
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
अक्सर अपने इस ब्लॉग पर लिखता रहा हूँ, भारत में जब भी कहीं कोई चुनाव होता है, भाजपा विरोधी कभी #metoo, #not in my name, #mob lynching, #award vapsi तो कभी #intolerance गैंगों के सक्रीय होने पर लिखा था कि देखना है अगले चुनाव में कौन-सा गैंग सक्रीय होता है और आ गया #shaheen bagh। भाजपा विरोधी भाजपा को इन पर अपनी प्रक्रिया देने के उकसाते और भाजपा इनके बिछाए जाल में फंसती रही और विरोधी अपना खेल खेलने में व्यस्त रहते। परिणाम स्वरुप चुनाव संपन्न होते ही सारे गैंग अगले चुनाव तक विश्राम करने चले जाते।
आम आदमी पार्टी हमेशा विपक्षियों पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाती रहती है, जबकि सच्चाई यह है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी नेताओं ने दिल्ली चुनाव को हर तरह से सांप्रदायिकता के रंग में रंग दिया।
केजरीवाल विकासपुरी में इनके वोटबैंक द्वारा डॉ नारंग की हत्या पर मौन रहते हैं. लेकिन अख़लाक़ की मौत पर चीखते हैं, क्या यह साम्प्रदायिकता नहीं?
हिन्दुओं को लुभाने केजरीवाल पहुंचे हनुमान की शरण में
जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ये शंका होने लगी कि हिन्दू उनके खिलाफ होने वाले हैं तभी उन्होंने भावनात्मक कार्ड खेला। अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी चैनल से साठगांठ कर एक कार्यक्रम आयोजित किया। उनका कार्यक्रम पूरी तरह सुनियोजित था। अपने इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खुद को कट्टर हनुमान भक्त बताया। ये बात और है कि उस सुनियोजित कार्यक्रम में भी उन्होंने हनुमान चालीसा गलत ही पढ़ा।
एक निजी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया कि आपने खुद को हनुमान भक्त बोला है तो क्या हनुमान चालीसा आती है? इस पर केजरीवाल ने कहा, ‘हां, बिल्कुल आती है। मैं गाने की कोशिश करूंगा। इससे शांति बहुत मिलती है।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसके बाद हनुमान चालीसा सुनाई।
मनीष सिसोदिया शाहीन बाग के साथ डटे रहे
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि ‘मैं शाहीन बाग के लोगों के साथ खड़ा हूं। मनीष सिसोदिया ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि मैं जेएनयू वालों के साथ भी खड़ा हूं।
यही कारण है कि केजरीवाल सरकार ने देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए जेएनयू की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए। देखना है कि अब भी कब तक हस्ताक्षर नहीं करते हैं।
साजिश के तहत केजरीवाल ने शाहीन बाग से बनाई दूरी
पूरे चुनाव के दौरान शाहीन बाग का मुद्दा जोर-शोर से उठता रहा। और मीडिया केजरीवाल सरकार की नाकामियों को उजागर करने की बजाए शाहीन बाग़ पर केंद्रित रहा, जो केजरीवाल कूटनीति की सबसे बड़ी जीत थी। वहां उठे हिन्दू विरोधी स्वरों ने भी भाजपा को उकसाने का काम किया। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अगर कोई एक मुद्दा सबसे ज्यादा असरदार कहा जा सकता है तो वो शाहीन बाग था, इस विधानसभा में करीब 43% मुस्लिम मतदाता हैं।
वहीं आप के प्रचार की कमान खुद अरविंद केजरीवाल ने संभाल रखी थी, लेकिन उन्होंने इस विधानसभा में न तो कोई चुनावी सभा की ना ही कोई रोड शो किया। इसके बाद भी आप को मुसलमानों का पूरा वोट मिलना यह बताता है कि शाहीन बाग से केजरीवाल का दूरी बना के रखना उनकी साजिश का एक हिस्सा था।
भाजपा ने मुख्यमंत्री का अपमान किया,फिर स्कूलों के बच्चो की मेहनत का अपमान किया— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) February 11, 2020
हद तब हो गई, जब बजरंग बली हनुमान तक का मजाक बना दिया। रावण ने भी उनका मजाक बनाया था,उनकी पूछ का मजाक उड़ाया था। बंदर केहके पूछ में आग लगाई थीं।
आज मंगलवार को हनुमान जी के भाजपा की लंका में आग लगा दी
गंदी राजनीति से बाज नहीं आई AAP
लोगों का असली रंग सामने आ ही जाता है, तभी तो चुनाव परिणाम सामने आते ही आम आदमी पार्टी का सांप्रदायिक रंग सामने आ गया, यह रंग आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने सामने लाया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि आज के बाद भाजपा मंगलवार को कभी वोट की गिनती नहीं कराएगी। आज से मेरी ग्रेटर कैलाश विधानसभा में हर मंगलवार को भाजपा भक्तों को हनुमान जी की याद दिलाई जाएगी।
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