फारुख ने खुद कटवाई दाढ़ी, लेकिन धर्म के डर से फैलाई अफवाह – मुझे ट्रेन में मारा, काट डाली दाढ़ी

सच सामने आने पर फारुख ने कबूला जुर्म
वैसे आज दाढ़ी रखना भी एक फैशन बन गया है। इससे पूर्व फ्रेंच कट का बहुत फैशन था, उसे पूर्व जाने पर लम्बी कलमें आदि आदि। लेकिन जब दाढ़ी रख हुए कुछ समय बाद किसी भी कारणवश कटवाए, उसे साम्प्रदायिक रंग देना गलत है, और अगर ऐसा होता है, निश्चित रूप से वह व्यक्ति किसी साम्प्रदायिक ताकतों से मोटा धन लेकर देश का वातावरण बिगड़ रहा है, और जब सच्चाई सामने आ जाए, उस दशा में इस पर रहम दर्शाने की बजाए सख्ती से पेश आना चाहिए, क्योकि इन्ही बिकाऊ लोगों के कारण देश में साम्प्रदायिक दंगे होते हैं। 
गनीमत है, प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, और अगर होते, कोई अन्य दंगे हो गए होते और न जाने कितने बेगुनाह मारे जाते, ऐसे लोगों को ब्लैकलिस्ट में सम्मिलित करना चाहिए। ऐसे लोगों को जेल में डालने की बजाए सरकार को इनके बैंक खातों की जाँच कर, समस्त धन सरकारी खाते में हस्तांतरित करना चाहिए। मकान दुकान सब जब्त करनी चाहिए। ऐसे लोगों पर कोई रहम नहीं दिखाना चाहिए, ये लोग रहम के काबिल ही नहीं। जब भूख से इन लोगों के बीबी-बच्चे तड़पेंगे, तब इनको अहसास होगा कि दंगे लपेटे में आने वाले बेगुनाहों को कितना कष्ट झेलना पड़ता है।   
उत्तर प्रदेश में झूठी कहानी बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला बागपत का है, जहाँ एक मुस्लिम युवक ने सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की। मुस्लिम युवक ने उसके साथ ट्रेन में मारपीट करने और जबरदस्ती दाढ़ी को काटने की अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की। जिसकी जाँच में जुटी पुलिस ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
लेकिन उस समय विधवा-विलाप करने वाले समस्त #intolerance, #mob lynching, #award vapsi और #not in my name आदि गैंगस्टर कहाँ मुँह छुपाए बैठे हैं? राज्य और केंद्र सरकारों को इन गैंगस्टरों के भी बैंक खाते खंगालने चाहिए, यह भी संभव हो सकता है, इन गैंगस्टरों की पत्नी, बच्चों को धन अथवा किसी अन्य रूप में कोई प्रलोभन दिया गया हो।      

दरअसल, बागपत के मुगलपुरा मोहल्ले के रहने वाले मुस्लिम युवक फारुख ने जबरन दाढ़ी काटने की अफवाह फैलाने की कोशिश की। फारुख ने वीडियो बनाया और उसके एक दोस्त साजिद ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। उसने वीडिया के साथ लिखा कि फारुख को बागपत में ट्रेन में खींचकर पीटा गया और जबरन उसकी दाढ़ी काट दी गई। साजिद ने पीड़ित के लिए मदद माँगी थी। पोस्ट में यूजर ने यूपी पुलिस, बागपत पुलिस, रेल मंत्रालय, सीएम योगी आदित्यनाथ और अमित शाह को टैग किया था। इसके अलावा पोस्ट में एक फोन नंबर भी लिखा था, जो पीड़ित के भाई का बताया गया था। 
दैनिक जागरण में छपी खबर का स्क्रीनशॉट
जब पुलिस ने इस संवेदनशील मामले की जाँच शुरू की तो मामला कुछ और ही निकला। बागपत के एसपी प्रताप गोपेंद्र यादव ने बताया कि फारुख को विश्वास में लेकर जब पूछताछ की गई तो उसने झूठी अफवाह फैलाने की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि वह कुछ साल पहले एक इज्तमा में शामिल हुआ था। इसमें तकरीर से प्रभावित होकर उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी। अब कुछ दिन से गर्मी अधिक होने के कारण वह दाढ़ी से परेशान था और दाढ़ी कटवाना चाह रहा था। लेकिन, समाज व धर्म का भय था। इसलिए उसने जबरदस्ती दाढ़ी कटवाने की झूठी कहानी बनाई। फारुख ने बताया कि उसने लोनी में रहने वाले अपने एक दोस्त के पास पहुँचकर अपनी दाढ़ी कटवा ली और घर लौटते वक्त खुद ही अपने कपड़े फाड़कर ये अफवाह फैलाई कि ट्रेन में उसके साथ मारपीट की गई और दाढ़ी काट दी गई। 

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