आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद शनिवार (दिसंबर 7, 2019) दोपहर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान भी कांग्रेस नेता अपनी राजनीति करने की आदत से बाज नहीं आई और दावा किया कि पिछले 1 साल में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार के 90 से अधिक मामले सामने आए। अब उन्नाव पुलिस प्रियंका गाँधी वाड्रा के झूठे दावे को आईना दिखाने के लिए सामने आई है।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक ने इंडिया टुडे से बात की और दावा किया कि उन्नाव में पिछले एक साल में बलात्कार के 51 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 90 मामले दर्ज नहीं हुए, जैसा कि प्रियंका गाँधी वाड्रा ने दावा किया था।
उन्नाव के एसपी विक्रांत वीर ने इंडिया टुडे को बताया, “उन्नाव जिले के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में 1 जनवरी से 30 नवंबर तक बलात्कार के 51 मामले दर्ज किए गए हैं। 2018 में बलात्कार के 24 मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही 2017 में 54, 2016 में 37 और 2015 में 39 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।”
कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा था, “इस साल उन्नाव जिले से बलात्कार के लगभग 90 मामले सामने आए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार अपराधियों को बचाने में व्यस्त है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने कार्यालय में महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन सेट अप करना चाहिए जो किसी भी शिकायत पर तेजी से कार्रवाई कर सके।”
ऐसे समय में जब देश भर से भयावह बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, तब एक राजनीतिक पार्टी द्वारा सिर्फ एक ही मामले के बारे में बात करना उनकी कुटिलता को दर्शाता है। यह पार्टी सिर्फ इस मामले में ही बात करती है, क्योंकि यह राज्य(उत्तर प्रदेश) विपक्षी पार्टी द्वारा शासित है। दरअसल सरकार के बाहर रहकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करना बेहद आसान होता है। और यही काम कांग्रेस पार्टी ने अब तक किया और अब भी कर रही है।
चूँकि, इनकी पार्टी आज विपक्ष में हैं इसलिए सत्ता पक्ष द्वारा शासित राज्य को टारगेट कर रही हैं, वो भी रेप के मुद्दे पर। लेकिन शायद यह भूल रही हैं कि 16 दिसंबर 2012 को जब देश को झकझोर देने वाला निर्भया रेप कांड हुआ था, तब इनकी ही सरकार थी।
प्रियंका को इतना भी ज्ञान होना चाहिए कि जब केन्द्र और दिल्ली में कांग्रेस सत्ता में थी, तब इन्हीं की पार्टी के एक पदाधिकारी सुशील शर्मा ने नैना साहनी के टुकड़े कर कनॉट प्लेस के एक होटल के तंदूर में डाल दिया था। उससे भयानक कांड शायद नहीं हो सकता। इस कांड को गूगल पर naina sahani kand के नाम से देखा जा सकता है।
ज्ञात हो, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में होते दलित उत्पीड़न और बलात्कार की होती घटनाओं पर मुलायम सिंह ने जब यह कहा कि "बच्चों से गलती हो जाती है", तब किसी के मुंह से कोई विरोध स्वर नहीं निकला, क्योकि मुलायमसिंह भाजपा से नहीं थे, बल्कि केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। यदि उन्हीं दिनों से बलात्कार पर हंटर घुमाया जाता, उन्नाव कांड नहीं होता।
फिर मायावती ने अपने साथ हुए गेस्ट हाउस कांड में कितनों को सजा दिलवाई? जो नेत्री अपने ऊपर गेस्ट हाउस में हुए अत्याचार पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं करवा पायीं, ऐसे नेताओं के कन्धों पर देश तो दूर किसी छोटे से शहर तक की ज़िम्मेदारी नहीं डाली जा सकती। इसके बावजूद यदि जनता फिर भी ऐसे नेताओं को एक भी वोट देती है उसे जनता की मूर्खता ही कहा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उन्नाव में पीड़िता को गुरुवार (दिसंबर 5, 2019) की सुबह केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी गई थी। पीड़िता को जलाने वाले आरोपित वही लोग हैं, जिन्होंने उनका बलात्कार किया था। आरोपितों से बचने के लिए पीड़िता 1 किलोमीटर तक जलते हुए भी बदहवास अवस्था में भागती रहीं। यहाँ तक कि उसने 112 नंबर पर पुलिस को भी कॉल किया था। जब पुलिस मौके पर पहुँची, तब तक वह 90 प्रतिशत जल चुकी थीं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार(दिसम्बर 7) को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिवार के लिए 25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा पीड़िता के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर देने की भी घोषणा की गई। उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद शनिवार (दिसंबर 7, 2019) दोपहर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान भी कांग्रेस नेता अपनी राजनीति करने की आदत से बाज नहीं आई और दावा किया कि पिछले 1 साल में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार के 90 से अधिक मामले सामने आए। अब उन्नाव पुलिस प्रियंका गाँधी वाड्रा के झूठे दावे को आईना दिखाने के लिए सामने आई है।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक ने इंडिया टुडे से बात की और दावा किया कि उन्नाव में पिछले एक साल में बलात्कार के 51 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 90 मामले दर्ज नहीं हुए, जैसा कि प्रियंका गाँधी वाड्रा ने दावा किया था।
उन्नाव के एसपी विक्रांत वीर ने इंडिया टुडे को बताया, “उन्नाव जिले के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में 1 जनवरी से 30 नवंबर तक बलात्कार के 51 मामले दर्ज किए गए हैं। 2018 में बलात्कार के 24 मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही 2017 में 54, 2016 में 37 और 2015 में 39 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।”
कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा था, “इस साल उन्नाव जिले से बलात्कार के लगभग 90 मामले सामने आए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार अपराधियों को बचाने में व्यस्त है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने कार्यालय में महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन सेट अप करना चाहिए जो किसी भी शिकायत पर तेजी से कार्रवाई कर सके।”
ऐसे समय में जब देश भर से भयावह बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, तब एक राजनीतिक पार्टी द्वारा सिर्फ एक ही मामले के बारे में बात करना उनकी कुटिलता को दर्शाता है। यह पार्टी सिर्फ इस मामले में ही बात करती है, क्योंकि यह राज्य(उत्तर प्रदेश) विपक्षी पार्टी द्वारा शासित है। दरअसल सरकार के बाहर रहकर सरकार के ऊपर दोषारोपण करना बेहद आसान होता है। और यही काम कांग्रेस पार्टी ने अब तक किया और अब भी कर रही है।
चूँकि, इनकी पार्टी आज विपक्ष में हैं इसलिए सत्ता पक्ष द्वारा शासित राज्य को टारगेट कर रही हैं, वो भी रेप के मुद्दे पर। लेकिन शायद यह भूल रही हैं कि 16 दिसंबर 2012 को जब देश को झकझोर देने वाला निर्भया रेप कांड हुआ था, तब इनकी ही सरकार थी।
प्रियंका को इतना भी ज्ञान होना चाहिए कि जब केन्द्र और दिल्ली में कांग्रेस सत्ता में थी, तब इन्हीं की पार्टी के एक पदाधिकारी सुशील शर्मा ने नैना साहनी के टुकड़े कर कनॉट प्लेस के एक होटल के तंदूर में डाल दिया था। उससे भयानक कांड शायद नहीं हो सकता। इस कांड को गूगल पर naina sahani kand के नाम से देखा जा सकता है।
ज्ञात हो, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में होते दलित उत्पीड़न और बलात्कार की होती घटनाओं पर मुलायम सिंह ने जब यह कहा कि "बच्चों से गलती हो जाती है", तब किसी के मुंह से कोई विरोध स्वर नहीं निकला, क्योकि मुलायमसिंह भाजपा से नहीं थे, बल्कि केंद्र में कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। यदि उन्हीं दिनों से बलात्कार पर हंटर घुमाया जाता, उन्नाव कांड नहीं होता।
फिर मायावती ने अपने साथ हुए गेस्ट हाउस कांड में कितनों को सजा दिलवाई? जो नेत्री अपने ऊपर गेस्ट हाउस में हुए अत्याचार पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं करवा पायीं, ऐसे नेताओं के कन्धों पर देश तो दूर किसी छोटे से शहर तक की ज़िम्मेदारी नहीं डाली जा सकती। इसके बावजूद यदि जनता फिर भी ऐसे नेताओं को एक भी वोट देती है उसे जनता की मूर्खता ही कहा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उन्नाव में पीड़िता को गुरुवार (दिसंबर 5, 2019) की सुबह केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी गई थी। पीड़िता को जलाने वाले आरोपित वही लोग हैं, जिन्होंने उनका बलात्कार किया था। आरोपितों से बचने के लिए पीड़िता 1 किलोमीटर तक जलते हुए भी बदहवास अवस्था में भागती रहीं। यहाँ तक कि उसने 112 नंबर पर पुलिस को भी कॉल किया था। जब पुलिस मौके पर पहुँची, तब तक वह 90 प्रतिशत जल चुकी थीं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार(दिसम्बर 7) को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिवार के लिए 25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा पीड़िता के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर देने की भी घोषणा की गई। उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
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