आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
पिछले कुछ वर्षों से बलात्कार, जाति एवं धर्म के नाम पर जो देश का माहौल ख़राब किया जा रहा है, इसे हर जनमानस को भलीभांति समझना होगा, जिसका पटापेक्ष किया है जुलाई 2 को जयपुर में एक मस्जिद से हिन्दू सम्पत्ति और वाहनों की तोड़फोड़ कर रहे मुस्लिमों को दिए "इन नेताओं के कहने पर तुम लोग जो काम कर रहे हो, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने पर कोई नेता तुम्हें बचाने नहीं आएगा" सन्देश ने। वास्तव में वह इमाम अथवा उत्घोषित करने वाला व्यक्ति प्रशंसा का पात्र है। वास्तव में इस सन्देश ने बलात्कार और धर्म/जाति के नाम पर जनमानस में द्वेष की भावना को जन्म देने वालों का पर्दाफाश किया है। क्या अब तक हुए दंगों में किसी नेता के पक्षी या परिन्दे तक को नुकसान पहुँचते देखा है, शायद नहीं। मरता कौन है, आम जनमानस। भूख से कौन तड़पता है, आम जनमानस; किसके बच्चे कर्फ्यू लगने पर दूध के लिए तरसते हैं, आम जनमानस के, फिर क्यों हम सियासतखोरों के इशारे पर उन लोगों के दुश्मन बन रहे, जिनके साथ कभी बचपना बिताया था, घर-परिवार का दुःख-सुख बाँटा था, उसी को दुश्मनी निगाह से देखने लगते हैं।
इतना ही नहीं, आम जनमानस को #metoo, #not in my name, #award vapsi, #moblynching, #intolerance आदि गैंगों से भी सतर्क रहना होगा। ये साम्प्रदायिक और जनविरोधी लोगों के प्रायोजित गैंग हैं, जिन्हे केवल एक ही धर्म/मजहब की तकलीफ दिखाई देती है, जबकि उसी समस्या से अन्य धर्म भी प्रभावित होते हैं, इस गैंग के प्रायोजक और अनुयायी तुष्टिकरण के पुजारी हैं। जो रसगुल्ला बन जनता में विष फ़ैलाने का काम करते हैं। अभी दो/तीन वर्ष पूर्व भारत में पुरस्कार वापस करने का दौर देखा, जनता ने पुरस्कार वापस करने का समाचार तो सुना, लेकिन यह नहीं सुना होगा कि पुरस्कार के साथ मिली धन-राशि भी वापस की है। किसी ने उनसे यह नहीं पूछा "पुरस्कार वापस कर दिया, कोई बात नहीं, पुरस्कार के साथ जो धन-राशि मिली थी, उसे क्यों नहीं किया वापस? अब इसे पाखंड नहीं कहा जाये तो क्या नाम दिया जाए?
आखिर कब तक बलात्कार और धर्म/जाति के नाम पर दंगे होते रहेंगे?
जैसाकि पुरानी दिल्ली के लाल कुआँ क्षेत्र में मन्दिर को क्षति पहुँचाने और घरों में घुसकर हिन्दू महिलाओं को प्रताड़ित करने की घटना पर जो माहौल ख़राब होने पर जुलाई 2 की सुबह केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन के दौरा करने पर कुछ स्थानीय मुस्लिम नेताओं द्वारा हर्षवर्धन को भाईचारे की बात कहने पर मिली फटकार ने सारा वातावरण ही बदल दिया। इससे पूर्व परदे के पीछे बैठ जून 30 की रात्रि से सियासत खेल रहे थे, सरकार के सख्त रवैये ने उन सबको बाहर आकर बिगड़े माहौल को सामान्य करने बाहर आ गए, फतेहपुरी मस्जिद में इमाम गंगा-यमुना संस्कृति की शिक्षा देते नज़र आये। यदि केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सख्त रुख अख्तियार नहीं किया होता, साम्प्रदायिक तत्व चारों खाने चित नहीं हुए होते। अब प्रश्न उत्पन्न होता है कि "क्या गंगा-यमुना संस्कृति की दुहाई देने वाले और वर्षों से भाईचारे की बात करने वाले नेता वास्तविक गुंडों को पुलिस के हवाले करेंगे? एक कॉल पर हज़ारों का हुजूम जमा करवाने वाले को पुलिस के सुपुर्द करवाकर सख्ती से पेश आने के लिए कहेंगे? यदि नहीं, तो सब पाखण्ड से अधिक और कुछ नहीं।"
जयपुर: पिता का दोस्त बताकर 7 साल की बच्ची को ले जाकर दुष्कर्म किया
दिल्ली का माहौल शान्त हुआ भी नहीं था कि जयपुर में सात साल की बच्ची के साथ रेप के विरोध में लोगों ने जुलाई 2 को यहां जमकर प्रदर्शन किया। यहां मुसलमानों की भीड़ ने, दिल्ली की भाँति, एक पुलिस स्टेशन को घेर कर प्रदर्शन किया और कई वाहनों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद से इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है। पुलिस ने जुलाई 2 को यह जानकारी देते हुए बताया कि खुद को बच्ची के पिता का दोस्त बताकर एक व्यक्ति मासूम को अपने साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह बच्ची को सड़क पर लहूलुहान हालत में छोड़कर चला गया। जुलाई 1 की रात बच्ची के परिजन उसे कनवतिया अस्पताल ले गए, जहां से उसे जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया।
लड़की को सर्जिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके सीने पर खरोंच और माथे पर चोट के निशान हैं। उसके निजी भाग में खरोंच के निशान है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। घटना के बाद, जुलाई 2 की सुबह जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में तनाव बढ़ गया क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने जुलाई 1 की रात कई कारों के शीशे तोड़ दिए थे।
संभागीय आयुक्त के.सी. वर्मा ने 3 जुलाई सुबह 10 बजे तक शहर के 13 क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर कंवतिया अस्पताल के पास भारी भीड़ जमा हो गई थी।
पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा, "लड़की खतरे से बाहर है। वरिष्ठ डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। हम आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे कठोरतम सजा दिलाने का प्रयास करेंगे। "उन्होंने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया।
अवलोकन करें:-
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जुलाई 2 को लड़की का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा, "आरोपी को पकड़ने की हम कोशिश कर रहे हैं। इस तरह का अपराध करने वाले लोगों की हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। " उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए।स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बच्ची के मुफ्त इलाज का आदेश दिया है। (इनपुट-आएएएनएस)
No comments:
Post a Comment