![]() |
नवीन की 'प्रोफाइल' के साथ, इंडिया टुडे बेंगलुरु को जलाने वाली कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ का हिस्सा बन गया |
बेंगलुरु में हुए दंगों में जहाँ कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ एक कथित ईशनिंदा पोस्ट के कारण भड़की थी, उसको लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वो आम लोगों की दुश्मन है। मीडिया जो अब असल अपराधी को छिपाने का काम कर रही है। जिस तरह यूपीए के कार्यकाल में इस्लामिक आतंकवादियों को बचाने "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" का शोर मचाकर हिन्दुओं को अपमानित किया जा रहा था।
ये तथाकथित खोजबीन पत्रकार जनता की नब्ज की पढ़ने में पूर्णरूप से असफल होने का प्रमाण दे रहे हैं। इन तथाकथित खोजबीन पत्रकारों को नहीं मालूम की आखिर 2009 से 2014 के बीच ऐसा क्या हुआ कि जनता का कांग्रेस और इसके समर्थक दलों से मोहभंग होने लगा? वह था Communal Violence Bill, जो देशहित में न होकर पूर्णरूप से समस्त गैर-मुस्लिम विरोधी था, जिसके पारित होने पर समस्त गैर-मुस्लिमों को मुग़ल दौर से अधिक दयनीय स्थिति में जीना पड़ता। उस समय किसी इन खोजी पत्रकारों की आवाज़ नहीं निकली, क्यों? जबकि उन दिनों नरेंद्र मोदी के विरुद्ध गोधरा मुद्दे को ये ही पत्रकार खूब उछाल रहे थे।
![]() |
CAA विरोध में हिन्दुत्व के विरुद्ध इस तरह के नारे इन तथाकथित खोजी पत्रकारों को क्यों नहीं दिखे? |
हमारे देश का पढ़ा-लिखा तबका इतना मूढ़ हो चुका है कि उसे लगता है कि घुसपैठियों को वापस भेजने से उन पर या देश की धर्मनिरपेक्षता पर खतरा मंडराएगा। क्या वाकई ये विरोध में उतरी भीड़ चाहती है कि 1 अरब 30 करोड़ की आबादी वाले देश में ऐसे घुसपैठियों को जगह दी जाए, जो बिना मजबूरी के भारत में घुस आए हैं और जो अब शरणार्थियों के नाम पर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं? कुर्सी के भूखे नेताओं ने इनके आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान-पत्र बनवा दिए, यह किसी खोजी पत्रकार को नहीं दिखा। या फिर ये मान लिया जाए कि वामपंथी गिरोह की तरह ये लोग भी केवल देश के अन्य लोगों में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं? या ये समझा जाए कि ये भीड़ शायद इस कानून के मूल उद्देश्यों से सचेत ही नहीं है?
ईशनिंदा के आरोपित नवीन के खिलाफ चरित्र हनन का एक ठोस अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें उसके कथित आपत्तिजनक पोस्ट को गलत बताते हुए मुस्लिम भीड़ द्वारा की गई हिंसा को सही ठहराया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि यह पोस्ट हिन्दू घृणा से प्रेरित पोस्ट के कमेंट में लिखा था।
डेक्कन हेराल्ड द्वारा नवीन को ‘सीरियल अपराधी’ के रूप में चित्रित करने के बाद, अब इंडिया टुडे ने दलित कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे की एक ‘कैरेक्टर प्रोफ़ाइल’ प्रकाशित की है, जिसके आधार पर यह दावा किया गया है कि 35 वर्षीय नवीन, सनी लियोन के प्रशंसक हैं। इंडिया टुडे ने इस विशेष तथ्य पर विशेष जोर दिया है कि उस रात को जो कुछ भी हुआ, उससे सनी लियोन का कोई संबंध नहीं है, कारण इंडिया टुडे को ही बेहतर पता होगा।
चरित्र प्रोफ़ाइल का लहजा और सिद्धांत यह स्पष्ट करता है कि इंडिया टुडे का उद्देश्य क्या है। इसका उद्देश्य नवीन को पूरे प्रकरण के खलनायक के रूप में चित्रित करना है ताकि मुस्लिम भीड़ के अपराधों को समाप्त किया जा सके और हिंसा को उचित ठहराया जा सके, जो न सिर्फ कांग्रेस विधायक के परिवार के खिलाफ थी। बल्कि उस क्षेत्र के अन्य आम लोगों के भी खिलाफ थी।
चरित्र प्रोफ़ाइल की शुरुआत बुरे तरीके से की जाती है। इसमें लिखा गया है, कॉमर्स ग्रेजुएट पी नवीन पिछले दिनों बेंगलुरु में हुई हिंसा के बाद से ही विवादों में है। जो कि अब गिरफ्तार है। और पूरे रिपोर्ट में, इंडिया टुडे को उनके बारे में एक अच्छी बात नहीं मिली।
इसमें कुछ सबटाइटल्स भी दिए गए हैं। जिसमें ‘किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा से जुड़ाव नहीं’, ‘राजनीतिक महत्वाकांक्षी’, ‘सनी लियोनी का फैन’, ‘विवादों से अजनबी नहीं’, ‘मेधावी छात्र नहीं’ जैसे सब टाइटल्स शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, यह दावा किया जाता है कि नवीन की कठोर राजनीतिक विचारधारा नहीं है। इसमें कहा गया है कि वो अपने मामा और कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के साथ मुस्लिम समुदाय को ईद की शुभकामनाएँ देने वाली पोस्ट में दिखा।
आगे लिखा गया है कि 5 अगस्त को, अयोध्या में भूमिपूजन वाले दिन नवीन ने राम मंदिर निर्माण के समर्थन में पोस्ट लिखी। इस पर कुछ आलोचनात्मक कमेंट भी आए। लेकिन इंडिया टुडे के ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस से इस शख्स के बारे में अधिक खुलासा हुआ। नवीन के फेसबुक हैंडल को बारीकी से खंगालने पर पता चला कि उसकी कोई दृढ़ राजनीतिक विचारधारा नहीं है।
जन्माष्टमी की शुभकामनाओं वाली एक पोस्ट में, भारत की धर्मनिरपेक्षता पर वह गर्व जताता है। इसने ऐसी तस्वीर अपलोड की जिसमें बुर्का पहने एक महिला के साथ राधा-कृष्ण बने बच्चे देखे जा सकते हैं।
कहते हैं, चोर अपने कदमों के निशान छोड़ ही देता है, वही काम इंडिया टुडे ने किया है। सही मार्ग पर चलते-चलते कट्टरपंथियों की माया ने भटका दिया। अल्पज्ञानी इंडिया टुडे को ज्ञात होना चाहिए कि जन्माष्टमी पर बुर्का पहने महिला के साथ राधा-कृष्ण बने बच्चों का चित्र कोई पहली बार सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हुआ है, पिछले कई वर्षों--यूपीए के समय से--से यही क्रम चल रहा है। और यह क्रम स्कूलों में होने वाले सांस्कृतिक प्रोग्राम जैसे 15 अगस्त, 26 जनवरी, दीपावली, क्रिसमस आदि शुभ अवसरों या फिर स्कूल के वार्षिक उत्सव के दौरान सोशल मीडिया पर इस प्रकार के चित्र आम बात है। दूसरे, इंडिया टुडे जब 5 अगस्त को अयोध्या में भूमिपूजन वाले दिन राममंदिर निर्माण के समर्थन में लिखी पोस्ट पर वो कौन-से आलोचनात्मक कमेंट्स थे? क्या उन आलोचनाओं का जवाब हिंसा का कारण बना? बिना चिंगारी के आग तो लगती नहीं। मुस्लिम कट्टरपंथियों की इस आग के कारण हैं : CAA, तीन तलाक, कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने के अलावा अलगाववाद, आतंकवादी गतिविधियों और पत्थरबाज़ी पर नकेल आदि जैसाकि दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों की जाँच में बातें निकलकर आ रही हैं।
ये इंडिया टुडे द्वारा प्रदान किए गए औचित्य हैं जिनसे साबित होता है कि नवीन की कठोर राजनीतिक विचारधारा नहीं है। यह वास्तव में काफी प्रफुल्लित करने वाला है। ये टिप्पणियाँ वास्तव में नवीन को धर्मनिरपेक्ष के रूप में चित्रित करती हैं। इंडिया टुडे जैसे लिबरल मीडिया हाउस को जश्न मनाया जाना चाहिए, न कि आलोचना करना चाहिए।

ऐसा प्रतीत होता है कि इंडिया टुडे भी इस बात के लिए इतना उतावला था कि चरित्र प्रोफाइल का एकमात्र उद्देश्य कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे की चरित्र की हत्या के अलावा और कुछ नहीं था। इसमें कहा गया है, “एक दशक से क्षेत्र में सुरक्षा गार्ड और ड्राइवर का काम करने वाले एक शख्स ने इंडिया टुडे को बताया कि नवीन को कभी काम पर जाते नहीं देखा, इसके बजाय उन्हें अक्सर “दोस्तों के साथ मस्ती” करते देखा गया था।”
ऐसा मालूम होता है कि इंडिया टुडे ने उस व्यक्ति को चरित्र हनन के माध्यम से दंडित करने की बेबसी महसूस की, जिसने इस्लाम के पैगंबर का अपमान किया। वैसे तो मुख्यधारा का मीडिया, जो दलितों के बारे में बहुत परवाह करने का दिखावा करता है, मगर मुस्लिम समुदाय के भीतर कट्टरपंथी तत्वों के प्रति उनका पूर्णतया समर्पण प्रतीत होता है। डेक्कन हेराल्ड और इंडिया टुडे इसकी अगुवाई करते हुए दिखाई देते हैं।
No comments:
Post a Comment