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स्वीडन में कुरान जलाने के विरोध में जुमे पर पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन, PM का ऐलान: आतंकी संगठन बदला लेगा : चर्चों पर हमले की धमकी, ईसाइयों के लिए जहन्नुम बना देंगे

पाकिस्तान चाहे कितना भी कहे कि वह कट्टरवाद से पीड़ित है, लेकिन वहाँ सरकार ही इसे बढ़ावा देती है, जिसका परिणाम वहाँ के हिंदू जैस अल्पसंख्यकों को भुगतना पड़ता है। आम देशों से उलट, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की अपील की है। यह अपील स्वीडन में जलाए गए कुरान को लेकर है।

इसके पहले आतंकी संगठनों ने कहा था कि स्वीडन में कुरान जलाए जाने का ‘बदला’ पाकिस्तान में ईसाइयों से लिया जाएगा। यह ऐलान आतंकी संगठन लश्कर-ए-झांगवी ने किया है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण इस आतंकी संगठन को हासिल है।

प्रधानमंत्री शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि शुक्रवार (7 जुलाई 2023) को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों सहित पूरे देश से रैलियों में शामिल होने का आग्रह किया, ताकि पूरा देश एकजुट होकर ‘उपद्रवियों’ को एक संदेश भेज सके।

पाकिस्तान ने ईद अल-अधा (बकरीद) के जश्न के दौरान स्वीडन में एक मस्जिद के बाहर सार्वजनिक रूप से कुरान जलाने की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान की संघीय सरकार कुरान के अपमान के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को यौम-ए-तकद्दुस-ए-कुरान (कुरान की पवित्रता की रक्षा करने का दिन) मनाएगी।

इसके पहले पाकिस्तान ने स्वीडन में हुई घटना के दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की माँग की थी। 71 वर्षीय शहबाज शरीफ माँग की थी कि स्वीडिश सरकार अपने देश में मुस्लिम आबादी के खिलाफ इस्लामोफोबिक और हेट स्पीच पर ध्यान दे।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मसले पर बैठक बुलाने का आग्रह किया था। इस आग्रह के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने एक आपात बैठक बुलाई है। परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में स्वीडन में कुरान जलाने और बढ़ती धार्मिक घृणा बहस होने की संभावना है।

वहीं, 57 इस्लामी मुल्कों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी कहा है कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक ‘आपातकालीन बैठक’ आयोजित की जाएगी। यह बैठक सऊदी अरब में लाल सागर के किनारे स्थित शहर जेद्दा में रविवार (9 जुलाई 2023) को होगी।

कुरान के अपमान को लेकर पाकिस्तान और आतंकी संगठनों में होड़ लग गई है। शरीफ सरकार की घोषणा से पहले लश्कर-ए-झांगवी ने ईसाइयों और चर्चों पर हमला करने की धमकी दी है। इसके बाद से पाकिस्तानी ईसाई वहाँ की सरकार से सुरक्षा की माँग कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लश्कर-ए-झांगवी के आतंकी नसीर रायसानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान में कोई भी चर्च और ईसाई सुरक्षित नहीं रहेगा। स्वीडन में कुरान जलाने की घटना का बदला लेने के लिए ईसाइयों को निशाना बनाकर आत्मघाती बम धमाके किए जाएँगे।

आतंकी संगठन ने कहा है, “स्वीडन में कुरान का अपमान कर ईसाइयों ने मुस्लिमों को चुनौती दी है। अगर कोई ईसाई दूसरे देश में कुरान का अपमान करता है तो जिहाद के रास्ते पर चलने वाला झांगवी पाकिस्तान को ईसाइयों के लिए जहन्नुम बना देगा।”

इस धमकी पर अब तक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की खबर लिखे जाने तक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इससे अलग, खुद देशवासियों से प्रदर्शन का विरोध करने की अपील करके उन पर हमले को एक तरह से मुहर लगा दी है।

यूरोपीय देश स्वीडन में कोर्ट से आदेश मिलने के बाद बकरीद के दिन यानी बुधवार (28 जून 2023) को स्टॉकहोम शहर की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान को फाड़ा और जलाया गया था। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अंजाम दिया गया था। इसका वीडियो भी सामने आया था।

इस वीडियो में स्टॉकहोम की एक मस्जिद के सामने दो लोग कुरान को फुटबॉल की तरह पैरों से मारते, उसे जमीन पर फेंकते और पैरों से कुचलते दिखे थे। फिर इराकी प्रदर्शनकारी ने कुरान को फाड़कर आग के हवाले कर दिया था। इस घटना से नाराज 57 इस्लामी मुल्कों ने पिछले दिनों सऊदी अरब में बैठक भी की थी। इराक में स्वीडन के दूतावास पर हमला भी हुआ था।

मोदी से बात करने को गिड़गिड़ाया पाकिस्तान

जब-जब भारत ने पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाया, मुग़ल आतताइयों की भांति पीठ में छुरा ही घोंपा, इतिहास साक्षी है। अटल  बिहारी वाजपेयी बस लेकर गए, बदले में मिला कारगिल; प्रोटोकॉल तोड़ नरेंद्र मोदी गए, बदले में मिला पुलवामा। आज किस मुंह से भारत से बात करने को गिड़गिड़ा रहा है पाकिस्तान। 
आज पाकिस्तान की बदहाली के लिए स्वयं पाकिस्तान जिम्मेवार है। भारत की अर्थव्यवस्था ख़राब करने, खून-खराबा करने जनहित में खर्च होने वाला धन आतंकवादियों पर बर्बाद किया और आज उन्ही आतंकवादियों ने पाकिस्तान के हाथ में कटोरा थमा दिया। भारत को भी बातचीत करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा, एक. पाकिस्तान सारे आतंकवादी ठिकाने नष्ट करे; दो, खालिस्तान को समर्थन बंद करे; तीन, भारत में भेजे सारे आतंकवादियों को वापस बुलाकर जेलों में बंद करे; चार, जेल में बंद आतंकवादियों के साथ अपराधियों जैसा सलूक हो; पांच, हिन्दुओं को हर तरह की सुरक्षा; छह, जबरदस्ती इस्लामीकरण किए हिन्दुओं को दुबारा हिन्दू धर्म में परिवर्तित करे; सात, PoK भारत को वापस दे आदि आदि। वैसे तो पाकिस्तान से दोस्ती से भारत को लेशमात्र भी लाभ होना दूर तक नज़र नहीं आता। कांटे ही कांटे हाथ आने हैं।    
कंगाल पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था बचाने के लिए भीख माँग रहा है। पाकिस्तानी जनता रोटी के लिए बेहाल है। वहाँ के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दुनिया से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। अब शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की इच्छा जताई है। कहा है कि भारत से तीन युद्ध लड़कर पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है। इससे हमें केवल कंगाली, गरीबी और बेरोजगारी ही मिली है।

शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shehbaz Sharif) ने यह बात अल अरेबिया न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कही है। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं। हमने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े। हमें केवल कंगाली, गरीबी और बेरोजगारी ही मिली। हमने सबक सीख लिया है और अब हम शांति के साथ रहना चाहते हैं।”

शरीफ ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा, “शांति और तरक्की के लिए जरूरी है कि हम अपने मसलों का निपटारा करें। हम गरीबी को खत्म करना चाहते हैं। खुशहाली और तरक्की चाहते हैं। अपने लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देना चाहते हैं। हम अपने संसाधन गोला-बारूद और हथियारों पर बर्बाद नहीं करना चाहते।”

प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के इच्छुक पाकिस्तान के पीएम कहते हैं, “मैं यही संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहता हूँ कि चलिए बैठते हैं और बात करते हैं। हम परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अब कोई जंग हुई तो कोई नहीं जानता कौन बचेगा। मैं कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर ईमानदार, गंभीर और संवेदनशील बातचीत करना चाहता हूँ।”

शरीफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “हमारे पास इंजीनियर, डॉक्टर और कुशल मजदूर हैं। हम इनका उपयोग समृद्धि और देश में शांति लाने के लिए करना चाहते हैं ताकि दोनों देश विकसित हो सकें। अब यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें, या फिर एक दूसरे के साथ झगड़ा करें। समय और संसाधनों को बर्बाद करें।”

मालूम हो कि इन दिनों पाकिस्तान में आटे के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोग रोटी के लिए तरस रहे हैं। सब्सिडी वाले आटे के लिए मची भगदड़ में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें वहाँ के लोग अपनी झोली फैलाकर 1 किलो आटे के लिए लाइनों में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, हथेलियों से नाप-नाप के उनकी झोली में आटा डाला जा रहा है।

यही नहीं आटे के लिए लोग एक दूसरे को धक्का मारकर नाले में गिराते हुए भी दिखाई दिए। इसके अलावा बीते दिनों पाकिस्तान में सुरक्षा गार्ड AK-47 लेकर ट्रक से लोगों को आटा बाँटने के लिए जाते हैं, ताकि वे आटे की रक्षा कर सकें। इस दौरान उन्हें आटा बचाने के लिए गोलाबारी करते हुए भी देखा गया।

पाकिस्तान के कराची में इस समय आटे का भाव 140-160 किलोग्राम है, जबकि इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो का आटे का बैग 1500 किलो में बिक रहा है। वहीं 20 किलो आटे का बैग 2800 का मिल रहा है। खैबर पख्तूख्वा में भी आटे के दाम आसमान छू रहे हैं। वहाँ 20 किलो आटे का बोरी 3100 में बिक रही है। सरकार बिगड़ते हालातों को स्थिर करने में असमर्थ है।