Showing posts with label Azamgarh. Show all posts
Showing posts with label Azamgarh. Show all posts

उत्तर प्रदेश : ‘समाजवादी पार्टी को उखाड़ फेकेंगे’: 7 बार के सपा विधायक ने अपनी ही पार्टी को जड़ से उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले जनता को रिझाने के लिए सभी पार्टियाँ बड़े-बड़े वादे कर रही हैं। साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज देखने को मिल रही है। लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ जिले के सदर विधायक और पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 

इस वीडियो में सपा विधायक दुर्गा प्रसाद की जुबान लड़खड़ाते हुए दिख रही है। हैरान की करने वाली बात ये है कि विधायक दुर्गा यादव अपनी ही पार्टी को जड़ से उखाड़ फेंकने की बात कर रहे हैं।

दरअसल, मोदी और योगी विरोध में विपक्ष इतना विचलित हो चुका है कि उसे नहीं मालूम हमें क्या और कब बोलना है। अभी कुछ ही समय पूर्व अखिलेश ही के सामने मंच पर अखिलेश की बुराई करते देखे गए हैं। 

वायरल वीडियो में दुर्गा प्रसाद यादव कह रहे हैं, “चौपाल और रैलियाँ निकालेगें, हमारे यहाँ जनता का देख ही रहे है। यहाँ पर जनसैलाब उमड़ा हुआ है। आने वाले दिन में और करेंगे। इसलिए मजबूती से हम लोग संकल्प लेकर के समाजवादी पार्टी को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।”

उनका ये बयान सुनकर वहाँ मौजूद कार्यकर्ता भौंचक्का रह जाते हैं और उन्हें गलती सुधारने के लिए कहते हैं। जिसके बाद वह भाजपा को उखाड़ फेंकने की बात कहते हैं। इधर वीडियो वायरल होते ही दुर्गा प्रसाद अपनी गलती को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों के हाथों ट्रोल हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे

एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि नेता जी भावनाओं में बह चुके हैं क्या? सपा नेता दुर्गा प्रसाद यादव ने जज्बात में ‘समाजवादी पार्टी’ को ही उखाड़ फेंकने की बात कर डाली।
राजन यादव लिखते हैं, “आजमगढ़ सदर से सपा विधायक, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के दिल की बात आखिरकार जुबाँ पर आ ही गई। बोलते-बोलते गला बैठा जा रहा है, लेकिन नेता जी अपने संकल्प को बताने से पहले चुप नहीं हुए। कुछ भी हो, नेताजी ने सच ही कहा है।”
वहीं अजय कुमार मौर्य ने लिखा, “सपा के पूर्व मंत्री दुर्गा यादव ने समाजवादी पार्टी को अब पूरी तरह उखाड़ फेंकने का संकल्प ले लिया है। हम सब का नैतिक कर्तव्य बनता है उनके इस संकल्प को पूरा करें।”
प्रभात मिश्रा ने लिखा, “ये है समाजवादी पार्टी के सात बार के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव। अब ये भी अपनी पार्टी से ऊब चुके हैं।”
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर दुर्गा प्रसाद यादव समाजवादी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए लगातार सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं। मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जनसंपर्क करते हुए मौजूदा सरकार की नीतियों महँगाई, बेरोजगारी, डीजल, पेट्रोल, गैस की बढ़ती कीमतों सहित कई मुद्दों पर सपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग किया। इसी दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दुर्गा प्रसाद यादव की जुबान फिसल गई और उन्होंने समाजवादी पार्टी को ही उखाड़ फेंकने की बात कह डाली। बता दें कि दुर्गा यादव का सियासी सफर साल 1985 से शुरू हुआ। इसी साल वो जिले की सदर विधानसभा से पहली बार निर्दलीय विधानसभा पहुँचे थे। दुर्गा प्रसाद यादव आजमगढ़ जिले में 8 बार से सपा विधायक हैं।

उत्तर प्रदेश : आज़मगढ़ के मदरसों में भर्ती घोटाला, SIT करेगी जाँच

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में सारे नियम-कानूनों को ताक पर रख कर नियुक्तियों का खेल चल रहा था। इसमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा मदरसा के संचालक भी शामिल थे। तीसरे दर्जे से पास लोगों को भी शिक्षक बना दिया गया। एक मदरसे के अध्यक्ष ने तो अपनी चारों बेटियों को बतौर शिक्षक बहाल कर दिया। कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनके पास किसी मान्यताप्राप्त संस्थान का प्रमाण पत्र तक नहीं है।

अब इस मामले की जाँच SIT को सौंपी गई है, जो 1974 से वर्ष 2013 के बीच आज़मगढ़ में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्यौरा खँगालेगी। SIT ने आज़मगढ़ के 20 मदरसों का निरीक्षण किया है। जब्त किए गए दस्तावेजों, दर्ज किए गए बयानों और जुटाए गए तथ्यों से खुलासा हुआ है कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र ऐसे संस्थान के हैं, जिन्हें तो तो केंद्र और न ही राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त है।

नियम के अनुसार जो पूरी तरह अपात्र थे, उन्हें भी मदरसों में शिक्षक बना कर बिठा दिया गया। नियमानुसार ‘अध्यापक आलिया’ के लिए ‘फाजिल’ शैक्षिक योग्यता 55% अंक के साथ उत्तीर्ण होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर शिक्षकों के मार्क्स इससे कम ही थे। एक शिक्षक को तो तीसरे दर्जे से भी उत्तीर्ण होने के लिए 1 अंक के ग्रेस मार्क की ज़रूरत पड़ी थी। ये घोटाला कई वर्षों से यूँ ही चला आ रहा था।

उदाहरण के लिए, एक शिक्षक ने मऊ के चिरैयाकोट के सेराजनगर स्थित सेराजुल ओलुम मदरसा से वर्ष फरवरी 28, 2004 में फाजिल का तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव दिखाया जबकि इस मदरसा को तब तक मान्यता मिली ही नहीं थी। इसी तरह नवंबर 6, 1981 को अरमान अहमद नामक शिक्षक की नियुक्ति हुई। 18 वर्ष से कम की उम्र में ही उसे सहायक शिक्षक के रूप में बहाल कर दिया गया। नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।

मोहम्मद मेहंदी नामक प्रधानाचार्य ‘सहायक अध्यापक आलिया’ की नियुक्ति जनवरी 9, 1996 को हुई जबकि उनका अनुभव प्रमाण पत्र मार्च 21, 1996 का था। इसी तरह मुबारकपुर का मदरसा जामिया नुरूल ओलुम अंजुमन सिद्दीकीया जामिया नुरूल ओलुम सोसायटी द्वारा चलाया जाता है। सोसाइटी व चयन समिति के अध्यक्ष जहीन अहमद ने अपनी चारों बेटियों को प्रधानाचार्य सहित अन्य पदों पर बिठा दिया।

जिले के जिन मदरसों की जाँच हुई है उनमें मुबारकपुर के मदरसा जामिया नुरुल उलूम, मदरसा अशरफिया सिराजुल उलूम नेवादा अमिलो, अरबिया दारूतालीम सोफीपुरा, बाबुल ईल्म निस्वाँ, जफरपुर का मदरसा अरबिया जियाउल उलूम मंदे, बम्हौर का मदरसा मदरसतुल आलिया शेख रज्जब अली, जामिया अरबिया तनवीर उल उलूम नौशहरा, अरबिया कासिमुल मगराँवा, इस्लामिया जमीअतुल कुरैश जालंधरी समेत कुल 20 मदरसे शामिल है। 

गरीब, मजलूम शांतिदूतों ने आजमगढ़ के कबीरुद्दीनपुर में क्षतिग्रस्त कर दी भगवान शिव की प्रतिमा

भगवान शिव प्रतिमा, क्षतिग्रस्त
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पूर्व जब सभी का मत था कि "जो भी निर्णय होगा मान्य होगा", फिर आज हिन्दुओं पर प्रहार, मंदिरों पर हमला और रामधुन पर मंदिरों से लाउडस्पीकर उतरवाना कौन-सी धर्म-निरपेक्षता का परिचय दिया जा रहा है? क्या इसी का नाम लोकतंत्र है? क्या यही गंगा-जमुना तहजीब है? आखिर कौन हैं ये लोग, गुंडे या मुग़ल वंशज? और इस हो रहे उपद्रव के सबसे बड़े दोषी हैं वह इतिहासकार, जिन्होंने चंद चांदी के टुकड़ों की खातिर अपने जमीर को बेच मुग़ल आक्रांताओं के खुनी एवं हिन्दू विरोधी कुकर्मों को छुपाकर उन्हें महान बताकर पढ़ने के मजबूर किया। इन उपद्रवियों पर सख्त कार्यवाही करने के साथ-साथ उन इतिहासकारों के खिलाफ भी कार्यवाही करे। क्योकि छद्दम इतिहासकारों के कारण देश को पता नहीं कितने उपद्रवियों को झेलना पड़ेगा। पत्तों पर कार्यवाही के साथ जड़ को पकड़ उस पर भी कार्यवाही हो। यह आरोप नहीं कटु सत्य है। 
योगी सरकार इन उपद्रवियों पर कार्यवाही करने के साथ-साथ इनके समर्थकों पर भी कार्यवाही करे, क्योकि ये शांतिदूत, मजलूम और गरीब बिना किसी लालच के कुछ नहीं कर सकते। इनके समर्थकों पर भी कार्यवाही उतनी ही जरुरी है, जितनी इन बिकाऊ उपद्रवियों पर।  
आजमगढ़ स्थित एक शिव मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की ख़बर आई है। अराजक तत्वों ने शुक्रवार (अगस्त 7,2020) को भगवान शिव की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। जैसे ही ग्रामीणों को मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना मिली, वो आक्रोशित हो गए। तनाव की खबर मिलते ही कई थानों की पुलिस के साथ पहुँचे वरिष्ठ अधिकारियों ने नई प्रतिमा लगाने का आश्वासन दिया।
‘न्यूज़ 18’ की ख़बर के अनुसार, पुलिस ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधान ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। ये घटना अतरौलिया थाना क्षेत्र के शेखपुरा कबीरूद्दीनपुर गाँव की है, जहाँ ग्राम समाज की ही जमीन पर 15 वर्ष पहले शिव मंदिर की स्थापना की गई थी। श्रावण मास में यहाँ श्रद्धालुओं का मेला भी लगता था।
शिव मंदिर में फ़िलहाल कोई पुजारी नहीं था। ग्रामीण ही मंदिर के दरवाजे को खोलने और बंद करने का काम किया करते थे। श्रावण के महीने में मंदिर में ताला नहीं बंद किया जाता था। शुक्रवार(अगस्त 7) की देर रात बदमाशों ने मंदिर में शिव प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया और फिर फरार हो गए। सुबह जब महिलाएँ वहाँ पूजा करने पहुँची तो उन्होंने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त पाया। इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण वहाँ पहुँचे।

ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने इस मामले का विरोध किया। पुलिस ने ग्रामीणों से वार्ता कर के मामले को शांत कराया। खंडित शिव प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा लगवाने की बात भी कही गई है। बुढ़नपुर सीओ शीतला प्रसाद ने कहा कि किसी ने क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए इस तरह की करतूत की है। पुलिस दोषियों की पहचान कर के उनकी गिरफ़्तारी के प्रयास में लगी हुई है। फ़िलहाल वहाँ शांति बनी हुई है।
अवलोकन करें:-
About this website

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
सुल्तानपुर में राम भक्तों पर हमला (साभार: दैनिक जागरण) राम मंदिर भूमिपूजन के अवसर पर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर मे.....
About this website

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
रज़ा बाजार में पूजा के विरोध में जुटे मुस्लिम 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का ऐतिहासिक भूमि पूजन हुआ। इस मौके पर .....
About this website

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
तीनो आरोपी जेल भेजे गए उत्तर प्रदेश के बहराइच से रामजन्मभूमि पूजन के दौरान सोशल मीडिया पर लोगों को बरगलाने और उन्म...
इसी तरह नवम्बर 2019 में आज़मगढ़ में ही महाराजगंज थाना क्षेत्र के सहदेव गंज रोड पर स्थित मुंडीलपुर प्राइमरी विद्यालय के पास स्थित शिव मंदिर में तोड़फोड़ कर के प्रतिमा को खंडित किया गया था। वहाँ शराब बोतलें भी पड़ी हुई मिली थी। पूजा करने गए ग्रामीणों ने इसे देख कर विरोध किया था, जिसके बाद पुलिस ने मूर्ति की मरम्मत कराई थी। अब फिर से ऐसी घटना सामने आना चिंता का विषय है।

सिमी का पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र आजमगढ़ से गिरफ्तार

शाहिद बद्र गिरफ्तार
शाहिद बद्र 
देशद्रोह के मामले में एक मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया(SIMI) के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र को गिरफ्तार करके गुजरात पुलिस ने आज (सितम्बर 6) बड़ी सफलता हासिल की है। जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले गुजरात की भुज अदालत ने शाहिद बद्र के ख़िलाफ़ वारंट जारी किया था। जिसमें वह पेश नहीं हुआ था, इसके बाद ही शाहिद को गुजरात पुलिस ने यूपी के आजमगढ़ से गिरफ्तार किया।
हालाँकि, शाहिद का इस गिरफ्तारी पर कहना है, “मैं सिमी का अध्यक्ष रहा हूँ। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में मैं केस लड़ रहा हूँ। मेरे खिलाफ जो भी केस चल रहे हैं, मैं उनमें पेश होता रहा हूँ, मुझे नहीं मालूम कब वारंट जारी किया गया था।” वहीं शाहिद के घरवालों का भी ये कहना है कि उनको इस वारंट के बारे जानकारी नहीं थी। क्योंकि जब से सिमी पर प्रतिबंध लगा है तब से उनके (शाहिद) नाम पर कोई गतिविधि नहीं हुई।
आजमगढ़ के एसपी पंकज पांडेय ने इस बारे में बात करते हुए मीडिया को बताया है कि शाहिद आजमगढ़ निवासी हैं और उनको गुजरात पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 / 143 ,147 के तहत दर्ज मुकदमें में गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक गुजरात में वर्ष 2001 में दर्ज भड़काऊ भाषण के एक मामले में गुजरात की भुज व कच्छ पुलिस को शाहिद बद्र की तलाश थी। इसके अलावा बताया जा रहा है कि शाहिद के ख़िलाफ़ 2012 में भी भुज में मामला दर्ज हुआ था और पुलिस का यह भी कहना है कि आजमगढ़ में उनके ख़िलाफ़ बहुत से मामले दर्ज हैं।


जिस संगठन का शाहिद पूर्व अध्यक्ष रहा है, उस सिमी को भारत में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण 2002 में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन फिर 6 अगस्त 2008 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस प्रतिबंध को हटा दिया गया था। लेकिन शाहिद इस प्रतिबंध के ख़िलाफ़ कोर्ट में केस लड़ रहा