रामनवमी पर सपा सांसद रामगोपाल यादव ने उगला जहर : ‘पूजा-पाठ पाखंडी करते हैं, इस देश में हजारों राम मंदिर’

एक कहावत है कि 'गुलाम हमेशा गुलाम ही रहेगा', यह बात समाजवादी पार्टी पर शत-प्रतिशत सटीक बैठती है। जिस मुस्लिम वोट की खातिर हिन्दू होकर पाखंडी हिन्दू बना जा रहा है, उनसे सीखो कुछ नालायकों। जो सच को झूठ साबित करने में कुछ भी कर गुजरने को तैयार है, उसी तरह मुस्लिम वोट के ये पाखंडी हिन्दू भी सच को झूठ साबित करने में लगे पड़े हैं। कुर्सी प्रेम में ये पाखंडी इतने गिर चुके हैं, जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता। निहत्ते रामभक्तों पर गोली चलवाने पार्टी श्रीराम की पक्षधर हो नहीं सकती। कभी इनका कोई नेता रामायण पर आरोप लगाता है, तो कोई नेता सनातन धर्म पर हमला। सनातन धर्म पर हुए इन सब हमलों को देख इनके हिन्दू होने पर ही शंका होने लगती है। 
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तब राजासिंह ने उनकी मस्जिद के सामने ही रथ यात्रा रोक कर कहा, एक बाप की संवेदना को समझते हुए इनकी भाषा पर ध्यान मत दीजिए, सनातन धर्म के रक्षक ऐसी महान सपूत को हम हृदय से नमन वंदन

देश और दुनिया भर में आज बुधवार (17 अप्रैल 2024) को हिन्दू समाज रामनवमी का पर्व श्रद्धा एवं भक्ति भाव से मना रहा है। अयोध्या में रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर पर आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पूजा-पाठ पाखंडी लोग करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि जैसे हजारों मंदिर हैं। उनके इस बयान की काफी आलोचना हो रही है।

रामगोपाल यादव बुधवार (17 अप्रैल 2024) को समाचार एजेंसी ANI से बात कर रहे थे। पत्रकार ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद प्रथम रामनवमी पर्व पर देश भर में हर्षोल्लास को लेकर सवाल किया। जवाब में रामगोपाल ने कहा, “रामनवमी तो हमेशा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती रही है। जो कुछ लोगों ने इसे पेटेंट करा लिया है, उनकी बपौती नहीं है रामनवमी। करोड़ों लोग हजारों वर्षों से इसे मनाते आ रहे हैं।”

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर पर भी सपा नेता रामगोपाल यादव ने आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा, “एक राम मंदिर नहीं, हजारों राम मंदिर इस देश में हैं। इसमें (राम मंदिर में) तो इन्होंने (मोदी सरकार ने) अधूरा प्राण प्रतिष्ठा करवाया है। भगवान राम उन्हें दंड दें।” रामगोपाल ने मंदिर निर्माण के दौरान कुछ साधु-संतों द्वारा उठाई गई आपत्तियों का भी जिक्र किया।

पत्रकार ने रामगोपाल यादव से सवाल किया कि क्या वो रामनवमी पर कोई पूजा-पाठ कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “पहले होती रही हो, लेकिन मैंने तो कभी पूजा नहीं किया। मैं दिखावा नहीं करता। मैं पाखंडी नहीं हूँ। पाखंडी लोग ये सब करते हैं।” रामगोपाल ने कहा कि वे भगवान का नाम लेते हैं। उन्होंने खुद को असली भक्त बताया है।

सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के इस बयान की खूब आलोचना हो रही है। दीपक शर्मा नाम के यूजर ने रामगोपाल यादव को चुनाव का इंतज़ार करने की नसीहत दी है। उन्होंने दावा किया है कि यादव समाज ही इस बार रामगोपाल यादव का विरोध करेगा। उन्होंने कहा, “इंतजार कर रामद्रोही, इंतजार कर।”

पत्रकार सुशांत सिन्हा ने रामगोपाल यादव से सवाल किया है कि रामनवमी में जो हिन्दू रामनवमी में पूजा कर रहे हैं, क्या वो सब पाखंडी हैं?

आशुतोष यादव अभिषेक ने रामगोपाल यादव के बयान को जहरीला करार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि इस बार यादव समाज मुँह पर वोट की थप्पड़ मारकर जवाब देगा।

इन सभी के अलावा, X यूजर अजीत झा ने भी रामगोपाल के शब्दों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा, “नाम रामगोपाल यादव। माता-पिता राम-कृष्ण की भक्ति में नाम रखा होगा। मगर सियासत के चक्कर में ये कह रहे हैं ‘पूजा करने वाले पाखंडी हैं’। सीधे-सीधे सनातन का अपमान नहीं तो क्या है? हिम्मत है तो नमाज पढ़ने या चर्च में जाने वालों को बारे में कुछ कह दें।”

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