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पश्चिम बंगाल : गैर-मुस्लिम बदकिस्मत, उन्हें मुस्लिम बना अल्लाह को खुश करो: TMC नेता फिरहाद हकीम कहा- हमें ताकत दिखानी है

                                        ममता बनर्जी के साथ फिरहाद हकीम (चित्र साभार: PTI)
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेयर और TMC सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम ने गैर-मुस्लिमों को बदकिस्मत बताया। हकीम ने सार्वजनिक तौर पर उन्हें इस्लाम कबूल करने का आह्वान किया। इसके बाद उनके इस बयान पर विवाद हो गया।

फिरहाद हकीम ने यह बयान 3 जुलाई, 2024 को दिया। हकीम कोलकाता के धोनो धोन्यो स्टेडियम में ‘आल इंडिया कुरान प्रतियोगिता’ में हिस्सा लेने आए थे। इसी दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जो लोग इस्लाम में पैदा नहीं हुए, वे बदकिस्मत हैं। अगर हम उन्हें दावत (इस्लाम कबूल करने को कहना) दे सकें और उनमें ईमान (इस्लाम के प्रति निष्ठा) ला सकें, तो हम अल्लाह को खुश कर पाएँगे।”

फिरहाद हकीम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “हमें गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम का प्रसार करने की जरूरत है। अगर हम किसी को इस्लाम के रास्ते पर ला सकते हैं, तो हम इसे फैलाकर एक सच्चे मुसलमान साबित होंगे।”

उन्होंने आगे जोर दिया, “जब हजारों लोग इस तरह से खोपड़ी पर टोपी पहनकर बैठते हैं तो हम सबको ताकत दिखाते हैं। यह हमारी एकता दिखाता है और यह भी साफ़ कर देता है कि देता है कि कोई भी हमें दबा नहीं सकता।”

कोलकाता के मेयर को यह भी कहते हुए सुना गया कि “हम इस्लाम में पैदा हुए हैं, इसलिए पैगंबर और अल्लाह ने हमारे लिए जन्नत का रास्ता साफ कर दिया है। अगर हम कोई पाप नहीं करते हैं, तो हम सीधे जन्नत जाएँगे।”

पहले भी विवादों में रहे हैं फिरहाद हकीम

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम गलत कारणों से चर्चा में आए हैं। अप्रैल 2016 में उन्होंने कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाके को ‘मिनी पाकिस्तान‘ करार दिया था। फरवरी 2021 में उन्हें कोलकाता की एक मस्जिद में राजनीति से सम्बन्धित भाषण देते हुए देखा गया था, यह आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन था।
अवलोकन करें:-
CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान मुस्लिम दंगाइयों को शांत करने के लिए फिरहाद हकीम ने उन्हें ‘भाई’ बता दिया था। उन्हें अर्धसैनिक बलों और भाजपा को ‘सुअर एर बच्चा’ (सुअरों के बच्चे) कहते हुए भी देखा गया था। हकीम ने बंगाल के उर्दूकरण का खुलकर समर्थन किया है। इसको लेकर उन्होंने कहा था, “इंशाअल्लाह, एक दिन ऐसा आएगा जब बंगाल की आधी आबादी उर्दू बोलेगी और इसी में कविता सुनाएगी।”

केरल का नाम बदलने की तैयारी में वामपंथी, उधर मुस्लिम संगठनों को चाहिए अलग राज्य

                                       केरल के मुस्लिम नेता ने की मालाबार राज्य की माँग
केरल का नाम बदलकर ‘केरलम’ किए जाने की चर्चाओं के बीच खबर है कि राज्य में सुन्नी युवाजन संगम के नेता मुस्तफा मुंडुपारा ने एक अलग मालाबार राज्य की माँग का मुद्दा उठाया है। मुस्तफा ने मालाबार के स्कूलों में सीटों की कमी पर आयोजित एक प्रदर्शन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी केरल और मालाबार के लोग समान टैक्स देते हैं तो फिर उन्हें एक जैसी सुविधाएँ मिलनी चाहिए।

मुस्तफा ने अपने बयान में कहा, “जब हम ऐसा अन्याय दक्षिणी केरल और मालाबार में देखते हैं और फिर अगर किसी हिस्से से अलग मालाबार राज्य की माँग आती है तो हम उन्हें दोष नहीं दे सकते। मालाबार के लोग और दक्षिणी केरल के लोग समान कर दे रहे हैं। हमें भी समान सुविधाएँ मिलनी ही चाहिए। इस माँग को अलगाववाद कहने का कोई मतलब नहीं है। अगर मालाबार एक राज्य बन ही जाए तो देश में क्या होगा।”

भाजपा प्रमुख ने उठाए सवाल

मुस्तफा मुंडुपरा के भाषण के बाद अब तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिए जाने पर केरल के भाजपा प्रमुख के सुरेंद्र मुख्यमंत्री पिनराई विजयरन और विपक्ष के नेता सतीशन पर बरसे। उन्होंने कहा कि जिन्हें लगता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाने से केरल में कट्टरपंथी ताकतें खत्म हो गई हैं, वह गलत हैं। अलग राज्य की माँग एक दुस्साहस है और इस मुद्दे पर पिनराई विजयरन और सतीशन की चुप्पी ये बताती है कि राज्य में कॉन्ग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियाँ घुटनों पर हैं। वोट के लिए वो बेशर्मी से राष्ट्रीय अखंडता से समझौता कर रही हैं।

2021 में भी उठी मालाबार अलग करने की माँग

मालूम हो कि पहली बार नहीं है जब मालाबार को केरल से अलग करने की बातें उठी हों, इससे पहले समस्त केरल सुन्नी स्टूडेंट फेडरेशन ने ऐसी माँग साल 2021 में उठाई थी। एसकेएसएसएफ के मुखपत्र सत्यधारा के संपादक अनवर सादिक फैसी द्वारा केरल से मालाबार क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों को अलग करके एक नया राज्य ‘मालाबार’ बनाने की माँग की थी। फैसी ने कहा था, कोझिकोड को नए बने मालाबार राज्य की राजधानी बनाया जाना चाहिए। यह माँग मालाबार क्षेत्र में मुस्लिम बहुलता के कारण उठाई गई थी।

मालाबार में मुस्लिमों की संख्या

मुस्तफा ने जिस मालाबार क्षेत्र को अलग राज्य घोषित करने की माँग की है उसमें त्रिशूर, पलक्कड़, मल्लापुरम, कोझिकोडे, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जैसे इलाके आते हैं। इन इलाकों में मुस्लिमों की संख्या की बात करें तो 2011 में जनगणना डाटा के अनुसार- त्रिशूर में मुस्लिमों की संख्या 17.07% है, पलक्कड़ में 27.96% है, मल्लापुरम में इनकी आबादी 70.24% है, कोझिकोडे में 37.66% है, वायनाड में 28.65% है, कन्नूर में 29.43% है और कासरगोड मे 37.24% है।

केरल नहीं ‘केरलम’

इन दिनों केरल का नाम बदलकर केरलम किए जाने पर भी चर्चा तेज है। सोमवार (24 जून 2024) को विधानसभा में केरल का नाम बदलकर ‘केरलम’ किए जाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। इस प्रस्ताव को विपक्षी कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ और सत्ता पक्ष ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्र से संविधान में राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने की गुजारिश की है। इससे पहले यही प्रस्ताव 2023 में भी केरल विधानसभा में पारित किया गया था लेकिन कुछ कारणों से इसे दोबारा पेश किया गया। इसके पीछे तर्क यही दिया गया कि राज्य का नाम मलयालम में ‘केरलम’ है इसलिए इसे यही नाम दिया जाए।

सबा नकवी के लिए राम मंदिर बकवास चीज: कहा- सब अयोध्या में माथा टेक रहे, हमारा मजाक बन रहा

                                         टीवी पर राम मंदिर कार्यक्रम की बातें सुन सबा नकवी तिलमिलाईं
स्वयंभू पत्रकार सबा नकवी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को और टीवी पर श्रीराम की तस्वीरों को ‘बकवास’ चीज कहा है। उनकी इच्छा है कि न्यूज चैनलों पर गाजा की हालत दिखाई जानी चाहिए, लेकिन दिखाया जा रहा है कि कोई कैसे मंदिर में माथा टेक रहा है। इस वीडियो में सबा नकवी की बौखलाहट देखते ही बनती है। उन्होंने ये कुंठा सत्य हिंदी पर आशुतोष कुमार के साथ चर्चा करते हुए निकाली। इस चर्चा में राम मंदिर का नाम आने से उन्होंने अपने मित्र आशुतोष के शो की भी आलोचना की।

सबा और अन्य सनातन विरोधियों की बौखलाहट तो जनवरी 22 को/के बाद देखने वाली होगी, संभव है कुछ ऐसी उकसाने वाली बातें भी हो सकती है, जिससे हिन्दू समुदाय उत्तेजिक होकर इस्लाम या किसी पैगंम्बर के विरुद्ध बोल देश का माहौल बिगड़ने भरसक प्रयास हो सकता है। हिन्दू को बहुत ही संयम से काम लेना है। मुग़ल आक्रांताओं के नामलेवा समस्त विश्व में नहीं बल्कि केवल भारत में ही मिलेंगे। कुछ दिन पहले एक चैनल शायद टीवी9 पर अयोध्या मुद्दे पर चर्चा में 5 मुस्लिमों पर एकमात्र हिन्दू शेर ठाकुर देवकीनंदन जी महाराज भारी थे। महाराज जी ने उनसे पूछा कि मुग़ल आक्रांता कहाँ से आये थे, जहाँ से आये थे क्या वहां कोई उनका नामलेवा है? किसी के पास कोई जवाब नहीं। उनके द्वारा जब औरंगज़ेब द्वारा मंदिर बनवाने की बात कहते ही, महाराज जी पूछा प्रमाण है? प्रमाण दिखाने के नाम पर सभी की सिट्टीपिट्टी गुल। महाराज जी उनको शिक्षा दी कि व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि वास्तविक इतिहास पर बात करो। झूठ मत फैलाओं।  

जहाँ तक गाज़ा की बात है, तो कोई हमास को यह नहीं बोलता कि क्यों हॉस्पिटल में सुरंगे बनाई जा रही हैं? क्यों मस्जिद और मदरसों को अड्डा बनाया जा रहा है? फिर जब इजराइल इन अड्डों और सुरंगों पर हमला करेगा, बेगुनाहों को मरने से कोई नहीं रोक सकता। 

सबा की बात को 22 मिनट के स्लॉट के बाद सुना जा सकता है। यहाँ आशुतोष उनसे सवाल करते हैं कि अगर कॉन्ग्रेस को खुद को हिंदू विरोधी नहीं साबित करना है तो क्यों वो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से बच रहे हैं? इस पर सबा ने कहा कि आशुतोष के चर्चा का फॉर्मेट थोड़ा अलग है लेकिन गोदी मीडिया वाला है। जैसे ये पूछना- आप राम मंदिर क्यों नहीं जा रहे हो, हिंदू विरोधी हो। सबा ने आशुतोष को कहा- “बस आप राम के दृश्य नहीं दिखा रहे हैं कि ये भक्ति चैनल बन गया है।”

उन्होंने कहा कि कोई संविधान की बात नहीं कर रहा है। लेकिन वो संविधान की बात करेंगी। उन्होंने ये पढ़ा है कि हिंदुस्तान धार्मिक मुल्क नहीं है। लेकिन अब इसे ऐसा बनाया जा रहा है। उन्होंने आशुतोष की किताब हिंदू राष्ट्र के नए संस्करण पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ घबराते हैं कि इस पार रहें या उस पार, इसलिए हो सकता है कि वो चले जाएँ या कोई प्रतिनिधि मंडल जाए लेकिन सवाल है कि ये लोग जाएँ ही क्यों? उन्होंने कहा कि बेचारा मुसलमान वोटर तो बहुत कमजोर हो गया है। जहाँ है वहाँ भी उसके नाम वोटर लिस्ट से गायब हो रहे हैं।

वह आशुतोष को बोलीं- “मैं दोस्ती में आपके चैनल की आज आलोचना कर रही हूँ। आपने जो टॉपिक उठाया है कि वो गोदी मीडिया वाला है। जहाँ पूछा जा रहा है कि आप क्यों नहीं अयोध्या जा रहे।”

उन्होंने कहा- “देखो तो हिंदू क्या है मुस्लिम क्या है हमारा मुल्क क्या है आशुतोष, क्या था क्या हमने सोचा। पूरे मुल्क को इतनी बकवास में फँसाया गया है। वहाँ एक बड़ा सा युद्ध हो रहा है गाजा में। दुनिया बदल रही है। हम राम मंदिर, अयोध्या जाकर माथा टेक रहे हैं। हम मजाक बन रहे हैं। हम बस जाकर धर्म-आस्था-500 साल इसमें लगे हैं…टीवी की हेडलाइन बता रही हूँ मैं।”

उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि साध्वियों के साक्षात्कार हो रहे हैं। आडवाणी को सब भूल गए हैं। ये राजनैतिक खेल है जिसे बीजेपी जीत चुकी है। अब भाजपा के फँक्शन में जाकर कहोगे हम भी हिंदू हैं। सिर्फ इसलिए कहीं हिंदू नाराज न हो जाए?

इस चर्चा में सबा नकवी ने गाली देने की इच्छा भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ गालियाँ होती हैं न वो देनी चाहिए, लेकिन वो आशुतोष के शो में नहीं देंगी। आशुतोष के ज्यादा सवाल करने पर सबा ने कहा कि कॉन्ग्रेस को कमलनाथ को तो राम मंदिर भेज ही देना चाहिए क्योंकि उन्होंने ज्यादा खुद खुद को हिंदू हिंदू कहा था। उन्हें खास निमंत्रण देकर बुलाया जाना चाहिए।

पत्रकार ने जब सबा नकवी से पूछा कि क्या अगर सोनिया गाँधी और खड़गे राम मंदिर के कार्यक्रम में नहीं जाते हैं तो उनका वोटर नाराज हो जाएगा। इस पर सबा ने कहा कि यूपी बिहार में तो वैसे भी अब कॉन्ग्रेस को ज्यादा वोट नहीं मिलता। वहाँ बीजेपी को फायदा मिलता है। सबा पत्रकार से पूछती हैं कि क्या राम के दृश्य टीवी पर दिखाना ही अब हमारा मुल्क है।

जो BJP को वोट देते हैं वे राक्षस हैं… : सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला

                                          साभार: ANI
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इन दिनों ‘मोहब्बत की दुकान’ खोल रखी है। इस दुकान से नफरत की बिक्री तेजी से हो रही है। पहले लोकसभा में ​अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गाँधी ने खुद ‘भारत माता की हत्या’ जैसी भाषा बेची। अब उनकी राह पर चलते हुए उनके करीबी पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी समर्थकों को राक्षस बता दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के कैथल में रविवार (13 अगस्त, 2023) को आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुरजेवाला ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके समर्थक राक्षस हैं। जो बीजेपी को वोट देते हैं वे भी राक्षस हैं। मैं महाभारत की इस भूमि से आज उन्हें श्राप देता हूँ।”

सुरजेवाला के बयान को अपमानजनक बताते हुए बीजेपी ने पलटवार किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है, “केवल राक्षस प्रवृत्ति के परिवार में जन्मा व्यक्ति ही ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के बारे में सोच सकता है। मुझे लगता है कि यह असंसदीय भाषा है। हम इस पर जरूर संज्ञान लेंगे।”

सुरजेवाला के बयान का वीडियो साझा करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है, “बार-बार शहजादे को लॉन्च करने में असफल कांग्रेस पार्टी अब जनता-जनार्दन को ही गाली देने लगी। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के विरोध में अंधेपन के शिकार हो चुके कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला को कह रहे हैं- भाजपा को वोट और सपोर्ट करने वाली देश की जनता ‘राक्षस’ है।”

उन्होंने लिखा है, “एक तरफ 140 करोड़ देशवासियों के प्रधानसेवक मोदी जी हैं, जिनके लिए जनता ही जनार्दन का स्वरुप है तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है जिसके लिए जनता राक्षस का रूप है। देश की जनता इस फर्क़ को बखूबी समझती है और देश की जनता खुद इनके नफरत की मेगा शॉपिंग मॉल पर ताला लगाने का काम करेगी।”

वहीं बीजेपी आईटी हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है, “राहुल गाँधी के खास सुरजेवाला भाजपा को वोट देने वालों को राक्षस कह रहे हैं। श्राप भी दे रहे हैं। कांग्रेस, उसके आलाकमान और दरबारियों की इसी मानसिक स्थिति की वजह से पार्टी और उसके नेता जनाधार खो चुके हैं। लेकिन अभी तो इन्हें जनता के दरबार में और जलील होना है।”

रणदीप सुरजेवाला के विवादित बयान पर हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ और प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। ओपी धनखड़ ने कहा है, “शायद भगवान ने रणदीप सुरजेवाला की मति (बुद्धि ) हर ली है, जा को मैं दारूण दुख देऊ, ताकि मति पहले हर लेऊ। जनता जनार्दन ईश्वर का विराट रूप है। मतदाता ईश्वर को राक्षस प्रवृत्ति का कहना घोर अपमानजनक है।”

बिप्लव देव ने कहा, “कांग्रेस के लिए जनता उस समय राक्षस बन जाती है जब वह उसे वोट न दे। ऐसे अहंकार को कुरुक्षेत्र ने महाभारत में भी हराया था, अगले चुनाव में भी हराएगी।”

स्वीडन में कुरान जलाने के विरोध में जुमे पर पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन, PM का ऐलान: आतंकी संगठन बदला लेगा : चर्चों पर हमले की धमकी, ईसाइयों के लिए जहन्नुम बना देंगे

पाकिस्तान चाहे कितना भी कहे कि वह कट्टरवाद से पीड़ित है, लेकिन वहाँ सरकार ही इसे बढ़ावा देती है, जिसका परिणाम वहाँ के हिंदू जैस अल्पसंख्यकों को भुगतना पड़ता है। आम देशों से उलट, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की अपील की है। यह अपील स्वीडन में जलाए गए कुरान को लेकर है।

इसके पहले आतंकी संगठनों ने कहा था कि स्वीडन में कुरान जलाए जाने का ‘बदला’ पाकिस्तान में ईसाइयों से लिया जाएगा। यह ऐलान आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी ने किया है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण इस आतंकी संगठन को हासिल है।

प्रधानमंत्री शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि शुक्रवार (7 जुलाई 2023) को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों सहित पूरे देश से रैलियों में शामिल होने का आग्रह किया, ताकि पूरा देश एकजुट होकर ‘उपद्रवियों’ को एक संदेश भेज सके।

पाकिस्तान ने ईद अल-अधा (बकरीद) के जश्न के दौरान स्वीडन में एक मस्जिद के बाहर सार्वजनिक रूप से कुरान जलाने की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान की संघीय सरकार कुरान के अपमान के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को यौम-ए-तकद्दुस-ए-कुरान (कुरान की पवित्रता की रक्षा करने का दिन) मनाएगी।

इसके पहले पाकिस्तान ने स्वीडन में हुई घटना के दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की माँग की थी। 71 वर्षीय शहबाज शरीफ माँग की थी कि स्वीडिश सरकार अपने देश में मुस्लिम आबादी के खिलाफ इस्लामोफोबिक और हेट स्पीच पर ध्यान दे।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मसले पर बैठक बुलाने का आग्रह किया था। इस आग्रह के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने एक आपात बैठक बुलाई है। परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में स्वीडन में कुरान जलाने और बढ़ती धार्मिक घृणा बहस होने की संभावना है।

वहीं, 57 इस्लामी मुल्कों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक ‘आपातकालीन बैठक’ आयोजित की जाएगी। यह बैठक सऊदी अरब में लाल सागर के किनारे स्थित शहर जेद्दा में रविवार (9 जुलाई 2023) को होगी।

कुरान के अपमान को लेकर पाकिस्तान और आतंकी संगठनों में होड़ लग गई है। शरीफ सरकार की घोषणा से पहले लश्कर-ए-झांगवी ने ईसाइयों और चर्चों पर हमला करने की धमकी दी है। इसके बाद से पाकिस्तानी ईसाई वहाँ की सरकार से सुरक्षा की माँग कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लश्कर-ए-झांगवी के आतंकी नसीर रायसानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान में कोई भी चर्च और ईसाई सुरक्षित नहीं रहेगा। स्वीडन में कुरान जलाने की घटना का बदला लेने के लिए ईसाइयों को निशाना बनाकर आत्मघाती बम धमाके किए जाएँगे।

आतंकी संगठन ने कहा है, “स्वीडन में कुरान का अपमान कर ईसाइयों ने मुस्लिमों को चुनौती दी है। अगर कोई ईसाई दूसरे देश में कुरान का अपमान करता है तो जिहाद के रास्ते पर चलने वाला झांगवी पाकिस्तान को ईसाइयों के लिए जहन्नुम बना देगा।”

इस धमकी पर अब तक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की खबर लिखे जाने तक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इससे अलग, खुद देशवासियों से प्रदर्शन का विरोध करने की अपील करके उन पर हमले को एक तरह से मुहर लगा दी है।

यूरोपीय देश स्वीडन में कोर्ट से आदेश मिलने के बाद बकरीद के दिन यानी बुधवार (28 जून 2023) को स्टॉकहोम शहर की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान को फाड़ा और जलाया गया था। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अंजाम दिया गया था। इसका वीडियो भी सामने आया था।

इस वीडियो में स्टॉकहोम की एक मस्जिद के सामने दो लोग कुरान को फुटबॉल की तरह पैरों से मारते, उसे जमीन पर फेंकते और पैरों से कुचलते दिखे थे। फिर इराकी प्रदर्शनकारी ने कुरान को फाड़कर आग के हवाले कर दिया था। इस घटना से नाराज 57 इस्लामी मुल्कों ने पिछले दिनों सऊदी अरब में बैठक भी की थी। इराक में स्वीडन के दूतावास पर हमला भी हुआ था।

अशोक गहलोत ‘मुस्लिमों का गुलाम’, जैसे मेरे भाई को काटा, वैसे उसको भी काटो: कन्हैया लाल की बहन : देखिए Video

राजस्थान के सीएम गहलोत पर बिफरी कन्हैया लाल की बहन
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 30 जून को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इस बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गहलोत को ‘मुस्लिमों का गुलाम’ बताया जा रहा है। यह आरोप लगाने वाली कन्हैया लाल की बहन हैं।

रिपब्लिक टीवी से बातचीत में कन्हैया लाल की बहन ने ये भी कहा कि जिस तरह उनके भाई को मारा गया है, उसी तरह उनके हत्यारों को भी मारा जाना चाहिए। यह वीडियो मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद द्वारा कन्हैया लाल की बर्बर हत्या किए जाने के अगले दिन का है।

रिपब्लिक वर्ल्ड के यूट्यूब चैनल पर 5 मिनट 24 सेकेंड का यह वीडियो 29 जून को पब्लिश हुआ है। इस वीडियो के 25वें सेकेंड पर आप कन्हैया लाल की बहन को कहते सुन सकते हैं, “जैसे मेरे भाई को काटा है, वैसे उसको भी काटो। मेरे परिवार में 2 भतीजे और भाभी हैं उन्हें इंसाफ दिलाओ।” इसी वीडियो के 50वें सेकेण्ड पर मृतक की बहन कहती है, “हिन्दू की मौतें आए दिन हो रही है। फिर भी हिन्दू को कुछ नहीं सुन रहा। मुसलमान की इतना सुन रहा। मुसलमान को जरा सा भी कुछ होता है तो उनके लिए सरकार खड़ी रहती है।”

वीडियो में कन्हैया की बहन आगे कहती है, “जिसने काटा उसे भी काटो तब लगेगा कि हिन्दू के लिए सरकार है, वरना हिन्दू के लिए सरकार नहीं है।” इसके बाद पत्रकार ने सवाल किया कि पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री गहलोत से क्या कहना चाहेगा? इसके जवाब में कन्हैयालाल की बहन कहती है, “गहलोत तो मुसलमान का गुलाम है एक नंबर का।” एक अन्य महिला ने कहा कि हत्या के बदले हमें हत्या ही चाहिए।

इस मामले में राजस्थान पुलिस कन्हैया लाल को मिल रही धमकियों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने के कारण आलोचना के घेरे में है। कन्हैया लाल ने अपनी शिकायत में हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए सुरक्षा माँगी थी। उनकी निर्मम हत्या के बाद से मुख्यमंत्री गहलोत इसके पीछे ‘आतंकी संगठन’ की भूमिका की ओर इशारा कर पुलिस की पीठ थपथपाते रहे हैं। हालाँकि अब तक की जाँच के निष्कर्षों के आधार पर NIA ने इसमें आतंकी संगठन की संलिप्तता के एंगल को खारिज कर दिया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक NIA को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने बताया है कि वे कन्हैयालाल की हत्या को सोशल मीडिया पर LIVE करना चाहते थे। लेकिन किसी कारणवश उन्हें इस हत्या का वीडियो बनाकर वायरल करना पड़ा। इनके साथ कई दूसरे लोग भी इस नेटवर्क में शामिल थे। एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की भी जानकारी सामने आ रही है, जिसमें शामिल अन्य लोगों की जाँच की जा रही है।

 साभार: ट्विटर यूजर नेताजी बॉन्ड)
 ‘मैं हिन्दू हूँ, मेरी जान मत लो, हम सच नहीं बोलेंगे’: कन्हैयालाल की जघन्य हत्या के विरोध में एकजुट हुए कर्नाटक के वेंडर्स

उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद राजस्थान पुलिस की लापरवाही की भारी आलोचना हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस बेहद सतर्क और मुस्तैद नजर आ रही है। उदयपुर घटना का सोशल मीडिया पर समर्थन करने नोएडा पुलिस ने गुरुवार (30 जून 2022) को आसिफ खान नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। 

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राकेश टिकैत कन्हैया लाल हत्याकांड में दिया शर्मनाक बयान

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राकेश टिकैत कन्हैया लाल हत्याकांड में दिया शर्मनाक बयान
राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या से पूरा देश स्तब्ध है

राजस्थान के उदयपुर में हिन्दू टेलर कन्हैया लाल तेली (Kanhaiya Lal Murder) की हत्या के मामले में एकजुटता दिखाने के लिए कर्नाटक () के हिन्दू दुकानदार आगे आए हैं। इसी क्रम में गुरुवार (30 जून 2022) को मैसूर में हिन्दू दुकानदारों ने मृतक कन्हैया लाल के प्रति एकजुटता दिखाने और उनकी हत्या के विरोध में पोस्टर अभियान शुरू किया। दरअसल, बीजेपी से निलंबित चल रही पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद पर कथित बयान के समर्थन में उनके 8 साल के बेटे द्वारा गलती से सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने को वजह बनाकर कन्हैयालाल तेली की हत्या कर दी गई थी।