Showing posts with label #Vietnam. Show all posts
Showing posts with label #Vietnam. Show all posts

देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक और राहुल गांधी पार्टी द्वारा वियतनाम जाना नई बात नहीं, पायलट राजीव गाँधी भी कानूनों को रौंद इंडो-पाक युद्ध के दौरान मस्ती करने सोनिया को लेकर इटली चले गए थे

     
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश भर में शोक की लहर है। देश 7 दिन का राष्ट्रीय शोक मना रहा है। राष्ट्रीय शोक के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नए साल की पार्टी मनाने वियतनाम पहुंच गए। कभी मनमोहन सिंह के अध्यादेश की प्रति फाड़ने वाले राहुल गांधी अपनी पार्टी के नेता का भी सम्मान नहीं कर विंटर वकेशन मनाने विदेश यात्रा पर चले गए। इससे लोगों में काफी गुस्सा है। लोग कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की थू-थू कर रहे हैं। राहुल के शोक के समय न्यू ईयर पार्टी मनाने के लिए चले जाने से पार्टी की भी किरकिरी हो रही है।

इस गंभीर मुद्दे को समस्त INDI गठबंधन को हलके में नहीं लेना चाहिए। आखिर कब तक विपक्ष कांग्रेस के पीछे लगी रहेगी। यदि अभी भी INDI गठबंधन ने समझदारी से काम नहीं लिया, कांग्रेस से पहले ही इन सबका डूबना निश्चित है।  

कहते हैं कि बच्चा संस्कार माँ के पेट से लेकर आता है। देश में विषम परिस्थितियां होते हुए राहुल गाँधी द्वारा मौज-मस्ती के विदेश जाने पर कोई हैरानी की बात नहीं। 1971 इंडो-पाक युद्ध के दौरान सभी पायलटों, चाहे वह किसी एयरलाइन में हो 24 घंटे नौकरी पर हाजिर रहने का नियम है। लेकिन राजीव गाँधी अपनी पत्नी सोनिया गाँधी को लेकर मस्ती करने इटली चले गए थे। यदि यही किसी अन्य पायलट द्वारा किया जाता तुरन्त हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया जाता। परन्तु राजीव के ऐसा नहीं हुआ, सारे नियम और कानून ताक पर रख दिए, क्योकि माँ इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थी।  

लोग सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को जमकर लताड़ लगा रहे हैं।


चीन के काल्पनिक नक़्शे पर भड़के कई देश: भारत के बाद ताइवान, वियतनाम, फिलीपींस और मलेशिया ने भी किया खारिज, दक्षिण चीन सागर पर दावे को भी नकारा

चीन के काल्पनिक नक़्शे पर भारत के विरोध  के तीन दिन बाद  चार अन्य  देशों ने भी उनके क्षेत्रों को अपना बताने वाले चीन के मानचित्र जारी करने पर आलोचना की है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम (29 अगस्त, 2023 ) को ही चीन द्वारा काल्पनिक क्षेत्रीय मानचित्र का 2023 का संस्करण जारी करने पर पलटवार किया। चीन के विचित्र दावों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर चीन के तथाकथित 2023 “मानक मानचित्र” को खारिज कर दिया।
                                                         चीन का विकृत मानचित्र (स्रोत X)

वहीं अब, फिलीपींस, ताइवान, मलेशिया और वियतनाम ने भी चीन द्वारा जारी “मानक मानचित्र” को अस्वीकार कर भारत की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। बता दें कि चीन के काल्पनिक मानचित्र में इन चार देशों के क्षेत्रों को भी चीन ने अपना बताया है। वियतनाम ने बयान दिया है कि यह नक्शा स्प्रैटली और पारासेल द्वीपों पर उसकी संप्रभुता और उसके जल क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है।

वियतनाम के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, फाम थू हैंग (Pham Thu Hang) ने सरकार की वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “वियतनाम डॉटेड लाइन के आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी दावों का दृढ़ता से विरोध करता है।” फिलीपींस ने भी इस मुद्दे पर कड़ा बयान जारी किया है। 

फिलीपींस सरकार ने भी एक बयान जारी कर विरोध जताया है,  फिलीपींस ने बयान में कहा, “फिलीपींस के समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने के इस नवीनतम प्रयास का अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से समुद्र के कानून पर 1982 के संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) के तहत कोई आधार नहीं है।”

चीन ने अपने काल्पनिक क्षेत्रीय मानचित्र का नवीनतम संस्करण जारी किया है जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख (अक्साई चिन क्षेत्र) जैसे भारतीय क्षेत्रों को अपना बताया। भारतीय क्षेत्रों के अलावा, चीन के नक़्शे में ताइवान और दक्षिण चीन सागर में विवादास्पद 9-डैश लाइन भी शामिल थी, लेकिन इस बार उसने दक्षिण चीन सागर में अपना दावा बढ़ाते हुए इसे 10-डैश लाइन तक बढ़ा दिया; जबकि इस क्षेत्र का अधिकांश भाग पश्चिमी फिलीपींस सागर में शामिल है।

आधिकारिक फिलीपींस समाचार एजेंसी ने विदेश मामलों के प्रवक्ता मा टेरेसिटा डाज़ा ( Ma. Teresita Daza) ने कहा, “(2016 Arbitral Award) ने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘नाइन-डैश लाइन’ के प्रासंगिक हिस्से से घिरे दक्षिण चीन सागर के समुद्री क्षेत्र कन्वेंशन के विपरीत हैं और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।”

चीन द्वारा हाल ही में जारी किए गए विकृत मानचित्र में, उसने दक्षिण चीन सागर के 10-डैश लाइन तक दावा थोक दिया है।  (स्रोत: एएनसी डिजिटल/यूट्यूब)

मलेशिया और ताइवान भी चीन के आक्रामक विस्तारवादी रवैये की आलोचना करते हुए विरोध में आगे आए। मलेशिया ने कथित तौर पर कहा कि वह चीन को प्रोटेस्ट नोट भेजेगा। बर्नामा समाचार एजेंसी ने विदेश मंत्री डॉ. जाम्ब्री अब्दुल (Dr Zambry Abdul Kadir) के हवाले से कहा, “यह हमारी प्रथा रही है (इस तरह के मुद्दों से निपटने के दौरान)…और विस्मा पुत्रा (विदेश मंत्रालय) द्वारा कल जारी किए गए बयान के आधार पर, अगले कदम में एक विरोध नोट भेजना शामिल है।” 

ताइवान ने कहा कि उस पर कभी भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वारा शासन नहीं किया गया है। “ताइवान, चीन गणराज्य, एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है जो पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के अधीन नहीं है। पीआरसी ने कभी भी ताइवान पर शासन नहीं किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेफ लियू ने ताइवान न्यूज को बताया, ये सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त तथ्य और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मौजूद है।

यह विवाद तब सामने आया जब चीनी सरकार के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स ने एक पोस्ट किया। पोस्ट में कहा गया कि प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने 28 अगस्त को अपनी वेबसाइट पर चीन का नवीनतम ‘मानक मानचित्र’ लॉन्च किया। इस चीन के ‘मानक मानचित्र’ के नवीनतम संस्करण के रूप में बताया गया।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अभी हाल ही में जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की थी और इस बात पर जोर दिया था कि दोनों देशों को सीमा पर तनाव कम करने के लिए व्यापक बातचीत करनी चाहिए। उस चर्चा की पृष्ठभूमि में, और जी-20 शिखर सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले ही भारतीय क्षेत्रों पर अपना दावा करने में चीन का आक्रामक व्यवहार एलएसी पर तनाव को हल करने के लिए उसकी ओर से ईमानदारी की कमी को दर्शाता है।

वियतनाम: ASI को खुदाई में मिला 1100 साल पुराना शिवलिंग

वियतनाम-शिवलिंग
वियतनाम में मंदिर की खुदाई में मिला 1100 साल पुराना शिवलिंग
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक संरक्षण परियोजना की खुदाई के दौरान 9वीं शताब्दी का शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग के मिलने की जानकारी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तस्वीरों के साथ दी है।
खुदाई में प्राप्त बलुआ पत्थर से निर्मित यह शिवलिंग पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे किसी तरह की हानि नहीं पहुँची है। यह शिवलिंग ASI को वियतनाम के माई-सन (मी-सान) मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान मिला है।


इस ऐतिहासिक शिवलिंग के मिलने पर ASI की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से लिखा, “9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग वियतनाम के ‘माई सन’ मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की नवीनतम खोज है। एएसआई की टीम को बधाई।”
इसके साथ ही विदेश मंत्री ने खुदाई में प्राप्त शिवलिंग की तस्वीरें ट्वीट कर 2011 में इस अभयारण्य की अपनी यात्रा का भी जिक्र किया है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने इस खोज को भारत की विकास साझेदारी का एक महान सांस्कृतिक उदाहरण भी बताया है।
पूरी तरह से सुरक्षित यह शिवलिंग हिंदू मंदिरों के एक परिसर का हिस्सा है। इसका निर्माण शक्तिशाली चंपा साम्राज्य द्वारा 4 शताब्दी ईस्वी सन् और 13 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच माई सन में किया गया था।
‘माई सन’ एक यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर केंद्र है, जो 10 शताब्दियों में निर्मित विभिन्न हिंदू मंदिरों का घर है। यह चाम लोगों के उन्नत तकनीकी सभ्यता का एक अद्भुत उदाहरण है।