जुमे की हो रही थी नमाज, मस्जिद में हुआ बम धमाका: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की घटना


पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक बम धमाका हुआ है। यह धमाका एक मस्जिद में शुक्रवार (14 मार्च, 2025) को हुआ। इस दौरान यहाँ जुमे की नमाज पढ़ी जा रही थी। इस धमाके में 4 लोग घायल हो गए। घायलों में से कुछ जमीयत-ए-उलेमा (इस्लाम फजल) पार्टी से जुड़े हुए थे।

धमाके में घायल होने वालों में JUI का जिलाध्यक्ष अब्दुल्लाह नदीम भी था। बाकी के तीन घायलों में 2 बच्चे भी हैं। बताया गया है कि धमाका नदीम को निशाना बनाकर ही किया गया था और इसलिए पहले ही मस्जिद के भीतर बम लगा दिया गया था।

धमाका करने वाले संगठन का पता नहीं चल पाया है। JUI के मुखिया मौलाना फजलुर्रहमान ने हाल ही में इस्लामी आतंकी की आलोचना की थी और कहा था कि मुस्लिमों को मारना जिहाद नहीं है। यह हमला उसी के चंद दिन बाद सामने आया है।

वजीरिस्तान बीते लगभग 2 दशक से आतंक की मार झेल रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इसके बड़े हिस्से पर कब्जा भी कर रखा है। पाक फ़ौज यह कब्जा खाली करवाने में विफल रही है।

ट्रेन पर बलूचों के एक हमले से से दहल गया पाकिस्तान; याद करे पाकिस्तान वो आतंकी हमले जो उसने भारत में किए

सुभाष चन्द्र

आज बलूच द्वारा ट्रेन अपहरण करने से पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देना छोड़ा, पाकिस्तान से इसकी उम्मीद करनी बेकार है। वह दिन भी ज्यादा दूर नहीं जब पाकिस्तान अपनी लगाई आग में जलकर मरने वाला है। पाकिस्तान बनने के बाद से ही जो मुल्क अपने विकास पर ध्यान देने की बजाए भारत विरोधियों के पैरों में गिर भारत को बर्बाद करने में लगा हो, आज खुद अपनी बर्बादी का तमाशा देख रहा है। बलूचिस्तान के अलग होने के बाद सिंध का नंबर है। जिस दिन ये दोनों पाकिस्तान अलग हो गए, पाकिस्तान को बर्बाद होने से, जिन देशों की भीख पर ऐश कर रहा था कोई साथ नहीं देने वाला। यानि वह दिन भी ज्यादा दिन दूर नहीं जब ऐसा कत्लेआम शुरू होने की संभावनाएं की जा रही है।    

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पाकिस्तानी तालिबान ने 2014 में पेशावर के एक स्कूल में 150 लोगों की हत्या कर दी थी जिसमें मरने वाले अधिकांश बच्चे थे। TTP ने 2023 में पेशावर की एक मस्जिद में आत्मघाती हमले में 100 लोगों को मार दिया था और अब ट्रेन हाईजैक करके बलूचों ने 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है  यह संख्या इसलिए भी सही लगती है क्योंकि कल खबर थी कि पाकिस्तान ने ट्रेन अपहरण की जगह पर 200 ताबूत भेजे थे

आर्थिक एवं शांति संस्थान (आईपी) ने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) जारी करते हुए 2025 में पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित देशों में दूसरे स्थान पर रखा है यानी आतंकवाद की प्रयोगशाला के रूप में पूरे विश्व में बदनाम पाकिस्तान आज स्वयं भी उससे पीड़ित है पाकिस्तान आतंकवाद का जनक और निर्यातक है भारत में आतंकी हमले करते हुए उसे कभी ख्याल नहीं आता कि बेगुनाहों को मारने का क्या मतलब होता है 

आज ट्रेन हाईजैक होने से पाकिस्तान हिल गया शाहबाज़ शरीफ इस कायरतापूर्ण हमला बता रहा है पाकिस्तान को याद करा दूं उसने भारत में निम्लिखित हमले करके कितने निर्दोषों का खून बहाया था:-

2001 संसद भवन पर हमला 

2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला 

2005 दिल्ली धमाके 

2006 अहमदाबाद/वाराणसी/मुंबई ट्रेन/मालेगांव 

2007 समझौता एक्सप्रेस/हैदराबाद/अजमेर/लखनऊ/वाराणसी/कानपूर

2008 जयपुर/अहमदाबाद/महाराष्ट्र ट्रेन/मुंबई हमला/अगरतला/

2009 असम/गुवाहाटी/

2010 जनेश्वरी ट्रेन/दंतेवाड़ा/

2011 दिल्ली बम/

2012 पुणे 

2013 बेंगलुरु/श्रीनगर/माओवादी/बोधगया/पटना/जलपाईगुड़ी  

लेकिन सत्य तो यह है कि पाकिस्तान आज भी आतंकवाद का रास्ता छोड़ना नहीं चाहता अब उसके आतंकी गुटों ने हमास को भी साथ जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है जिससे भारत के कश्मीर में और जोर शोर से आतंकी हमले कर सके 

पिछले 35 साल से आतंकवाद के रास्ते पर चलने की बजाय यदि पाकिस्तान अपने मुल्क के विकास के काम करता तो आज दुनियाभर में उसकी छवि एक भिखारी की न बनी होती

ओडिशा में भिड़े विधायक, विधानसभा में ही हाथापाई: माँझी सरकार का आदेश- पत्रकार अंदर ना ले जाएँ मोबाइल, फोटो-वीडियो लेने पर रोक

                                                                                                                                         साभार 
ओडिशा विधानसभा के अंदर मंगलवार (11 मार्च, 2025) को विधायकों ने मारपीट कर दी। अलग-अलग पार्टियों के विधायक एक-दूसरे को पीटते और अभद्र व्यवहार करते देखे गए। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। उन्हें समाचार टीवी चैनल ने भी प्रसारित कर दिया। विधायकों के व्यवहार की आलोचना हुई है।

 इस घटना के बाद, मोहन माझी सरकार ने पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को विधानसभा हॉल की गैलरी के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। मोबाइल बैन के आदेश के बाद ओडिया पत्रकारों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

सरकार ने कुछ देर बाद यह निर्णय वापस ले लिया। हालाँकि, इसमें भी एक शर्त लगा दी गई। सरकार ने पत्रकारों पत्रकार अपने फोन ले जा सकते हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा के अंदर फोटो लेने या वीडियो रिकॉर्ड करने की अनुमति नहीं होगी।

मंगलवार, 11 मार्च को भाजपा विधायक जय नारायण मिश्रा और कॉन्ग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति के बीच झगड़ा होते देखा गया था। कॉन्ग्रेस और भाजपा के विधायकों को विधानसभा के अंदर एक-दूसरे को धक्का-मुक्की करते देखा गया। बाद में स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश करने के लिए कॉन्ग्रेस विधायक बहिनीपति को निलंबित कर दिया गया।

कांग्रेस में भाजपा समर्थक कांग्रेस को जीरो दे रहे हैं; ये राहुल गांधी की खोज है, कि पार्टी में लोग भाजपा के लिए काम करते हैं

सुभाष चन्द्र

कहते है दीपक तले अँधेरा होता है और यह बात सिर्फ राहुल ही नहीं पूरे गाँधी परिवार पर लागु होती है। ये परिवार जितना उल्टा-सीधा बोलेगा बीजेपी को उतना ही फायदा होगा।  

अभी 2 दिन पहले राहुल गांधी ने गुजरात दौरे पर धमाका किया था कि कांग्रेस में बहुत लोग हैं जो भाजपा के लिए काम करते हैं और अगले ही दिन दिग्विजय सिंह ने पूछ लिया कि राहुल गांधी पार्टी से भाजपा समर्थकों को कब निकाल रहे हैं?

अब पार्टी में लोग भाजपा के लिए काम कर रहे हैं या नहीं यह तो राहुल गांधी ही जाने लेकिन आज हरियाणा के निकायों के चुनाव में 10 में 9 मेयर भाजपा के चुने गए, एक निर्दलीय है और कांग्रेस दिल्ली की तरह ज़ीरो हासिल कर पाई। यहां तक हुडा के गढ़ में भी कांग्रेस लुट गई

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अभी हरियाणा विधानसभा में हार से कांग्रेस उबर भी नहीं पाई थी और निकाय चुनावों में सूपड़ा ही साफ़ हो गया - यह भी याद रहे हरियाणा विधानसभा में अभी तक कांग्रेस अपना विपक्ष का नेता भी नहीं चुन सकी है

जनवरी, 2025 में हुए उत्तराखंड निकायों के चुनाव में भी भाजपा के 11 में से 10 मेयर चुने गए थे और कांग्रेस को वहां भी ज़ीरो मिला था 

उसके बाद फरवरी, 2025 में हुए छत्तीसगढ़ निकायों के चुनाव में भाजपा के सभी 10 मेयर चुने गए थे और कांग्रेस को यहां भी ज़ीरो मिला था नगर पालिका की 49 सीट में भाजपा को 35 सीट मिली, कांग्रेस को 8, “आप” को 1 और 5 निर्दलीयों को मिली इसके साथ ही नगर पंचायतों की 114 सीटों में भाजपा को 81, कांग्रेस को 22, बसपा को 1 और निर्दलीयों को 10 सीट मिली थी

लेकिन जहां तक इन तीन राज्यों में मेयर चुने जाने की बात है कांग्रेस को हर जगह ज़ीरो मिला है, फिर भी अडानी का भूत अभी भी नहीं उतर रहा और देश में अराजकता फ़ैलाने की कोशिश जारी है क्योंकि अब वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर संसद को ठप करते हुए कांग्रेस मुस्लिमों को सड़के जाम करने के लिए भड़का रही है

तेलंगाना का मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी रो रहा है कि पैसा नहीं है उसकी सरकार के पास और वह मुफ्त रेवड़ियों के वादे पूरे नहीं कर सकता। उसने कहा है कि मुफ्त रेवड़ियों के लिए सभी दलों को सोचना पड़ेगा क्योंकि उसे सरकार में बैठने के बाद पता चला है कि ऐसे वादे पूरे करना संभव ही नहीं है

कांग्रेस अब स्वाहा होती नज़र आ रही है कांग्रेस को स्वाहा करने का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा, कांग्रेस ही जाने हर बात पर मोदी विरोध और उसे रोज कोसना किसी काम नहीं आएगा

नीतीश के MLA गोपाल मंडल ने कर दी होली पवित्र : महिला के गाल पर नोट चिपकाया, कहा- रोज लेते हैं चुम्मा, गाया- पानी में बुनका बुनकै छै…

                                               जदयू विधायक गोपाल मंडल (साभार: हिंदुस्तान)
पूरे देश में फगुआ की बयार चल रही है, लेकिन बिहार के सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के विधायक गोपाल मंडल पर इसकी खुमारी कुछ ज्यादा ही है। गोपाल मंडल ने होली मिलन समारोह में माइक लेकर ऐसा जोगीरा गा दिया कि लोगों को त्योहार का नशा ही उतर गया। इसके बाद तो उन्होंने सफाई में ऐसा बयान दे दिया कि राजनीतिक गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक में उनकी थू-थू होने लगी।

भागलपुर के गोपालपुर से विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का होली मिलन दौरान के वीडियो वायरल हो रहे हैं। दरअसल, नवगछिया हाईस्कूल में 10 मार्च को एनडीए के होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान लोक गायक छैला बिहारी को बुलाया गया था। छैला बिहारी फागुन के माहौल को देखकर गानों से लोगों को सराबोर कर रहे थे।

इसी दौरान गोपाल मंडल स्टेज के पास आए और उस पर चढ़ गए। छैला बिहारी फाग ‘पानी में बुनका बुनकेय छेय भौजी…’ नाम का फाग गा रहे थे। उस दौरान गोपाल मंडल अपनी कमर लचका कर नाचने लगे। इस दौरान आए लोगों ने जमकर सीटियाँ बजाईं तो वे पूरे जोश में आ गए और छैला बिहारी से माइक लेकर जोगीरा गाने लगे। यह जोगीर पूरी तरह अश्लील था। वहाँ मंच महिलाएँ भी थीं।

गोपाल मंडल ने गाया, “भौजी च$$$$ ले भसुरा से….।” इस अश्लील जोगीरा सुनकर मंच में मौजूद महिला डांसर शर्म से पानी-पानी हो गईं। वहीं, पुरुष भी शर्मा गए और उनके समर्थक हँस-हँस कर उनका जोश बढ़ाने लगे। वहीं, एक वीडियो में दिख रहा है कि महिला डांसर स्टेज पर होली गाने पर डांस कर रही होती है। उसके बाद गोपाल मंडल उसका हाथ पकड़कर कमर हिलाने लगते हैं।

इसके बाद उसके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखकर जोश में नाचते हैं। इससे पहले जोश में आए गोपाल मंडल का एक महिला डांसर को नोट देने के बजाय उसके गाल पर नोट चिपकाते नजर आए। मीडिया रिपोर्ट में चुम्मा लेने की बात भी सामने आ रही है। जोगारी गाकर और नाचकर मन नहीं भरा तो गोपाल मंडल ने मस्ती में चूर होकर कह दिया, “हम रोज डांस करते हैं और रोज चुम्मा लेते हैं।”

गोपाल मंडल स्टेज पर अपनी नेतागिरी की झलकियाँ पेश कर रहे थे और लोग अपने फोन के कैमरे में इसे कैद कर रहे थे। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने उसकी जमकर खिंचाई करनी शुरू कर दी। राजनीतिक गलियारे में भी उनके व्यवहार को लेकर सवाल उठने लगे। उन पर बिहार के साथ-साथ राजनीतिक मर्यादा को भी तार-तार करने के आरोप लगने लगे, लेकिन मंडल को फर्क नहीं पड़ा।

अपना बचाव करते हुए गोपाल मंडल ने कहा, “मैं एक कलाकार हूँ। नेता के साथ-साथ अभिनेता भी हूँ। मैं रोज चुम्मा लेता हूँ। बच्ची को आगे बढ़ाने के लिए चुम्मा ले लिया तो क्या हुआ? हम चुम्मा लेते रहते हैं। कभी इसको तो कभी उसको। मैंने बच्ची को चुम्मा दिया और उसका उत्साह बढ़ाया है।” उन्होंने कहा कि जिसको जितना वीडियो वायरल करना है, कर दे। उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।

गोपाल मंडल के पुराने करनामे

नाचने और अश्लीलता फैलाने का गोपाल मंडल पर आरोप बहुत पुराना है। तीन साल पहले भी उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे डांसर के साथ ‘दिलबर-दिलबर’ और ‘बुलेट पर जीजा’ गाने पर नाच करते हुए दिखे थे। भोजपुरी गाने पर डांसर को नाच करते देख वे अपने आपको रोक नहीं सके और कुर्ता उठाकर नाचने लगे थे। वे बार-बालाओं का हाथ पकड़कर और उन्हें फ्लाइंग किस देकर डांस करते रहे।
वे वही गोपाल मंडल हैं, जो साल 2021 में एक ट्रेन की बोगी में चड्डी और गंजी पहनकर टहलते नजर आए थे। विरोधियों ने आरोप लगाया था कि वे नशे में चूर होकर बदतमीजी कर रहे थे, जबकि गोपाल मंडल का कहना था कि उनका पेट खराब था, इसलिए वे बाथरूम की ओर जल्दी से भाग रहे थे। इसको लेकर एक शख्स ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
गोपाल मंडल पर आरोप लगा था कि चलती ट्रेन में उनकी इस हरकत पर आपत्ति जताने वाले एक यात्री से उन्‍होंने गाली-गलौज भी की थी। हालात बिगड़ने पर RPF को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था। यात्रियों के साथ इस दौरान धक्‍का-मुक्‍की भी की थी। बाद में विधायक ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि उनका पेट खराब था और जल्‍दबाजी में शौचालय जाने के दौरान वे तौलिया नहीं लपेट सके। 
गोपाल मंडल नाच-गान में ही नहीं, रंगबाजी में भी अव्वल हैं। अक्टूबर 2023 में वे अस्पताल में रिवॉल्वर लेकर घूमते नजर आए थे। इसको लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा था, “अरे पिस्तौल तो अभियो है मेरे पास। दिखावे। दिखावे पिस्टल… क्या कहना चाहते हो… रखते हैं पिस्टल… तुम लोग हमारे बाप हो?… भक्क साला, भागो।” गोपाल मंडल के ऐसे कई कारनामे हैं।

अश्लील गानों को लेकर बिहार पुलिस का निर्देश

जदयू विधायक गोपाल मंडल का स्टेज से खुलेआम अश्लील जोगीरा गाना, हाल में जारी किए गए निर्देश की धज्जियाँ उड़ाने वाला है। दरअसल 4 मार्च को बिहार पुलिस मुख्यालय ने द्विअर्थी या अश्लील भोजपुरी गानों को सार्वजनिक रूप से बजाने पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। अश्लील गाना बजाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश सभी क्षेत्रीय IG और DIG को दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने अपने आदेश में कहा था कि आमतौर पर ये देखने में आता है कि सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक या निजी समारोहों में और बस, ट्रक, वैन, ऑटो रिक्शा आदि वाहनों में दोहरे अर्थ वाले अश्लील भोजपुरी गानों को धड़ल्ले से बजाया जाता है। इसका समाज पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे छोटे-छोटे बच्चे गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित होते हैं।
ऐसे अश्लील गानों का सबसे अधिक प्रभाव महिला पर पड़ता है। उनका सार्वजनिक स्थानों पर चलना मुश्किल हो जाता है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से आगे कहा गया था कि इस तरह के गीतों को बजाने से महिलाओं की सुरक्षा एवं गरिमा प्रभावित होती है। महिलाएँ लज्जा के साथ-साथ असुरक्षा महसूस करती हैं। इसलिए विशेष अभियान चलाकर ऐसे गाने रोके जाएँ।
इस तरह का बिहार पुलिस की ओर से निर्देश जारी होने के दो दिन बाद ही सत्ताधारी पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने स्टेज पर चढ़कर ना सिर्फ अश्लील गाने गाए, बल्कि अश्लील हरकत की। जिस दौरान गोपाल मंडल ने ऐसी हरकत की, उस समय वहाँ महिलाएँ एवं बुजुर्ग भी शामिल थे। इतना ही नहीं, बच्चे भी थे। अब विपक्षी दल गोपाल मंडल पर कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।

गोपाल मंडल पर होगी कार्रवाई?

गोपाल मंडल जिस समय स्टेज से अश्लील गाने गा रहे थे, उस समय वहाँ एनडीए के जिला स्तर के तमाम महिला-पुरुष नेता मौजूद थे। हालाँकि, किसी ने गोपाल मंडल के इस कारनामे का विरोध नहीं किया। बिहार अश्लील गाने के लेकर पूरे देश में बदनाम है। हालाँकि, अश्लील एवं द्विअर्थी गाने बॉलीवुड से लेकर तमाम फिल्म इंडस्ट्री में बजते हैं, लेकिन भोजपुरी विशेष रूप से बदनाम है।
ऐसे में जब गोपाल मंडल स्टेज से द्विअर्थी और अश्लीलता की सीमा को पार करते हुए पूरी नग्नता पर उतर कर जोगीरा गाया है, तो क्या बिहार पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया तक पर बिहार से लेकर पूरे देश के लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि, चलती ट्रेन में चड्ढी गंजी पहनकर गाली-गलौज करने पर भी उनके खिलाफ FIR हुई, लेकिन आगे क्या हुआ किसी को पता नहींं।
सोशल मीडिया पर कुछ राष्ट्रवादी एवं दक्षिणपंथी समूह के लोग सवाल ये भी उठा रहे हैं कि होली से दो दिन पहले बिहार पुलिस द्विअर्थी एवं अश्लीलता के नाम पर डीजे एवं वाहनों में भोजपुरी गीतों को क्यों रोक रही है? अगर सरकार/पुलिस को अश्लीलता के खिलाफ कार्रवाई करनी ही थी तो होली से बहुत पहले या होली के कुछ दिन बाद भी ये निर्देश दिए जा सकते थे।
सोशल मीडिया के लोगों का कहना है कि दरअसल होली में डीजे पर गाने को रोकने के लिए बिहार पुलिस इस तरह का आदेश जारी की है, जो कि जदयू की मुस्लिम राजनीति से मेल खाती है। कुछ लोगों का यह भी सवाल है कि होली के दौरान बजने वाले गानों को द्विअर्थी कैसे निर्धारित किया जाएगा? उसके लिए बिहार पुलिस क्या मानदंड अपनाएगी, इसको लेकर स्पष्टता नहीं है।
साफ है कि ये पुलिस कर्मी पर निर्भर करेगा कि कौन सा गाना उसे द्विअर्थी या अश्लील लगता है और कौन सही। खैर, जो भी हो अश्लीलता के खिलाफ बिहार सरकार एवं पुलिस का यह कार्य बेहद प्रशंसनीय है, लेकिन लागू करे के समय को लेकर लोगों के मन में आशंका है। वहीं, गोपाल मंडल जैसे विधायक खुले मंच से अश्लील जोगीरा गाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करके बिहार पुलिस संदेश दे सकती है कि ये आदेश आम लोगों के लागू किया गया है, ना कि किसी राजनीतिक लाभ को देखते हुए।
बिहार पुलिस को यह भी चाहिए कि गाने को बजाने वालों पर कार्रवाई करने के बजाए गानों को लिखने वाले, उसे गाने वाले और उसे रिकॉर्ड करने वाले स्टूडियो के खिलाफ कार्रवाई करे, ताकि बिहार में महिलाओं की गरिमा को सुरक्षित किया जा सके। इससे बिहार पुलिस को अपने संसाधनों का कम-से-कम उपयोग करना पड़ेगा और द्विअर्थी एवं अश्लील गानों पर आसानी से अंकुश भी लग जाएगा।

पाकिस्तान में हो गया रमजान मुबारक; सीरिया में पहले ही हो रहा है

सुभाष चन्द्र

पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जाने वाली जाफर एक्सप्रेस 500 यात्रियों को ले जा रही ट्रेन को बलूच विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया और 30 जवानों को मार डाला और अभी 214 लोगों को बंधक बनाया हुआ है।  यानी पाकिस्तान में रमजान मुबारक धूमधाम से हो गया बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) को पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रबंधित किया हुआ है 

BLA ने पाकिस्तान को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि बंधकों के बदले उसके सभी कैदियों को रिहा कर दिया जाए वरना सभी बंधकों को मार दिया जाएगा लगता है 6 जून ईद उल जुहा अबकी 31 मार्च के ईद उल फितर पर ही मना लेंगे बलूच विद्रोही और बलि दी जाएगी पाकिस्तानी नागरिकों और सेना के जवानो की 

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एक सुरंग से गुजरती हुई ट्रेन की पटरियों को पहले विद्रोहियों ने उड़ा दिया और ट्रेन रुक गई ट्रेन में मौजूद सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की लेकिन ट्रेन की हाइजैकिंग रोक नहीं पाए

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने कहा कि “बेगुनाह यात्रियों पर गोली चलाने वाले दरिंदे किसी भी रियायत के हकदार नहीं हैं” पाकिस्तान को याद नहीं है कि उसके आतंकी किस तरह जिहाद के नाम पर भारत में आतंकी हमले कर किस तरह “बेगुनाहों” का खून बहाते रहे हैं और आज भी कश्मीर में ऐसा कर रहे हैं बोया पेड़ बबूल का तो अब काटना भी वही पड़ रहा है पाकिस्तान को भिखारी मुल्क बन कर भी

बलूचिस्तान पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम में स्थित है जिसके उत्तर में अफगानिस्तान है और पश्चिम ईरान से सटा हुआ है यानी पाकिस्तान तीन तरफ से मार झेल रहा है बलूच 1950 से अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे है और यदा कदा पाकिस्तान के सैनिकों और नागरिकों पर हमला बोलते रहते हैं 2022 में पाकिस्तान के सैन्य-नौसेना पर भी बलूचों ने हमले किये थे

बलूचिस्तान के गैर-खनिजों का शोषण पाकिस्तान करता रहा है बलूचिस्तान चीन के 60 अरब डालर के निवेश सीपीईसी का बड़ा हिस्सा है और यहां रेको डिक जैसे खनन प्रोजेक्ट शामिल हैं जिन्हें दुनिया की सबसे बड़ी स्वर्ण और तांबा खदान माना जाता है और इसलिए पाकिस्तान इसे किसी कीमत पर गंवाना नहीं चाहता 

कल टीवी पर एक पाकिस्तानी बलूच विद्रोहियों के पीछे भारत का हाथ बता रहा था अगर ऐसा है तो डोजियर भेजो और भारत के शामिल होने के सबूत दो हम देखेंगे कितना सच है तुम्हारे आरोपों में ऐसे डोजियर भारत ने बहुत भेजे थे 26/11 के बाद लेकिन पाकिस्तान हमेशा नकारता रहा

और रमजान मुबारक कल अमेरिका ने कर दिया पाकिस्तान का जब उसके तुर्कमेनिस्तान में राजदूत को लॉस एंजेलिस में प्लेन से उतरते ही बैरंग लौटा दिया और अमेरिका में घुसने नहीं दिया, यह थी पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती। 

आज नहीं तो कल बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होकर रहेगा वह तो 1947 में भारत में शामिल होना चाहता था मगर हमारे “दूरदर्शी” नेहरू ने मना कर दिया  

राजस्थान : ‘तुम्हें (छात्राओं) बाकी लोगों के साथ भी सोना पड़ेगा’: प्रिंसिपल रहे मश्‍कूर अली की करतूतों के विरोध में लड़कियों का हंगामा

                                       जयपुर में प्रदर्शन करने वाली छात्राएँ (साभार: X/arvindchotia)
राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्रतापनगर में स्थित महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने पूर्व प्रिंसिपल सैयद मश्कूर अली पर यौन शोषण का आरोप लगाकर हंगामा किया है। छात्राओं का आरोप है कि पूर्व प्रिंसिपल छात्राओं को साथ सोने का दबाव बनाता था। इसके साथ ही वह कहता था कि वह लड़कियों की सप्लाई भी करता है। कॉलेज में 7 छात्राओं ने अपने बयान दर्ज करवाएँ हैं।

दरअसल, इस संबंध में छात्राओं और कॉलेज के स्टाफ ने 3 फरवरी को तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव से शिकायत की थी। इसके बाद जाँच के लिए एक कमिटी की गई। जाँच में दोषी पाए जाने पर मश्कूर को निलंबित कर दिया था। हालाँकि, मश्कूर ने खुद को निर्दोष बताया। इसके बाद जाँच कमिटी सोमवार (10 मार्च) को जाँच के लिए दोबारा कॉलेज पहुँची, जिसका छात्राओं ने विरोध किया।

छात्राओं का आरोप है कि मश्कूर अली को बचाने के लिए दोबारा जाँच करवाई जा रही है। छात्राओं का कहना है कि पूर्व प्रिंसिपल सैयद मश्कूर अली को साल 2023 में प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था। इसके बाद से ही वह छात्राओं से अभद्रता करता था। उनका कहना है कि मश्कूर लाइब्रेरी के कोने में अलमारी के पीछे बैठता था, जो सीसीटीवी कैमरे की रेंज में नहीं आता था।

इसके अलावा, पूर्व प्रिंसिपल खुद को छात्राओं के पर्सनल व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़वा रखा है। वह लड़कियों को अश्‍लील मैसेज भी करता था। र‍िपोर्ट्स के मुताबिक, वह बड़े-बड़े लोगों से संपर्क होने का झाँसा देकर छात्राओं की अपनी कार में ले जाता था और चलती कार में अभद्रता करता था। इस दौरान वह हॉस्‍टल वार्डन और छात्राओं के परिजनों को इस संबंध में जानकारी भी नहीं देता था।

छात्राओं का आरोप है कि पूर्व प्रिंसिपल मश्कूर अली छात्राओं को धमकी देता था कि अगर किसी ने पुल‍िस या पर‍िजनों से शिकायत की तो वह उनका वीडियो वायरल कर देगा। छात्राओं का कहना है कि वीड‍ियो वायरल होने के डर से किसी ने थाने में र‍िपोर्ट दर्ज नहीं करवाई थी। छात्राओं और कॉलेज के स्टाफ ने मश्कूर अली के खिलाफ महिला आयोग, मुख्यमंत्री और राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी शिकायत की थी।

 अमर उजाला से बातचीत में लड़कियों ने कहा, “प्रिंसिपल मश्कूर अली कहता था कि तुम्हें (लड़कियों से) बाकी लोगों के साथ भी सोना पड़ेगा। वह कहता था कि उसके बड़े-बड़े लोगों से लिंक हैं। वह लड़कियों की सप्लाई भी करता है। बात नहीं मानने पर वह लड़कियों को कॉलेज से निकालने की धमकी भी देता था।”

घुसपैठियों को निकालने पर अमेरिका पर आपत्ति क्यों? अमेरिका जो कर रहा है, वह अब हमें भी करना होगा

सुभाष चन्द्र

अमेरिका अपने देश से अगर अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगा कर और कुछ को बेड़ियां बांध कर निकाल रहा है तो उस पर हमारे विपक्ष ने बवाल काट दिया और मोदी की नाकामी बता दिया लेकिन यह भूल गए अमेरिका ही नहीं किसी भी देश की नज़र में घुसपैठिये अपराधी ही होते हैं और उनसे क्या व्यवहार करना है यह उस देश पर निर्भर करता है। घुसपैठियों को निकालने पर अमेरिका पर आपत्ति क्यों? हर देश हमारे भारत की तरह नहीं है जहां कांग्रेस सरकार ने 75 साल से देश को मुसलमानों के लिए “मुफ्त” में रहने की धर्मशाला बना दिया, उन्हें वोटर बना लिया और चुनाव जीतने की मशीन की तरह उपयोग किया जा रहा है

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चर्चित YouTuber 
भारत में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। जिसे कुर्सी के भूखे नेता और उनकी पार्टियां देशहित की बजाए जनता को गुमराह कर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए हैं।   

ऐसा नहीं है अमेरिका ट्रंप के आने बाद ही अवैध प्रवासियों को निकाला जा रहा है यह काम पिछले तरह साल से चल रहा है हर वर्ष कितने लोग निकाले गए, उनकी संख्या नीचे दे रहा हूं। इसका स्रोत यूएस इमिग्रेशन & कस्टम्स एनफोर्समेंट है -

संख्या लाखों में -

2013-14 : 3.2

2014-15 : 2.4

2015-16 : 2.4

2016-17 : 2.3

2017-18 : 2.6

2018-19 : 2.7

2019-20 : 1.9

2020-21 : 0.6

2021-22 : 0.7

2022-23 : 1.4

2023-24 : 2.7

अमेरिका में अवैध प्रवासियों के घुसने वालों की संख्या ओबामा, ट्रंप और बिडेन काल में यह है :- 

ओबामा : 5,554,622 

ट्रंप       : 5,303,308 

बिडेन    : 12,095,804 

इसका मतलब है कि सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी बिडेन के समय में अमेरिका में घुसे थे ट्रंप अगर अवैध प्रवासियों को निकालने की कोशिश कर रहा है तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि ये घुसपैठिए अमेरिकी संसाधनों का दोहन कर अमेरिका को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं जैसे भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या पहुंचा रहे हैं और करदाताओं के पैसे लूट रहे हैं जबकि टैक्स एक पैसा नहीं देते और दंगे करके सरकारी और निजी संपत्तियों को आग लगा देते हैं उनके बारे में कांग्रेस और अन्य किसी सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया

अब ट्रंप प्रशासन ने “स्व निर्वासन एप” लांच किया है अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को गिरफ़्तारी और हिरासत का सामना करने के बजाय स्वयं निर्वासित करने की अनुमति देने के लिए यह एप शुरू किया गया है “अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा एप” जिसे सीबीपी होम कहा जाता है, अवैध प्रवासियों को प्रस्थान के इरादे प्रकट करने का विकल्प देगा

यह काम भारत में भी शुरू किया जा सकता है भारत में आधार कार्ड सब समस्याएं पैदा कर रहा है जिसे बनाने के लिए Outsourcing की हुई है आधार कार्ड बनते ही राशन, वोटर कार्ड, पैन कार्ड सब आसानी से बन जाते हैं इसलिए सबसे पहले आधार कार्ड बनाने वाली प्राइवेट एजेंसियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी जरूरी है तब पता चल सकता है कितने लोगों को फर्जी जानकारी के आधार पर आधार कार्ड बनाए गए

सरकार अपनी तरफ से अवैध घुसपैठियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन कौन बांग्लादेशी है और कौन रोहिंग्या है, यह सब उन घुसपैठियों को पता है और इसलिए एक समय सीमा निश्चित कर देनी चाहिए कि स्वैच्छिक रूप से घुसपैठिए सबसे नजदीक पुलिस स्टेशन में समर्पण कर दें जिन्हे फिर सीमा पार छोड़ दिया जायेगा जो ऐसा नहीं करेगा, वह पकड़े जाने पर दंडित भी होगा और डिपोर्ट भी किया जायेगा। अदालतों को सख्त निर्देश भी सरकार को देने चाहिए कि इस अभियान को कुंद करने की कोशिश न की जाए

जो लोग भी पकड़े जा रहे हैं वे बता सकते हैं कि उनके साथ आए घुसपैठिए कहां हैं क्योंकि उनका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है

पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने पूरी ट्रेन को कर लिया अगवा, महिलाओं-बच्चों को छोड़ा-100 को बनाया बंधक: 6 पाकिस्तानी फौजियों को मार भी गिराया


पाकिस्तान के बलोचिस्तान में मंगलवार (11 मार्च 2025) को बलोच राष्ट्रवादी लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के 100 से ज्यादा सैनिकों और अधिकारियों को बंधक बना लिया है। इसमें एंटी टेररिस्ट फोर्स और ISI के लोग भी शामिल हैं।

बलोच लिबरेशन आर्मी का कहना है कि इस हमले में 6 सैनिक मारे गए। ये हमला बोलन जिले के मशकाफ, धादर में हुआ, जहाँ लड़ाकों ने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया और ट्रेन को रोककर कब्जा कर लिया। ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी और इसमें 400 से ज्यादा यात्री सवार थे। हमले में ट्रेन ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया।

                                    BLA द्वारा जारी प्रेस रिलीज, फोटो साभार: X_AdityaRajKaul

बलोचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि पेरू कनरी और गुदालार इलाके में भारी गोलीबारी हुई। वहीं बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई हुई, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। हालाँकि उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बलोच यात्रियों को रिहा कर दिया।

मध्य प्रदेश : पहले से प्लान बना रखा था… FIR ने खोली महू की जामा मस्जिद के पास हुए हमले की साजिश: पहले से जमा कर रखे थे ईंट-पत्थर; इन जेहादियों के खरीदारों(आकाओं) को पकड़ो

                                                   महू में कई गाड़ियाँ भी तोड़ी-जलाई गईं
मध्य प्रदेश के महू में हिन्दुओं पर पथराव के मामले में दर्ज की गई FIR से मुस्लिमों की प्लानिंग का खुलासा हुआ है। चैंपियंस ट्रॉफी मैच के बाद जीत का जश्न मनाते लोगों पर पथराव की पहले से प्लानिंग की गई थी। इस मामले में 17 मुस्लिम नामजद आरोपित बनाए गए हैं।

महू में हुई हिंसा के बाद 10 मार्च, 2025 को महू थाने में FIR दर्ज करवाई गई है। FIR में मुस्लिमों पर दंगा, मारपीट, हमला समेत अन्य कई धाराएँ लगाई गई हैं। FIR में 17 नामजद आरोपितों के साथ ही कई अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है। FIR हमले के पीड़ित एक हिन्दू की तरफ से दर्ज करवाई गई है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।

FIR में पीड़ित ने बताया है कि वह रविवार (9 मार्च) को चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की जीत के बाद अपने कई दोस्तों के साथ जश्न मनाने निकला था। पीड़ित ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ शांतिपूर्वक जीत का जुलूस निकाल रहे थे।

पीड़ित ने बताया कि इसी दौरान मोती महल चौराहे पर बबलू, तैय्यब, गोलू, एहमद, पप्पू, अहमद, जमशेद, अब्दुल अनीस, शेरू, लल्लू, सैय्यद, इमरान, अफजल, सोहेल, रफीक और इमरान (2) समेत बाकी अज्ञात लोग आ गए। पीड़ित के अनुसार, इन मुस्लिमों ने पहले जीत का जश्न मना रहे हिन्दुओं को गालियाँ बकीं।

FIR के अनुसार मुस्लिमों ने कहा, “हमने तो पहले से प्लान बनाकर रखा था कि तुम सालों चिल्ला-चिल्लाकर जश्न मनाओगे तो आज तुम्हारा इलाज कर देंगे। हम सभी नें गालियाँ देने से मना किया तो सभी नें षडयंत्र पूर्वक इकट्ठा होकर ईंट-पत्थर जो पहले से इकट्ठा करके रखें थे, जिससे हम पर पथराव कर दिया।”

अब तक जितने भी दंगे हुए हैं सभी एक षड़यंत्र के तहत किये जाते हैं, कोई अचानक नहीं होते और victim card खेलते हुए जेहादी और इनके समर्थक सारा इल्जाम हिन्दुओं पर डाल अपने आपको बेगुनाह बताते फिरते हैं। सरकार को चाहिए अब तक जितने भी गिरफ्तार किये गए उनसे इनके आकाओं का नाम पूछ उन पर भी कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। पत्थरों और पेट्रोल बम कोई एकदम नहीं होते। इनके आका इनको इनकी कीमत देकर सारा इंतजाम कर सामने इन जेहादियों को ले आते हैं। ये जेहादी बिकाऊ हैं इनके खरीदारों का जब तक इलाज नहीं होगा दंगा-फसाद बंद नहीं होंगे।    

पीड़ित ने बताया कि इस पथराव के चलते वह और उनके साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित ने यह भी बताया कि मुस्लिमों ने इसके बाद धमकी दी कि अगर हिन्दुओं ने दोबारा जुलूस निकाला तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। पीड़ितों की बसों में तोड़फोड़ की गई

पुलिस अब इस मामले में जाँच करके गिरफ्तारियाँ कर रही है। इंदौर एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया, “अभी एक FIR दर्ज हुई है, 17 लोग इसमें नामजद हैं। कुछ शिकायत और आई हैं। इन पर कार्रवाई हो रही हैं। 12 लोगों को पकड़ा गया है। बाकी को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। FIR में बलवा जैसी धाराएँ लगाई जा रही हैं।”

वहीं इंदौर ग्रामीण एसपी हितिका वत्सल ने 2 FIR की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अब स्थिति सामान्य है। गौरतलब है कि रविवार को महू में भारतीय टीम की जीत का जश्न मनाते लोगों पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया था, इसमें कई लोग घायल हुए थे।

रोज हैंडग्रेनेड लेकर महाकुंभ में हमला करने निकलता था खालिस्तानी आतंकी, UP पुलिस को देख दुबक जाता था: मिट्टी के टीले में गुफा बनाकर रहता था


प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम हो गई। बब्बर खालसा का आतंकी लाजर मसीह एंट्री पॉइंट से 1 किमी दूर मिट्टी के टीले में गुफा बनाकर छिपा था। 6 मार्च को सुबह 3:30 बजे यूपी STF और पंजाब पुलिस ने कौशांबी के कोखराज से उसे गिरफ्तार किया। लाजर अमृतसर के कुरलियान गाँव का रहने वाला है और ISI से जुड़ा था। वह BKI के जर्मन मॉड्यूल हेड स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी का खास था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को गुफा से 3 ग्रेनेड, 2 डेटोनेटर, पिस्टल और बिस्तर मिले। लाजर रोज ढाबे पर खाना खाता और मोबाइल चार्ज करता था। हर दिन हैंडग्रेनेड लेकर निकलता, पर हाई सिक्योरिटी की वजह से ब्लास्ट नहीं कर सका।

पूछताछ में उसने बताया कि वह 14 फरवरी के अमृत स्नान से पहले कौशांबी आया था। NH-2 से 1 किमी दूर गुफा में रहकर हमले की प्लानिंग कर रहा था। महाकुंभ में पुलिस की चक्रव्यूह सुरक्षा ने उसे रोक दिया। अब लाजर को कौशांबी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। जेल अधीक्षक अजितेश मिश्रा के मुताबिक, वह खामोश रहता है और CCTV से निगरानी हो रही है।

रमजान के महीने में हो रहा सीरिया में कत्लेआम; मरने वाले और मारने वाले दोनों मुस्लिम हैं; RSS नहीं मार रहा किसी को

सुभाष चन्द्र

रमजान के महीने में खून ख़राब न हो, ऐसा हो नहीं सकता भारत में भाजपा और RSS पर नफरत फ़ैलाने का आरोप लगाने वाले अब देख सकते हैं कि रमजान के “पवित्र” महीने में सीरिया में मुस्लिम ही मुस्लिमों के खून के प्यासे हो रहे हैं, वहां मुस्लिमों को मारने वाले RSS वाले नहीं है। 

और यही पाकिस्तान में हो रहा है

खैबर पख्तूनख्वा के बानू प्रान्त में 5 मार्च को रमजान के महीने में ही पाकिस्तानी तालिबान ने आत्मघाती हमला करके 18 लोगों का क़त्ल कर दिया जिसमें 5 पाकिस्तानी सैनिक थे और 30 लोग घायल हुए

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पिछले 3 दिनों में सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद के अल्पसंख्यक अलावी संप्रदाय के हमले के जवाब में सरकार के प्रति वफादार सुन्नी बंदूकधारियों द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक दोनों तरफ के 1000 लोग मारे जा चुके हैं यानी मरने वाले भी रोजा रखने वाले मुस्लिम हैं और मारने वाले भी रोजा रखने वाले मुसलमान ही हैं 

असद के जाने के बाद यह समझना उचित नहीं था कि उसने हार मान ली है उसके लड़ाके पूरी ताकत से लड़ रहे हैं और यह हयात तहरीर अल-शाम(HTS) के लिए बड़ा झटका है ब्रिटिश स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार 745 नागरिकों के अलावा, 125 सुरक्षा बल के सदस्य और असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 लड़ाके मारे गए हैं आम नागरिकों में अधिकतर को नजदीक से गोली मारी गई

कुछ दिन पहले 26 फरवरी को इज़रायल ने भी दक्षिणी सीरिया पर हमला किया था और बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इज़रायल अपने देश से लगते क्षेत्रों में सीरिया की इस्लामिक सरकार की सैन्य शक्तियों को बर्दाश्त नहीं करेगा

कल हिज़्बुल्लाह के नए चीफ Naim Qassem ने भी इज़रायल को धमकी दी है कि हिज़्बुल्लाह हथियार नहीं डालेगा और अभी वह लेबनॉन को इज़रायल से टक्कर लेने के लिए समय दे रहा है

उधर अफगानिस्तान का तालिबान लगता है भारत के साथ कुछ खिचड़ी पका रहा है जिससे वह पाकिस्तान को तोड़ने में भारत की मदद कर सके और बदले में वह चाहता है कि भारत अफगानिस्तान में विकास के बड़े बड़े प्रोजेक्ट शुरू करे

कुल मिला कर कुछ इस्लामिक  देशों में शांति संभव नहीं लगती हमास इज़रायल के बंधकों को रिहा करने के मूड में नहीं है और ट्रंप उसे भयंकर नतीजे भुगतने की धमकी दे रहा  है

भारत के मुस्लिम हर हिंदू त्योहार में उत्पात मचाना अपना अधिकार समझते हैं और दूसरी तरफ UAE के कई शेख BAPS के अबू धाबी मंदिर में रोजा इफ्तार में गए और हिंदुओं की सहनशीलता की जमकर प्रशंसा की

भारत की जीत से नफरत है या पाकिस्तान की पिटाई का , खरगे और राहुल को छोड़, विपक्ष के किसी नेता ने टीम को बधाई नहीं दी

सुभाष चन्द्र

वाह वाह टीम इंडिया, वाह वाह “मोटे” रोहित शर्मा, तुमने तो कमाल कर दिया, जून, 2024 में T20 जीता और 9 महीने बाद चैंपियन ट्रॉफी जीत ली। ये ट्रॉफी भारत को तीसरी बार मिली

2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता थे, 2013 दूसरी बार चैंपियन बने और अब तीसरी बार देश का गौरव बढ़ाया रोहित शर्मा और उसकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई

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प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, स्पोर्ट्स मिनिस्टर मनसुख मंडाविया, योगी जी, जे पी नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं ने बधाई दी लेकिन विपक्ष की तरफ से बधाई केवल राहुल गांधी और खड़गे की सुनाई दी पता नहीं रोहित शर्मा को “मोटा” कहने वाली कांग्रेस की नेता शम्मा मोहम्मद शर्म से मर ही न गई हो उसे समर्थन दिया था TMC के सौगात रॉय ने और इसलिए TMC के किसी नेता ने टीम को बधाई नहीं दी लगता है अखिलेश यादव कुंभ को कोसते हुए इतना थक गया कि उसके मुंह से भी टीम को बधाई नहीं मिली

इंडी ठगबंधन के किसी नेता ने भारतीय टीम को बधाई नहीं दी शरद पवार तक चुप रहे जबकि वो तो ICC के चेयरमैन रहे हैं दरअसल इंडी ठगबंधन के लोग भारत के लिए कुछ भी अच्छा होना सहन ही नहीं कर सकते अगर टीम हार जाती तो कम से कम 50 नेता और लेफ्ट लिबरल कबाड़ टीम पर पिल पड़ता 

वैसे राहुल गांधी और खड़गे की भी बधाई के क्या मायने हैं जब कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद में क्रिकेट फैंस पर लाठियां भांज दी क्या ओवैसी ने टीम को बधाई दी, कैसे देगा जबकि पाकिस्तान टूर्नामेंट से ही बाहर हो गया?

उधर इंदौर के महू में जीत का जश्न मनाते हुए 100 बाइक सवार लोगों पर वहां की जामा मस्जिद से निकल कर मुस्लिमों ने  क्रिकेट प्रेमियों के जुलूस पर पथराव कर दिया सोशल मीडिया पर वायरल video में “भटके हुए गरीब और नादान” मुस्लिम हमला करते हुए अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर चिल्लाते हुए पथराव करते दिखाई दे रहे थे और पेट्रोल बमों से कई दुकानें और बाइक जला दी इस दंगे में जामा मस्जिद के अलावा पत्ती बाजार, सब्जी मार्केट, गफ्फार होटल समेत कई इलाके चपेट में आ गए

वैसे तो भारत में चुनाव के समय बहुत से क्षेत्र मुस्लिम बहुल बताए जाते हैं लेकिन कल की जीत के बाद क्या किसी मुस्लिम बहुल इलाके में जश्न का इज़हार देखने को मिला क्या? फिर कहते हैं भाईचारा होना चाहिए और गंगा-जमुना तहजीब से रहना चाहिए 

ऐसा लगता है मुस्लिमों को भारत की जीत कोई ख़ुशी नहीं हुई बल्कि उन्हें यह रंज है कि पाकिस्तान टूर्नामेंट के फाइनल खेलने की बात तो छोड़ो, टूर्नामेंट से ही बाहर हो गया जबकि वह टूर्नामेंट का आयोजक था (Host) पाकिस्तान की गज़ब बेसती पर भारत का मुसलमान नाराज़ है और तो और कुछ कठमुल्लाओं ने मोहम्मद शमी के खिलाफ enerygy drink पीने पर ही बवाल काट दिया कि उसने रमजान में रोजा न रख कर इस्लाम की तौहीन की है

संसद में भारत की जीत का जश्न मनाने की बजाय विपक्ष संसद के दोनों सदनों में “वक़्फ़ अधिनियम संधोधन” पर बवाल काट रहा है हंगामा कर रहे हैं सारे विपक्षी दल

मध्य प्रदेश : चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत का जश्न मना रहे लोगों पर अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर चिल्लाती भीड़ ने कर दिया हमला: महू में आगजनी-पत्थरबाजी के बाद बुलानी पड़ी सेना; जेहादियों के आकाओं को भी गिरफ्तार करो

                                         इंदौर में कई जगह आगजनी भी हुई (साभार: Nai Dunia)
मध्य प्रदेश के इंदौर में चैंपियंस ट्रॉफी का जश्न मनाते लोगों पर मस्जिद से निकली मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया। रमजान में मस्जिद में मौजूद लोगों ने चैंपियंस ट्रॉफी का जश्न मनाने वालों पर पथराव किया। इंदौर के कुछ इलाकों में कई गाड़ियों में आग लगाई गई। इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए हैं।

जेहादियों को भटका, गरीब और नादान बताने वाले हिन्दू विरोधी छद्दम सेक्युलरिस्ट्स कहाँ है? इन पाखंडियों से पूछो भारत की जीत का जश्न भारत में नहीं मनेगा फिर कहाँ मनेगा? इन भटके, गरीब और नादान लोगों के पास पेट्रोल बम के लिए पेट्रोल के पैसे किसने दिए? पत्थर किसने सप्लाई किये और पत्थरबाज़ी के पैसे किसने दिए? जब तक इनके आकाओं को नहीं गिरफ्तार जेलों में डाला जाएगा जेहादी काबू में नहीं आएंगे। और अगर कोई कोर्ट इनकी गिरफ़्तारी पर प्रश्नचिन्ह लगा जेल से बाहर करती है उन जजों से उसी वक़्त पूछा जाए कि जब इसी तरह की पत्थरबाज़ी और पेट्रोल बमों का इस्तेमाल होने की स्थिति में क्या निर्णय लोगे? जब तक तमाम अदालतें इन जेहादियों और इनके आकाओं के साथ सख्ती से पेश नहीं आएँगी हिंसा रुकेगी नहीं।         

रविवार(9 मार्च, 2025) को भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हरा चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली थी। इसके बाद पूरे देश में जश्न का माहौल था। इंदौर में भी युवा इसका जश्न मना रहे थे। उन्होंने बाइक पर बैठ कर इंदौर के अलग-अलग इलाकों में जुलूस निकाला।

जब यह सभी इंदौर के महू शहर में जामा मस्जिद रोड पर पहुँचे तो मस्जिद के सामने विवाद हो गया। एक वायरल वीडियो में दिखता है कि जुलूस के यहाँ पहुँचते ही मस्जिद से मुस्लिम भीड़ निकल आती है। इसके बाद शोर मचने लगता है। इस दौरान जुलूस में शामिल लोग टीम की जीत पर नारे लगा रहे होते हैं।

कुछ ही देर में यहाँ जुलूस पर हमला हो जाता है। वायरल वीडियो में अल्लाह-हू-अकबर और नारा-ए-तकबीर के शोर भी सुनाई पड़ते हैं। इसके बाद लोग इधर उधर भागते हैं और पथराव होने लगता है। एक और वीडियो में दिखाई पड़ता है कि अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाती भीड़ एक स्कूटी तोड़ रही है।

इसके बाद यह पथराव जामा मस्जिद के अलावा पत्ती बाजार, सब्जी मार्केट, गफ्फार होटल समेत कई इलाके हिंसा की चपेट में आ गए। यहाँ भारतीय क्रिकेट टीम के फैन्स पर जम कर पथराव हुआ। इस पथराव के बाद दंगाई भीड़ ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी।

पेट्रोल बम भी चलाए जाने की सूचना है। दंगाई भीड़ ने कई जगह काफी गाड़ियाँ तोड़ी भी हैं। पथराव-आगजनी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। दंगे की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ भी शहर में अलग-अलग जगह भेजी गईं।

इंदौर ग्रामीण एसपी हितिका वत्सल ने इस घटना के बारे में कहा, “इंडिया न्यूजीलैंड मैच के बाद जुलूस निकल रहे थे, इसमें मस्जिद के बाहर पटाखे चले तो विवाद हो गया। इसके बाद दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। पुलिस बल अब मौजूद है। स्थिति नियंत्रण में है। अभी कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। रात को ही उनको पकड़ा गया है।”

एसपी ने अपील की कि लोग अफवाह ना फैलाएँ और उन पर विश्वास भी करें। एसपी वत्सल के अनुसार, 3 लोग इस पथराव में घायल हुए हैं। पुलिस ने घटना के बाद महू में लाठीचार्ज भी किया है। 300 से अधिक पुलिसवाले यहाँ तैनात किए गए हैं।

महू, भारतीय सेना का भी एक प्रमुख केंद्र है। इसके चलते प्रशासन ने सेना की भी त्वरित कार्यवाही बल (QRT) की 8 टुकडियां भी बुला लीं। सेना ने भी शहर में फ्लैग मार्च किया। पथराव करने वालों कड़ी कार्रवाई की माँग कई संगठनों ने की है।

प्रयागराज महाकुंभ से अर्थव्यवस्था भी बम-बम : खर्च- 7500 करोड़ रूपए, फायदा- 3 लाख करोड़ रूपए : वह नाविक जिन्होंने 45 दिन में कमाए 30 करोड़ रूपए


उत्तर प्रदेश में महाकुंभ आयोजन के चलते आर्थिक फ्रंट पर काफी फायदा हुआ है। इससे अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रूपए जुड़ने की संभावना है। होटल से लेकर ट्रांसपोर्ट और फ़ूड क्षेत्र में काफी कमाई हुई है। इस दौरान प्रयागराज में छोटे-मोटे धंधे करने वाले लोगों को भी बड़ा फायदा हुआ है। इसी तरह का एक उदाहरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है।

एक नाविक ने कमा लिए 30 करोड़ रूपए 

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर बोलते हुए मंगलवार (4 मार्च, 2025) को योगी एक नाविक परिवार के विषय में बताया। उन्होंने कहा, “एक ऐसा नाविक परिवार, जिनके पास 130 नौकाएँ थीं। इन लोगों ने 45 दिनों के महाकुंभ में ₹30 करोड़ की बचत की है। यानी एक नाव ने 23 लाख रूपए 45 दिनों में कमाए हैं।”
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि इसी हिसाब से एक दिन में एक नाव ने 50 हजार से लेकर 52 हजार रूपए तक की कमाई की है। सीएम योगी ने महाकुंभ आयोजन को लेकर किए गए खर्च और इससे अर्थव्यवस्था में हुई बढ़ोतरी को लेकर भी बात की।

उत्तर प्रदेश को 3.5 लाख करोड़ रूपए के फायदे का अनुमान

योगी ने बताया कि राज्य में महाकुंभ के आयोजन से राज्य को 3.5 लाख करोड़ रूपए का लाभ होने का अनुमान है। उन्होंने CAIT के आँकड़े भी दिए, जिसने बताया था कि महाकुंभ में लोगों ने 3 लाख करोड़ रूपए का खर्च किया जो अर्थव्यवस्था में जुड़े।
महाकुंभ के चलते ट्रांसपोर्ट, होटल, पूजा सामग्री और बाकी क्षेत्रों में हजारों करोड़ का खर्च हुआ। सीएम योगी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान होटल उद्योग में 40 हजार करोड़ रूपए, खाने-पीने और FMCG में 33 हजार करोड़ रूपए, परिवहन क्षेत्र में 1.5 लाख करोड़ रूपए और पूजा सामग्री के चलते 20 हजार करोड़ रूपए का फायदा हुआ है।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के चलते अयोध्या और वाराणसी में भी भक्तों के बड़े जत्थे पहुँचे, जिससे यहाँ भी आर्थिक लाभ हुआ है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने बताया है कि महाकुंभ में हुए बड़े खर्च के चलते देश को 6.5% की GDP बढ़ोतरी की रफ़्तार बनाए रखने में मदद मिलेगी।
महाकुंभ में 60 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए थे। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा अदि को भी इससे बड़ा फायदा हुआ है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या इन राज्यों से भी थी।

7500 करोड़ हुए थे व्यवस्था पर खर्च

महाकुंभ से 3 लाख करोड़ रूपए का फायदा तब हुआ है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके मुकाबले 7500 करोड़ रूपए का खर्च किया था। उत्तर प्रदेश सरकार में योगी सरकार ने महाकुंभ के लिए प्रयागराज शहर में काफी विकास किया। बड़ा खर्च इन्फ्रा सुधारने पर हुआ था।
योगी सरकार ने प्रयागराज के भीतर 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण किया था। योगी सरकार ने प्रयागराज में 14 नए फ्लाईओवर और 9 अंडरपास भी बनाए थे। नदी के तट को लेकर भी योगी सरकार ने काम किया था। मेला क्षेत्र में योगी सरकार ने 30 पीपा पुल बनाए थे। इसका लाभ अब योगी सरकार को मिला है।

लॉ & आर्डर बस भाजपा राज्यों में ख़राब है लेकिन कांग्रेस के राज्य में अपराध जायज है; वहां लॉ & आर्डर की बात मत करो

सुभाष चन्द्र

कुछ दिन पहले कांग्रेस की 23 वर्षीय महिला नेता हिमानी नरवाल की हरियाणा में उसके ही परिचित ने हत्या कर सूटकेस में बंद करके जंगल में फ़ेंक दिया था। कई दिन खबर ने TRP लूटी थी लेकिन उसके बाद सब शांत हो गया। हिमानी की माँ ने यहां तक आरोप लगाया था कि वह किसी कांग्रेस के बड़े नेता का भी काम हो सकता है जबकि उस लड़के से हिमानी के संबंधों के बारे में माँ ने कुछ नहीं कहा जबकि यह दावा किया था कि हिमानी उसे सब कुछ बताती थी। फिर ऐसा कैसे हुआ कि लड़के से मित्रता की बात हिमानी ने माँ को नहीं बताई। 

इस हत्या को लेकर कांग्रेस के हुडा बाप बेटे समेत सभी बड़े नेताओं ने कहा था कि हरियाणा में Law & Order नाम की कोई चीज़ नहीं है। मतलब किसी युवती के संबंध किसी युवक से हों और युवक उसकी हत्या कर दे तो सरकार जिम्मेदार हो गई। कांग्रेस के राज में राजस्थान तो एक रेप स्टेट बन चुका था, यह बात कांग्रेस को याद नहीं है। दिल्ली में कोई भी अपराध होते ही केजरीवाल चीखता था, पुलिस तो अमित शाह देखता है, हमे पुलिस दे दो तो सब ठीक कर देंगे जैसे पंजाब में किया है

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कल झारखंड में NTPC के डीजीएम 40 वर्षीय कुमार गौरव की ऑफिस जाते हुए दो बाइक पर आए लड़कों ने गोली मार कर हत्या कर दी। गौरव अपने परिवार के एकलौते बेटे थे और चर्चा है कि अपराधियों ने कुमार गौरव से रंगदारी मांगी थी (Extortion) और नहीं देने पर उनकी हत्या कर दी गई। यह रंगदारी का धंधा सरकार की पुलिस की नज़र में होता है और उसके लिए हत्याएं होने को Law & Order ख़त्म होना कहा जा सकता है। याद रहे झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। क्या कांग्रेस कहेगी कि झारखंड में कानून व्यवस्था ठप हो चुकी है?

कल ही महिला दिवस के मौके पर कांग्रेस सरकार के कर्नाटक में गज़ब की कानून व्यवस्था देखने को मिली है  हंपी शहर में एक इज़रायली महिला समेत 2 महिलाओं से गैंग रेप किया गया और उनके पुरुष साथी की हत्या कर दी ये 3 अपराधी थे और पुलिस का दावा है कि उनमे से 21 वर्षीय दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और तीसरे की तलाश जारी है। अब कांग्रेस मानेगी कि कर्नाटक में Law & Order ख़त्म हो चुका है राज्य में तो कानून व्यवस्था ठप होने के पहले भी प्रमाण आते रहे हैं और भी कोई नहीं कांग्रेसी पार्षद की बेटी की लव जिहाद के लिए हत्या कर दी गई थी

परसों खबर थी कि मुरादाबाद में 4 मुस्लिम युवक 2 माह पहले एक दलित किशोरी को उठा कर ले गए और दो माह तक उसे नशीले पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। और उसके हाथ पर गुदे ॐ पर तेजाब डाल दिया। उसे भूखा रखा और जब खाना मांगा तो उसे गोमांस दे दिया और जब उसने खाने से मना किया तो जबरन उसके मुंह में ठूंस दिया। ये चार हरामखोर किशोरी की गाँव के ही थे सलमान, जुबैर, राशिद और आरिफ लेकिन अभी केवल सलमान गिरफ्तार हुआ है, तीन अभी फरार हैं और लड़की की चाची के अपहरण की धमकी दी जा रही है

कोई समाजवादी पार्टी का नेता या कांग्रेस का खलीफा कुछ नहीं बोल रहा जबकि दलित बेटी लिए तो पर्यटन पर निकल जाना चाहिए था लेकिन वे सब “खामोश” हैं क्योंकि अपराधी सभी मुस्लिम हैं मतलब अपराधी का धर्म देख कर बोलते हैं या चुप रहते हैं

सीरिया में 2 दिन में 1000+ का कत्लेआम, हर तरफ बिखरी हैं लाशें: औरतों को नंगा कर सड़क पर घुमाया

                                               सीरिया में हर तरफ कत्लेआम (फोटो साभार: DNA)
सीरिया (Syria) में पिछले दो दिनों से खून की नदियाँ बह रही हैं। सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों और नई सरकार के सुरक्षा बलों के बीच हुई भयंकर झड़पों में 1,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसमें करीब 750 आम लोग शामिल हैं, जो इस हिंसा की चपेट में आ गए।

ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने शनिवार (9 मार्च 2025) को ये चौंकाने वाला आँकड़ा जारी किया। संगठन का कहना है कि ये पिछले 14 साल से चल रहे सीरिया के गृहयुद्ध में सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक है। इसमें 745 नागरिकों के अलावा 125 सरकारी सैनिक और असद के वफादार 148 लड़ाके भी मारे गए हैं। ये हिंसा गुरुवार (6 मार्च 2025) से शुरू हुई और अब तक थमने का नाम नहीं ले रही।

फिर से क्यों सुलग रहा है सीरिया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सब तब शुरू हुआ जब गुरुवार (6 मार्च 2025) को तटीय शहर जबलेह के पास सुरक्षा बल एक भगौड़े अपराधी को पकड़ने पहुँचे, लेकिन इस दौरान उन पर कथित तौर पर असद के समर्थकों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। नई सरकार का कहना है कि वो असद के बचे हुए लड़ाकों के हमलों का जवाब दे रही है, लेकिन शुक्रवार से ये झड़पें बदले की कार्रवाई में बदल गईं। सरकार से वफादार सुन्नी मुस्लिम हमलावरों ने असद के अलावी समुदाय के लोगों पर हमले शुरू कर दिए।
अलावी समुदाय लंबे वक्त से असद का समर्थन करता रहा है। इस हिंसा ने नई सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है, जो तीन महीने पहले ही असद को हटाकर सत्ता में आई थी।

बदले की आग में जल रहा सीरिया

शुक्रवार (7 मार्च 2025) को हालात तब और खराब हो गए, जब सुन्नी लड़ाकों ने अलावी गाँवों और कस्बों में घुसकर लोगों को निशाना बनाना शुरू किया। अलावी समुदाय के ज्यादातर पुरुषों को सड़कों पर या उनके घरों के बाहर ही गोली मार दी गई। कई जगहों पर घरों को लूटा गया और फिर आग के हवाले कर दिया गया। महिलाओं को नंगा करके सड़क पर घुमाया गया।
बनियास जैसे शहरों में हालात इतने खराब हैं कि सड़कों पर शव बिखरे पड़े हैं। वहाँ के लोगों का कहना है कि छतों पर भी लाशें पड़ी हैं, लेकिन उन्हें उठाने की इजाजत तक नहीं दी जा रही। बनियास से अपने परिवार के साथ भागे 57 साल के अली शेहा ने बताया कि उनके इलाके में कम से कम 20 लोग मारे गए। कुछ को उनकी दुकानों में, तो कुछ को घरों में गोली मारी गई।
अली ने कहा, “हालात बहुत डरावने थे। हमलावर हमारे अपार्टमेंट से सिर्फ 100 मीटर दूर थे और अंधाधुंध गोलियाँ चला रहे थे।” उन्होंने ये भी बताया कि हमलावर लोगों से उनकी आईडी माँगते थे, उनका मजहब और संप्रदाय चेक करते थे, फिर उन्हें मार देते थे। कई घरों को जलाया गया, गाड़ियाँ लूटी गईं और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया। अली का कहना है कि ये हमले असद की सरकार के पुराने अपराधों का बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने ये भी कहा कि हमलावरों में विदेशी लड़ाके और आसपास के गाँवों से आए आतंकी शामिल थे।

लताकिया में बुनियादी सुविधाएँ ठप

इस हिंसा का असर सिर्फ जानमाल तक सीमित नहीं है। तटीय शहर लताकिया के बड़े इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई बंद हो गई है। कई बेकरी बंद हो चुकी हैं, जिससे लोगों को खाने-पीने की चीजों के लिए भी जूझना पड़ रहा है। लोग डर के मारे पहाड़ों की ओर भाग रहे हैं। बनियास के एक शख्स ने बताया कि उनके 5 पड़ोसियों को शुक्रवार को करीब से गोली मारी गई, लेकिन घंटों तक कोई उनके शवों को हटा नहीं सका। हमलावरों ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। साफ है कि ये हिंसा अब सिर्फ लड़ाई नहीं, बल्कि एक समुदाय के खिलाफ नफरत का रूप ले चुकी है।

हयात तहरीर अल-शाम के लिए मुसीबत

ये हिंसा उस गुट ‘हयात तहरीर अल-शाम’ (HTS) के लिए बड़ा झटका है, जिसने असद को हटाकर सत्ता हासिल की थी। HTS के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने दमिश्क पर कब्जा किया था, लेकिन अब उनके सामने अपने ही देश को संभालने की चुनौती है। अलावी समुदाय के खिलाफ ये हमले सीरिया में गहरी धार्मिक और जातीय दरार को दिखाते हैं। अगर ये हालात काबू में नहीं आए, तो ये हिंसा और खतरनाक रूप ले सकती है।
सीरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से कहा कि सरकारी बलों ने ज्यादातर इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया है। तटीय इलाकों की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया है, ताकि और हिंसा न हो और धीरे-धीरे हालात सामान्य किए जा सकें। शनिवार (8 मार्च 2025) को तुवायम गाँव में 31 लोगों की सामूहिक कब्र बनाई गई, जिनमें 9 बच्चे और 4 महिलाएँ शामिल थीं। इन लोगों को शुक्रवार की हिंसा में मारा गया था। वहीं, उत्तर-पश्चिम के अल-जनौदिया गाँव में चार सैनिकों का अंतिम संस्कार हुआ, जो तटीय इलाकों में मारे गए थे।
लेबनान के सांसद हैदर नासर ने बताया कि लोग डर के मारे सीरिया से लेबनान की ओर भाग रहे हैं। कुछ लोग रूस के ह्मेमिम एयरबेस पर शरण ले रहे हैं। नासर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलावियों की सुरक्षा की माँग की। उनका कहना है कि असद के जाने के बाद कई अलावियों को नौकरी से निकाल दिया गया। यही नहीं, जिन सैनिकों ने नई सरकार से सुलह कर ली थी, उन्हें भी मार दिया गया। फ्रांस ने भी इस हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो धार्मिक आधार पर नागरिकों और कैदियों के खिलाफ अत्याचारों की कड़ी निंदा करता है। फ्रांस ने सीरिया की अंतरिम सरकार से माँग की है कि इन अपराधों की निष्पक्ष जाँच हो।
ये हिंसा नई सरकार के लिए एक बड़ा इम्तिहान है। असद के शासन के दौरान अलावी समुदाय सेना और सुरक्षा एजेंसियों में बड़े पदों पर रहा था। अब नई सरकार का कहना है कि असद के समर्थक पिछले कुछ हफ्तों से उनके सैनिकों पर हमले कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह ये हिंसा बदले की भावना में बदल गई है, उससे साफ है कि सीरिया में शांति अभी दूर की बात है।