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पश्चिम बंगाल : गैर-मुस्लिम बदकिस्मत, उन्हें मुस्लिम बना अल्लाह को खुश करो: TMC नेता फिरहाद हकीम कहा- हमें ताकत दिखानी है

                                        ममता बनर्जी के साथ फिरहाद हकीम (चित्र साभार: PTI)
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेयर और TMC सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम ने गैर-मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया। हकीम ने सार्वजनिक तौर पर उन्हें इस्लाम कबूल करने का आह्वान किया। इसके बाद उनके इस बयान पर विवाद हो गया।

फिरहाद हकीम ने यह बयान 3 जुलाई, 2024 को दिया। हकीम कोलकाता के धोनो धोन्यो स्टेडियम में ‘आल इंडिया कुरान प्रतियोगिता’ में हिस्सा लेने आए थे। इसी दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए, वे बदकिस्मत हैं। अगर हम उन्हें दावत (इस्लाम कबूल करने को कहना) दे सकें और उनमें ईमान (इस्लाम के प्रति निष्ठा) ला सकें, तो हम अल्लाह को खुश कर पाएँगे।”

फिरहाद हकीम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “हमें गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम का प्रसार करने की जरूरत है। अगर हम किसी को इस्लाम के रास्ते पर ला सकते हैं, तो हम इसे फैलाकर एक सच्चे मुसलमान साबित होंगे।”

उन्होंने आगे जोर दिया, “जब हजारों लोग इस तरह से खोपड़ी पर टोपी पहनकर बैठते हैं तो हम सबको ताकत दिखाते हैं। यह हमारी एकता दिखाता है और यह भी साफ़ कर देता है कि देता है कि कोई भी हमें दबा नहीं सकता।”

कोलकाता के मेयर को यह भी कहते हुए सुना गया कि “हम इस्लाम में पैदा हुए हैं, इसलिए पैगंबर और अल्लाह ने हमारे लिए जन्नत का रास्ता साफ कर दिया है। अगर हम कोई पाप नहीं करते हैं, तो हम सीधे जन्नत जाएँगे।”

पहले भी विवादों में रहे हैं फिरहाद हकीम

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम गलत कारणों से चर्चा में आए हैं। अप्रैल 2016 में उन्होंने कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाके को ‘मिनी पाकिस्तान‘ करार दिया था। फरवरी 2021 में उन्हें कोलकाता की एक मस्जिद में राजनीति से सम्बन्धित भाषण देते हुए देखा गया था, यह आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन था।
अवलोकन करें:-
CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान मुस्लिम दंगाइयों को शांत करने के लिए फिरहाद हकीम ने उन्हें ‘भाई’ बता दिया था। उन्हें अर्धसैनिक बलों और भाजपा को ‘सुअर एर बच्चा’ (सुअरों के बच्चे) कहते हुए भी देखा गया था। हकीम ने बंगाल के उर्दूकरण का खुलकर समर्थन किया है। इसको लेकर उन्होंने कहा था, “इंशाअल्लाह, एक दिन ऐसा आएगा जब बंगाल की आधी आबादी उर्दू बोलेगी और इसी में कविता सुनाएगी।”

‘कुंभ से लौटने वाले प्रसाद की तरह बाँटेंगे कोरोना… – किशोरी पेडनेकर, BMC मेयर

महाराष्ट्र में यदि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है तो उसमें मुंबई की एक अहम भूमिका है। कल महाराष्ट्र से कुल 63 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए। इनमें से 8,839 सिर्फ़ मुंबई से थे। पिछले दिनों आई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को देखें तो पता चलता है कि 10-12 हजार रुपए में बीएमसी ने न केवल मुंबई एयरपोर्ट से बाहरी यात्रियों को नियम उल्लंघन करवा कर मुंबई में प्रवेश दिया बल्कि 300-500 रुपए में मुंबई वासियों को फर्जी रिपोर्ट के साथ दूसरे प्रदेश में भेजने का काम भी हुआ।

मुंबई की ऐसी गंभीर स्थिति है, फिर भी यहाँ इतना भ्रष्टाचार! ऐसे में मुंबई मुंबई में कोरोना पाबंदियों के मद्देनजर बीएमसी मेयर मानती हैं कि उनके क्षेत्र में 95% लोग सभी रूल्स को फॉलो कर रहे हैं जबकि सिर्फ़ 5 प्रतिशत ऐसे हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर स्थिति बिगाड़ रहे हैं। 

95% of Mumbaikars are adhering to COVID19 restrictions. The remaining 5% of people who are not following restrictions are causing problems to others. I think a complete lockdown should be imposed looking at the current COVID19 situation: BMC Mayor Kishori Pednekar#Mumbai pic.twitter.com/CtX56y9etI

— ANI (@ANI) April 17, 2021

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कुंभ को लेकर भी कहती हैं कि पिछले साल जैसे तबलीगी जमात के कारण स्थिति बिगड़ी, वैसे ही अब कुम्भ से लौटने वाले अपने-अपने राज्य में कोरोना को प्रसाद की तरह बाँटेंगे। इसलिए उन्हें प्रवेश देने से पहले उन्हीं के पैसों पर क्वारंटाइन करवाया जाना चाहिए।

#WATCH | “Those returning from Kumbh Mela to their respective states will distribute Corona as ‘prasad’,” says Mumbai Mayor Kishori Pednekar pic.twitter.com/P9UBVBv1mN

— ANI (@ANI) April 17, 2021

सोशल मीडिया पर मेयर की इस बात पर पूरा एक धड़ा है, जो अपनी सहमति व्यक्त कर रहा है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मेयर पर सवाल उठा रहे हैं। सवाल केवल इसीलिए कि आखिर जो प्रदेश खुद दूसरे राज्यों की स्थिति को गंभीर बनाने में इतनी बड़ी भूमिका निभाने में लगा हो, वहाँ की मेयर कुंभ से लौटे लोगों पर कैसे इल्जाम मढ़ सकती हैं? लोगों का पूछना है कि क्या मेयर ये कहना चाहती हैं कि यदि कुंभ नहीं होता तो मुंबई में संक्रमितों की संख्या जीरो होती।

कोरोना से उपजी स्थिति के मद्देनजर यदि तत्परता दिखाने की बात है तो कुंभ से बिगड़ते हालातों पर कल निरंजनी अखाड़े ने 17 अप्रैल से कुंभ मेला समाप्त करने की घोषणा की। लेकिन मुंबई में क्या हो रहा है? वहाँ एक तरफ मेयर पूरे तरह लॉकडाउन की बातें कर स्थिति नियंत्रित करने को कह रही हैं और दूसरी तरफ दूसरे राज्यों में लोगों को भेजने के इंतजाम हो रहे हैं।

राज्य की स्थिति इतनी बदतर होने के बावजूद मुंबई और पुणे से बिहार के लिए 4 स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला हुआ है। इनमें मुंबई से छपरा के लिए दो और भागलपुर के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलेगी। इसी तरह पुणे से दानापुर के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है।

इसके बाद बसों से भी मुंबई वासियों को फर्जी रिपोर्ट दे देकर गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में भेजने का काम भी यहाँ धड़ल्ले से हो रहा है। टूर और ट्रैवल्स वाले 300-500 रुपए में कोविड 19 की नेगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं और यात्रियों को सारे युक्तियाँ समझाकर दूसरे राज्य भेज रहे हैं।

अवलोकन करें:-

मुंबई में कोरोना बना व्यापार : बिना टेस्ट 300 रूपए में कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट, 10000 रूपए देकर क्वारं
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अब ये सवाल कि बावजूद इतनी पाबंदियों के कोरोना राज्य में कैसे बढ़ रहा है तो उसका जवाब पिछले दिनों मिड डे ने अपनी एक अन्य रिपोर्ट में बताया था। रिपोर्ट में एक स्टिंग ऑपरेशन के हवाले से समझाया गया था कि कैसे  BMC के अधिकारी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाहरी देशों से आए लोगों को 7 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में रखने की बजाय उनसे 10-12 हजार रुपए लेकर उन्हें एयरपोर्ट से निकलने में मदद कर रहे हैं, जबकि नियम कहता है कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश जैसे- ब्रिटेन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीका, से आए यात्रियों का 7 दिन का क्वारंटाइन सुनिश्चित करें।