भारत में आतंकवादियों का सम्मान से नाम लेने, देर रात उनकी फांसी रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट खुलवाना, सुप्रीम कोर्ट द्वारा वृद्ध मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता मिलने के फैसले को संसद से बदलवाने पार्टी ईरान और गाज़ा पर रो कर क्या साबित करना चाहती है? खामेनेई के सत्ता सँभालने से ईरान की महिलाएं अपना जीवन जी रही थी, लेकिन खामेनेई संम्भालते ही महिलाओं को बुर्के में कैद करना वहां की महिलाओं को पसन्द नहीं आया। काफी समय से खामेनेई के हटने की दुआएं मांगी जा रही थी। कट्टरपंथी सोंच का विरोध करने कई बार महिलाओं ने प्रदर्शन किए, सड़क पर प्रदर्शन करते बुर्के और हिजाब को हवा में उड़ाया और बाल भी काटे। लगता है ईरानी महिलाओं की दुआ का असर है कि खामेनेई पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
‘मेक ईरान ग्रेट अगेन’ ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ये बयान दिया था। दरअसल अमेरिका ऐसा कह कर ईरान में सत्ता परिवर्तन की संभावना तलाश रहा है।
अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, “सत्ता परिवर्तन शब्द का उपयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन अगर वर्तमान शासन ईरान को फिर से महान बनाने में समर्थ नहीं है, तो सत्ता परिवर्तन क्यों नहीं होगा?? MIGA (Make Iran Great Again)!”
अमेरिका ने ईरान में सुप्रीम लीडर खामेनेई को सत्ता से हटाने की कई बार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोशिश की है। लेकिन मुस्लिम शिया धर्म के सुप्रीम लीडर खामेनेई को हटाना संभव नहीं हो सका। इस वक्त भी ईरान में सत्ता परिवर्तन की माँग उठ रही है। खुद खामेनेई के परिवार से इसकी माँग उठने लगी है।
कौन हैं महमूद मोरदखानी
महमूद मोरादखानी ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के भतीजे हैं। वह 1986 में ईरान छोड़कर फ्रांस चले गए थे और निर्वासन की जिंदगी जी रहे हैं। महमूद मोरदखानी ने कहा है कि वह युद्ध के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन ईरानी सरकार का खात्मा ही यहाँ स्थायी शांति के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, ” जो भी इस शासन को मिटा सके, वह जरूरी है।” उनका मानना है कि कई ईरानी लोग खामेनेई के कमजोर होने से ईरान में खुश हैं।
कौन हैं रजा पहलवी
खामेनेई के खिलाफ सड़कों पर उतरे कई संगठन
खामेनेई के विरोध में महिलाएँ
अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस का बयान
इधर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ईरान में सत्ता परिवर्तन पर बड़ा बयान दिया। उनका कहना है कि वो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना चाहते हैं। वे सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते।
🚨VP Vance emphasizes the need for peace following US air strike on Iran’s nuclear facilities:
— Vice President JD Vance (@VP) June 22, 2025
“Our national interest is for Iran not to get a nuclear weapon...If the Iranians want to enlarge this by attacking American troops I think that would be a catastrophic mistake.” pic.twitter.com/EIx4hYZdhC
अमेरिका और इजरायल के अलावा भी कई देश हैं जो खामेनेई को सत्ता से बेदखल होते हुए देखना चाहते हैं। इनमें इराक, सऊदी अरब, लेबनान, मिस्र जैसे पड़ोसी इस्लामिक देश भी शामिल हैं। दरअसल इन राष्ट्रों का झगड़ा शिया-सुन्नी को लेकर है। ईरान एकमात्र शिया इस्लामिक देश है, जबकि बाकी देश सुन्नी इस्लामिक राष्ट्र हैं।
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