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कर्नाटक : ‘कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मुस्लिम’ : सिर्फ इतना लिखने पर ‘भिकू म्हात्रे’ को पुलिस ने गिरफ्तार किया, बोलने की आजादी का गला घोंट लोकतंत्र बचा रही INDI?

राहुल गाँधी और कांग्रेस का फ्रीडम ऑफ स्पीच यानि अभिव्यक्ति की आजादी (फोटो साभार : HT/Bing AI)
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने शनिवार (18 मई 2024) को देर शाम एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को गोवा से गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ‘भिकू म्हात्रे’ नाम के फिक्शनल नाम से एक्स पर अपनी राय रखते हैं। उन्होंने कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर बात रखी थी, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। खास बात ये है कि कांग्रेस के जिस मेनिफेस्टो पर लिखने के बारे में ‘भिकू म्हात्रे’ को गिरफ्तार किया गया है, उसी मेनिफेस्टो का प्वॉइंट नंबर-16 ‘अभिव्यक्ति की आजादी‘ की बात करता है।

भिकू म्हात्रे के बेटे नागेश नाईक ने इसकी सूचना एक्स पर दी। नागेश नाईक ने लिखा, “मेरे पिता @MumbaiChaDon को कर्नाटक की बेंगलुरु पुलिस गिरफ्तार करके ले गई है। ट्विटर ने ई-मेल के माध्यम से सावधान किया था, लेकिन अचानक शाम को पुलिस ने दरवाजे पर दस्तक दिया और मेरा पिता को साथ ले गई। महत्वहीन एफआईआर के नाम पर ये किया गया।”

बताया जा रहा है कि उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मुस्लिम शब्द के इस्तेमाल की बात कही थी। बेंगलुरु पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में उस ट्वीट का जिक्र है। जिसमें भिकू म्हात्रे ने लिखा था, ‘ये हर लिबरल और पिद्दी के मुँह पर मारो, जो ये कह रहा है कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में ‘मुस्लिम’ शब्द का जिक्र नहीं है। इसमें एससी/एसटी का भी जिक्र है।’ उन्होंने कांग्रेस के मेनिफेस्टो से जुड़ी सामग्री भी पोस्ट की थी।

इससे पहले, शनिवार (18 मई 2024) को खुद भिकू म्हात्रे (एक्स प्रोफाइल नाम) ने ही एक्स द्वारा भेजे गए मेल की सूचना दी थी, जिसमें एक्स ने एफआईआर की सूचना दी थी और सावधान किया था। उन्होंने लिखा था, ‘ तो कांग्रेस मुझे सच बोलने के लिए दबाना चाहती है। मैं किसी भी अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार हूँ और पूरी न्यायिक लड़ूँगा, चाहे इसके लिए मुझे सर्वोच्च न्यायालय तक ही क्यों न जाने पड़े। मैंने कभी भी किसी को नुकसान पहुँचाने वाला या कम्युनल कमेंट पोस्ट नहीं लिखा है।’

एक्स ने उन्हें मेल के माध्यम से सूचित किया था, “हमें बेंगलुरु सिटी मजिस्ट्रेट की तरफ से आपके एक्स अकाउंट (@MumbaichaDon) को लेकर कोर्ट ऑर्डर मिला है, जिसमें आपके अकाउंट से जुड़ी जानकारी माँगी गई है।” एक्स ने आगे लिखा था कि हम आपको कानूनी सहायता तो नहीं दे सकते, लेकिन आप अपने वकील से इस बारे में जरूर चर्चा कर लें।

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कांग्रेस मेनिफेस्टो पर अपनी राय रखने वाले @MumbaiChaDon की कर्नाटक पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की निंदा करता हूँ। ये अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का बेहद खराब और खतरनाक उदाहरण है। कांग्रेस वालों को ये समझने की जरूरत है कि विभिन्न विचारों से लोकतंत्र मजबूत होता है, विचारों को कुचलने से नहीं।

इस मामले में एक्स पर कई लोगों ने कांग्रेस की निंदा की है। बता दें कि ये पहला मामला नहीं है, जिसमें एक्स पर रखे गए विचारों की वजह से कॉन्ग्रेस की सरकारों ने इतना बड़ा कदम उठाया हो। पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने तो मुजफ्फरनगर से यूट्यूबर रचित को दिन-दहाड़े उठा लिया था। वो दिल्ली से एक पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने गए थे।

कर्नाटक : चोरी की 10+ घटनाओं के नाबालिग अपराधी को सुधारने के लिए कर्नाटक पुलिस ने जमात के पास क्यों भेजा? 3 दिन में भाग गया

                                                                                                                 साभार: ABP & Justdial
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पुलिस ने एक नाबालिग अपराधी को सुधरने के उद्देश्य से 30 दिनों के लिए जमात में भेजा। वह नाबालिग यहाँ सुधरने के बजाय तीन दिनों में ही जमात के पास से भाग गया। बताया जा रहा है कि यह नाबालिग आदतन अपराधी था और इसके 10 से अधिक मामलों में जुड़े होने की जानकारी है।

अब चर्चा यह है कि आदतन अपराधी को जमात में क्यों भेजा? अगर जमात में भेजने से अपराधी सुधरते हैं, फिर जेलों को बंद क्यों नहीं किया जाता? आखिर इस अनोखे निर्णय का असली खलनायक कौन? क्या अप्रत्यक्ष रूप से कर्नाटक सरकार शरीयत लागु कर रही है?  

डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिन पहले बेंगलुरु पुलिस ने इस लड़के को गिरफ्तार किया था। यह नाबालिग लगातार कई अपराध में संलिप्त रहा था। हमेशा नई तकनीक का सहारा लेने वाली बेंगलुरु पुलिस ने इस बार सुधार लाने के लिए इसे जमात के पास भेजा, ताकि वह वहाँ दीन से प्रभावित होकर अपराध छोड़ दे।

नाबालिग ने बीते वर्ष कर्नाटक के एक मंत्री से भी फोन छीन लिया था। मंत्री उस समय बनासवाड़ी पुलिस स्टेशन के तहत सुबह की सैर पर थे और यह दौड़ता हुआ आकर उनसे फ़ोन छीनकर फरार हो गया था। मंत्री द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसका इतिहास देखकर पुलिस चौंक गई। वह कई अपराधों में संलिप्त पाया गया।

लड़का पूर्वी बेंगलुरु के बनासवाड़ी उपखंड का निवासी है। कुछ साल पहले उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां ही परिवार में कमाने वाली एकमात्र सदस्य हैं। उसका एक छोटा भाई है। पुलिस ने बताया कि यह नाबालिग चोरी और डकैती के तीन-तीन मामलों को मात्र 10 दिनों के भीतर अंजाम दे चुका है।

लगभग 15 साल के इस नाबालिग ने यह सारा कारनामा उसने 2023 के अंत में किया है। पुलिस ने बताया कि नाबालिग ने ताले तोड़कर गाड़ियाँ चुराने में महारत हासिल कर ली है और वह बिना किसी समस्या के गाड़ियों का ताला तोड़कर उन्हें लेकर भाग जाता था। वह 10 गाड़ियाँ चोरी कर चुका था, जो कि उसके पकड़े जाने के बाद बरामद कर ली गई हैं।

इन सबके बाद उसे गिरफ्तार करके बाल सुधार गृह भेजा गया। वहाँ उसमें कोई बदलाव नहीं आया और बाहर आकर फिर से चोरी करने लगा। इसके बाद पुलिस ने उसे फिर से पकड़ा। इस बार पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह भेजने के बजाय उसे एक मदरसे में दाखिल करवाने का निर्णय लिया, ताकि उसे दीन की तालीम मिल सके।

हालाँकि, बेंगलुरु पुलिस का यह निर्णय उलटा पड़ा और यह नाबालिग तीन दिनों के भीतर ही जमात की निगरानी में मदरसे से चम्पत हो गया। उधर बेंगलुरु के डिप्टी पुलिस कमिश्नर का कहना है कि नाबालिग पर जमात और मदरसे ने सकारात्मक प्रभाव डाला है, क्योंकि बीते 25 दिनों से उसके किसी चोरी में पकड़े जाने की खबर नहीं आई है।

कर्नाटक वीडियो काण्ड : हिंदू लड़कियों की अश्लील वीडियो बनाने वाली शैफ़ा, शबानाज़, आलिया को बेल… सवाल करने पर महिला भाजपा नेता शकुंतला गिरफ्तार

          उडुपी वीडियो कांड में सिद्धारमैया पर ट्वीट (बाएँ) करने वाली भाजपा महिला नेत्री शकुंतला (दाएँ) गिरफ्तार
कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु से भाजपा की एक महिला नेता को गिरफ्तार किया है। शकुंतला नाम की इस महिला नेता पर ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अपमान का आरोप है। यह गिरफ्तारी उडुपी वीडियो कांड से जुड़ी हुई है। पुलिस का आरोप है कि इस मामले में 25 जुलाई 2023 को भाजपा नेता ने इस घटना से CM सिद्धारमैया की बहू और बीवी को जोड़ने का प्रयास किया।

जिस घटना में साल भर तक हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाए गए, कर्नाटक के गृहमंत्री ने उसे एक छोटी सी घटना बताया है। जिस घटना की चर्चा सड़क से संसद तक होनी चाहिए, उससे जुड़ी तीनों अरोपित छात्राओं को कोर्ट से भी जमानत मिल गई है। सवाल करने वाला लेकिन गिरफ्तार कर लिया जाता है।

दरअसल 25 जुलाई को कर्नाटक कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भाजपा पर इस मुद्दे में नमक-मिर्च लगा कर पेश करने का आरोप लगाया था। तब कांग्रेस ने उडुपी कॉलेज में छात्राओं की वीडियो शूटिंग वाली खबर को ‘फर्जी’ करार दिया था। इसी ट्वीट में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की राजनीति का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने भाजपा द्वारा इस खबर में नमक-मिर्च लगा कर परोसने और कर्नाटक पुलिस द्वारा सही जाँच करके विरोधियों के मंसूबे नाकाम करने का दावा किया था।

इसी ट्वीट के जवाब में भाजपा महिला नेता शकुंतला ने 25 जुलाई को ही लिखा, “कांग्रेस के मुताबिक मुस्लिम छात्राओं द्वारा शौचालय में कैमरा लगा कर हिन्दू लड़कियों का वीडियो बनाना बच्चों का खेल है। सिद्धारमैया क्या आप सहमत हैं कि यह बच्चों का खेल है?”

शकुंतला ने ट्वीट में यह भी लिखा कि क्या CM सिद्धारमैया और उनकी पार्टी अपनी बहू और बीवी के साथ समान व्यवहार पर ऐसी ही प्रतिक्रिया देते? उन्होंने अपने ट्वीट में कांग्रेस के स्क्रीनशॉट को अटैच किया था। शकुंतला ने यही जवाब अपने फेसबुक पर भी शेयर किया था।

इस ट्वीट के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता हनुमानथार्या द्वारा बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में शकुंतला के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस ने केस दर्ज करके शकुंतला को गिरफ्तार कर लिया है। बाद में शकुंतला को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

अवलोकन करें:-

कर्नाटक बाथरूम वीडियो कांड : ‘1 साल से मुस्लिम लड़कों के साथ शेयर किए जा रहे थे हिन्दू लड़कियों के व

गिरफ्तारी के दौरान शकुंतला भाजपा की महिला मोर्चा के साथ तमकुरु जिले के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पर प्रदर्शन कर रही थीं। बताते चलें कि 27 जुलाई को भाजपा ने 3 मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिन्दू लड़कियों का शौचालय में वीडियो बनाने के आरोप में राज्यव्यापी प्रदर्शन किया था।