों ने उनका नाम जिन्दा रखा हुआ है। हिन्दू सम्राटों के गौरवशाली इतिहास को दरकिनार कर मुगलों के खून से इतिहास को नज़रअंदाज़ कर महान बता दिया। और जिन इतिहासकारों ऐसा दुष्कर्म किया वर्तमान सरकार को चाहिए उन इतिहासकारों को ब्लैकलिस्ट किया जाए। पूछो इनसे कि दिने इलाही चलाने वाला अकबर माता ज्वाला को छतर चढ़ाने नंगे पैर क्यों गया था? मीना बाजार क्यों लगाता था और उसे बंद करवाने वाली हिन्दू शेरनी कौन थी? प्रश्न बहुत है। जिसका मुस्लिम कट्टरपंथी पूरा फायदा उठा रहे हैं।  

असम की कछार पुलिस ने हीबा नूर (कुछ जगह हबीबा खातून) नाम की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि वो अपने अकॉउंट से हिंदू घृणा से सने पोस्ट डालती थी। साथ ही साथ हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी भी करती थी। हाल में जब उसकी प्रोफाइल और उस पर डाले कंटेंट सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हुए तो लोगों ने उसे अरेस्ट करने की माँग उठाई।

वायरल स्क्रीनशॉट में दिखाई दे रहा है कि हीबा खातून कमेंट पर माँ काली के लिए अभद्र शब्द बोलती थी। उसने लिखा था- वैसे काली और दुर्गा तो नं$% होती हैं इसका मतलब ये सब नंगी रहना चाहती हैं।

आगे स्क्रीनशॉट में उसने लिखा- हमें किसी के धर्म से कोई मतलब नहीं। हम आगे से किसी को गाली नहीं देते, लेकिन अगर हमें छेड़ोगे तो हम उसका जवाब जरूर देंगे।

उसके स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद कछार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। कछार पुलिस ने 1 जून को ट्वीट करके बताया कि हीबा खातून गिरफ्तार है। उसे कोर्ट के आगे पेश किया गया था। पुलिस ने कहा कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर आई थी जिसमें हबीबा खातून जो सिलचर के तुकेग्राम की है। उसे माँ काली पर अश्लील टिप्पणी करते देखा गया। पुलिस उसे पकड़ चुकी है।  

सोशल मीडिया पर हिंदू घृणा फैलाने वाली हीबा के खिलाफ जैसे ही सोशल मीडिया पर शिकायत हुई उसी के बाद हीबा का एक पोस्ट आया जिसमें उसने लिखा था- “आज से मैं रोस्टिंग वीडियो और हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाने वाला, जो भी कंटेंट होगा वो मैं नहीं बनाऊँगी और कुछ ऐसा कमेंट भी नहीं करूँगी।” इसके अलावा अब 19 हजार फॉलोवर वाली हीबा के सोशल मीडियासे सारे पोस्ट भी डिलीट किए जा चुके हैं।

ऐसे मामले पहले भी बहुत बार आए हैं। कुछ समय पहले खुद को फेमिनिस्ट समझने वाली प्रियंका पॉल की आईडी वायरल हुई थी जिसमें उसने न केवल हिंदुओं के लिए, बल्कि हिंदू देवी-देवताओं के लिए अश्लील बातें की हुई थीं। पोस्ट वायरल होने के बाद उसके खिलाफ भी शिकायत हुई थी।

‘तेरा कृष्णा कैसा रंगीला था देख’, जिस वजाहत कादरी ने करवाई शर्मिष्ठा पर FIR, वो लगातार करता है हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान: दर्ज हुए अब 3 केस, लेकिन कोलकाता पुलिस नहीं ले रही कोई एक्शन, क्यों? मुस्लिम कट्टरपंथियों का एक ही काम है कि सनातन धर्म के विरुद्ध जहर उगलो, हिन्दू इस्लाम के खिलाफ बोले तो "सिर से तन जुदा गैंग" को आगे करो

                               वजाहत खान और शर्मिश्ता पनोली (फोटो साभार - ऑपइंडिया इंग्लिश)
पश्चिम बंगाल पुलिस ने जिस वजाहत खान कादरी रशीदी की शिकायत पर लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया है, अब उसकी घिनौनी हरकतें सामने आ रही हैं। हिंदू देवी-देवताओं के अपमान, अभद्र टिप्पणियों और उसके सोशल मीडिया पर उगले गए जहर को लेकर वजाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 2 एफआईआर दिल्ली में और एक एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं।

बंगाल में अब तक जितने भी हिन्दू विरोधी दंगे होने पर पुलिस द्वारा दंगाइयों पर कोई कार्यवाही नहीं करना साफ साबित करता है कि बंगाल पुलिस मुस्लिम कट्टरपंथियों के इशारे पर काम करती है और केंद्रीय गृह मंत्रालय को इन सब हरकतों का संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। जिस कट्टरपंथी की शिकायत पर बंगाल पुलिस सतर्कता दिखाते शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करती है वही पुलिस उसी अपराध में वज़ाहत को क्यों नहीं गिरफ्तार करती? आखिर कट्टरपंथी कब तक victim card खेलकर अराजकता फैलाते रहेंगे? हिन्दू देवी-देवताओं को चाहे जो कुछ कहो लेकिन इनके इस्लाम पर कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए, क्यों?       

एक चैनल शायद टीवी9 पर एक चर्चा के दौरान एक मौलाना द्वारा भगवान कृष्ण पर गलत  टिप्पणी करने पर आचार्य विक्रमादित्य जी द्वारा सबूत माँगने पर मौलाना ने जहाँ उलटी-पुल्टी बात करते ही लाइव शो में इतना मारा कि चर्चा में मौजूद कोई मौलाना बीच बचाव करवाने की हिम्मत नहीं कर सका। यानि इन कट्टरपंथियों का एक ही काम है कि सनातन धर्म के विरुद्ध जहर उगलो।     

हालाँकि, अब वज़ाहत खान खुद मुश्किलों में घिर गया है। इंटरनेट यूजर्स की जाँच में यह तथ्य सामने आया कि वज़ाहत खान कादरी रशीदी नाम का जो व्यक्ति पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के कथित अपमान से नाराज़ होकर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ़ कार्रवाई की माँग कर रहा था, वह खुद सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म और हिंदू देवी-देवताओं का बार-बार अपमान करता रहा है।

 शर्मिष्ठा ने जिस टिप्पणी के लिए माफ़ी माँग ली थी, उसी को आधार बनाकर रशीदी फ़ाउंडेशन के सह-संस्थापक वज़ाहत खान कादरी रशीदी ने कोलकाता पुलिस में उसके खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी और कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा को 1500 किमी दूर गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया था। वज़ाहत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की माँग की थी, शिकायत दर्ज कराने की जानकारी साझा की थी और बाद में उनकी गिरफ्तारी का जश्न भी मनाया था।  

लेकिन अब उस वजाहत के कई आपत्तिजनक पोस्ट सामने आए हैं, जिनमें वो हिंदू देवी-देवताओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करता था। इन पोस्ट्स में से कई को वज़ाहत ने बाद में डिलीट भी कर दिया। उसने अपनी पोस्ट में हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म के खिलाफ अपमान जनक भाषा का प्रयोग किया। उसके कुछ पोस्ट इस प्रकार हैं..

“एक हिंदू अपनी साली को अंग अंग पर रंग लगाते हुए और अपने दोस्तों को भी उसके साथ ऐसा करने का निमंत्रण देते हुए… सी हिंदुओं… यहीं है इनकी असलियत… बलात्कारी संस्कृति”

“नहीं वो उसकी बात कर रहा है जिसकी 16108 राखेलो के साथ रंग रसिया मनाता था…या चुपके-चुपके लड़कियों को नहाते हुए देखता था…”

“मेरे पास आपके लिए कुछ है… पहले अपने धर्म के बारे में पढ़ो। मूत्र पीने वाले मैल हैं।”

“तुझ जैसी &^$^&* पेट की औलाद रसूल के बारे में बारे में बात करे ये जेब नहीं देता…तू इसकी बात कर, तेरा कृष्णा कैसा रंगीला था देख…सच्चाई देख, वहम में मत जी… $%टू साले, तूने जो भी कहा वो सब तो झूठ और बहुत है लेकिन ये तेरे ही किताब का है सच पढ़, सुवर के पिल्ले”

                                                  

 वज़ाहत खान के ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इन आपत्तिजनक पोस्ट्स के आधार पर एडवोकेट विनीत जिंदल ने वज़ाहत खान के खिलाफ़ दिल्ली पुलिस और साइबर क्राइम यूनिट में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने वज़ाहत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 194, 195, 356 और आईटी एक्ट की धाराओं 66, 67, 69 के तहत एफआईआर दर्ज करने की माँग की है।

उन्होंने ऑनलाइन शिकायत में लिखा, “मैं सोशल मीडिया पर वज़ाहत खान कादरी रशीदी नामक व्यक्ति द्वारा प्रसारित की जा रही बेहद आपत्तिजनक, घृणित और अपमानजनक पोस्ट की एक सीरीज के बारे में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए लिख रहा हूँ, जिनके प्रोफ़ाइल और पोस्ट ट्विटर (अब एक्स) जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

उन्होंने आगे कहा की व्यक्ति ने हिंदू समुदाय, उसकी मान्यताओं, प्रथाओं और भगवान कृष्ण सहित पूजनीय व्यक्तियों को निशाना बनाते हुए अभद्र भाषा वाले बार-बार पोस्ट किए हैं। पवित्र ग्रंथों और देवताओं का मज़ाक उड़ाते हुए यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सांप्रदायिक उकसावे की कार्रवाई की गई है। धार्मिक भावनाओं का उपहास करने और उन्हें भड़काने के उद्देश्य से ग्राफ़िक गलत सूचना और मॉर्फ़ की गई तस्वीरें।

एडवोकेट विनीत जिंदल के आनुसार सामग्री में बलात्कारी संस्कृति, मूत्र पीने वाले और हिंदू त्योहारों, देवताओं और मंदिरों (जैसे, कामाख्या देवी मंदिर) पर अपमानजनक टिप्पणी जैसे अपमानजनक शब्द शामिल हैं। ये पोस्ट धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का एक स्पष्ट और जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है, जो 194,195,356 बीएनएस और आईटी अधिनियम की धारा 66,67,69 के तहत दंडनीय अपराध है। इसलिए उपरोक्त व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मैं तैयार हूँ। मैं आगे कोई भी जानकारी देने या आवश्यकतानुसार जाँच प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए भी तैयार हूँ”।

अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने कोलकाता में रहने वाले वजाहत खान के खिलाफ दिल्ली में साकेत पुलिस के साइबर अपराध में दूसरी शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने लिखा कि कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक वज़ाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदू धर्म, देवी-देवताओं, त्योहारों और संस्कृति को निशाना बनाकर आपत्तिजनक, अपमानजनक और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। जिंदल ने कहा कि इन पोस्टों से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं, जिसमें वह स्वयं भी शामिल हैं, और इनसे सांप्रदायिक तनाव भड़कने की आशंका है।

इस बीच, वजाहत के खिलाफ तीसरी एफआईआर भी दर्ज हुई है। वजाहत के खिलाफ तीसरी एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज कराई गई है। वायस ऑफ असम और सांतनु सैकिया ने ये एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें कामाख्य मंदिर पर दिए उसके घृषित पोस्ट को आधार बनाया गया है।

कथित रूप से, वज़ाहत खान ने अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे कई आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट कर दिए हैं। इसी तरह, शर्मिष्ठा पनोली ने भी अपने कथित आपत्तिजनक वीडियो को डिलीट कर दिया था और सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगी थी। इसके बावजूद, पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार करने के लिए 1500 किलोमीटर दूर चली गई और कोलकाता की अलीपुर कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि वज़ाहत खान जो वही कोलकाता में मौजूद है उसके खिलाफ बंगाल पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

शर्मिष्ठा पर जिस मुस्लिम संगठन ने करवाई FIR, उसके पाकिस्तान में लिंक: कराची में भी है ऑफिस; शर्मिष्ठा पनौली को डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स का समर्थन, गिरफ्तारी को बताया ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ पर धब्बा: नुपुर शर्मा मामले में भी खुलकर आए थे आगे

                                               शर्मिष्ठा को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है
कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से 22 साल की लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनौली को ऑपरेशन सिंदूर पर सांप्रदायिक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया। इस मामले में अब नीदरलैंड के सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा का समर्थन किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि शर्मिष्ठा के अधिकारों की रक्षा करें।

वाइल्डर्स ने एक्स पर लिखा, “शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर धब्बा है। उन्हें पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने की सजा न दी जाए।” उनके पोस्टर में लिखा था, “All eyes on Sharmistha”।

वाइल्डर्स ने 2022 में भी बीजेपी की नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। उन्होंने कश्मीर के रियासी में हिंदुओं पर हुए हमले के विरोध में भी पक्ष लिया था।

शर्मिष्ठा ने एक वीडियो में बॉलीवुड सितारों की ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी की आलोचना की थी, जिसमें कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ थीं। वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने माफी माँगी और इसे हटा लिया, लेकिन कोलकाता में शिकायत दर्ज हो गई। इस दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन्हें रेप और ‘सर तन से जुदा’ जैसी धमकियाँ दी, लेकिन कोलकाता पुलिस ने इस्लामी कट्टरपंथियों की जगह शर्मिष्ठा को ही गिरफ्तार कर लिया।

शर्मिष्ठा पर जिस मुस्लिम संगठन ने करवाई FIR, उसके पाकिस्तान में लिंक: कराची में भी है ऑफिस

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के खिलाफ टिप्पणी करने वाली शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम संगठन ने करवाई है। शर्मिष्ठा पनोली पर इस्लाम के खिलाफ बोलने का आरोप कथित तौर पर लगाया गया है। इस बीच शर्मिष्ठा की मदद को एक हिन्दू संगठन आगे आया है।

श्री राम स्वाभिमान परिषद नाम के इस हिंदू संगठन ने 22 वर्षीय इन्फ्लुएंसर का समर्थन किया है। मीडिया से बात करते हुए इस संगठन के सचिव सूरज कुमार सिंह ने कहा कि जिस मुस्लिम संगठन ने शर्मिष्ठा के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है, उसका एक कार्यालय पाकिस्तान के कराची शहर में है।

सिंह ने दावा किया है कि स्काई फाउंडेशन नामक संगठन के कुछ सदस्यों ने कोलकाता में शर्मिष्ठा के खिलाफ FIR दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की माँग की थी। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के सदस्यों ने यह भी धमकी दी थी कि अगर पुलिस शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो वे कानून अपने हाथ में ले लेंगे और उन्हें मार डालेंगे।

सूरज सिंह ने एक वीडियो दिखा कर यह भी दावा किया है कि स्काई फाउंडेशन के लोगों ने शर्मिष्ठा के गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट में जश्न मनाया। उन्होंने शर्मिष्ठा के साथ कुछ होने का जिम्मेदार ममता सरकार को करार दिया है।

शर्मिष्ठा के खिलाफ लगातार इस्लामी कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे थे। इसके बाद कोलकाता में दर्ज एक FIR के चलते उन्हें गुरुग्राम से 30 मई, 2025 को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शर्मिष्ठा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किए जाने की आलोचना आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण और कॉन्ग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी की है। गौरतलब है कि शर्मिष्ठा ने अपने वीडियो के बाद माफ़ी भी माँग ली थी, इसके बाद भी पश्चिम बंगाल पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले गई।

गुजरात : रावण की एक गलती और भगवान विष्णु का बालक रूप… कच्छ के कोटेश्वर मंदिर की क्यों है इतनी मान्यता, विराजमान हैं यहाँ स्वयं ‘संपत्ति के ईश्वर’

                                            कोटेश्वर मंदिर (साभार : kiaayo.com)
गुजरात के कच्छ जिले में रेगिस्तान के रास्ते जब थकने लगते हैं तब समुद्र की गोद में बैठा एक प्राचीन शिव मंदिर दिखता है। जिसका नाम है कोटेश्वर महादेव मंदिर। यहाँ भगवान शिव स्वयं कोटेश्वर रूप में विराजमान हैं, जिन्हें ‘संपत्ति के ईश्वर’ भी कहा जाता है। कोटेश्वर मंदिर भारत की आखिरी सीमा पर स्थित है। इसके आगे सिर्फ पानी है और पाकिस्तान की सरहद।
                                         कोटेश्वर मंदिर का गर्भग्रह (साभार : Gujarat Tourism)

मान्यताओं के अनुसार, कोटेश्वर मंदिर का संबंध रावण से भी है। कहा जाता है कि रावण ने भगवान शिव से खुश होकर शिवलिंग माँगा था, जिसे वह लंका ले जाना चाहता था। शिव जी ने उसे एक शर्त के साथ शिवलिंग दिया कि रास्ते में उसे कहीं भी ज़मीन पर नहीं रखना है, लेकिन रावण रास्ते में थक गया और उसने एक चरवाहे बालक (जो स्वयं भगवान विष्णु थे) से मदद माँगी। उस बालक ने शिवलिंग को ज़मीन पर रख दिया। फिर वो बालक भी वहीं बैठ गया। आज उसी स्थान को कोटेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मंदिर का इतिहास

  • कोटेश्वर मंदिर का जिक्र सबसे पहले ‘स्कंद पुराण’ में मिलता है। मंदिर का विस्तार मौर्यकाल (लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) में हुआ। इतिहासकारों के अनुसार, ये स्थान पहले बौद्ध धर्म का केंद्र भी रहा है, लेकिन धीरे-धीरे यह शिव उपासना का बड़ा स्थल बन गया। 10वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के शासकों ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और इसे गुजरात के प्रमुख तीर्थस्थलों में शामिल किया। वहीं, 1819 में आए भूकंप से इस क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ था लेकिन इसके बाद ब्रिटिश शासन में मंदिर का आंशिक पुनर्निर्माण किया गया।

मंदिर की संरचना

मंदिर की संरचना बहुत ही साधारण लेकिन प्रभावशाली है। यह पूरी तरह से पत्थरों से बना हुआ है और इसकी बनावट पारंपरिक नागर शैली में है। जो गुजरात के मंदिरों की खास पहचान होती है। मंदिर का गर्भगृह छोटा है लेकिन बेहद पवित्र माना जाता है। इसके ऊपर ऊँचा शिखर है जो दूर से ही दिखाई देता है।
             कोटेश्वर मंदिर का मुख्य द्वार और मंदिर के भीतर स्थापित नंदी की मूर्ति (साभार : Gujarat Tourism)
मंदिर की दीवारों पर नजर आने वाली सादगी ही इस मंदिर की सबसे बड़ी खूबसूरती है। समुद्र के किनारे स्थित होने के कारण यहाँ हमेशा ठंडी हवा बहती रहती है जो मंदिर के वातावरण को और भी पवित्र बना देती है।

मंदिर तक कैसे पहुँचे ?
                                  समुद्र तट पर स्थापित कोटेश्वर महादेव मंदिर (साभार : kiaayo)

  • कोटेश्वर मंदिर तक पहुँचने के लिए पहले भुज आना होगा। भुज से यहाँ की दूरी करीब 150 किलोमीटर है, जिसे सड़क के रास्ते से आराम से तय किया जा सकता है। भुज रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से यहाँ के लिए टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं। मंदिर तक जाने वाली सड़कें अब काफी बेहतर हो चुकी हैं। रास्ते में नारायण सरोवर  और लखपत जैसे अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी पड़ते हैं, जिनका दर्शन करते हुए कोटेश्वर पहुँचा जा सकते है।

नेता विपक्ष राहुल गांधी इतना डरपोक क्यों है? जब किसी का अपमान करता है, तो कोर्ट से भागता क्यों है? जो कहा उसे कोर्ट में सत्य साबित करे; सड़क से लेकर संसद तक सिर्फ उपद्रव करना ही मकसद

(#5% आबादी की कौम अल्पसंख्यक हो)

सुभाष चन्द्र

समय आ गया है जब राहुल गाँधी, गाँधी परिवार या फिर कांग्रेस को वोट देने से पहले जनता को हज़ार बार नहीं बल्कि लाखों बार सोंचकर वोट देना होगा। सियासत परिवार में जन्म लेने से नेता नहीं बन जाता। सोनिया गाँधी से लेकर राहुल प्रियंका तक किसी भी कांग्रेस नेता के बयानों पर विश्लेषण करना चाहिए। जो पार्टी इस्लामिक आतंकवाद को बचाने "हिन्दू आतंकवाद", "भगवा आतंकवाद"  जैसी बकवास कर हर भारतवासी के दिल-दिमाग में आतंकी मुल्क पाकिस्तान का डर बैठाने का काम किया। यही वजह है कि उसी आतंकी मुल्क पाकिस्तान पर होती सख्ती से पूरी कांग्रेस बौखलाई हुई है। भारत सरकार से Operation Sindoor में कितने राफेल पाकिस्तान ने गिराए पूछने वाली कांग्रेस को बताना चाहिए कि चीन से क्या MoU साइन किया है? सोनिया गाँधी कश्मीर विरोधी संगठन की co-chairman क्यों है? अगर कांग्रेस को बचाएंगे वो है शशि थरूर, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी आदि जैसे सुलझे नेता।  

पाकिस्तान का प्रधानमंत्री खुद कहता फिर रहा है कि भारत ने पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुँचाया है, लेकिन राहुल जैसे पागल कांग्रेसी सरकार से अपना नुकसान पूछ, दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। इन नालायकों को नहीं मालूम कि युद्ध के दौरान कभी ऐसे सवाल नहीं किए जाते। भारत की मार से पाकिस्तान से कहीं ज्यादा कांग्रेस पागल हुई पड़ी है।   

राहुल गांधी पर शायद 15 से ज्यादा मानहानि के मुक़दमे चल रहे है।  “मोदी समुदाय” के लोगों को चोर कह कर तो एक बार सजा हो ही गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गवई ने बचा लिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक बार जो कह देता है, चाहे उससे किसी का अपमान हो, तो उस पर कायम क्यों नहीं रहता? जब कोर्ट में केस दर्ज होता है तो भागता क्यों फिरता है? पिछले एक महीने में 3 मामलों में क्या हुआ, यह देखिए -

राहुल गांधी ने वीर सावरकर का अपमान करने में पीएचडी की हुई है उन्हें “माफ़ी मांगने वाला” तो न जाने कितनी बार कह चुका है यह भी कहता रहा है कि “मैं राहुल गांधी हूं, राहुल सावरकर नहीं हूं, मैं माफ़ी नहीं मागूंगा” ऐसे ही एक बयान में उसने कहा कि “सावरकर अंग्रेजों के नौकर थे जो अंग्रेजों से पेंशन लेते थे” ट्रायल कोर्ट में केस चल रहा था केस को लड़ना चाहिए था लेकिन केस को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट चला गया हाई कोर्ट ने अपील ख़ारिज कर दी

लेखक 
चर्चित YouTuber 
फिर चला गया सुप्रीम कोर्ट, वहां जस्टिस दीपांकर दत्ता जस्टिस मनमोहन की पीठ ने राहुल को सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक टिप्पणी न करने की चेतावनी दी और कहा कि महाराष्ट्र में उनकी 'पूजा' की जाती है कोर्ट ने आगे कहा, इस तरह की टिप्पणी करना जारी रखते हैं तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे उन्होंने हमें आज़ादी दिलाई और आप उनके लिए ऐसी भाषा बोलते हैं। आज सावरकर के लिए कहा है, कल को कोई गांधी जी अंग्रेजों का नौकर कहेगा 

सुप्रीम कोर्ट ने उस केस पर रोक लगा दी जो नहीं लगानी चाहिए थी - case should its logical end. 

अभी 29 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने राहुल पर  ट्रायल कोर्ट में केस चल रहे मानहानि के केस पर रोक लगाने से मना कर दिया इस मामले में 2022 में राहुल ने कहा था कि चीनी सेना से हमारे सैनिक पिट रहे हैं 

अब केस दर्ज हुआ तो साबित करो कि भारतीय सैनिक पिट रहे थे लेकिन राहुल चाहता है हाई कोर्ट केस को ख़त्म कर दे यह केस राहुल के खिलाफ BRO के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव जी ने दर्ज किया था राहुल का वकील कोर्ट में कहता है कि शिकायत को देख कर लगता है कि ये fabricated है। राहुल तो लखनऊ का भी रहने वाला नहीं है और ट्रायल कोर्ट को समन जारी करने से पहले शिकायत की सत्यता की जांच कर लेनी चाहिए थी 

राहुल का वह वीडियो जमकर वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहा था कि चीन के सैनिक हमारे जवानों की पिटाई कर रहे थे ये कैसे Fabricated हो गया और बोला था तो कोर्ट में साबित करें

कल पुणे की एक ट्रायल कोर्ट ने सावरकर के पौत्र सात्यकि अशोक सावरकर के मातृवंश की जानकारी मांगने वाली राहुल की याचिका ख़ारिज कर दी मार्च, 2023 में लंदन में राहुल गांधी ने सावरकर की किसी कथित पुस्तक का उल्लेख करते हुए कहा था कि सावरकर और उनके 5-6 दोस्तों ने एक मुसलमान की पिटाई की थी जिससे उन्हें बहुत ख़ुशी हुई इस जूठे बयान पर सात्यकि ने मानहानि का केस दर्ज किये था

सात्यकि के पिता अशोक सावरकर वीर सावरकर के भाई के बेटे थे और उनकी पत्नी हिमानी अशोक सावरकर नाथूराम गोडसे की भतीजी थी और इस तरह राहुल के दिमाग ने वीर सावरकर की गांधी हत्या से कड़ी जोड़ दी कोर्ट ने उसकी अपील ख़ारिज करते हुए कहा कि मामला राहुल के बयान पर है न कि हिमानी की वंशावली से लंदन जो बयान दिया उसे साबित करे राहुल गांधी, भागता क्यों है?

इजरायली हमलों के आगे घुटने टेकता दिख रहा हमास, अब जिंदा-मारे गए सभी बंधकों की रिहाई को तैयार

                           हमास ने अमेरिकी प्रस्ताव के जवाब में युद्ध विराम की माँग की (फोटो साभार: मिंट)
गाजा पर कब्जा जमाए बैठे फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने अमेरिका के एक प्रस्ताव के जवाब में बड़ा बयान दिया है। उसने कहा कि वह 10 जिंदा बंधकों को रिहा करने और 18 मृत इजरायली बंधकों के शव सौंपने को तैयार है। लेकिन इसके बदले उसकी दो बड़ी माँगें हैं: पहला – गाजा पट्टी से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी, और दूसरा – युद्ध का स्थाई अंत। यह जवाब शनिवार (31 मई 2025) को आया, जब हमास ने अमेरिका के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

अमेरिका का प्रस्ताव इजरायल के सामरिक मामलों के मंत्री और प्रमुख वार्ताकार रॉन डेरमर की सहमति से तैयार किया गया था। इस प्रस्ताव में 60 दिनों के युद्धविराम की बात थी, जिसके बाद इजरायल को फिर से युद्ध शुरू करने का विकल्प दिया गया था। इसके अलावा, इस दौरान गाजा में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में मानवीय सहायता को बहाल करने की योजना भी शामिल थी। इजरायल ने इस प्रस्ताव को पहले ही स्वीकार कर लिया था।

हमास ने अपने जवाब में साफ किया कि वह 28 बंधकों की रिहाई के लिए तैयार है, जिनमें 10 जीवित हैं और 18 मृत। उसने यह भी कहा कि वह इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले इन बंधकों को छोड़ेगा। हमास का कहना है कि उसका लक्ष्य सिर्फ अस्थाई राहत नहीं, बल्कि स्थाई युद्धविराम और गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी है। संगठन ने एक अलग बयान में जोर दिया कि यह प्रस्ताव युद्ध को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक कदम होना चाहिए।

इस बीच, एक और घटनाक्रम में तनाव बढ़ गया। जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र और बहरीन के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ अरब लीग के महासचिव को रविवार (1 जून 2025) को वेस्ट बैंक के रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलने जाना था। इस मुलाकात को गाजा संकट के समाधान और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बहुत अहम माना जा रहा था। लेकिन इजरायल ने इस यात्रा पर रोक लगा दी। इजरायल का कहना है कि वेस्ट बैंक की सीमाएँ और हवाई क्षेत्र उसके नियंत्रण में हैं, इसलिए वह इस यात्रा में कोई सहयोग नहीं करेगा।

इस बीच, एक और घटनाक्रम में तनाव बढ़ गया। जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र और बहरीन के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ अरब लीग के महासचिव को रविवार (1 जून 2025) को वेस्ट बैंक के रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलने जाना था। इस मुलाकात को गाजा संकट के समाधान और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बहुत अहम माना जा रहा था। लेकिन इजरायल ने इस यात्रा पर रोक लगा दी। इजरायल का कहना है कि वेस्ट बैंक की सीमाएँ और हवाई क्षेत्र उसके नियंत्रण में हैं, इसलिए वह इस यात्रा में कोई सहयोग नहीं करेगा।

फिलीस्तीन के गाजा पर हमास का करीब 2 दशकों से नियंत्रण है। गाजा पर हमास कब्जेदार की तरह है, क्योंकि फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने ही उसे कभी मान्यता नहीं दी। इजरायल हमास के संपूर्ण विनाश की प्रक्रिया में जुटा हुआ है, जबकि अपने शीर्ष कमांडरों के बारे जाने के बाद अब वो सिर्फ अपने अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान की जेल में रहकर आतंकी बन जाता है अब्बा… शशि थरूर के बाद अब ओवैसी वाले डेलिगेशन ने विदेश में आतंकी मुल्क का सच दुनिया को बताया, FATF से कहा- इन्हें ग्रे लिस्ट में डालो

पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकवाद को लेकर चल रहे विवाद में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के शशि थरूर, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी की है। ओवैसी का विरोधी होने के बावजूद इस प्रकरण में उनकी प्रशंसा करता हूँ। उनका कहना कि लड़ाई मोदी से हो या बीजेपी सरकार से ये तो चलती रहेगी, लेकिन जब बात देश की हो सबको एकजुट होना चाहिए। लेकिन राहुल और इसके पिछलग्गू विपक्ष को इन लोगों से सीखना चाहिए, परन्तु ये वही बोली बोल रहे है जो दुश्मन मुल्क पाकिस्तान चाहता है।   
हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अल्जीरिया में पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को बेनकाब किया। असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (31 मई 2025) को आतंकवादी जकीउर रहमान लखवी का उदाहरण दिया, जो पाकिस्तान की जेल में रहते हुए बेटे का अब्बू बना।

ओवैसी के इस बयान को हलके में लेना महामूर्खता होगी। जेल में रहते आतंकवादी का अब्बा बनना बहुत कुछ जाहिर कर रहा है। ओवैसी के इस बयान से जाहिर है कि पाकिस्तान सरकार और फ़ौज के संरक्षण में पल रहे आतंकियों की औरतें तक सुरक्षित नहीं। जो चाहे किसी भी आतंकवादी के घर की किसी भी औरत का जब चाहे कुछ भी कर सकता है। 

ओवैसी ने कहा कि दुनिया का कोई देश आतंकवादियों को ऐसी छूट नहीं देता, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उन्होंने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालना जरूरी है, ताकि आतंकवादी घटनाएँ कम हों।

ओवैसी सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अल्जीरिया में हैं, जो दुनिया भर में पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों को उजागर कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की रणनीति दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा करती है। ओवैसी ने पाकिस्तान को ‘भिखमंगा देश’ करार देते हुए उसके आतंकवाद में संलिप्तता पर सवाल उठाए।

BJP बनाएगी कर्नल कुरैशी- विंग कमांडर सिंह को चेहरा: Times of India में छपी फर्जी खबर की भाजपा ने खोली पोल, बताया- मीडिया ने तोड़-मरोड़ के पेश किया बयान

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को अपने अभियान का चेहरा बनाने की खबरें खारिज की हैं। भाजपा ने इन्हें फर्जी खबर करार दिया है। पार्टी ने कहा है कि वह ऐसी कोई योजना पर काम नहीं कर रही है। मीडिया में चलाया गया था कि ऐसा भाजपा महिलाओं में पैठ बढ़ाने के लिए करेगी।

भाजपा के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने एक्स (पहले ट्विटर) पर यह दावा करने वाली खबरों को लेकर लिखा। उन्होंने कहा, “यह फेक न्यूज है। भाजपा की कर्नल सोफिया कुरैशी या विंग कमांडर व्योमिका सिंह को अभियान का चेहरा बनाने की कोई योजना नहीं है।”

आगे उन्होंने बताया, “भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कर्नल कुरैशी को समुदाय के भीतर एक सशक्त मुस्लिम महिला के उदाहरण के रूप में दिखाने को लेकर बात कही थी।”

यह खबर Times मीडिया समूह के अखबारों ने प्रमुखता से छापी थी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी इस खबर में बताया गया था कि 9 जून, 2025 को भाजपा को मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर भाजपा महिलाओं को केंद्र में रख कर यह अभियान चलाएगी।

खबर में बताया गया था कि इस काम की जिम्मेदारी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी गई है। इस खबर में बताया गया था कि मोर्चा को मस्जिदों, दरगाहों और बाकी जगहों पर ऐसी चौपालें आयोजित करने का आदेश भाजपा की तरफ से दिया गया है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर में यह भी दावा किया गया था कि पार्टी इससे अल्पसंख्यक समुदाय में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। हालाँकि, भाजपा ने इस खबर को पूरी तरह फर्जी बताया है। गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान विश्व के सामने जानकारी देने वाला चेहरा कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ही थीं।

इससे पहले भाजपा ने दैनिक भास्कर की उस रिपोर्ट को खारिज किया था जिसमे पार्टी के घर-घर सिंदूर भेजने के अभियान चलाने का दावा किया गया था। भाजपा ने बताया था कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है।

क्या राहुल-सोनिया को खुश करने के लिए पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी कर रहे तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी? रेड्डी को मालूम होना चाहिए कि पाकिस्तान की दाल-रोटी ही आतंकवाद; राहुल और सोनिया से पूछो कि चीन के साथ क्या MoU साइन किया है, राष्ट्र जानना चाहता है?


तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना की, तो भाजपा की तेलंगाना इकाई ने कड़ा जवाब दिया। भाजपा ने रेड्डी के बयानों को अजीब और गैर-जिम्मेदार बताया, जो पाकिस्तान के प्रचार से मिलते-जुलते हैं।

भाजपा के तेलंगाना प्रमुख प्रवक्ता एनवी सुभाष ने शनिवार (31 मई 2025) को कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जानबूझकर ऐसे बयान दे रहे हैं, जो भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुँचाते हैं। उन्होंने रेड्डी की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर टिप्पणी की निंदा की और कहा कि यह सेना का अपमान है।

जो कांग्रेस तत्कालीन सेना प्रमुख बिपिन रावत को सड़क का गुंडा कह दे उस पार्टी से देशभक्ति और सेना के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती। दूसरे, इनके ही राज में जब पाकिस्तान पोषित आतंकवादी बेगुनाहों को अकाल मृत्यु के गाल में डाल थे डोसियर डोसियर खेल देश को गुमराह कर पाकिस्तान के चरणों में नतमस्तक होते रहे और जनता पाकिस्तान का नाम लेने से सहम जाती थी। लेकिन 2014 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से वही पाकिस्तान डरा-डरा रहता है। Operation Sindoor ने तो पाकिस्तान को दुनियां के सामने बेनकाब कर दिया। इसके मंत्री और फ़ौज अधिकारीयों का आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होना साबित करता है कि पाकिस्तान की दाल-रोटी ही आतंकवाद है। दूसरे, राहुल और सोनिया से पूछो कि चीन के साथ क्या MoU साइन किया है, राष्ट्र जानना चाहता है?   
    

सुभाष ने कहा, “रेड्डी वही झूठे दावे दोहरा रहे हैं, जो एक अखबार ने छापे थे, लेकिन रक्षा मंत्रालय के खंडन के बाद वापस लिए गए। फिर भी, रेड्डी इन्हें दोहरा रहे हैं, शायद कॉन्ग्रेस के राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को खुश करने के लिए।”

सवाल किया कि क्या रेड्डी को भारतीय सेना पर भरोसा नहीं है। सुभाष ने AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी का जिक्र करते हुए कहा कि भले ही ओवैसी भाजपा के आलोचक हैं, लेकिन वे पाकिस्तान के धोखे को समझते हैं। मगर रेड्डी का रवैया पाकिस्तान के दावों का समर्थन करता दिखता है।

सुभाष ने रेड्डी पर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज कर सुर्खियों में रहने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसा, “रेड्डी देश के साथ एकजुटता दिखाने की बजाय मिस वर्ल्ड के साथ अखबार के पहले पन्ने पर छपना ज्यादा जरूरी समझते हैं।”

दरअसल, कांग्रेस की ‘जय हिंद यात्रा’ में रेड्डी ने कहा था कि मोदी अब ‘अमान्य 1000 रुपये के नोट’ जैसे हैं और देश को राहुल गाँधी जैसे नेता की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि राहुल अगर प्रधानमंत्री होते, तो इंदिरा गाँधी से प्रेरणा लेकर पीओके वापस ले चुके होते। उन्होंने यह भी पूछा था कि ऑपरेशन सिंदूर में कितने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मारे गए।

रेड्डी ने कहा कि मोदी सरकार बलूचिस्तान को आजाद कराने और पीओके पर कब्जा करने में नाकाम रही। भाजपा ने इन बयानों को गैर-ज़िम्मेदाराना कहते हुए, राष्ट्रविरोधी करार दिया है।

सालों तक हजारों बेगुनाहों के खून से भारत की धरती लाल करने वाला पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर ने अभी तो भारत ने अंगड़ाई भी नहीं ली कि बातचीत के लिए दर-दर क्यों भटक रहा है? बेगुनाह भारतीयों के बहते खून का क्यों नहीं दर्द महसूस किया? उधर रामभद्राचार्य ने गुरु दक्षिणा में मांगा PoK

अपने आतंकियों द्वारा बेगुनाह भारतीयों के खून की होली और होती मौतों पर बेशर्म पाकिस्तान को रहम क्यों नहीं आया? अभी तो Operation Sindoor से भारत ने अंगड़ाई भी नहीं ली कि दर-बदर बातचीत के भागता फिर रहा है। मंत्री परमाणु की धमकी देते फिरते थे, सब घुस गए बिलों में। अभी तो Operation Sindoor की अंगड़ाई बाकी है। फिर भी अपने हर दिल अजीज आतंकियों का साथ नहीं छोड़ना साबित करता है कि ऐसे झूठे मुल्क पर विश्वास करने वाला भी मानव का दुश्मन है। जिस मुल्क की फ़ौज और सरकार आतंकियों के जनाजे में शामिल हो उस पर विश्वास करना ही विश्वास के साथ विश्वासघात करने से कम नहीं।     
एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार दोहरा रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर से घबराए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दुनियाभर में घूम-घूमकर गिड़गिड़ाने में लगे हुए हैं कि हम भारत से समझौता चाहते हैं। हम भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। दोनों पक्षों को बैठकर कश्मीर
जल संकट और आतंकवाद जैसे मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बातचीत की इस पेशकश पर दो टूक जवाब दे दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि आतंकवादियों को सौंपे बिना और PoK खाली किए बिना बातचीत संभव नहीं है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि तब तक सिंधु जल संधि भी निलंबित रहेगी। इस तीखी प्रतिक्रिया के पीछे हाल ही में शहबाज शरीफ का ईरान दौरे पर दिया गया वह बयान है जिसमें उन्होंने भारत से “पुराने मुद्दों” पर बात करने की इच्छा जताई। लेकिन भारत की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगाजमीनी बदलाव जरूरी है। वह पीओके का भूगोल बदले बिना संभव नहीं है। इस बीच रामभद्राचार्य महाराज ने गुरु दक्षिणा में पीओके ही मांग लिया है।

ऑपरेशन सिंदूर ने पाक को ऐसा तबाह किया कि थर-थर कांपने लगा
पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से जो रौद्र रूप अपनाया उसकी पाकिस्तान को कल्पना तक नहीं थी। भारतीय जल, थल और नभ तीनों सेनाओं के रणबांकुरों ने युद्ध में जो पराक्रम दिखाया, उससे पाकिस्तान इतना नुकसान हुआ कि वो थर-थर कांपने लगा। मिसाइल स्ट्राइक में भारत सेना ने ना सिर्फ पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के नौ बड़े अड्डों को तबाह किया, बल्कि 100 से ज्यादा आतंकी भी मार गिराए। इसके बाद चीन और तुर्की के जिन हथियारों के दम पर पाकिस्तान ने जंग में उतरने का फैसला लिया, वो हथियार भारतीय शूरवीरों और सुदर्शन चक्र के आगे बेहद बौने और फेल साबित हुए। भारतीय सेना के इन तेज हमलों को देख रहे पाकिस्तान का खौफ तब बहुत ज्यादा बढ़ गया, जबकि भारतीय हमले की जद में पाकिस्तान का परमाणु जखीरा भी आ गया। जिन परमाणु बम पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। इससे घबराया पाकिस्तान अमेरिका शरण में जाकर सीजफायर करवाने की गुहार लगाने लगा। अमेरिकी मदद से भले ही पाक सीजफायर कराने में सफल रहा हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं है।

अजरबैजान : हम बातचीत को तैयारताकि जरूरी मुद्दों पर समाधान हो
भारतीय सेना का पराक्रम और आक्रमण ने पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया है कि वो सालों पीछे पहुंच चुका है। सीजफायर के बाद भी भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने से लेकर लंबे समय तक कूटनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी पाकिस्तान के लिए घातक साबित हो रही है। यही वजह है कि अब पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख मुनीर कई देशों में घूम-घूम कर समझौते के लिए मिमिया रहे हैं। पाक प्रधानमंत्री शहबाज ने अजरबैजान के लाचिन में आयोजित पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान हर सूरत में भारत से समझौता वार्ता करने को तैयार है। उन्होंने कहा है कि हमें क्षेत्र में शांति चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि उन मुद्दों पर बातचीत हो जो तत्काल समाधान के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे कि कश्मीर का मुद्दा, जो संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल होना चाहिए।

सैयद खामनेई का रूखा सा जवाब सुन शहबाज का मुंह लटका
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ईरान के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने तेहरान में ईरानी नेतृत्व से मुलाकात की है। पाकिस्तान का राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व का ये दौरा भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई पिटाई के बाद हो रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के खिलाफ समर्थन जुटाना है। हालांकि, इस मामले में ईरान में पाकिस्तान को मायूसी हाथ लगी है। शहबाज शरीफ ने ईरान दौर पर भारत के साथ अपने हालिया संघर्ष और कश्मीर का मुद्दा उठाया, लेकिन ईरान ने इस पर बेहद ठंडी प्रतिक्रिया दी है। शहबाज शरीफ ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई के साथ मुलाकात की। इस दौरान भारत के साथ सैन्य टकराव को कश्मीर के मुद्दे का जिक्र किया, लेकिन खामेनेई की टिप्पणी ने बता दिया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बात को उन्होंने कितनी तवज्जो दी है। खामेनेई की तरफ से आई सार्वजनिक टिप्पणी में केवल इतना कहा गया कि ईरान को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद सुलझ जाएगा।

तेहरान: इस क्षेत्र में शांति की खातिर हम बातचीत को तैयार – शहबाज
शहबाज शरीफ ने एक सप्ताह यह दूसरी बार मिमियाकर कहा है कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होनी चाहिए। इससे पहले सोमवार को तेहरान में दिए गए बयान में उन्होंने कहा था कि सभी विवादों को सुलझाने के लिए वे भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं। भारत की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पर होगी। तुर्किए से ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचने के बाद शहबाज ने राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने मुलाकात की। बाद में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शहबाज ने कहा कि वह शांति की खातिर भारत के साथ बातचीत को तैयार हैं। हालांकि शांति की बात करते-करते ही वे असलियत पर उतर आए। एक सवाल के जवाब में शहबाज इस धमकी पर भी उतर आए कि भारत द्वारा युद्ध का रास्ता चुनने पर जवाबी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकतेबात पीओके पर होगी- भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक लहजे में कहा कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ किसी भी सूरत में नहीं चल सकते। भारत का रुख शुरू से ही साफ और एक जैसा रहा है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। पाकिस्तान को पहले उन आतंकवादियों को सौंपना होगा जिनकी सूची हमने वर्षों पहले सौंपी थी। उन्होंने आगे कहा कि यदि कश्मीर पर कोई बातचीत होनी है तो वह सिर्फ इस मुद्दे पर होगी कि पाकिस्तान कब और कैसे PoK को खाली करेगा। भारत ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि भी फिलहाल निलंबित रहेगी। जायसवाल ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से बंद नहीं करता तब तक सिंधु जल संधि पर कोई प्रगति नहीं होगी। प्रधानमंत्री मोदी के पुराने कथन को दोहराते हुए उन्होंने कहा, आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते। आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते। और पानी और खून साथ नहीं बह सकते।

रामभद्राचार्य ने गुरु दक्षिणा में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र मांगा पीओके
इधर एक दिलचस्प घटनाक्रम में पीओके को दक्षिणा में मांग लिया गया। दरअसल, जिस तरह महाभारत में एकलव्य ने द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा में अपने दाएं हाथ का अंगूठा दिया था। उसी तर्ज पर जगद्‌गुरु रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से गुरु दक्षिणा में पाक अधिकृत कश्मीर (पोओके) की मांग की है। सेना प्रमुख ने चित्रकूट में जगद्‌गुरु से गुरु दीक्षा ग्रहण की। जगद्‌गुरु ने गुरुवार को इसका खुलासा करते हुए कहा, मैंने सेना प्रमुख को गुरु मंत्र दिया। उसकी दक्षिणा के तौर पर उनके सामने पीओके की मांग रखी है। जगद्‌गुरु ने कहा, सेना प्रमुख ने उन्हें पीओके देने का आश्वासन दिया है।

उसी मंत्र की दीक्षाजो सीता ने हनुमान को लंका विजय के लिए दिया
उन्होंने कहा कि विजयी सेना प्रमुख का सम्मान करने में मुझे बहुत गौरव की अनुभूति हुई। उन्होंने मुझसे उसी मंत्र की दीक्षा ली, जो सीता जी ने हनुमान जी को लंका विजय के लिए दिया था। मैंने उनसे पीओके की दक्षिणा मांगी तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही आपको दक्षिणा मिलेगी। सेना प्रमुख पत्नी के साथ चित्रकूट पहुंचे थे। उन्होंने तुलसी पीठ में जगद्‌गुरु से मुलाकात की। पद्म विभूषण से सम्मानित जगद्‌गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, माता सीता का मंत्र लेने के बाद हनुमान ने लंका दहन किया था। मैं भी चाहता हूं कि हमारी सेना पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के कब्जे में लेकर आए। अगर पाकिस्तान दोबारा भारत पर हमला करता है तो उसे दुनिया के नक्शे से मिटा दिया जाए। उन्होंने कहा, मुझे पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं देना है, क्योंकि श्वान की दुम कभी सीधी नहीं होती।

दिल्ली में BJP सरकार ने जारी की अपनी वर्कबुक : ‘जो 27 साल में नहीं हुआ, वो 100 दिन में कर दिखाया’ ; घोटालेबाज़ों और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही कब?

         मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और कपिल मिश्रा (फोटो साभार : X_@EklavyaPuranik)
दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 20 फरवरी 2025 को शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं। 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई, विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी (आप) को विपक्ष में धकेल दिया।

रेखा जी बहुत कठिन है डगर पनघट की ... आम आदमी पार्टी को विपक्ष में जरूर धकेल दिया, लेकिन घोटालेबाज़ों को कब जेल पहुँचाया जाएगा या ऐसे ही घोटालेबाज़ खुले घूमते रहेंगे? इतने वर्षों से नगर निगम में बीजेपी ही सत्ता में है लेकिन भ्रष्टाचार चरम पर है। पहले संपत्ति कर नहीं देने वालों को नोटिस देने की प्रक्रिया थी परन्तु ऑनलाइन ने ठंठे बस्ते में डाल दिया। कैंप लगाकर आधी माफ़ी देकर संपत्ति कर वसूला जाने लगा, जो टैक्स चोरी करने वालों को प्रोत्साहित कर रहा था। आज की तारीख में कई ऐसी सम्पत्तियों हैं जिनका टैक्स नहीं जमा हो रहा। जिससे निगम को बहुत नुकसान हो रहा है। अगर आयकर विभाग की तरह जुर्माने के साथ वसूली की जाए नगर निगम ही नहीं दिल्ली सरकार का भी राजस्व बढ़ेगा। दूसरे, सडकों पर इतना अतिक्रमण हुआ है उस पर कार्यवाही कब होगी?     

खैर, इस मौके पर सरकार ने एक रिपोर्ट (जिसे ‘वर्कबुक’ कहा गया) जारी की है, जिसमें बताया गया है कि इन 100 दिनों में सरकार ने क्या-क्या काम किए हैं। इसमें खास तौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़कें, रोशनी और गरीबों की भलाई से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान दिया गया है।

रेखा गुप्ता और उनके कैबिनेट मंत्रियों आशीष सूद और कपिल मिश्रा द्वारा जारी ‘वर्कबुक’ में सरकार की कई महत्वपूर्ण लोक कल्याणकारी पहलों का विस्तृत विवरण दिया गया है।

स्वास्थ्य से जुड़े काम

  • आयुष्मान भारत योजना- गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज दिलाने के लिए इस योजना को दिल्ली में लागू किया गया है।
  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर- अच्छे इलाज की सुविधा देने के लिए ऐसे स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा रहे हैं।

जन-कल्याण योजनाएँ

  • महिला सम्मान योजना- गरीब महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद देने के लिए 51,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
  • वाय वंदना योजना- 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मदद और सुरक्षा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
  • यमुना सफाई- यमुना नदी को साफ करने का बड़ा अभियान शुरू किया गया है।
  • DEVI बसों को हरी झंडी- महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए DEVI (Delhi Express Van for Improved Safety) बसों को हरी झंडी दिखाई गई है।
  • स्ट्रीट लाइटें- दिल्ली की सड़कों पर ज्यादा और बेहतर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं, जिससे रात में रोशनी और सुरक्षा बेहतर हो।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार जनता के हक के लिए मेहनत कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली भी विकसित भारत के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को दोहराया।
वहीं दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि उनकी सरकार ने 27 साल में जो नहीं हुआ, वो 100 दिन में कर दिखाया है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर में ‘ऐतिहासिक काम’ का दावा किया, जिससे दिल्ली की जनता ‘बहुत खुश’ है।

भारत की कूटनीति से कैसे बदला कोलंबिया ने अपना पलड़ा, पहले पाकिस्तान के प्रति संवेदना, अब भारत का समर्थन

                           शशि थरूर और रोजा योलांडा विलाविसेनियो (फोटो साभार - ऑपइंडिया इंग्लिश)
कोलंबिया ने शुक्रवार (30 मई 2025) को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तानी जनहानि पर अपनी संवेदना वाले विवादास्पद बयान को वापस लिया। यह फैसला कांग्रेस सांसद शशि थरूर के वरिष्ठ कोलंबियाई अधिकारियों से आतंकवाद और आत्मरक्षा पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के बाद हुआ। इसके बाद कोलंबिया ने भारत के प्रति समर्थन का संदेश जारी किया।

कोलंबिया के पहले का बयान निराशाजनक

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल बहु-राष्ट्रीय यात्रा के तहत पनामा और गुयाना होते हुए कोलंबिया पहुँचा। गौरतलब है कि कोलंबिया ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 22 अप्रैल 2025 को आतंकियों द्वारा किए गए हिंदूओं के नरसंहार पर चुप्पी साधे रखी थी जबकि इसके जवाबी एक्शन में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में हुए नुकसान पर संवेदना जताई थी। इसे लेकर थरूर ने बोगोटा पहुँचकर कोलंबिया की इस प्रतिक्रिया पर निराशा जताई।

भारत के मजबूत खंडन और तथ्यों से सामने आया अंतर

इस भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा और कॉन्ग्रेस के सांसद शामिल थे। उन्होंने कोलंबियाई अधिकारियों को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में 26 हिंदुओं की हत्या वाले आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी वाली वे फोटोज भी दिखाई, जो मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल थे। सांसद शशि थरूर ने कहा, “हम आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। आतंकवादियों और उनका विरोध करने वालों की तुलना नहीं की जा सकती।”

कोलंबिया की उप-विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो से बैठक के बाद सांसद शशि थरूर ने कहा कि कोलंबिया ने भारत पर दिया गया विवादास्पद बयान वापस ले लिया है। थरूर ने कहा, “यह अच्छी खबर है, उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है और हमारे रुख के समर्थन में एक सकारात्मक बयान जारी किया है।” एएनआई से बात करते हुए कोलंबिया की मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के विस्तृत स्पष्टीकरण के बाद कोलंबिया को अब साफ तौर पर स्थिति का अंदाजा हो रहा है। इस पर आगे भी संवाद जारी रहेगा।

कोलंबिया के रुख में आए बदलाव ने दोनों देशों की कूटनीति को प्रभावी ढंग से दिखाया रखा है। भाजपा नेता और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोलंबिया ने भारत-विरोधी बयान वापस लेकर आतंकवाद पर भारत के रुख को स्वीकार किया है। भाजपा सांसद शशांक मणि ने कोलंबिया को उसके आतंकवाद प्रभावित इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि वह भारत की स्थिति को बेहतर समझ सकता है। उन्होंने कहा, “हम शांति का संदेश लेकर आए हैं, लेकिन हर आतंकी हमले का ठोस जवाब देंगे।”

कोलंबिया, जो जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनेगा, अब पाकिस्तान की बजाय भारत के साथ खड़ा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल अपना अगला दौरा ब्राजील और अमेरिका में करेगा। यह भारत की कूटनीतिक सफलता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ उसके कड़े रुख को स्पष्ट करता है।

लोकमाता अहिल्याबाई के सम्मान में मोदी ने 300 रुपए का सिक्का किया जारी, नारी शक्ति का जमकर बखान: ऑपरेशन सिंदूर पर बोले- बहादुर महिला सिपाहियों ने की देश की रक्षा

                              भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो साभार: X_NarendraModi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में हिस्सा लिया, जो जंबूरी मैदान में आयोजित हुआ। जंबूरी मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर को याद किया।

मोदी ने कहा, “लोकमाता अहिल्याबाई का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। 250-300 साल पहले, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब उन्होंने न सिर्फ अपने राज्य को समृद्ध किया, बल्कि देश की संस्कृति और परंपराओं को भी बचाया।”

पीएम ने बताया कि अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर सहित देश के कई मंदिरों और तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण करवाया। उन्होंने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता ने इतने विकास कार्य किए, वहाँ मुझे भी सेवा का मौका मिला। आज अगर आप काशी विश्वनाथ मंदिर जाएँगे, तो वहाँ आपको अहिल्याबाई की मूर्ति भी दिखेगी।”

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लोकमाता अहिल्याबाई को समर्पित एक स्मारक डाक टिकट और 300 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया। इस सिक्के पर अहिल्याबाई होलकर का चित्र अंकित है। साथ ही उन्होंने आदिवासी, लोक और पारंपरिक कलाओं में योगदान देने वाली महिला कलाकारों को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार से सम्मानित किया।

ऑपरेशन सिंदूर को बताया भारत की बहादुरी का प्रतीक

 मोदी ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने न सिर्फ भारतीयों का खून बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति और समाज को बाँटने की कोशिश की। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। हमारी सेना ने उन आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया, जहाँ पाकिस्तानी फौज ने सोचा भी नहीं था।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “अब भारत का हर नागरिक कह रहा है कि अगर तुम गोली चलाओगे, तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।” पीएम ने सिंदूर को नारी शक्ति और भारत की बहादुरी का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति में सिंदूर का विशेष महत्व है। हनुमान जी इसे लगाते हैं, शक्ति पूजा में इसका इस्तेमाल होता है। आज ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह भारत की ताकत का प्रतीक बन गया है।”
मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला शक्ति की अप्रतिम बहादुरी का भी बखान किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी फौज की भारी गोलाबारी के बीच भी बीएसएफ की बहादुर महिला सिपाहियों ने देश की रक्षा की।
पीएम मोदी ने कहा, “स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक…. आज देश अपनी बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन हों या फिर सीमापार का आतंक हो… आज हमारी बेटियाँ भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं।”

महिला सशक्तिकरण पर सरकार का जोर 

मोदी ने अपने भाषण में महिला सशक्तिकरण पर खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है, जिसमें से डेढ़ करोड़ से ज्यादा बहनें इस लक्ष्य को हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि गाँवों में बैंक सखियां और बीमा सखियाँ लोगों को बैंकिंग और बीमा की सुविधाओं से जोड़ रही हैं।

उन्होंने कहा, “आज हमारी बहनें और बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। पहले नई टेक्नोलॉजी से महिलाओं को दूर रखा जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। हमारी सरकार महिलाओं को टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। आज महिलाएँ वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर और पायलट बन रही हैं।”

पीएम ने ‘नमो ड्रोन दीदी’ अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इससे गाँव की महिलाओं को नई पहचान और कमाई का जरिया मिल रहा है। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन का उदाहरण देते हुए बताया कि इसमें 100 से ज्यादा महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अहम भूमिका निभाई।

लोकमाता अहिल्याबाई के मूल्यों पर चल रही सरकार

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के मूल्यों पर चल रही है। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का ऐसा मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने खेती को बढ़ावा देने के लिए नहरों का जाल बिछाया और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किया। पीएम ने कहा, “आज हमारी सरकार भी ‘नागरिक देवो भवः’ के मंत्र के साथ काम कर रही है। हमारी हर योजना में महिलाएँ केंद्र में हैं।”

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने लाखों महिलाओं को पहली बार अपने घर का मालिक बनाया है। साथ ही, स्टार्टअप और स्पेस मिशनों में भी महिलाएं अहम योगदान दे रही हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह दौरा लोकमाता अहिल्याबाई को समर्पित है। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलकर महिला सशक्तिकरण के संकल्प को पूरा कर रहे हैं। पीएम मोदी जिस तरह से काम कर रहे हैं, वह अहिल्याबाई के आदर्शों को जीवंत कर रहा है।”

महिलाओं ने संभाली आयोजन की कमान 

इस आयोजन की एक और खास बात थी कि इसकी पूरी जिम्मेदारी महिलाओं ने संभाली। दतिया से भोपाल तक पीएम के विमान को महिला पायलट ने उड़ाया। इंदौर में मेट्रो की पहली ट्रिप में सिर्फ महिलाएँ सवार थीं। भोपाल में सुरक्षा, मंच संचालन और अन्य सभी काम महिलाओं ने बखूबी निभाए।

इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिलाएँ, बहनें और बेटियाँ शामिल हुईं, जिन्होंने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। भोपाल की सड़कों पर पीएम का भव्य रोड शो हुआ, जिसमें सिंदूरी रंग की साड़ियों में सजी महिलाओं ने उनका अभिवादन किया। इस दौरान पूरे शहर में तिरंगे लहराए और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े पोस्टर लगे दिखे।

प्रधानमंत्री के भोपाल पहुँचते ही एक शानदार रोड शो शुरू हुआ। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद थे। सड़कों के दोनों ओर खड़ी भीड़ ने तालियों और नारों के साथ पीएम का स्वागत किया। खास बात यह थी कि इस रोड शो में 15,000 से ज्यादा महिलाओं ने सिंदूर रंग की साड़ियाँ पहनकर पीएम का स्वागत किया। यह स्वागत ऑपरेशन सिंदूर के प्रति आभार जताने का एक अनोखा तरीका था। पूरे शहर में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े पोस्टर लगाए गए थे, जो भारत की बहादुरी और महिला शक्ति का प्रतीक बने।

रोड शो का समापन जंबूरी मैदान में हुआ, जहाँ पीएम ने विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस आयोजन की सबसे खास बात यह थी कि इसकी पूरी जिम्मेदारी महिलाओं ने सँभाली। सुरक्षा से लेकर मंच संचालन, साइट मैनेजमेंट और हेलीपैड तक हर काम महिला अधिकारियों और कर्मचारियों ने बखूबी निभाया। यह नजारा महिला सशक्तिकरण का एक जीता-जागता उदाहरण था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल दौरा न सिर्फ एक राजनैतिक आयोजन था, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और भारत की ताकत का एक मजबूत संदेश भी था। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और लोकमाता अहिल्याबाई के योगदान को याद करते हुए पीएम ने देश की महिलाओं को प्रेरित किया। भोपाल की सड़कों पर लहराते तिरंगे और सिंदूरी रंग में सजी महिलाओं ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। यह दौरा नारी शक्ति और भारत की एकता का प्रतीक बनकर उभरा।